कार मे मैडम की चुदाई | Car Me Madam Ki Chudai | Part 2
“तुम मुझे कार चलाना सिखा सकते हो... मेरे हसबैंड तो सारा दिन बिज़ी रहते हैं... और आज कल तो हमारी कार खाली ही खड़ी है... हसबैंड तो आफिस की कार ले गये हैं”
“येस मैडम मॉय प्लेज़र। मैं आपको कार चलाना सिखा दूँगा।”
“कितना टाईम लगेगा कार सीखने में?”
“तकरीबन एक हफ़्ता तो लगेगा ही।”
“तो ठीक है तुम मुझे कल से ही कार सिखाना शुरू कर दो।”
“ओके मैडम... पर किस टाईम?”
“तुम १० बजे पढ़ने तो आओगे ही... तुम्हें पढ़ाने के बाद मैं तुमसे कार सीख लिया करूँगी... पर सुमित... कोई बहुत बड़ा ग्राऊँड है क्या... एक्चुअली कोई मुझे सीखते देखे तो मुझे शरम आयेगी... इसलिए ऐसी जगह हो जो एक दम खाली हो और जहाँ ज्यादा लोग ना आते हों।”
“येस मैडम... शहर से बाहर निकलते ही एक ग्राऊँड है जो एकदम खाली रहता है।”
“ठीक है... तो वहीं चलेंगे कल दोपहर में।”
“पर मैडम दोपहर में तो काफ़ी गरमी होती है।”
“दोपहर में इसलिए कि उस वक्त लोग बाहर नहीं निकलते और हमारी कार तो एयर कंडिशंड है... मैं क्या करूँ लोग मुझे कार सीखते देखें तो मुझे शरम आती है... बॉय द वे... तुम्हें तो कोई प्रॉब्लम नहीं है ना?”
“बिल्कुल नहीं... तो मैडम मैं कल आता हूँ १० बजे।”
“ओके सुमित...बाय”
मैं अगले दिन ठीक १० बजे मैडम के घर पहुँच गया। मैडम उस दिन काफ़ी अच्छे से तैयार हुई थीं। उन्होंने ग्रीन कलर का सलवार-कमीज़ और बहुत ही सुंदर ब्लैक कलर के ४ इन्च हाई हील के सैंडल पहने हुए थे। मुझे तो मैडम सैक्सी लगती ही थी। मैडम ने मुझे १० से १ बजे तक पढ़ाया। उसके बाद हम कार सीखने शहर से बाहर एक ग्राऊँड में गये। आस-पास कोई भी नहीं था क्योंकि दोपहर का वक्त था। ग्राऊँड में पहुँच कर मैंने मैडम को कार सिखानी शुरू की।
“मैडम... पहले तो मैं आपको गेयर डालना सिखाता हूँ।”
मैं कुछ देर तक उनको गेयर, एक्सलरेटर, क्लच, ब्रेक वगैरह के बारे में बताता रहा।
“चलिए मैडम... अब आप चलाइए।”
“मुझे डर लग रहा है!”
“कैसा डर?”
“कहीं मुझसे कंट्रोल नहीं हुई तो?”
“उसके लिये मैं साथ हूँ ना”
फिर मैडम ड्राइवर सीट पर बैठ गयीं और मैं ड्राइवर की साथ वाली सीट पे आ गया। फिर मैडम ने कार चलानी शुरू की लेकिन मैडम ने एक दम से ही रेस दे दी तो एक दम से कार बहुत स्पीड में चल पड़ी। मैडम घबरा गयीं।
मैंने कहा, “मैडम एक्सलरेटर से पैर हटाइये!”
मैडम ने पैर हटा लिया तो मैंने स्टियरिंग पकड़ कर कार कंट्रोल में करी।
“मैंने कहा था ना मुझ से नहीं चलेगी!”
“कोई बात नहीं मैडम... पहली बार ऐसा होता है।”
“नहीं... मैं कार सीख ही नहीं सकती... मुझ से नहीं चलेगी”
“चलेगी... चलिए अब स्टार्ट कीजिये और फिर ट्राई करिये । पर इस बार एक्सलरेटर आराम से छोड़ियेगा।”
“नहीं मुझसे नहीं होगा!”
“मैडम… शुरू-शुरू में गलतियाँ होती हैं... कोई बात नहीं!”
“नहीं मुझे डर लगता है!”
