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Incest चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra

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टीना दीदी और देव की तबियत ठीक नही है कह कर उन्होंने ने भी मना कर दिया। मैंने सोचा कि मैं भी क्या करूँगा जा कर, यहाँ ही दीपिका दीदी, टीना दीदी या देव किसी की तो गाँड़ मारूँगा, तो मैंने भी मना कर दिया।

बाकी सब लेक पर जाने के लिए निकल गए और हम जो नही गए वो रह गए थे।

सुदीप जीजाजी, सोना दीदी, मोना दीदी, गौरव जीजाजी, व्योम भैया, हिमांशी भाभी, अनिल भैया और सपना भाभी ये सब एक कमरे में घुस गए।

दीपिका दीदी, विकास जीजाजी, दीपक भैया और नाविका भाभी, ये चारों एक कमरे में घुस गए।

प्राची दीदी, सुमित जीजाजी, ग़ज़ल दीदी, अंकित जीजाजी एक कमरे में घुस गए।

चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra | Part 40

मैंने सोचा अब मैं क्या करूँ, तो मैं टीना दीदी और देव के पास गया। मैं जाते ही टीना दीदी जो बेड पर लेटी हुई थी, उसके ऊपर चढ़ गया, दीदी मुझे अपने से हटाने लगी।

टीना दीदी- राज, छोड़ दे मुझे मेरी पूरे शरीर मे दर्द हो रहा है। अब 2 दिन मैं कुछ नही करूंगी। देख मेरे बूब्स भी तूने लाल कर दिए और चुत भी सूजा दी।

प्लीज मेरे भाई, अपनी बहन पर तरस खा।

राज- ठीक है दीदी, मेरा लन्ड ही चूस लो।

टीना दीदी- नही भाई, मेरी सच मे कुछ करने की हिम्मत नही है।

राज- ठीक है।

फिर मैंने देव को कहा।

राज- देव, तू ही चूस ले मेरा लन्ड।

देव - नही

राज(हँसते हुए)- चल गाँड़ ही मरवा ले।

देव(गाली देते हुए)- बहनचोद, अब मेरी गाँड़ का नाम भी लिया तो तेरी गाँड़ फाड़ दूंगा, साले अपनी बहन की गाँड़ मार।
फिर मैंने सोचा साला रुकना बेकार हो गया, इस से अच्छा तो लेक पर ही चला जाता। मैं रूम से बाहर निकल गया और सुदीप जीजाजी वाले रूम की साइड गया तो वहां रूम से चुदाई की आवाजे आ रही थी, मैंने की होल से अंदर देखा तो सुदीप अनिल भैया सोना दीदी को, सुदीप जीजाजी सपना भाभी को, व्योम भैया मोना दीदी को और गौरव जीजाजी हिमांशी भाभी को चोद रहे थे। इस सभी ने बहुत दारू पी हुई थी।

फिर मैं वहां से प्राची दीदी और ग़ज़ल दीदी वाले रूम में गया तो वो भी अपने पति आपस में बदल कर चुदाई लर रही थी, ये दोनों तो पहले भी बहुत बार अपने पति बदल कर चुदाई कर चुकी थी।

फिर मैं दीपिका दीदी के रूम वाली साइड गया, और उनके की होल से देखा कि दीपिका दीदी, जीजाजी, दीपक भैया, नविका भाभी चारो बिल्कुल लगे बैठे दारू पी रहे है। मैंने देखा दीदी की बड़ी गाँड़ क्या कमाल लग रही थी, नविका भाभी भी कुछ कम नही है, उनकी गाँड़ भी बहुत मस्त गोरी थी। फिर नाविका भाभी और दीपिका दीदी दोनो खड़ी हुई, और टी वी पर अपना चौधरी के गानो पर डांस करने लगी। फिर दोनों एक दम से पलटी ओर सपना चौधरी की तरह गाँड़ हिलाने लगी।

दीपिका दीदी की गाँड़ तो पूरी राइट लेफ्ट हिल रही थी, उनकी गाँड़ का छेद भी पूरा खुला हुआ दिख रहा था। नविका भाभी की गाँड़ भी मस्त हिल रही थी, फिर जीजाजी और दीपक भैया खड़े हुए तो जीजाजी का लन्ड करीब 8 इंच और भैया के 6 इंच रॉड की तरह खड़े थे। भैया दीदी के पास गया, औऱ नीचे बैठ कर दीदी की चुत चाटने लगे। जीजाजी ने नाविका भाभी को उठा कर बेड पर पटक दिया, और उनके ऊपर चढ़ गए। ये सब देख मेरा दिमाग खराब हो रहा था।

