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Fantasy [Completed] भाभियों का रहस्य | Bhabhiyon Ka Rahasya

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“चुप कर गुंजन , जानती नहीं की अम्मा ने हमारे लिए कितने बलिदान दिए है , हम सभी का श्राप उतारने के लिए वो उस तांत्रिक के पास चली गई , उसके बच्चे की माँ बन गई , उसने अम्मा के साथ कितना अत्याचार किया था क्या तुझे नहीं पता , और उसका श्राप भी तो उसका ही बेटा तोड़ सकता है तो तेरे अंकित को कैसे ये शक्तिया दी जा सकती थी , हम अब भी कुवर जी के साथ है , हां माना की वो बेकाबू हो गए है लेकिन उन्हें र्रोकने का भी कोई ना कोई उपाय जरुर होगा ,...”

वंहा बैठी अम्मा सभी की बात सुन रही थी , उनके आँखों में आंसू की बुँदे आ चुकी थी , वो बड़ी मुश्किल से अपनी भावनाओ को सम्हाले हुए थी .. उनका गला भरा हुआ था लेकिन फिर भी वो बोली

“हमें अब एक ही आदमी रास्ता दिखा सकता है …”

“कौन ….???”

कई महिलाये एक साथ बोल उठी

“महान मनोचिकित्सक और दार्शनिक डॉ चुतिया …”

अम्मा ने धीरे से कहा..

भाभियों का रहस्य | Bhabhiyon Ka Rahasya | Update 26

यूनिवर्सिटी में अफरा तरफ्री का माहोल था , राज्य के मंत्री और जिले का कलेक्टर आने वाले थे , वो जिससे मिलने आने वाले थे उसके अलावा सभी लोग चौक्कने थे , कुलपती सुबह से तैयार खड़ा था , तभी कई गाडिया आकर मनोविज्ञान डिपार्टमेंट के सामने रुकनी शुरू हुई …

कुलपति तुरंत ही एक्शन में आया

“अरे ठाकुर साहब आप ने कष्ट क्यों किया हमें बुला लिया होता “

वो फुल मालाये सामने करते हुए बोला

“सर इन सबकी जरुरत नहीं है , हमें डॉ चुतिया से मिलना है , और आप तो जानते हो वो किसी की नहीं सुनते , हमने बुलावा भेजा था लेकिन डॉ साहब तो …”

अब्दुल ने बड़े ही मान से कहा , आखिर वो इसी यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट रह चूका था ..

“अरे अब्दुल बेटा तुम तो जानते हो उसे , ऐसे मैं तुम्हारे पास आने ही वाला था , आखिर हमारा स्टूडेंट आईएएस बना है तो … कभी आकर कोई मोटिवेशनल स्पीच दे कर जाओ “

“जी सर आता हु कभी , अभी ठाकुर साहब को देर हो रही है ये सब बाद में करते है “

बलवंत और अब्दुल डॉ के कमरे की ओर बढे , लेकिन बाहर एक स्टूडेंट खड़ा था उसने उनका रास्ता रोक लिया …

“बत्तमीज जानता है हम कौन है “

बलवंत भड़क गया लेकिन अब्दुल डॉ के नेचर को जानता था उसने उसे शांत करवाया ..

“छोटे डॉ साहब को बोल की अब्दुल औरठाकुर बलवंत आये है .”

“सर मैं आप दोनों को जानता हु लेकिन डॉ साहब अभी बीजी है , आप लोग बैठिये “

अब्दुल ने अपने माथे पर हाथ फेरा और सभी गार्ड को बाहर इन्तजार करने के लिए कहा , और बलवंत को सामने लगी कुर्सियों में बैठने का इशारा किया …

“ये साला प्रोफ़ेसर खुद को समझता क्या है हमें इन्त्त्जार करवाएगा “

बलवंत गुस्से में आ गया था ..

“ठाकुर साहब शांत हो जाओ , मैं इनका स्टूडेंट था और इन्हें अच्छे से जानता हु , मुख्यमंत्री भी आये ना तो ये अपने मर्जी से उनसे मिलते है , अगर ना मिलना हो तो बाहर से ही भागा दे , खैर मैंने बात कर ली है आज उन्होंने हमें बुलाया था तो शांत रहिये , हमें इनकी जरुरत है “

अब्दुल की बात सुनकर बलवंत शांत हो गया , तभी एक और लस्कर सामने से आता हुआ दिखा , सबसे सामने अम्मा थी और पीछे कई लोगो की भीड़ , कुछ ओरते थी और साथ ही कुछ गार्ड भी ..

बलवंत के गार्ड्स ने उन्हें रोकने की कोशिस की लेकिन अम्मा के गार्ड ने उन्हें वही सम्हाल लिया था ..

वो लड़का फिर से खड़ा हो गया और अम्मा को अंदर जाने से रोक दिया , अम्मा ने सामने देखा तो बलवंत और अब्दुल वही बैठे थे , अम्मा ने भी सभी को वापस भेज दिया और खुद वही अब्दुल के बगल में बैठ गई ..

अम्मा को देखकर अब्दुल और बलवंत दोनों ही थोड़े चौक गए थे ..

“कैसे हो अब्दुल आज कल तो तुम अपने गांव को ही भूल गए हो , अपनों को छोड़कर दुश्मनों के साथ हाथ मिला लिया है “

अम्मा की बात सुनकर भी अब्दुल कुछ नहीं बोला , वो सर निचे किये वही बैठा रहा , जबकि बलवंत अम्मा की ओर मुह करके उन्हें देखने लगा ..

“आज भी वैसे ही हसीन हो कांति , और सुना है की तुम्हारा भतीजा भी इस हुस्न का दीवाना है “

ठाकुर के व्यंग से अम्मा मुस्कुरा उठी ..

“कभी तुम भी इस हुस्न के दीवाने थे बलवंत , कालेज के दिन भूल गए क्या ?”

उसकी बात सुनकर अब्दुल दोनों को प्रश्न भरी निगाहों से देखने लगा वही बलवंत हलके से हँसा

“क्या करे जवानी में इन्सान के पास दिमाग ही कहा होता है कांति , जो भी हुआ वो अच्छा ही हुआ , तुम्हारा प्यार नहीं तो नफरत ही सही , हमने तो वो भी हंसकर अपना लिया है , ऐसे भी जिसके लिए तुमने हमें छोड़ा वो तो किसी काम का नहीं निकला , इससे ज्यादा सकून मुझे और क्या चीज देगी “

अम्मा के सीने में एक दर्द सा उठा , पिछली बाते उनके सामने आ गई , कभी बलवंत और यशवंत दोनों ही उसके दीवाने हुआ करते थे , अम्मा ने बलवंत को ठुकरा कर यशवंत को चुना था , कालेज के दिनों में बलवंत और यशवंत दोनों की कट्टर दुश्मनी थी लेकिन उन्हें प्यार एक ही लड़की से हुआ , बहुत मारा मारी हुई , अम्मा को पाने के लिए दोनों ने जी जान लगा दिया ,आखिर यशवंत की जीत हुई और अम्मा ने उनसे ही शादी की , लेकिन शादी के बाद से ही उन्हें ऐसी बीमारी लगी जिससे उनका शरीर दिन ब दिन कमजोर होता गया और आज भी जैसे उनका कोई वजूद ही ना हो , हवेली के एक कोने में यशवंत पड़ा रहा , चलने फिरने में भी असमर्थ सा , और पूरी जिम्मेदारी अम्मा ने ही अपने कंधे में ले ली , लेकिन अम्मा को अपने फैसले पर कभी अफ़सोस नहीं हुआ , बलवंत आज भी अम्मा के लिए दिल में सपने और अहसास रखता था ये बात अम्मा अच्छे से जानती थी , गहरी दुश्मनी के बाद भी बलवंत के दिल में अम्मा के लिए प्रेम का चिराग कभी बुझ नहीं पाया था , और अम्मा को अपना ना बना पाने का अफ़सोस भी उसके कालेजे को हल्का दर्द देता रहता , वही निशांत के अम्मा से संबंधो को सुनकर उसे ऐसा लगा था जैसे किसी ने उसके ही सीने में कोई तेज खंजर चला दिया हो …

वो हमेशा की तरह ही मनमसोज के रह गया ,उसे पता था की अम्मा उसकी कभी नहीं हो सकती ..

लेकिन पहले प्यार का दर्द भी तो ऐसा होता है की भुलाये नहीं भूलता , कितनी भी कोशिस करो सब बेकार हो जाती है …..

“ऐसे दुखी ना हो बलवंत हमने एक दुसरे की दुश्मनी स्वीकार ली है लेकिन आज भी मैं तुम्हारे उस प्रेम की क़द्र करती हु जो आज भी तुम्हारे दिल के किसी कोने में पल रहा है “

अम्मा की बात सुनकर बलवंत बिलकुल ही चुप हो गया था , वो नज़ारे गडाए हुए बस जमीन को देखने लगा , इतने शक्तिशाली इंसान का ये रूप देख अब्दुल भी आश्चर्य से भर गया .. दोनों गांव में किसी को इस गुप्त सम्बन्ध का पता नहीं था , अब्दुल भी इस बात से अनजान था की उसका होने वाला ससुर और इस राज्य का सबसे ताकतवर समझे जाने वाला इंसान भी किसी की मोहोब्बत में है वो भी सालो पूरानी नाकाम मोहोब्बत ..