“अच्छा... एक काम करते हैं... मैं भी आपकी सीट पर आ जाता हूँ… फिर तो आपको डर नहीं लगेगा!”
“लेकिन एक सीट पर हम दोनों कैसे आ सकते हैं?”
“आप मेरी गोद में बैठ जाना… मैं स्टियरिंग कंट्रोल करूँगा और आप गेयर कंट्रोल करना… मेरे डैडी ने भी मुझे ऐसे ही ड्राइविंग सिखायी थी।”
“लेकिन कोई हमें देखेगा तो कैसा लगेगा?”
“मैडम इस वक्त यहाँ कोई नहीं आयेगा... और वैसे भी आपकी कार में यह शीशों पर फ़िल्म लगी है जिससे अंदर का कुछ भी बाहर से दिखाई नहीं देता। सो डोंट वरी, नो वन कैन सी व्हॉट इज़ गोइंग आन इन साइड।”
“चलो ठीक है!”
फिर मैं ड्राइवर सीट पर बैठा और मैडम मेरी गोद में। जैसे ही मैडम मेरी गोद में बैठी, मेरे बदन में करंट सा दौड़ गया। हम दोनों का यह पहला स्पर्श था। मैंने कार स्टार्ट करी।
“रैडी मैडम?”
“हाँ... मुझे सिर्फ़ गेयर ही सम्भालने हैं ना?”
“येस मैडम। आज के दिन आप सिर्फ़ गेयर ही सीखो”
कार चलनी शुरू हुई। क्योंकि मेरे हाथ स्टियरिंग पर थे और मैडम मेरी गोद में, इसलिए मेरी बाहें मैडम की चूचियों की साईड से छू रही थी और मैडम की चूचियाँ थी भी काफ़ी बड़ी। वोह थोड़ा अनकम्फर्टेबल फ़ील कर रही थीं और इसलिए वो मेरी जाँघों पे न बैठ के मेरे घुटनों के पास बैठी थी। जैसे ही मैं कार को टर्न करता तो मैडम की पूरी चूचियाँ मेरी बाहों को छूती थी। मैडम गेयर सही बदल रही थीं।
“क्यों सुमित... ठीक कर रही हूँ ना?”
“परफैक्ट मैडम! अब आप थोड़ा स्टियरिंग भी कंट्रोल कीजिए!”
“ओके!”
क्योंकि मैडम मेरी गोद में काफ़ी आगे होकर बैठी थीं इसलिए स्टियरिंग कंट्रोल करने में उन्हें प्रॉब्लम हो रही थी।
“मैडम... आप थोड़ी पीछे खिसक जाईये... तभी स्टियरिंग सही कंट्रोल हो पायेगा।”
अब मैडम मेरी जाँघों पे बैठ गयी और हाथ स्टियरिंग पर रख लिये।
“मैडम! थोड़ा और पीछे हो जाईये!”
“और कितना पीछे होना पड़ेगा?”
“जितना हो सकती हों”
“ठीक है।” अब मैडम पूरी तरह से मेरे लौड़े पर बैठी थी। मैंने अपने हाथ मैडम के हाथों पर रख दिये और स्टियरिंग कंट्रोल करना सिखाने लगा। जब भी कार टर्न होती तो मैडम के चुत्तड़ मेरे लौड़े में धँस जाते। मैडम की चूचियाँ इतनी बड़ी थी कि वो मेरे हाथों को छू रही थी। मैं जान बूझ कर उनकी चूचियों को टच करता रहा।
“मैडम अब एक्सलरेटर भी आप संभालिये!”
“कहीं कार फिर से आउट आफ़ कंट्रोल ना हो जाये…!”
“मैडम अब तो मैं बैठा हूँ ना”
मैडम ने फिर से पूरा एक्सलरेटर दबा दिया तो कार ने एक दम स्पीड पकड़ ली। इस पर मैंने एक दम से ब्रेक लगा दी तो कार एक दम से रुक गयी। मैडम को झटका लगा तो वो स्टियरिंग में घुसने लगी। इस पर मैंने मैडम की चूचियों को अपने हाथों में पकड़ कर मैडम को स्टियरिंग में घुसने से बचा लिया। कार रुक गयी थी और मैडम की चूचियाँ मेरे हाथों में थी।
मैडम बोली, “मैंने कहा था ना कि मैं फिर कुछ गलती करूँगी”
“कोई बात नहीं। कम से कम गेयर तो बदलना सीख लिया।” मैडम की चूचियाँ अभी भी मेरे हाथ में थीं।
“शायद मुझे स्टियरिंग संभालना कभी नहीं आयेगा”
“एक बार और ट्राई कर लेते हैं!”