To be Continued

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फिर मैं दीपिका दीदी के रूम वाली साइड गया, और उनके की होल से देखा कि दीपिका दीदी, जीजाजी, दीपक भैया, नविका भाभी चारो बिल्कुल लगे बैठे दारू पी रहे है। मैंने देखा दीदी की बड़ी गाँड़ क्या कमाल लग रही थी, नविका भाभी भी कुछ कम नही है, उनकी गाँड़ भी बहुत मस्त गोरी थी। फिर नाविका भाभी और दीपिका दीदी दोनो खड़ी हुई, और टी वी पर अपना चौधरी के गानो पर डांस करने लगी। फिर दोनों एक दम से पलटी ओर सपना चौधरी की तरह गाँड़ हिलाने लगी।

दीपिका दीदी की गाँड़ तो पूरी राइट लेफ्ट हिल रही थी, उनकी गाँड़ का छेद भी पूरा खुला हुआ दिख रहा था। नविका भाभी की गाँड़ भी मस्त हिल रही थी, फिर जीजाजी और दीपक भैया खड़े हुए तो जीजाजी का लन्ड करीब 8 इंच और भैया के 6 इंच रॉड की तरह खड़े थे। भैया दीदी के पास गया, औऱ नीचे बैठ कर दीदी की चुत चाटने लगे। जीजाजी ने नाविका भाभी को उठा कर बेड पर पटक दिया, और उनके ऊपर चढ़ गए। ये सब देख मेरा दिमाग खराब हो रहा था।

चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra | Part 41

मैं टीना दीदी के रूम में गया, ओर जाते ही नंगा हो गया।

फिर मैंने टीना दीदी को नंगा कर दिया और उस के ऊपर चढ़ गया। टीना दीदी चिल्लाने लगी- छोड़ दे मुझे।

पर मैं नही माना और अपना लन्ड उसकी चुत में घुसा दिया और धक्के मारने लगा। टीना दीदी रोने लगी पर मैं उसको चोदता रहा। आधा घंटा चोदने के बाद मैं उसकी चुत में ही झड़ गया।

वो रो रही थी, पर मुझसे नाराज नही थी। उसको और देव को बहुत दर्द हो रहा था, तो मैने उनसे बोला कि 2-2 पेग मार लो, दर्द कम हो जाएगा। वो दोनों मान गए, तो मैने दारु की बोतल, पानी और चखना मंगवा लिया रूम में।

हम तीनों दारू पीने लगे। उन दोनों के दो पेग हुए थे, मैं चार पेग मारा गया तब तक। फिर वो दोनों 1 पेग ओर मार कर सो गए। उनके सोने के बाद मैं दीपिका दीदी के रूम के पास गया और की होल से देखा कि जीजाजी नाविका भाभी को चोद रहे है, और दीदी दीपक भैया का लन्ड चूस कर खड़ा करने की कोशिश कर रही है, क्योंकि भैया उनको चोदने से पहले ही झड़ गए थे। दीदी 15 मिनट लन्ड चुसती रही, भैया का लन्ड खड़ा नही हो रहा था। तो दीदी निराश होकर साइड में बैठ गई।

दीपिका दीदी- साले भड़वे, तेरे लन्ड में दम नही है क्या।

तभी मेरे फ़ोन की रिंग बजी, मैंने देखा लता मौसी का फ़ोन था।

मैंने फ़ोन उठाया।

राज- हेलो

लता मौसी- बेटा कहाँ है तू।

राज- होटल में।

मौसी- ठीक है, तैयार हो कर होटल के नीचे आ जा, मैं आधे घंटे में आ रही हूँ। कोई जरूरी काम हो गया मुझे, तू चल मेरे साथ।

राज- ठीक है मौसी।

मैं सोचते हुए टीना दीदी के रूम की तरफ गया- साला आज तो मूड की माँ ही चुद गयी, न चुत मिली ढंग से न गाँड़ मिली, अब ये बूढ़ी दारू भी नही पीने देगी ढंग से।

रूम में पहुंचते ही मैं सबसे पहले दारू जो पड़ी थी, 4 पेग थे, वो पी गया 2 डबल पेग बना कर। फिर वेटर को बुला कर रूम साफ करवा दिया।

टीना दीदी और देव सो रहे थे, फिर मैं अपने रूम में गया, और तैयार होकर होटल के गेट पर चला गया और थोड़ा साइड होकर जिस से मैं किसी को न दिखूं सिगरेट पीने लगा। 10 मिनट बाद लता मौसी ऑटो में पहुंच गई, और में उनके साथ ऑटो में बैठ गया।

To be Continued

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मौसी- ठीक है, तैयार हो कर होटल के नीचे आ जा, मैं आधे घंटे में आ रही हूँ। कोई जरूरी काम हो गया मुझे, तू चल मेरे साथ।

राज- ठीक है मौसी।

मैं सोचते हुए टीना दीदी के रूम की तरफ गया- साला आज तो मूड की माँ ही चुद गयी, न चुत मिली ढंग से न गाँड़ मिली, अब ये बूढ़ी दारू भी नही पीने देगी ढंग से।

रूम में पहुंचते ही मैं सबसे पहले दारू जो पड़ी थी, 4 पेग थे, वो पी गया 2 डबल पेग बना कर। फिर वेटर को बुला कर रूम साफ करवा दिया।

टीना दीदी और देव सो रहे थे, फिर मैं अपने रूम में गया, और तैयार होकर होटल के गेट पर चला गया और थोड़ा साइड होकर जिस से मैं किसी को न दिखूं सिगरेट पीने लगा। 10 मिनट बाद लता मौसी ऑटो में पहुंच गई, और में उनके साथ ऑटो में बैठ गया।

चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra | Part 42

ऑटो में बैठते ही मैंने मौसी से बात की।

राज- मौसी हम कहाँ जा रहे है?

