नंगी चुदासी फैमिली | Nangi Chudasi Family
नंगी चुदासी फैमिली | Nangi Chudasi Family
कामिनी- “अरी ओह भड़वी… छिनाल… क्या कर रही है ऊपर?” माँ ने सुबह देर तक नीचे ना आने पर अपनी बेटी रानी को आवाज लगाई।
रानी- “माँ… अभी… नहीं आ सकती…”
क्यूँ नहीं आ सकती मादरचोदी?
रानी- “बाबू चोद रहा है दादी को और नानी को, बारी-बारी… मैं देख रही हूँ…” रानी की आवाज मस्ती से भरपूर थी।
कामिनी- “ठहर जा भड़वी…, अभी देखती हूँ आकर। साला भड़वा तेरा बाप, अपनी माँ के साथ-साथ मेरी माँ को भी नहीं चोदा…”
कामिनी जल्दी-जल्दी ऊपर कमरे में आई तो नजारा देखकर उसकी भी चूत में भी खारिश होने लगी। कमरे मैं उसका मर्द शंकर उस वक़्त कामिनी की माँ को पीछे से गाण्ड को दोनों हाथों से पकड़े चोद रहा था। शंकर की अपनी माँ चित्त दोनों टांगें खोले लेटी थी। उसकी गीली चूत देखकर पता चलता था कि चंद सेकेंड पहले वो अपने बेटे से चुदवा रही थी।
कामिनी की माँ 55 साल की होगी। औंधी होकर पीछे से चुदवाने की वजह से उसकी बड़ी-बड़ी छातियां अपने दामाद के हर धक्के पर जोर-जोर से इधर-उधर झूल रही थीं। वो चिल्लाई- “उफ्फ मर गई… चोद मुझे… जोर से चोद… अर्रे चुद गई मैं अपने दामाद जी से… बुझा मेरी चूत की प्यास… बेटा चोद… फाड़ दे मेरी चूत को मादरचोद… जैसे मेरी बेटी को चोदता है, ऐसे चोद मुझे…”
शंकर ने जब अपनी पत्नी कामिनी को देखा, तो और जोर-जोर से अपनी सास को चोदने लगा- “देख भड़वी… तेरी माँ को चोद दिया आज मैंने। साली कहती थी की बहुत दिन से तड़प रही थी मुझसे चुदवाने के लिये। देख तेरी माँ की चूत में कैसे मेरा लण्ड जा रहा है। चुद भड़वी… तेरी तो मैं माँ को चोदूं… तेरी माँ की चूत… ले मेरा लण्ड…”
शंकर की माँ बेचैन हो रही थी चुदवाने के लिये। आखिरकार वो बोल पड़ी- “भड़वे… अपनी माँ को भी तो चोद… या इस मादरचोदी को ही चोदे जाएगा… आग लगी हुई है मेरी चूत में… अरी इधर आ तू रानी नंगी होकर मेरे पास… चाट मेरी चूत को…”
रानी की उमर अभी कोई 18 साल की थी, थोड़ी सी मोटी थी, खिलता हुआ रंग, गोल-गोल सख़्त चूचियां और मोटी-मोटी गोश्त से भरी हुई गाण्ड। रानी पहले ही गरम हो चुकी थी, अपने बाप को चोदते देखकर। फौरन उसने अपने कपड़े उतारे और नंगी होकर अपनी दादी के पास जाकर दादी के मुँह के ऊपर चूत रखकर बैठ गई- “दादी, पहले तू मेरी चूत चाट…” यह कहते हुये रानी ने अपनी चूत दादी के होंठों और नाक पे बुरी तरह रगड़ दी- ?मेरी चूत में आग लगी है दादी… चाट मेरी चूत को दादी… बाबू से बोल कि मुझे भी चोदे…”
दादी कुछ बोल नहीं सकती थी, इसलिये के उसके मुँह में मेरी चूत घुसी हुई थी। लेकिन कामिनी जो खुद भी गरम होकर अपने कपड़े उतार चुकी, थी बोल पड़ी- “बहनचोदी शरम नहीं आती तुझे कि अपने सगे बाप से चुदवाएगी… भड़वी… नंगी हो गई सबके सामने… चल जा नीचे…”
“माँ जब मेरा बाप मेरे सामने मेरी माँ को, अपनी माँ को और तेरी माँ को नंगी करके चोद सकता है तो मुझे चोदेगा तो कौन सी कयामत आ जाएगी? और वैसे भी बाबू ने मुझे कई दफा चोदा है…” रानी ने फौरन जवाब दिया।
“ओ… शंकर, अपनी माँ का यार। यह क्या सुन रही हूँ? तूने अपनी सगी बेटी को भी चोद दिया?
“हाँ… चोदा है मैंने… क्या करेगी तू?” यह कहते हुये शंकर ने कामिनी की माँ कमला की चूत से लण्ड निकाला और अपनी माँ की टांगें उठाकर अपना लण्ड एक ही झटके से पूरा का पूरा जड़ तक अपनी माँ की चूत में डालकर चोदने लगा।
“ले माँ चुद अब मेरे लण्ड से… भोसड़ी की पिताजी क्या गुजरे, तूने तो मुझसे चुदवाने की हद कर दी। तेरी माँ को चोदूं, तू तो इतना पिताजी से भी नहीं चुदवाती थी… ले मेरा लण्ड और चुद अपने बेटे के लण्ड से…” शंकर ये कहता जाता और जोर-जोर से अपनी माँ की चूत में धक्के लगता रहा।
रानी क्योंकि दादी के मुँह पर बैठी अपनी चूत चुसवा रही थी। इस तरह उसकी मोटी-मोटी गाण्ड अपने बाप के बिल्कुल सामने थी। शंकर अपनी माँ को, अपनी बेटी की चूत को चाटते हुये देख रहा था। शंकर ने अपने मुँह से बहुत सारा थूक निकाला और पीछे से थूक अपनी बेटी की गाण्ड के बीच में और उसकी गाण्ड के छेद में मलने लगा।
रानी अपनी गाण्ड पे अपने बाप का हाथ लगते ही मचल गई- “बाबू… कब चोदेगा मुझे? बाबू चोद ना मेरी चूत को… कर मेरी गाण्ड में उंगली…”
अचानक शंकर ने अपनी माँ की चूत से लण्ड बाहर निकाला और अपनी बेटी को अपनी माँ के मुँह पर औंधी करके अपनी बेटी की चूत के छेद से लण्ड की टोपी लगाई- “बोल मेरी रानी, डाल दूँ लण्ड अपना तेरी माखन मलाई जैसी चूत में?”