“ठीक है!”
मुझे एहसास दिलाने के लिये कि मेरे हाथ उनकी चूचियों पर हैं, मैडम ने चूचियों को हल्का सा झटका दिया तो मैंने अपने हाथ वहाँ से हटा लिये। मैंने कार फिर से स्टार्ट करी। मैडम ने अपने हाथ स्टियरिंग पर रख लिये और मैंने अपने हाथ मैडम के हाथों पर रख दिये।
“मैडम एक्सलरेटर मैं ही संभालुँगा... आप सिर्फ़ स्टियरिंग ही संभालिये!”
“यही मैं कहने वाली थी!”
कुछ देर तक मैडम को स्टियरिंग में हेल्प करने के बाद मैं बोला, “मैडम अब मैं स्टियरिंग से हाथ उठा रहा हूँ... आप अकेले ही संभालिये।”
“ओके...अब मुझे थोड़ा कॉनफिडैंस आ रहा है... लेकिन तुम अपने हाथ रैडी रखना कहीं कार फिर से आउट आफ कंट्रोल हो जाये।”
“मैडम मेरे हाथ हमेशा रैडी रहते हैं।”
“सुमित मुझे कस के पकड़ना... कहीं ब्रेक मारने पर मैं स्टियरिंग में ना घुस जाऊँ!”
“येस मैडम मैं कस के पकड़ता हूँ।”
मैंने अपने हाथ स्टियरिंग से उठा कर मैडम की चूचियों पर रख दिये। मैं तो मैडम से डाँट की उम्मीद कर रहा था लेकिन मैडम ने कुछ ना कहा। मैंने तब मैडम की चूचियों को दबा दिया तो उनके के मुँह से आह निकल गयी।
“सुमित... मेरे ख्याल से आज इतना सीखना ही काफ़ी है। चलो अब घर चलते हैं!”
“ओके मैडम।” मैडम मेरी गोद से उठ कर अपनी सीट पर बैठ गयी और हम मैडम के घर चल दिये।
“ओके मैडम... मैं चलता हूँ!”
“खाना खाके जाना!”
“नहीं मैडम… मैंने मम्मी को कहा था कि खाने के टाईम तक घर पर आ जाऊँगा”
“ठीक है... तो कल १० बजे आओगे ना?”
“येस मैडम... आफ़ कोर्स!”
मैं अगले दिन भी पूरे १० बजे पहुँच गया। आज भी मैडम काफी खूबसूरत लग रही थीं। उन्होंने ने आज पीकॉक ब्लू कलर की सिल्क की सलवार कमीज़ पहनी हुई थी और उनके सफ़ेद कलर के हाई हील सैंडल काफ़ी मैच कर रहे थे। मैडम ने आज बहुत ही अच्छा परफ़्यूम लगा रखा था। पढ़ने के बाद हम फिर से कार सीखने उसी ग्राऊँड में आ गये।
“तो सुमित आज कहाँ से शुरू करेंगे?”
“मैडम मेरे ख्याल से आप पहले स्टियरिंग में परफ़ेक्ट हो जाइये। उसके बाद और कुछ करेंगे!”
“ठीक है। कल जैसे ही बैठना है?”
“येस मैडम”।
मैडम आज सीधे आकर मेरे लौड़े पर बैठ गयी। आज मैडम की सलवार थोड़ी टाईट थी और मैडम के चूत्तड़ों से चिपकी हुई थी। हमने कार चलानी शुरू की। मैडम ने अपने हाथ स्टियरिंग पर रख लिये। मैंने अपने हाथ मैडम के हाथों पर रख लिये। आज मैडम के चूत्तड़ मेरे लौड़े पर बार-बार हिल रहे थे। कुछ देर बाद मैंने कहा, “मैडम... अब मैं अपने हाथ स्टियरिंग से हटा रहा हूँ!”
“हाँ... अपने हाथ स्टियरिंग से हटा लो… पर मुझे कस के पकड़ के रखना… कहीं कल की तरह स्टियरिंग मे घुस ना जाऊँ?”