अब मोहोब्बत नाकाम हो या कामियाब साली दिल में हमेशा एक टिस की तरह रहती है …

*************

कुछ देर ही हुए थे की डॉ ने दोनों पक्षों को एक साथ बुला लिया …

तीनो अंदर गये तो डॉ आराम से अपने चेयर में बैठा हुआ सिगरेट का धुवा उड़ा रहा था , अम्मा और अब्दुल दोनों ने आने से पहले ही डॉ को आने का कारण बता दिया था …

बलवंत जन्हा पुरे गुस्से में था वही अम्मा शांत थी , अम्मा डॉ को जानती थी और वो ये भी जानती थी की आदमी भले ही वो अजीब है लेकिन काम का है …

जाते ही अब्दुल ने डॉ के चरण स्पर्श करे …

“खुश रहो बेटा , कलेक्टर बन गए … बहुत खूब “

“धन्यवाद सर आपका आशीर्वाद है , “

“बढ़िया बढ़िया बैठो “

अब्दुल के साथ साथ ही सभी सामने लगी हुई कुर्सी में बैठ गए ..

डॉ अभी भी सिगरेट का धुआ उड़ा कर उससे छल्ला बनाने की कोशिस कर रहा था …

अब बलवंत से बर्दास्त नहीं हुआ

“सुनो डॉ हमारा काम है इसलिए हम तुम्हारे पास आये , उपर से ये बत्तमीजी “

अब्दुल ने इशारे से बलवंत को शांत रहने के लिए कहा , बलवंत की बात सुनकर एक बार डॉ ने सभी को देखा और …

“भखलंड …”

सभी उसकी बात सुनकर एक दुसरे को देखने लगे

“मलतब “ अम्मा भी थोड़ी चौकी थी

“जिसके कारन आप परेशान हो वो भखलंड प्रजाति का शैतान है , मैंने इस प्रजाति के शैतानो पर पूरी रिसर्च की है “

“क्या ??? शैतानो की भी प्रजाति होती है “ अम्मा थोड़ी चौकी जबकि बलवंत को लगा की ये साला मैं कहा फंस गया

“बिलकुल होती है , सभी शैतानी ताकते असल में एक ही है लेकिन फिर ही सभी का काम अलग अलग होता है , उसी के हिसाब से ये वर्गीकरण किया गया है , मैं इस पर एक थीसिस भी लिख रहा हु , भखलंड , चुदैल आदि प्रकार के प्रजातियों पर “

“चुड़ैल ??? “ बलवंत ने थोडा अपसेट होते हुए कहा

“चुड़ैल नहीं ठाकुर साहब चुदैल , ये शैतान के स्त्री लिंग वाला रूप है “

“यार काम की बात करो , तुम्हारे इस थीसिस में मुझे कोई इंटरेस्ट नहीं है “

बलवंत थोडा झल्ला गया था , जिसे देखकर थोडा हँसा

“ठाकुर साहब जिस चीज से आपको लड़ना है कम से कम उसकी जानकारी तो आपको होनी ही चाहिए न , मैं थोडा भखलंडो के बारे में बताता हु , जैसे शैतानी ताकते कई चीजो को पाने के लिए उपद्रव करती है जैसे पॉवर , पैसा ,जमीन जायजाद ,ओरते आदि आदि या ये सभी एक साथ , लेकिन ये प्रजाति थोड़ी अलग है , इन सालो को बस एक ही चीज चाहिए और वो है इंसान के अंदर हवस भर देना , इन्हें सेक्स करवाने में मजा आता है , जो भी इनकी पूजा करे या गुलाम बने वो इन्हें वैसे ही ताकते देते है , खासकर जिसे समाज पाप कहता हो वैसा सेक्स इन्हें और भी ज्यादा पसंद है , जैसे रिश्तो में सेक्स , दुसरे के प्यार या बीबी से सेक्स आदि आदि …”

सब खामोश थे लेकिन अम्मा बोल उठी

“डॉ साहब ये सब तो ठीक है लेकिन आप भी जानते है की इस शैतान ने हमारे कुवर की मदद की है , और ये शक्तिया एक खास मकसद से उसे मिली है ,लेकिन अब वो हमें डराने लगी है , अब हमे क्या करना चाहिए “

“अम्मा निशांत जितना अधिक सेक्स में इन्वोल्व होगा उतनी ही उसकी शक्तिया भी बढ़ते जायेगी , और शायद यही दोनों गांवो की सबसे बड़ा डर है , लेकिन फिक्र मत करे मेरे पास इसका भी एक उपाय है “

“क्या ???” तीनो एक साथ बोल पड़े

“चुदैल शैतान “

अब तीनो एक दुसरे का चहरा देखने लगे

“लेकिन कैसे “ अब्दुल बोला

“बेटे आसान है , जैसे निशांत को पॉवर मिली अगर वैसे ही कोई लड़की चुदैल शैतान से पॉवर ले ले तो वो एक दुसरे के काट बन सकते है , अभी हमारे पास टाइम है की हम कोई ऐसी लड़की ढूंढ ले “

सभी से एक दुसरे को देखने लगे

“लेकिन डॉ साहब ये चुदैल शैतान की उपासना कैसे की जाती है और कौन लड़की अपनी क़ुरबानी देगी “

डॉ के चहरे में एक मुस्कान खिल गई

“चुदैल शैतान की पॉवर वाली लड़की भखलंड को शारीरिक रूप से पूर्ण संतुष्ट करके उसे शांत कर सकती है ,लेकिन उसकी शक्ति को पाना किसी आम लड़की के बस का नहीं है , ये समर्पण वही कर सकती है जो ….”

“जो क्या ???” तीनो ने एक साथ कहा

“जो निशांत से सच्चे मन से प्यार करती हो और उसे शांत करने के लिए कुछ भी कर जाए “

तीनो एक दुसरे का मुह देखने लगे , आखिर ऐसी लड़की है कौन …

लेकिन अम्मा के दिमाग में एक ही नाम गूंज रहा था ..

अन्नू ……..

To be Continued

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“चुदैल शैतान की पॉवर वाली लड़की भखलंड को शारीरिक रूप से पूर्ण संतुष्ट करके उसे शांत कर सकती है ,लेकिन उसकी शक्ति को पाना किसी आम लड़की के बस का नहीं है , ये समर्पण वही कर सकती है जो ….”

“जो क्या ???” तीनो ने एक साथ कहा

“जो निशांत से सच्चे मन से प्यार करती हो और उसे शांत करने के लिए कुछ भी कर जाए “

तीनो एक दुसरे का मुह देखने लगे , आखिर ऐसी लड़की है कौन …

लेकिन अम्मा के दिमाग में एक ही नाम गूंज रहा था ..

अन्नू ……..

भाभियों का रहस्य | Bhabhiyon Ka Rahasya | Update 27

झरने की आवाज और उसका ठंडा पानी में मेरे मन को शीतलता नहीं दे पा रहा था , मैं झरने के निचे खड़ा हुआ अपने अंदर की आग को शांत करने की कोशिस कर रहा था , अन्नू के जाने के बाद से ही मैं पागल सा हो गा गया था , सामने जो लड़की दिखे उसके उपर चढ़ जाता , कल मैंने गांव की स्त्रियों के साथ सड़क में ही सम्भोग कर दिया , मुझे अपनी अपने कुल की और ना ही अम्मा और उन ओरतो की इज्जत की कोई चिंता हुई , मैं एक जानवर बन रहा था और मेरा सामना करने वाला कोई नहीं था ,

आज सुबह से मैं 5 लडकियों को भोग चूका था , अम्मा गांव की कुछ ओरतो के साथ शहर गई थी और सभी को सख्त हिदायत दी गई थी की उनके आने तक मुझे कमरे से ना निकलने दिया जाए , हर एक घंटे में एक नयी लड़की को मेरे पास भेजा जा रहा था , ये सभी वही ओरते थी जिनकी कोख मुझे भरनी थी , 5 ओरतो के कोख में अपना वीर्य भरने के बाद भी मैं वासना की आग में जल रहा था, लेकिन मुझे थोड़ी चेतना जरुर आई , मैं खुद को स्वतंत्र करना चाहता था लेकिन उल्टे मैं वासना के भवर में फंस रहा था , ये ख्याल आते ही मैंने खुद को नियंत्रित करने की सोची , मेरा ये पागलपन गांव वालो के लिए और अम्मा के लिए भी एक मुसिबित बन चूका था , मैं बाहर जाने लगा तो मुझे लोगो ने रोका , कालू भी उनमे शामिल था …

“कुवर अम्मा का आदेश है आप बाहर नहीं जा सकते , आपको जो चाहिए वो हम आपको आपके कमरे में लाकर दे देंगे ..”