“मैडम... आप बिल्कुल फ़िक्र ना करें… मैं हूँ ना!” मैंने हाथ स्टियरिंग से उठा कर मैडम को पकड़ने के बहाने उनकी चूचियों पर रख दिये। और वाह... मज़ा आ गया। मैडम ने आज ब्रा नहीं पहनी थी। इसलिए आज मैडम की चूचियाँ बड़ी सॉफ़्ट और माँसल लग रही थी। मैंने मैडम की चूचियों को धीरे-धीरे दबाना शुरू कर दिया। मैडम की सिल्क की कमीज़ में उनकी चूचियों को दबाने में बड़ा मज़ा आ रहा था। मैडम ने भी तब अपनी टाँगें चौड़ी कर लीं और अब उनकी बुर मेरे लौड़े पर थी। उनकी इस हरकत से मैंने साहस करके अपना एक हाथ मैडम की कमीज़ में डाला और मैडम की एक चूची को दबाने लगा। और आश्चर्य कि उन्होंने कुछ नहीं कहा।
“मैडम... मज़ा आ रहा है?”
“आहहह...ऊँ... किसमे?”
“कार चलाने में…!”
“हाँ... कार चलाने में भी मज़ा आ रहा है!”
“मैडम... अब आपको स्टियरिंग संभालना आ गया!”
“हुम्म!!”
अब मैंने अपना दूसरा हाथ भी मैडम की कमीज़ में डाल दिया और दोनों चूचियों को दबाने लगा।
“आआहह...हह... सुमित तुम... आहह... यह क्या कर रहे हो?”
“मैडम... आपको कार सीखा रहा हूँ!”
“तुम्हें मेरे साथ ऐसा नहीं करना चाहिये... और वैसे भी मैं तो शादी-शुदा औरत हूँ, और मेरे २ बच्चे भी हैं... मुझ में तुम्हें क्या अच्छा लगेगा?”
“मैडम आपकी एक-एक चीज़ अच्छी है”
“सुमित मैं थोड़ा थक गयी हूँ। पहले तुम कार रोक लो... आगे जा कर थोड़ी झाड़ियाँ हैं... कार वहाँ ले चलो…!”
मैंने कार झाड़ियों में ले जा कर रोक ली और हम कार से बाहर आ गये।
***
Car Me Madam Ki Chudai | Part 2
TUM MUJHE CAR CHALAANA SIKHA SAKTE HO... actually mere husband toh saara din busy rehte hain...aur aaj kal toh hamari car khali hi padi hai..husband toh office ki car le gaye hain"
yes mam.it would me my pleasure.mai aapko car sikha doonga"
kitna time lagega car seekhne mein"
kareeban ek hafta toh lagega hi"
toh thik hai tum muhje kal se hi car sikhana shuru kar do"
ok mam.par kis time"
tum 10 baje mujhe padne toh aaoge hi .. Tumhe padaane ke baad mai tumse car seekh liya karoongi..par sumit. koi bahut bada ground hai kya...actually koi mujhe seekhte dekhe toh mujhe sharam aaygee..iss koi iasi jagay ho jo ek dum khali ho aur jahan zyada loge na aate ho"
yes mam ..shahar se bahar nikalte hi ek ground hai jo ek khali rahta hai"
thik hai.toh vahin chalenge kal dupher (noon) mein"
par mam dupher (noon) mein toh kafi garmi hoti hai"
dupher mein iss liye ki uss waqt loge bahar nahin nikalte aur hamari car toh air conditioned hai..mai kya karoon loge mujhe car seekhte dekhen toh mujhe sharam aati hai..by the way.tumhe toh koi problem nahin hai na"
bilkul nahin..toh mam mai kal aata hoon 10 baje"
ok sumit...bye"
mai agale din thik 10 baje mam ke ghar pahuch gayaa. Mam ne uss din green color ka suit pehnaa hua tha. Halaki mam thodi moti aur dark thi.lekin mujhe toh mam sexy lagti thi. Mam ne mujhe 10 se 1 baje tak padaayaa. Uske baad hum car seekhaane shahar se bahar ek ground mein gaye. Aas pass koi bhi nahin tha kyonki dupher ka waqt tha.