मैंने गुस्से से भरी आँखों से कालू को देखा , उसके चहरे में पसीने आ गए थे

“शांति मुझे शांति चाहिए “ मैंने दबे हुए स्वर में ही उससे कहा

“कहा रहती है महराज बताइए अभी आपकी सेवा में हाजिर कर देते है , अरे ये शांति कौन है “

पास खड़ा मुंशी थोडा सोचने लगा

“शायद महुआ की बहन का नाम है “

उसने सोचते हुए कहा

लेकिन उनकी इन हरकतों से मेरा दिमाग ख़राब हो गया था ,

“अबे चुतियो शांति मतलब , मन की शांति , मुझे मन की शांति चाहिए और ये मुझे इस कमरे में रहकर नहीं मिल सकता , जितना मैं सम्भोग करता हु उतना ही वासना और भी बलवती होने लगती है , ये एक श्राप सा है , मुझे एकांत चाहिए हटो सामने से वरना सबका सर फोड़ दूंगा “

मेरा गुस्सा देखकर वो थोड़े बाजु हुए

“कुवर , कोई पसंद आ जाए तो उसके घर चले जाना , सड़क में नहीं वरना अम्मा हमे मार डालेगी “

कालू ने हिम्मत करके कहा , मैं बिना कुछ बोले ही अपनी बुलेट उठा कर झरने की ओर चल पड़ा …

गांव में जो भी मुझे देखता वो वही जम जाता था ,कल की हरकत के बाद से सभी मुझसे डरने लगे थे , क्या मैं एक शैतान बन चूका हु ,

ये सवाल मेरे मन को खाए जा रहा था , अंकित भी अपने घर के सामने बैठा था हम दोनों की आँखे मिली वो उठ कर खड़ा हो गया लेकिन मैं अभी उससे बात नहीं करना चाहता था ..

मैं सीधे झरने के पास आकर निर्वस्त्र होकर झरने के निचे खड़ा हो गया , लेकिन ये पानी मुझे शांत नही कर पा रही थी , शायद वो अन्नू ही थी जिसका प्यार मुझे शांत कर सकता था लेकिन वो यंहा नहीं थी …

*************

इधर अंकित के घर में …

“नहीं भाभी वो मेरा बचपन का दोस्त है मैं उसके साथ ऐसा नहीं कर सकता , आखिर अम्मा भी तो गई है ना डॉ साहब के पास , वो कोई ना कोई हल निकाल ही लेगी “

शायद ये जीवन में पहली बार था जब अंकित ने अपनी भाभी की बात नहीं मानी थी , गुंजन के हाथो में एक इंजेक्शन था , उसने बड़े ही प्यार से अंकित के सर को सहलाया और उसके हाथो को अपने पेट में रख दिया ..

“देख ये जो मेरे पेट के अंदर पल रहा है वो तेरा बच्चा है , तू क्या चाहता है की दुनिया वाले ये बोले की मेरा गर्भ भी उस कुवर ने भरा है , “

अंकित थोडा सकपकाया

“तो दुनिया वालो के सामने क्या बोलोगी की ये गर्भ भाई का है ??”

गुंजन मुस्कुराई

“नहीं छाती ठोककर बोलूंगी की ये गर्भ तेरा है , और मैं भी “

गुंजन अंकित के गोद में बैठ गई थी ..और उसके बालो को सहलाती हुई उसने अंकित के होठो को हलके से चूमा

“यंहा तो पूरा गांव ही कुवर ने नंगा कर दिया है , अब किस बात की शर्म “

गुंजन की बात सुनकर अंकित का सर झुक गया , वो कभी अपनी भाभी की पूजा करता था , उन्हें माँ के समान सम्मान देता था लेकिन कुवर के कारण उन दोनों के बीच जिस्मानी रिश्ता बन गया और ये वासना की आग कभी नहीं बुझी , छिप छिप कर ही सही लेकिन दोनों एक दुसरे के जिस्म की आग को बुझाते रहे ,एक निश्छल प्रेम कब वासना बन गई उन्हें पता ही नहीं चला …

“वो सब तो ठीक है भाभी पर निशांत को मारने की क्या जरुरत है , वो हमारा नुकसान नहीं करेगा “

गुंजन जोरो से हँसी

“कल देखा उसने क्या किया , बीच सड़क में जिसने अपनी खुद की माँ की इज्जत उतार दी वो तेरी या मेरी क्या फिक्र करेगा …”

अंकित को पता था की अम्मा निशांत की असली माँ है ,इसलिए वो गुंजन की बात पर चौका नहीं , असल में गुंजन ने ही उसे ये बताया था ..

“भाभी वो अन्नू के जाने के कारन सदमे में था , वो ठीक हो जायेगा , मैं उसे अच्छे से जानता हु , अभी जब वो घर के सामने से गुजरा तो मैंने उसकी आँखों में देखा था , उसकी आँखों में प्रायश्चित था , वो अपने कृत्य से दुखी है , मैं जानता हु वो दिल का बहुत अच्छा है “

गुंजन उसे गुस्से से घूरने लगी

“तुझे समझ नहीं आता क्या , वो शैतान है और एक शैतान की ओलाद भी , ये एक इंजेक्शन उसके शरीर में लगा दे बस , उसका सारा शरीर लकवाग्रस्त हो जाएगा फिर अगर तुझसे ना हो सके तो मैं ही उसका सर पत्थर से कुचल दूंगी …”

गुंजन की आँखों में अंगारे थी उसका ये रूप देख कर अंकित भी काँप गया …

“लेकिन भाभी इससे आखिर होगा भी क्या ..आपको इससे क्या मिलेगा ??”

गुंजन हँसने लगी और फिर गंभीर होकर अंकित के चहरे को हाथो से पकड लिया …

“अगर एक कुवर जायेगा तो दूसरा कुवर आएगा , तू मेरी जान तू , तू होगा दूसरा कुवर , इस गांव की सभी महिलाओ के योनी को भोगने वाला , सभी के गर्भ में अपना बच्चा डालने वाला , और अम्मा की सारी सम्पत्ति का अकेला वारिस , मैं तुझे राजा के दोस्त की तरह नहीं बल्कि राजा की तरह देखना चाहती हु , मैं तुझे वो शैतानी शक्ति दिलवाऊगी और फिर अम्मा के हवेली में तू अम्मा को ही कुतिया बना कर रखना , उसके गले में कुत्ते का पट्टा होगा और वो नंगी तेरे आदेश पर अपनी गांड हिलाएगी ,और मैं उसके बड़े से सिहासन में मैं सबके सामने तेरे गोद में बैठूंगी , तू यंहा का राजा होगा और मैं तेरी रानी “

गुंजन की बातो में जैसे सम्मोहन था , अंकित के सामने वो नजारा घुमने लगा , उसके शरीर में जैसे कोई करेंट दौड़ गया था , गुंजन ये बात समझती थी उसने अंकित का हाथ पकड कर अपने साड़ी के अंदर अपनी योनी पर टिका दिया …

“सोच मेरे राज जब हमें यु छिप छिप कर नहीं मिलना पड़ेगा , जब तू मुझे पुरे हवेली में दौड़ा दौड़ा कर भोगेगा , और मैं खिलखिलाते हुए अपने राजा की बांहों में समां जाउंगी “

अंकित का लिंग तनने लगा था , लेकिन था तो वो निशांत का दोस्त ही ..

“भाभी बस , ये सपना अच्छा है लेकिन , लेकिन मैं कुवर की जगह कभी नहीं ले सकता “

गुंजन के होठो पर एक मुस्कान आ गई

“ले सकता है , आखिर तुम दोनों का बाप एक ही तो है “

अंकित आँखे फाड़े गुंजन को देखने लगा , उसके माथे पर पसीना था और पूरा शरीर काँप रहा था , उसे अपने कानो पर यकीन ही नहीं हुआ …

“क्या बोल रही हो ??”

उसके हर शब्द काँप रहे थे … गुंजन के होठो की मुस्कान और भी तेज हो गई

“हा वो तांत्रिक ही तुम्हारा असली बाप है और तुम्हारी माँ अपनी मर्जी से उसके पास जाया करती थी , तुम उसकी पहली ओलाद हो , उन दोनों के प्रेम का बीज जबकि निशांत … वो तो बलात्कार से पैदा हुआ है , निशांत ना केवल तुम्हारा नाजायज भाई है बल्कि वो तुम्हारे असली पिता का कातिल भी है “

अंकित को जैसे अपने कानो पर यकीन नहीं हो रहा था , उसके आँखों के सामने अपनी माँ की छबि आ गई , कितनी सुन्दर थी उसकी माँ और कितनी भोली भाली सी , उसे यकीन नहीं हो रहा था की वो ऐसा कर सकती थी , वो चाहता था की गुंजन की बात झूठ हो लेकिन गुंजन के आँखों में उसने आत्मविश्वास देखा था ..

“लेकिन …”

वो कुछ बोलने ही वाला था की गुंजन ने उसके होठो पर उंगली रख दी

“ये बात गांव की कुछ ओरते जानती है ,अम्मा भी , सभी को पता है की तुम भी उसी तांत्रिक का खून हो लेकिन सभी ने तुम्हारी जगह निशांत को वो ताकत दी , तुम बड़े बेटे थे उस शक्ति पर पहला हक तुम्हारा था , मैंने कई बार ये बात सभी के सामने रखी लेकिन इस राज को कोई समाज के बीच नहीं खोलना चाहता इसलिए तुम्हारे पिता का सच सिमित लोगो को ही पता रहा , इसीलिए तुम्हारी जगह भाभियों की समिति ने निशांत को ताकत दिलवाई …”

अंकित का मन उधेड़ बन में लगा हुआ था , गुंजन ने उसका हाथ थाम लिया और अपने पेट में रख दिया

“अगर मेरे लिए नहीं तो इसके लिए ही सही , तुम्हे ये करना ही होगा अंकित , तुम्हे तुम्हारे होने वाले बच्चे की कसम है “

***********************

इधर झरने में

मैंने ठन्डे पानी से खुद को शांत किया और अपने जीवन के बारे में सोचने लगा , क्या क्या नहीं हो गया मेरे साथ , एक बार तो मैं मौत के मुह से बाहर निकला , जीवन पता नही और क्या क्या रंग दिखाने वाली थी …

एक गाड़ी की आवाज से मेरा ध्यान उस ओर गया , सामने से अंकित आ रहा था , उसके चहरे का रंग उड़ा हुआ था , मैं झरने से निकल कर उसके पास गया ,मैं अभी भी नग्न था …

“तुम यंहा क्या करे रहे हो , और इतने परेशान को दिख रहे हो “

मैंने उसके पास पंहुचा

“भाई मुझे माफ़ कर देना “

वो रो पड़ा और मेरे गले से लग गया , मैं कुछ समझ पता उससे पहले से मेरे पीठ पर कुछ चुभा और अंकित मुझसे अलग हुआ ..