Ground mein pahunch kar maine mam ko car seekhani shuru ki
mam.pehle toh mai aapko gear daalna seekhaata hoon"
mai kuchh der tak mam ko gear , accelerator, clutch, brake etc. ke baare mein bataata raha
chaliye mam.ab aap chalaayiye"
mujhe darr lag raha hai"
kaisa darr"
kahin mujhse control nahin hui toh"
uske liye mai saath hoon na"
phir mam driver seat par baith gayee aur mai driver ki saath wali seat pe aa gayaa. Phir mam ne car challani shuru ki lekin mam ne ek dum se hi race de ditoh ek dum se car bahut speed mein chal padee. Mam ghabra gayee..maine kaha
mam accelerator se per hataayiye"
mam ne per hataa liya toh maine steering pakad kar car control mein kari
maine kaha tha na mujh se nahin chalegi"
koi baat nahin mam..pehlee baar aisa hota hai"
nahin....mai car seekh hi nahin sakti...mujh se nahin chalegi"
chalegi...chaliye ab start kee jeeye aur phir try kariye.par iss baar accelerator aaraam se chorna"
nahin mujhe nahin hoga"
mam shuru shuru mein galtiyan hoti hain..koi baat nahin"
nahin mujhe darr lagtaa hai"
accha..ek kaam karte hain..mai bhi aapki seat par aa jaata hoon .phir aapko darr nahin lagega"
lekin ek seat par hum dono kaise aa sakte hain"
aap meri godh (lap) mein baith jaana.mai steering control karoonga aur aap gear control karna"
lekin koi hamein dekhege toh kaisa lagega"
mam iss waqt yahan koi nahin aayega..aur vaise bhi aapki car mai yeh sheeshon par film lagi hai isse andar ka kuchh dikhaee nahin deta"
chalo thik hai"
phir mai driver seat par baitha aur mam meri godh mein. Jaise hi mam meri godh mein baithee mere badan se current sa dod (run) gayaa. Hum dono ka yeh pehla sparsh tha.
Maine car start kari
ready mam"
haan..mujhe se sirf gear hi sambhalne hain na"
yes mam .aaj ke din aap sirf gear hi seekho"
car chalnee shuru hui. Kyonki mere haath steering par thhe aur mam meri godh mein..iss liye meri bahein (arms) mam ke breast ke side se touch ho rahi thi aur mam ke breast thhe bhi kafi bade. Mam thoda uncomfortable feel kar rahi thi iss liye vo meri janghon (thighs) pe na baith ke meri knees ke pass baithee thi. Jaise hi mai car ko turn karta toh mam ki poori breast meri bahein ko touch karti thi. Mam gear sahi badal rahi thi
kyon sumit..thik kar rahin hoon na"
perfect..mam ab aap thoda steering bhi control keejeeye"
ok"
kyonki mam meri godh mein kafi aage hokar baithee thi iss liye steering control karne mein unhe problem ho rahi thi
mam.aap thodi peeche khisak jaaeeye..tabhi steering sahi control ho payega"
ab mam meri janghon(thighs) pe baith gayee aur haath steering par rakh liye.
mam.thoda aur peeche ho jaayeeye"
aur kitna peeche hona padega"
jitna ho sakti ho"
thik hai"
ab mam poori tarah se mere laude par baithee thi.
Maine apne haath mam ke haathon par rakh diye aur steering control karaana sikhane lagaa. Jab bhi car turn hoti toh mam ki hips mere laude mein dhans jaati . mam ke breast itne bade the ki vo mere hathon ko touch kar rahe thhe. Mai jaan moojh kar unke breast ko touch karta raha.
mam ab accelrator bhi aap sambhaliye"
kahin car phir se out of control na ho jaaye"
mam ab toh mai baitha hoon na"
mam ne phirse poora accelerator dabaa diya toh car ne ek dum speed pakad lee.