“अबे ये क्या था ??”

वो बस रो रहा था ,मैंने उसके हाथो में एक इंजेक्शन देखा और आश्चर्य से अंकित की ओर देखने लगा , आखिर ये कर क्या रहा है … मैं कुछ समझने की कोशिस कर ही रहा था की मेरी आवाज लडखडाने लगी , हाथ पैर जैसे सुन्न होने लगे ,

“ये क्या है “ मैं बोला लेकिन बोल मुह से अच्छे से नहीं निकल पाए , मेरे पैरो ने जवाब दे दिया था , मैं जमीन में गिरने लगा
अंकित ने दौड़कर मुझे सम्हाला और मुझे उसी पत्थर पर सुला दिया ,

“माफ़ करना भाई , मुझे दौलत और ताकत की चाहत नही है ,लेकिन जिसकी मुझे चाहत है उसने मुझे ऐसा करने पर मजबूर कर दिया “

वो रोते हुए मेरे हाथो को थाम लिया , तभी मुझे वंहा किसी और के भी होने का अहसास हुआ , मैं अपना सर नहीं घुमा पा रहा था , पूरा शरीर ही शुन्य हो गया था , मेरा मेरे शरीर पर जैसे कोई अधिकार ही ना रहा हो ..

मैं निर्जीव सा बस उन्हें देखे जा रहा था ..

मुस्कुराता हुआ गुंजन भाभी का चहरा मेरे सामने आया …

“बहुत बढ़िया , देखो तो कितना सुंदर शरीर है इसका और ये ..”

उन्होंने मेरे लिंग को सहलाया

“इसके कारण पूरा गांव डरा हुआ था , अब सबको चैन मिलेगा और मैं बनूँगी इस गांव की रानी , और अम्मा होगी मेरी दासी हा हा हा “ वो जोरो से हँस पड़ी

मेरे कानो आवाज तो आ रही थी गुंजन का ये रूप देखकर मैं भी हैरान था लेकिन क्या करता …

“तुम अब यंहा से जाओ अंकित आगे जो होगा तुम उसे नहीं देख पाओगे “

“भाभी प्लीज … “

“जाओ यंहा से “

गुंजन जोरो से चिल्लाई अंकित अपने आंसू पोछता हुआ वंहा से निकल गया

भाभी ने एक खंजर आगे किया …

“तेरी एक एक बोटी काट दूंगी , किसी को पता भी नहीं लगेगा की तू कहा गया “

उनकी आंखे लाल थी और चहरा तमतमाया हुआ ….

उन्होंने खंजर मेरे गले में रखा और ..

खच ….

रक्त की धार मेरे गले से बहने लगी थी ………….

To be Continued

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“जाओ यंहा से “

गुंजन जोरो से चिल्लाई अंकित अपने आंसू पोछता हुआ वंहा से निकल गया

भाभी ने एक खंजर आगे किया …

“तेरी एक एक बोटी काट दूंगी , किसी को पता भी नहीं लगेगा की तू कहा गया “

उनकी आंखे लाल थी और चहरा तमतमाया हुआ ….

उन्होंने खंजर मेरे गले में रखा और ..

खच ….

रक्त की धार मेरे गले से बहने लगी थी ………….

भाभियों का रहस्य | Bhabhiyon Ka Rahasya | Update 28

खच की आवाज के साथ गुंजन ने मेरे गले में खंजर चला दिया था ,

खून के छीटे सीधे उसके चहरे में जा पड़े , वो किसी शैतान की तरह हँसने लगी …

मैं छटपटान चाहता था लेकिन कैसे ???

मेरा शरीर शुन्य था ,

खून की धार मेरे गले से बह रही थी , गुंजन ने फिर से अपना खंजर उठाया , इस बार निशाना सीधे मेरे दिल पर था , उसने अपने दोनों हाथो से मजबूती से खंजर को पकड़ रखा था उसने एक बार मुझे देखा और अपना हाथ चला दिया …

लेकिन ये क्या …

बूम ..

वो दूर जाकर गिरी , मैं अपना सर घुमा कर देखने में नाकाम रहा की आखिर हुआ क्या , लेकिन तभी मेरे सामने जो आकृति उभरी उसे देख कर मेरा मन ही खुश हो गया था …

“कुवर ,ये कहा फंस गए आप “

उसने मुस्कुराते हुए कहा और मेरे गले में बस अपनी उंगलिया चला दी , मेरे गले का जख्म अपने आप ही भरने लगा था , खून बहना रुक गया था …लेकिन मेरा शरीर अब भी नहीं हिल रहा था …

“आखिर आपको हुआ क्या है “

उसने इधर उधर देखा तो उसे खाली इंजेक्शन पड़ा हुआ दिखाई दिया

“क्या दिया है इस डायन ने आपको “

उसकी आँखे लाल होने लगी थी , उसने सीधे मेरे सर में हाथ रखा और आँखे बंद कर ली , अचानक से एक तेज उर्जा का संचार मेरे तन बदन में हुआ जैसे किसी ने मेरे नशों में फिर से जान भर दी हो …

“कोकू …”

मेरे मुह से निकला , उसने प्यार से मरे सर में हाथ फेरा लेकिन उसकी आँखे गुस्से से अभी भी लाल थी .

वो गुंजन की तरफ बढ़ गई उसने हाथो से इशारा किया और गुंजन हवा में लटकने लगी …

गुंजन को अभी भी समझ नहीं आ रहा था की आखिर ये क्या बला है ???

“बचाओ …कोई बचाओ “ गुंजन जोरो से चिल्लाने लगी ..

मैं कोकू के पास जाकर खड़ा हो गया था …

“मेरे कुवर को छूने की तुमे हिम्मत भी कैसे की , अब देख मैं तुझे कितनी दर्दनाक मौत देती हु “

कोकू ने गुस्से में कहा लेकिन तभी ..

“रुक जाओ , निशांत रोक ले इसे नहीं ऐसा मत करो “

भागता हुआ अंकित वंहा आया , कुछ देर के लिए वो भी कोकू को आश्चर्य से देखने लगा लेकिन फिर वो मरे पैरो में गिर गया …

“भाई इसे छोड़ दे ,माफ़ कर दे इसके पेट में मेरा बच्चा है ..”

मैंने आश्चर्य से अंकित की ओर देखा

“भाई तू चाचा बनने वाला है , उसी बच्चे की खातिर मुझे इसकी बात माननी पड़ी , चाहे हो मुझे मार ले लेकिन इसे छोड़ दे “

वो मेरे पैरो को पकडे हुए रो रहा था , मैंने कोकू का हाथ थाम लिया ..

“नहीं मेरी जान , ये मेरे भाई की गर्भवती है “

वो आश्चर्य और बेचैनी से मुझे देखने लगी

“इन दोनों ने मिलकर तुम्हारी जान लेने की कोशिस की है “

वो चिल्लाई लेकिन मैं बस मुस्कुराया

“जैसा भी है लेकिन मैं अपने दोस्त को सजा दे सकता हु उसके होने वाले बच्चे को नही , एक बार मुझसे गलती हुई थी , ये मुझसे दूर हो गया था लेकिन फिर भी मेरे बुरे वक्त में मेरे साथ खड़ा रहा , कम से कम इस बात के लिए तो मैं इसे एक बार माफ़ कर ही सकता हु , तुम्हे मेरी कसम है इन्हें छोड़ दो …”

कोकू का गुस्सा शांत हो गया था उसने गुंजन को नीचे उतार दिया और मेरा हाथ जोरो से थाम लिया ..

“याद रखना कुवर मेरा है , अगर किसी ने इसके तरफ आँखे भी उठाई तो आँखे नोच दूंगी “

कोकू ने मेरा हाथ थमा और उसने मुझे हवा में उड़ा दिया …

“हम कहा जा रहे है ??”

मैंने उसे इतना बेचैन कभी नहीं देखा था

“यंहा से बहुत दूर …”

उसने मुझसे बस इतना ही कहा ……….

************************************

शहर सुवालाल जी(अन्नू के पिता ) का घर ….

“आखिर ये हुआ कैसे “

सुवालाल जी की बात सुनकर अम्मा परेशान थी , डॉ चुतिया से मिलने के बाद वो अब्दुल और बलवंत के साथ सुवालाल के पास अन्नू से मिलने आई थी , एक वही थी जो निशांत के अंदर के शैतान को सम्हाल सकती थी …लेकिन यंहा तो मामला ही अलग हो चूका था ..

“क्या बताऊ अम्मा , जब से गांव से आई थी बस दिन रात रोना , ना ढंग से खाती थी ना पीती थी , मैं भी परेशान था , लेकिन आज पता नहीं क्या हुआ , वो कमरे में नहीं थी , बहुत ढूंढा सोचा आसपास कही गई होगी लेकिन वो नहीं मिली , सोचा था आपसे बात करके पुछू की कही वो फिर से गांव तो नहीं चली गई लेकिन अब आप लोग ही यंहा आ गए …”

“आखिर वो गई कहा ??”

अम्मा जैसे खुद से बडबडाई

इस बीच अब्दुल बोल उठा

“मैं जन्हा तक अन्नू को जानता हु वो बहुत ही समझदार लड़की है वो कही भी ऐसे ही नहीं चली जायेगी , उसे अपने दुःख का सामना करना आता है , मैं अभी यंहा के sp से बात करके उसे पूरा जोर लगाने को कहता हु , फिक्र मत कीजिए प्रशासन और पुलिस आपके साथ है , हम पूरा जोर लगा देंगे “

अब कोई कहता भी तो क्या ही कहता , कमरा अंदर से बंद था और अनु कही गायब थी , बस उसके कमरे की खिड़की खुली हुई थी लेकिन दो मंजिल उपर के कमरे से आखिर वो खिड़की से कैसे निकल सकती थी ????

*******************************************
इधर एक सुनसान कमरा

“कौन है ?? कौन है यंहा …दरवाजा खोलो “

अन्नू की आँखों में आंसू था वो आज सुबह से बस यही चिल्ला रही थी और बार बार दरवाजे को पिट रही थी लेकिन कही से कोई जवाब नहीं आ रहा था …

आखिर वो यंहा पहुची कैसे ???

उसने सोचने की बहुत कोशिस की

रात वो निशांत की याद में खूब रोई थी , एक कुवरगढ़ से आने के बाद से उसने एक अन्न का दाना अपने मुह में नहीं डाला था , रोते हुए कब उसकी नींद पड़ लग गई उसे पता भी ना चला ,जब नींद खुली तो वो इस कमरे में थी …

बेचैन और परेशान वो बस बार बार अपने कुँवर को ही याद किये जा रही थी ,,

To be Continued

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@chutiya Koku ki re-appearance to powerful nikli.. aur anu ke sath ye kya ho raha hai..

Badhiya update.. 

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“कौन है ?? कौन है यंहा …दरवाजा खोलो “

अन्नू की आँखों में आंसू था वो आज सुबह से बस यही चिल्ला रही थी और बार बार दरवाजे को पिट रही थी लेकिन कही से कोई जवाब नहीं आ रहा था …

आखिर वो यंहा पहुची कैसे ???

उसने सोचने की बहुत कोशिस की

रात वो निशांत की याद में खूब रोई थी , एक कुवरगढ़ से आने के बाद से उसने एक अन्न का दाना अपने मुह में नहीं डाला था , रोते हुए कब उसकी नींद पड़ लग गई उसे पता भी ना चला ,जब नींद खुली तो वो इस कमरे में थी …

बेचैन और परेशान वो बस बार बार अपने कुँवर को ही याद किये जा रही थी ,,

भाभियों का रहस्य | Bhabhiyon Ka Rahasya | Update 29

कोकू ने मुझे उड़ाते हुए एक पहाड़ी में ला दिया …

“ये कैसी जगह है कोकू ??”

उसने बड़े ही प्यार से मेरे गालो को सहलाया ,

“तुम्हारे लिए एक गिफ्ट है मेरे पास “

वो मुस्कुराते हुए बोली , सामने एक झोपडी थी वो उस ओर चल दी …

जब हम उस झोपडी के पास पहुचे तो मुझे एक लकड़ी का दरवाजा दिखा , बेहद ही कमजोर सा दरवाजा था ..

कोकू ने हाथो का एक इशारा किया और वो दरवाजा खुल गया , सामने मैंने जो देखा वो देखकर मैं आश्चर्य से भर गया ..

“अन्नू तुम “

वही अन्नू मुझे सामने देख कर बुरी तरह से चौक गई थी , वो बार बार कभी मुझे तो कभी उस लकड़ी के दरवाजे को तो कभी उस झोपड़े को आश्चर्य से देखे जा रही थी , जैसे ही उसे कुछ होश आया वो मेरे तरफ भागी और आकर मुझसे चिपक गई , वो जोरो से रो रही थी …

“ना जाने कितने देर से मैं यंहा एक कमरे में बंद थी , उसका दरवाजा इतना मजबूत था की मेरे लाख कोशिसो के बाद भी मैं उसे नहीं खोल पाई और अब .. ये तो एक सामान्य सी झोपडी है जिसका दरवाजा इतना कमजोर है की मैं उसे एक लात में खोल दू ??? ये क्या हो रहा है निक्कू , मैं तो अपने घर में थी मैं यंहा कैसे आ गई ???”

उसने रोते हुए कहा , मैंने कोकू की तरफ देखा जो हमें देख कर मुस्कुरा रही थी , मैं समझ चूका था की ये इसी की करामात है ..

मैंने अन्नू को शांत किया

“शांत हो जाओ , ये सब इसने किया है .. इससे मिलो ये कोकू है , तुम्हारी सौतन ही समझो इसे “

अन्नू ने लाल आँखे किये हुए मुझे देखा , उसके चहरे में गुस्सा साफ़ था लेकिन उस गुस्से में भी मासूमियत मिली हुई थी , मुझे उस पर बेहद ही प्यार आया मुझे लगा जैसे मेरा ही अंग मुझसे बिछड़ गया था जो आज मुझे फिर से मिल गया ..

अन्नू की जुदाई में मैं कैसा हो गया था किसी पागल शैतान की तरह हरकते कर रहा था , वो भी अजीब लड़की थी एक तरफ तो वो चाहती थी की मैं जिम्मेदारी निभाऊ और दूसरी ही ओर वो मुझे किसी के साथ भी बांटना नहीं चाहती थी , जब मैंने कोकू को सौतन कहा तो उसकी आँखों में जलन , गुस्सा और प्रेम एक साथ टपकने लगा , उसके मासूम चहरे को मैंने झुककर एक किस किया , लेकिन उसने मुझे खुद से दूर कर लिया ..

सामने खड़ी कोकू भी ये सब देख कर मुस्कुरा रही थी वो मेरे पास आई और अन्नू के चहरे को अपने हाथो से उठा कर उसे देखने लगी …

“सच में तुमसे बहुत प्यार करती है कुवर , और तुम भी इससे बहुत प्यार करते हो , लेकिन अन्नू ये जान लो की प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं होता , और प्यार पर किसी एक का अधिकार नही होता , मैं भी कुवर से बेहद प्यार करती हु और शायद कुवर भी “

वो इतना बोलकर मुझे देखने लगी , मैं ये फैसला नहीं कर पा रहा था की क्या मैं भी सच में कोकू से प्यार करता हु , मेरा प्यार तो सिर्फ अन्नू के लिए था …. लेकिन मैं इस बात से भी इंकार नहीं कर सकता की कोकू के लिए मेरे दिल में एक खास जगह थी ,

उसका स्नेह उसका समर्पण मुझे हमेशा से अपनी ओर खींचता था …

“मैं अपने प्यार को नहीं बाँट सकती “

अन्नू फिर से मुझसे चिपक गई , वो ऐसे बर्ताव कर रही थी जैसे किसी बच्चे से उसका खिलौना मांग लिया गया हो …

उसे देख कर कोकू हँस पड़ी

“प्यार को कोई बाँट सकता है भला ??? क्या ये प्यार नहीं की मैं तुम्हे कुवर के साथ देख कर खुश हु , क्या ये प्रेम नहीं की कुवर के जान के खतरे का अंदेशा ही हुआ और मैंने खुद की प्रण तोड़ दिया , मैं कभी अपनी शक्तियों का फिर से उपयोग नहीं करना चाहती थी लेकिन मैंने किया , मैं तो सब छोड़ कर कुवर के प्रेम में जोगन बन जीवन भर यु ही रहना चाहती थी , क्या ये प्रेम नहीं की मैं अपने प्रेम की प्रेमिका को उनके यंहा उससे मिलवाने ले आई … क्या ये प्रेम नहीं की मैं नहीं चाहती की मेरे कुवर की प्रेमिका उसके ही जान की दुशमन बन जाए “

कोकू की कुछ बाते मुझे समझ आई कुछ नहीं लेकिन अन्नू पर उसकी बातो का एक असर जरुर दिख रहा था , उसकी पकड़ मुझसे थोड़ी कम होने लगी ..

“कुवर की जान को खतरा ???”

उसने मुझे और उसे बारी बारी से देखते हुए कहा

“हा अन्नू आज अगर कोकू नहीं होती तो शायद जिन्दा नहीं होता ..”

मैंने पूरी कहानी अनु को सुनाई वो पहले मुझसे जी भर कर लिपट कर रोई , उसने कई बार मुझसे माफ़ी मांगी की वो मुझे यु छोड़कर चली गई थी ..

फिर वो कोकू की तरफ मुड़ी और सीधे उसे गले से लगा लिया ….