Iss par maine ek dum se brake lagaa di toh car ek dum se ruk gayee. Mam ko jhatkaa lagaa toh vo steering mein ghusne lagi. Iss par maine mam ke breasts ko apne haathon mein pakad kar mam ko steering mein ghusne se bachaa liya. Car ruk gayee thee aur mam ke breast mere haath mein thhe. mam boli
maine kaha tha na ki mai phir kuch galti karoongi"(mam ke breast mere haath mein hain)
koi baat nahin.kam se kam gear toh badalna seekh liya" (mam ke breast mere haath mein hain)
shayad mujhe steering sambhalna kabhi nahin aayegaa" "(mam ke breast mere haath mein hain)
ek baar aur try kar lete hain" "(mam ke breast mere haath mein hain)
thik hai" "(mam ke breast mere haath mein hain)
mam ne mujhe aihsaas dilaane ke liye mere haath unke breast par hain, mam ne breast ko halka sa jhatka diya toh maine apne haath vahan se hataa liye. Maine car phir se start kari. Mam ne apne haath steering par rakh liye aur maine apne haath mam ke haathin par rakh diye
mam accelerator mai hi sambhaaloonga.aap sirf steering hi sambhaleeye"
yehi mai kehne wali thi"
kuchh der tak mam ko steering mein help karne ke baad mai bola
mam ab mai steering se haath uthaa raha hoon.aap akele hi sambhaleeye"
ok.ab mujhe thoda confidence aa raha hai.lekin tum apne haath ready rakhna .kahin car phir se out of control ho jaaye "
mam mere haath hamesha ready rehten hain"
maine apne haath steering se uthaa kar mam ki breast par rakh diye. Mai toh mam se daant (scolding) expect kar raha tha lekin mam ne kuchh na kaha
sumit mujhe kas ke pakdna..kahin brake maarne par mai steering mein na ghus jaaoon"
yes ma..kas ke pakadta hoon"
maine mam ke breast dabaa diye toh mam ke moohn se ah..ahh nikal gayee.
sumit.mere khyal se aaj itna seekhna hi kafi hai.chalo ab ghar chalte hain"
ok mam"
mam meri godh se uth kar aoni seat par baith gayee aur hum mam ke ghar chal diye
ok mam ..mai chalta hoon"
roti kha ke jaana"
nahin mam maine mummy ko kaha tha ki roti ke time tak ghar par aajaaoonga"
thik hai ...toh kal 10 baje aaoge na"
yes mam..of course"
mai agale din bhi poore 10 baje pahunch gayaa. Padne ke baad hum phir se car seekhne ussi ground mein aa gaye.
toh sumit aaj kahan se shuru karenge"
mam mere kyal se aap pehle steering mein perfect ho jaayeeye.uske baad aur kuchh karenge"
thik hai.kal jaise hi baithna hai"
yes mam"
aaj mam ne silk ki salwaar kamiz pehnee hui thi. Mam aaj seedhe aakar mere laude par bauth gayee. Aaj mam ki salwaar thodi tight thi aur mam ki hips se chipki hui thi.
Humne car chalaani shuru ki. Mam ne apne haath steering par rakh liye. Maine apne haath mam ke haathon par rakh liye . aaj mam ki hips mere laude par baar baar hil rahi thi. Kuch der baad maine kaha
mam .ab mai apne haath steering se hataa raha hoon"
haan..apne haath steering se hataa lo"
maine haath steering se uthaa kar mam ki breast par rakh diye..aur wah...mazaa aa gayaa..mam ne aaj bra nahin pehnee thi..issliye aaj mam ke breast bade soft aur masal-able lag rahe thhe..maine mam ke breast ko dheere-dheere dabaana shuru kar diya..mam ki silk ki salwaar mein unke breast ko dabaane mein bada mazaa aa raha ..mam ne apni tangein(legs) wide karli aur ab unki bur mere laude par thi...maine apna ek haath mam ki kamiz mein daala aur mam ki breast ko dabaane laga..
mam.mazaa.aa raha hai"
ahh..a..kisme"
car chalaane mein"
haan.car chalaane mein bhi mazaa aa raha hai"
mam.ab apko steering sambhaalnaa aa gayaa"
hmm"
ab maine apna doosra haath bhi mam ki kamiz mein daal diya aur usko bhi dabaane lagaa
aahh..hh..sumit tum...ahh.. yeh kya kar rahe ho"
mam.aapko car seekha raha hoon"
sumit.tumhare haath car ke steering par hone chaahiye"
par mam ...aapke steering sambhaalne mein zyada mazaa aa raha hai"
tumhe mere saath aisa nahin karna chaahiye.....aur vaise bhi mai toh ek moti aur kali aurat hoon..mujh mein tumhe kya accha lagega"
mam aapki ek ek cheez acchi hai"
sumit mai thoda thak gayee hoon..pehle tum car rok lo...aage jaa kar thodi jhadiyan(bushes) hain..car vahan le chalo"
yes mam"
maine car jhadiyon mein jaa kar rok lee