“तुम जो भी हो तुमने मेरे जान की जान बचाई है , मैं तुम्हारा ये अहसान जीवन भर नहीं उतार पाऊँगी “

कोकू भी उसकी इस बात पर मुस्कुराने लगी

“अरे पगली तो सिर्फ तुम्हारा ही जान थोड़ी ना है , उसमे तो मेरी भी जान बसती है , उसने ही मुझे आजाद किया था , मुझे हर बंधन से मुक्त किया “

अन्नू को शायद कुछ समझ ना आया हो लेकिन वो फिर से कोकू के गले से लग गई …

“आखिर तुम हो कौन ??”

कोकू मुस्कुराई और हमें पहले झोपडी के अंदर आने का निमंत्रण दिया ..

झोपडी के अंदर आते ही हमारी आँखे फट गई , ये क्या कोई महल था , दरवाजे के बाहर तो वो एक सामान्य से घास की झोपड़ी थी लेकिन अंदर वो एक महल जैसा था , इतना बड़ा और विलासता से भरा हुआ ..

“ये कैसे हुआ “

अन्नू ने मुझे पकड लिया था ,पहले वो इस झोपडी के अंदर थी तो वो केवल एक खाली कमरा था , अब एक महल इसके अंदर था आखिर ये हो क्या रहा था ..??

मैं हँस पड़ा

“फिक्र मत करो , अंदर चलो ये सब कोकू का किया धरा है , अंदर चलकर सब बताता हु “

हम वंहा एक आलीशान सोफे में बैठ गए , कोकू ने हाथ घुमाया और हमारे सामने खाने पीने की कई चीजे आ गई , सामने सोने के नक्कासी किये हुए तीन ग्लास थे और एक कांच की बोतल में मदिरा ..

मैंने सभी के लिए पेक बनाया ..

फिर मैंने अन्नू को सारी कहानी बताई की कैसे मैं और कोकू मिले थे , अन्नू बस आँखे फाडे सब सुन रही थी लेकिन अंत में वो मेरे गले से लग गई ..

“आई ऍम प्राउड ऑफ़ यु माय बॉय … मेरा सोना बच्चा “

उसने मेरे गाल पर एक जोरदार किस किया और फिर कोकू को देखने लगी ,

“आपने मुझे यंहा क्यों लाया , आप कह रही थी की मैं कही इनकी दुश्मन ना बन जाऊ , आखिर बात क्या है ??”

मैंने ये बात नोटिस की कि अन्नू अब कोकू को आप से संबोधित कर रही थी , पहले तो कोकू को तुम ही कह रही थी …

अन्नू की बात सुनकर कोकू मुस्कुराई

“तुम्हारे जाने से कुवर पागल से हो गए थे , और इसका इलाज जानने के लिए वो डॉ चुतिया के पास जाने वाले थे , मुझे पता था की डॉ चुतिया को वो पुरानी जादू की किताब मिल गई है और वो भखलंड शैतान और चुदैल चुडैलो के बारे में जानते है , उसी किताब का सहारा लेकर चमन चुतिया ने मुझे आजाद करवाया था ,

डॉ के पास जाने का मतलब था की वो सभी को उन चुड़ैल प्रजातियों के बारे में बताएगा , और सभी के दिमाग में कुवर को रोकने के लिए एक ही नाम आएगा , वो था अन्नू का , लेकिन मुझे पता था की कुवर के दुश्मन कभी नहीं चाहते की कुवर के पास ताकते रहे , और इसलिए वो अन्नू को कुवर के खिलाफ जाकर काम करने को भड़का सकते थे , शायद मैं गलत भी हो जाऊ लेकिन मैं नहीं चाहती थी की कोई भी कुवर के लिए चुदैल चुड़ैल बने क्योकि इससे कुवर को काबू किया जा सकता है , और काबू होना भखलंडो के लिए अच्छा नही होता , वो तो बिना किसी काबू के खुले सांड की तरह घुमने के लिए ही बने हुए है , इसलिए ही मैंने सपने में आकर कुवर को अपनी शक्तियों को खुला छोड़ने को कहा …

लेकिन कुवर तो पहले ही किसी के प्यार में पड़ चुके थे , ये बात मैं भूल गई थी , प्यार का बिछड़ना कुवर के लिए भारी हो गया और इससे गांव में आतंक मच गया ..

कुवर को काबू में रखने के लिए किसी चुड़ैल की जरुरत ही नहीं है वो तो अन्नू साथ रहे तो कुवर खुद ही काबू में रहेगा ,लेकिन ये बात दुनिया को कैसे समझाई जाए , दुनिया प्यार और उसकी ताकत को कहा कभी जान पाया है …. अगर अन्नू चुदैल चुड़ैल बनने के लिए मान भी जाती तो मैं फिर कुछ नहीं कर सकती थी ,और अन्नू अम्मा की बात मान ही जाती इसलिए सोचा की पहले इसी को उठा लिया जाय हा हा हा “

वो हँसने लगी साथ ही अन्नू भी …

“ठीक किया दीदी आपने , मैं अम्मा की बात को इनकार नहीं कर पाती “

अन्नू ने हँसते हुए कहा

“दीदी ??”

मैंने अन्नू को आश्चर्य से देखा , वो शर्मा गई और मेरे सीने में अपना सर रख लिया ..

“जो आपसे इतना प्यार करे मैं उसे कैसे आपसे दूर कर सकती हु , दीदी ने सही कहा प्यार केवल पाने का नाम नहीं है , वो आपसे बिना कुछ पाने की उम्मीद किये प्यार करती है , लेकिन मैं कितनी स्वार्थी हु जो बस खुद का सोचती हु , मैंने आपकी इक्छा को कभी नहीं समझा मुझे माफ़ कर दो , अब से मैं कभी आप पर काबू करने की कोशिस नहीं करुँगी , आपको आपका शैतान और उसकी शैतानी जैसे चलानी हो चलाओ , बस मेरे साथ रहो “

उसके आँखों में आंसू थे, होठो में मुस्कान और नजरो में अथाह प्रेम , मैंने उसे अपने सीने से लगा लिया , कोकू भी हमारे पास आ गई थी उसने भी हम दोनों को अपने बांहों में भर लिया …

“शुक्रिया मेरी बहन “

उसने प्यार से अन्नू के गालो को सहलाया ……………

***********************************

इधर …बलवंत की हवेली में

गुंजन के बाल बिखरे हुए थे, आँखों का काजल फैला हुआ था , आँखे जी शुन्य में कही खो गई हो , वो एक कुर्सी में सर गडाए बैठी थी …

सामने बैठे बलवंत और अब्दुल उसकी कहानी सुन रहे थे …

“आखिर वो थी कौन ???”

बलवंत ने पूरी बात सुनकर कहा

“मुझे नही पता लेकिन ऐसी ताकत मैंने आज तक नहीं देखी है , अगर कुवर ना होता तो वो मुझे अपने उंगली के एक इशारे से मार देती “

गुंजन बोल तो रही थी लेकिन वो अभी भी खोई हुई थी

उसकी बात सुनकर बलवंत और अब्दुल के माथे पर बल पड़ गए , बड़ी मुश्किल से तो उन्होंने गुंजन को अपने झांसे में लाया था और फिर गुंजन ने अंकित को अपने झांसे में लाया ,उनके आँख का कांटा आज मिट ही जाता लेकिन अब ये नै मुसीबत सामने आ गई थी …

“क्या हो सकता है ??“

बलवंत ने अब्दुल की ओर देखा

“क्या पता ?? शायद डॉ चुतिया बता पाए “ अब्दुल ने कहा लेकिन उसकी बात सुनकर बलवंत गुस्से में भर गया

“पागल हो क्या जो उस चुतिया के पास जाओगे , अगर उसे ये सब बताया ना तो हम ही मरेंगे , वो अम्मा और कुवर का शुभचिंतक है उससे ये बात नहीं पूछ सकते , और ये साली अन्नू कहा चली गई आखिर ??”

वो झल्लाया

“अन्नू ?? आखिर आपको अन्नू क्यों चाहिए ??”

गुंजन अन्नू का नाम सुनकर बोल उठी

अब्दुल ने उसे चुदैल चुड़ैल के बारे में बताया , उसकी बात सुनकर गुंजन जोरो से हंसने लगी थी …

“अब इसे क्या हुआ “ बलवंत जो की पहले से परेशान था गुंजन की इस हरकत से और भी चिढ ग्या

“अब मैं बनूँगी चुदैल चुड़ैल “ उसने सर उठा कर कहा

बलवंत और अब्दुल को लगा की ये पागल हो गई है …

“अरे मंद बुद्धि जो कुवर से प्यार करता हो वही ये काम कर सकती है और तुम तो उसे मारना चाहती थी “

गुंजन फिर से हँस पड़ी लेकिन उसकी हँसी में एक दर्द भी था …

‘मैं उसे इतना प्यार करती हु की मैंने उसका गला काटने से पहले भी नही सोचा , जो प्यार खून तक बहा दे उससे ज्यादा प्यार और क्या होगा ?”

उसकी बात और हरकत देखकर दोनों चौक गए थे ..

“मतलब ??”

अब्दुल ने हडबडी में कहा

“कुवर से मैं हमेशा से प्यार करती हु ,लेकिन वो कमीना कभी मुझे सर उठा कर देखता भी नहीं था और उसका ये भोलापन मेरा प्यार उसके लिए और भी बढ़ा देता , कई बार मैंने उसे अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिसे की लेकिन वो रहा बुद्धू का बुद्धू , फिर से शैतानी ताकते मिली , मैंने सोचा की अब मेरा प्यार सफल हो जायेगा लेकिन … उस कमीने ने खुद की जगह मेरे बेटे के जैसे देवर से मेरा सम्भोग करवा दिया , उसने मेरे प्यार का अपमान किया था , उसके बाद भी मैं सब सह गई , मैं कभी नहीं चाहती थी की वो शैतान बने , मैं टी अंकित को शैतान बनाना चाहती थी फिर भी ये सोच कर खुश थी की कम से कम कुवर अब मुझे प्यार नहीं तो सम्बोग का सुख तो देगा , मैं उसे ही प्यार समझ कर खुश रह लुंगी , लेकिन नहीं उसने मुझे धोखा दे दिया , फिर भी जब उसके जान पर बन आई तो अपने जिस्म उसे सोपने वाली स्त्रियों में मैं भी थी , मैंने उससे सम्भोग का सुख लिया और उसे मिली शैतानी शक्तिया , मैं उस सम्भोग के सुख को नहीं भूल पाई , अंकित से दिन रात सम्भोग करवाने के बाद भी मुझे कुवर का प्यार चाहिए था , प्यार नहीं तो कम से कम वो मुझसे सम्भोग तो करता , लेकिन नहीं वो दूसरी ओरतो में मस्त रहा मुझे देखा तक नहीं , तब मैंने फैसला कर लिया की मैं उसके अंदर के शैतान को मार दूंगी और मुझे फिर से मेरा भोला कुवर मिल जायेगा , और उसकी जगह शैतानी शक्तिया अंकित को मिलेगी , सम्भोग में अंकित मुझे शांत करता और प्रेम में कुवर लेकिन कुदरत को ये भी मंजूर नही था , लेकिन मैं हार नहीं मान सकती अभी मेरे पास एक मौका और है “

उसकी बात सुनकर बलवंत और अब्दुल एक दुसरे को देखने लगे , उन्होंने गुंजन से यही कहा था की कुवर की बलि देने से उसका शरीर नहीं बल्कि उसके अंदर का शैतान मरेगा , गुंजन भी उनके बातो में आ गई थी , लेकिन गुंजन के दिल में क्या था ये अभी तक किसी को पता नहीं था …

कमरे में शांति थी , बलवंत उठ खड़ा हुआ …

“अगर ये सच है और तुम कुवर से प्रेम करती हो तो बधाई हो वो तुम्हारा होने वाला है , अब्दुल किसी अच्छे से तांत्रिक से मिलो और गुंजन को चुदैल चुड़ैल बनाने का इंतजाम करो “

लेकिन उसी समय उनके कमरे के बाहर खड़ी रामिका ये सब सुन रही थी , उसे इतना तो पता था की उसके पिता कुवर के जान के दुश्मन है लेकिन उसका होने वाला पति अब्दुल भी …

उसके आँखों में आंसू थे और दिल में एक निश्चय

“तू क्या कुवर को प्यार करेगी कमिनी , ये बलिदान मैं दूंगी मैं बनूँगी चुदैल चुड़ैल “

उसने अपने मन में एक संकल्प कर लिया था …………..

To be Continued

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“अगर ये सच है और तुम कुवर से प्रेम करती हो तो बधाई हो वो तुम्हारा होने वाला है , अब्दुल किसी अच्छे से तांत्रिक से मिलो और गुंजन को चुदैल चुड़ैल बनाने का इंतजाम करो “

लेकिन उसी समय उनके कमरे के बाहर खड़ी रामिका ये सब सुन रही थी , उसे इतना तो पता था की उसके पिता कुवर के जान के दुश्मन है लेकिन उसका होने वाला पति अब्दुल भी …

उसके आँखों में आंसू थे और दिल में एक निश्चय

“तू क्या कुवर को प्यार करेगी कमिनी , ये बलिदान मैं दूंगी मैं बनूँगी चुदैल चुड़ैल “

उसने अपने मन में एक संकल्प कर लिया था …………..

भाभियों का रहस्य | Bhabhiyon Ka Rahasya | Update 30

प्रेम और जिद दो ऐसी चीजे है जो जीवन में कुछ भी करवा सकती है .

एक तरफ मेरा अन्नू और कोकू का प्रेम था तो दूसरी ओर गुंजन और रामिका की जिद ..

हा वो जिद प्रेम के कारण ही थी लेकिन प्रेम की अभिव्यक्ति अलग थी , कोई मेरे लिए खुद को समर्पित करना चाहता था तो कोई मुझे पाना चाहता था ,

मैं इन दोनों ही बातो से अनजान कोकू और अन्नू के साथ बैठा हुआ था , किसी राजा की तरह एक बड़े से सिहासन नुमा सोफे में और मेरे दोनों ओर मेरी दो रानियाँ थी एक तरफ कोकू तो दूसरी ओर अन्नू , अब दोनों के मन में एक दूजे के लिए सम्मान और प्रेम के भाव थे , वो दोनों ही मुझे अपना प्रेम समर्पित करने को आतुर थे बदले में उन्हें कुछ भी नहीं चाहिए था , ये उनका सच्चा प्रेम था और मैं उन खुशनसीबो में खुद को मानता था जिन्हें सच्चा प्रेम नसीब होता है …

कभी कोकू मेरे गालो को चूमती तो कभी अन्नू और मैं बस मुस्कुरा कर उनके प्रेम को महसूस कर रहा था ..

************

इधर हवेली में अफरा तफरी मची हुई थी , अम्मा बुरी तरह से बेचैन थी

“क्या मतलब है की उड़ा के ले गई “

उन्होंने गुस्से में अंकित से पूछा

“सच में अम्मा पता नहीं वो कौन ही कहा से आई थी लेकिन कुवर उसके साथ खुद की मर्जी से गए है , वो कुवर को उड़ा के ले गई “

अम्मा को कुछ भी समझ नही आ रहा था एक तरफ तो अन्नू अपने घर से गायब थी और दूसरी ओर कुवर भी गायब … अम्मा ने सीधे डॉ को फोन लगा दिया ..

थोड़े देर बात करने के बाद वो शांत हुई ……

***************************

इधर एक देशी शराब के अड्डे में

डॉ चुतिया अपने दोस्त तांत्रिक चमन चुतिया और एक और शख्स के साथ बैठे थे

“आखिर अन्नू गई कहा होगी चमन और अब कुवर भी गायब है , कोई किसी को उड़ा कर कैसे ले जा सकता है “

चमन चुतिया ने अपने नारंगी का एक बड़ा पैक बनाया , एक बार उसे सुंघा और फिर बिना ही पानी डाले सीधे अपने गले से उतार लिया ..

“आह मजा ही आ गया आकाश भाई …नागपुर की नारंगी दिल खुश कर देती है ”

बाजु में बैठा एक सीधा साधा सा दिखने वाला नौजवान आकश बस मुस्कुरा कर रह गया

“बाबा जब से आये हो 3 बोतल गटक चुके हो अब तो मेरी मेडम से मेरी सेटिंग करवा दो “

आकाश की भोली आँखों में उम्मीद की एक किरण थी वो चमन के पास बड़ी उम्मीद लगा कर बैठा था …

“करवा देंगे इतनी भी क्या फिक्र है तुम्हे , जाओ एक और बोतल ले का आओ “

आकाश ने गुस्से से चमन को देखा और फिर उठ कर दारू लेने चला गया ..

“डॉ साहब ये उस चुड़ैल का काम हो सकता है जिसे कुवर ने आजाद करवाया था , तो जस्ट चील और पे माय बिल …”

डॉ ने उसे गुस्से से देखा

“भोसड़ी के चमन , अपना बिल पे करने के लिए तो तूने ये मासूम सा नौजवान फंसा कर ही रखा है अरे कर दे ना इसका काम “

चमन दांत दिखा कर हँसने लगा

“यु नो इट्स वेरी डेंजरस , ये अपनी कालेज की प्रोफ़ेसर से ही प्यार करता है , अब मैं कैसे उसकी सेटिंग करवाऊ …??”

“तू वो सब छोड़ अगर अन्नू चुदैल चुड़ैल ना बन पाई तो और कौन कुवर को रोकेगा “

चमन जोरो से हँसने लगा

“उसे रोकने की क्या जरुरत है , प्रकृति का संतुलन बना रहना चाहिए , कुवर को कई महिलाओ की गोद भरनी है तो उसे ऐसा होना ही होगा , खुले सांड की तरह जिसे पाया पेल दिया “

डॉ को लगा की चमन के पास आना ही फिजूल है लेकिन तभी उसका फोन बज उठा , सामने से जो उसने सुना उसे सुनकर उसके बांछे खिल गई …

“चल जल्दी उठ चुदैल चुड़ैल बनने के लिए एक लड़की मिल गई …”

“कौन ??”

“रामिका “

“बलवंत की बेटी ???”

“हा “

“लेकिन ??”

“उठेगा या यही तेरी गांड में सरिया घुसा दू “

डॉ ने गुस्से से चमन को देखते हुए कहा तब तक आकश भी एक नारंगी की बोतल ले कर आ गया था …

“डॉ बस इसे तो पीने दे यार “

डॉ ने एक बार दोनों को देखा

“चल जल्दी कर “

चमन ने सीधे बोतल का ढक्कन खोला और मुह से लगा कर एक ही साँस में पूरा दारू अंदर कर लिया …

“आह मजा आ गया बेटा , फिक्र मत कर तेरी मेडम तेरे बिस्तर में होगी जल्द ही “

इतना कहकर वो उठा और डॉ के साथ हो लिया …

****************************

कोकू की झोपडी में …

बाहर से जो झोपड़ी थी वो अंदर से एक आलीशान महल था मेरी दोनों प्रेमिकाए मेरे बांहों में झूल रही थी , मैं दुनिया की टेंशन से दूर उनके प्रेम में खोया हुआ आराम से बैठा उन्हें महसूस कर रहा था ,

अन्नू उठकर मेरे गोद में आ गई और मेरे मुह में मुह डालकर मेरे जीभ को चूमने लगी , कोकू भी ये देखकर उत्तेजित होने लगी थी , मैं और अन्नू दोनों ही एक दुसरे के मुह को खाने को आतुर थे , वही कोकू भी मेरे जिस्म को हलके हाथो से सहला रही थी …

कुछ ही देर में अन्नू ने अपने कपडे एक एक करके उतार दिए साथ ही कोकू ने भी मेरे और अपने कपडे उतार दिए , हम तीनो एक एक दुसरे में गुथने को तैयार थे , अन्नू अब भी मेरे गोद में बैठी हुई थी उसने मेरे लिंग को अपने हाथो से सहलाया और खुद थोडा उपर उठकर उसे अपनी योनी में प्रवेश करवा दिया , मैं आनंद की तरंगो से झूम उठा , मेरा सख्त लिंग उसकी योनी की चिपचिपाहट से और भी सख्त होने लगा था , वही कोकू भी मेरे बदन को चूम रही थी उसने बस एक इशारा किया और हम तीनो हवा में थे , कोकू मेरे पीछे आकर मुझे जकड़ चुकी थी , एक तरफ अन्नू मेरे गोद में थी वही कोकू पीछे से मुझे सहला रही थी ,

अन्नू की उत्तेजना बढ़ने लगी और वो जोरो से मेरे गोद में उछलने लगी उसे इस बात का आभास ही नहीं था की हम अभी हवा में लटके हुए है , लेकिन वो मस्त होकर सम्भोग का आनन्द उठा रही थी , वही कोकू मेरे पुरे बदन पर अपने प्यार की निशानी छोड़ने में व्यस्त थी , वो मेरे जिस्म के हर हिस्से को चाटती और अपने जीभ से उसे गिला कर देती ..

सम्भोग के सुख में मैं भी मस्त हो चूका था , मैंने अन्नू को अपने गोद से उठा कर सुला दिया , वो हवा में ही सोई हुई थी वही मैं उसके दोनों पैरो को अपने कंधे में रखकर पुरे जोर से धक्के लगाने लगा ,

‘आह जान आह ‘

सिसकिया और आंहे तेज होने लगी मैं पूरी कोशिस कर रहा था की मैं जल्द से जल्द अपनी मंजिल तक पहुच जाऊ और इसलिए मैं पुरे ताकत से झटके लगा रहा था वही कोकू बस हमें मुस्कुराते हुए देखने लगी , दो प्रेमियों को प्रेम में डूबा हुआ देखना भी एक अलग ही आनन्द लाता है , वो अन्नू के बालो को सहला रही थी अन्नू अपनी उत्तेजना के चरम पर थी और हर धक्के के साथ खुले दिल से चिल्ला रही थी …

वीर्य की एक गाढ़ी धार मेरे लिंग से होते हुए उसके योनी में जाने लगी ..

मैं जोरो से मजे में चीखा …अन्नू ने भी मुझे खुद में समाने के लिए अपने पैरो को मेरे कमर में जोरो से जकड़ लिया था हम दोनों ही एक साथ झरने लगे थे …एक तूफ़ान सा शांत होने लगा और मैं अन्नू के उपर ही गिर गया …

कुछ ही देर हुए थे की मुझे मेरे लिंग में फिर से गीलेपन का अहसास हुआ , ये कोकू थी जिसने मेरे लिंग को अपने मुह में समां लिया था , वो बड़े ही मनोयोग से उसे चूस रही थी …

अन्नू को भी ये आभास हुआ

“हम हवा में लटके है “

उसने आँखे खोलते हुए कहा , और फिर बड़ी बड़ी आँखे किये कोकू को देखने लगी ,

मेरे अंदर की शक्ति इतनी थी की एक दो बार नहीं कई बार वीर्य का स्खलन करने के बाद भी मेरा लिंग वैसा ही तना हुआ रहता , अन्नू के सामने एक मादक नजारा था जन्हा उसके प्रेमी का लिंग एक दूसरी प्रेमिका के मुह में था , लेकिन अन्नू को आज जलन नहीं हुई बल्कि उसने बड़े ही प्रेम से भरकर कोकू के बालो को सहलाया …

“मेरे दीदी को वही तृप्ति को जो आपने मुझे दिया “

उसने मुस्कुराते हुए कहा

मैं मजे में अपनी आँखे बंद कर चूका था , अन्नू मेरे पास आई और मेरे होठो को अपने होठो में भर लिया ..

कोकू भी उठ बैठी थी हम तीनो में हवा में बैठे हुए थे और कोकू ने मेरा लिंग अपनी योनी में डाल लिया ..

हम आकाश में और भी उपर उठ गए , अब ना महल था ना ही कोई झोपडी हम बदलो की सैर कर रहे थे , मैं और कोकू सम्भोग में मगन थे वही अन्नू आश्चर्य से कोकू की ये ताकत देख रही थी , वो बदलो तक उपर उठ चुकी थी दूर दूर तक कई पर्वत शिखर दिखाई पड़ रहे थे , निचे जमीन का दिखना भी बंद हो चूका था वही कोकू और मेरा सम्भोग भी जोरो से शुरू हो चूका था , हम दोनों ही एक दुसरे के जिस्म से गुथे जा रहे थे ..

कभी वो मेरे उपर होती तो कभी मैं उसके उपर ये कोई नार्मल सम्भोग नहीं था, हम दोनों ही एक दुसरे पर हावी हो जाते और पूरी ताकत लगा कर धक्के मारते , कभी कभी अन्नू हमें देख कर हँस पड़ती , मैं अब अपने चरम के नजदीक आ चूका था , मैंने वीर्य की धार छोडनी शुरू की कोकू ने भी अपने पैरो को मेरे कमर में बाँध कर इसका स्वागत किया , मैंने अन्नू को अभी अपने पास खिंच लिया था , हम तीनो एक दुसरे के होठो को चूम रहे थे ……

कोकू ने अन्नू को अपनी ओर खिंच लिया और उसके होठो में अपने होठो डालकर जोरदार चुम्मन दिया …

अन्नू के चहरे में शर्म की रेखा खिंच गई थी …

“दीदी आप भी “ वो शरमाते हुए बोली

“अब हम तीनो अलग नहीं है हम एक ही है “ कोकू की आँखों में हल्का पानी था , मेरे हाथ दोनों की कमर पर थे मैं उन्हें हलके से सहला रहा था मैंने दोनों को अपने ओर खिंच कर खुद से सटा लिया …

“बहुत हुआ हवा में उड़ना , अब बिस्तर में सामान्य इंसानों की तरह सोते है , मुझे आज मेरी प्रेमिकाओ को रात भर भोगना है “

मेरी बात सुनकर जन्हा कोकू मुस्कुरा उठा वही अन्नू ने शर्मा कर अपना सर मेरे कंधे में रख दिया ……………

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इधर अब्दुल बलवंत के पहुचा वो बहुत ही खुश दिखाई दे रहा था …

“ठाकुर एक काबिल तांत्रिक मिला है , ये वही है जिसने कुवर को शक्तिया देने में मदद की थी “

“कौन ??”

“चमन चुतिया नाम है उसका , 10 लाख रूपये और शहर में एक बार का टेंडर मांग रहा है मैंने हां कह दिया है “

बलवंत ने थोड़ी शंका से अब्दुल को देखा

“क्या ऐसा लालची आदमी हमारा इतना महत्वपूर्ण काम कर पायेगा ???”

अब्दुल हँसने लगा

“मैंने पता किया है , ये डॉ चुतिया का ही दोस्त है लेकिन एक नंबर का लालची और दारुबाज , लेकिन है बहुत काम का आदमी , इसने ही कुवर को कोमा से उठा कर एक बलशाली जवान बना दिया , इसने ही उसमें शैतानी शक्तियों को समाने का मार्ग दिखाया था ,पैसो के लिए ये कुछ भी कर सकता है , इसने गुंजन को इस पते पर भेजने के लिए कहा है , दो दिनों का काम है बस “

“हम्म हमें भी गुंजन के आस पास ही रहना होगा “

“नहीं ठाकुर साहब चमन ने इस बात की सख्त हिदायत दी है की गुंजन के अलावा वंहा कोई नहीं आएगा , ऐसा ही कुछ कुवर के केस में भी किया गया था “

ठाकुर कुछ देर तक कुछ सोचता है …

“ठीक है कब भेजना है उसे “

“5 दिनों के बाद अमावस्या होने वाली है वही दिन सबसे अच्छा होगा “

बलवंत ने भी हां में सर हिला दिया

To be Continued

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