लता मौसी- बेटा, मेरी एक सहेली आशा नागपाल के पति को हार्ट अटैक आया है, उसकी तबियत बहुत खराब है, वो यही चंडीगढ़ में रहती है। वो अपने पति को पी. जी.आई लेकर गयी है, हम वहीं जा रहे है।

राज- ठीक है मौसी।

ऑटो अपनी स्पीड से जा रहा था और मैं मौसी के साथ बैठा था, इतने में मौसी ने ऑटो वाले को एक औरत की तरफ इशारा करते हुए कहा कि वहाँ रोकना, उसको भी लेना है।

ऑटो वाले ने उस औरत के पास ऑटो रोका, तो मौसी ने उसको आवाज़ लगाकर ऑटो में बैठने को कहा और वो भी ऑटो में मेरे साथ आकर बैठ गईं, क्योंकि मौसी दूसरी ओर थी इसलिए अब मैं बीच मे था दोनो के।

वो औरत भी मौसी की सहेली है, और वो पी.जी.आई में डॉक्टर थी, पर अब वो भी मौसी की तरह रिटायर्ड है। उसका नाम डॉ. हेमलता सोलंकी है, उसकी पी जी आई में बहुत अच्छी जान पहचान है, इसलिए मौसी ने उसे भी साथ ले लिया और वो मौसी की सहेली आशा की भी सहेली है।

डॉ हेमलता की हाइट लगभग 5.6 है। उनके बूब्स 38 d है, उनकी गाँड़ भी बड़ी है, वो 62 साल की थी, पर लगती पूरी जवान थी, उसने जीन्स शर्ट पहनी हुई थी, जिसमे जीन्स में उसकी गाँड़ बहुत मस्त लग रही थी और शर्ट में उनके बूब्स भी बहुत बड़े लग रहे थे।

अब मैं दो दो मस्त सेक्सी बुढियों के बीच बैठा था। और मैं दोनो के बीच एक तरह से दबा हुआ था। ऊपर से मेरे दारू पी हुई थी, उसका सुरूर भी पूरा बना हुआ था। मैं बस दोनो के सेक्सी जिस्मों से चिपक कर बैठा था, और मेरा लन्ड खड़ा हो गया था।

डॉ हेमलता- आज मेरा ड्राइवर नही आया, वो अपने गाँव गया हुआ है और मुझे गाड़ी चलानी नही आती। अब ड्राइवर को कॉल किया है, कल तक आ जायेगा।

मौसी- कोई बात नही।

डॉ हेमलता- लता, आशा से तेरी कोई बात हुई क्या?

मौसी- हाँ हेमलता, वो बहुत घबराई हुई है। उसके बच्चे भी अमेरिका में है, तो उसे अब हमारी जरूरत है।

डॉ हेमलता- मैंने पी जी आई में फ़ोन कर दिया, की वो मेरी फ्रेंड है, आप जल्दी से उसका इलाज शुरू करो, मैं भी आ रही हु।

मौसी- थैंक्स, मेरे कहने पर तू आयी।

डॉ हेमलता(मौसी का हाथ पकड़ते हुए)- दोस्त दोस्त के काम नही आएगा तो कौन आएगा।

उन दोनों का हाथ मेरी गोद में था। जिस से मेरा खड़ा लन्ड डॉ हेमलता के हाथ पर टच हुआ, मैं नशे में था तो मैने अपना लन्ड थोड़ा उनके हाथ की तरफ बढ़ा दिया, तो उसने मुझे गुस्से से घूरा।

डॉ हेमलता(धीरे से)- लता, ये लड़का कौन है?

मौसी- ये मेरा भांजा है राज।

राज- नमस्ते आँटी।

मौसी मुझे घूरने लगी और इशारा किया कि पैर छुओ।

मैं पैर छूने के लिए झुका तो मेरा लन्ड उनके हाथ पर गया। मैं पैर छूकर ऊपर हुआ तो डॉ आँटी ने मुझे अपने गले लगा लिया। जिस से मेरा मुँह सीधा उनके मोटे बूब्स पर जा लगा।

डॉ आँटी(मुझे खुद के साथ पूरा दबाते हुए)- कितना संस्कारी लड़का है।

उनके बूब्स पर मेरे मुँह पूरा दब गया, क्या गज़ब के बूब्स है डॉ आँटी के, मेरा लन्ड पूरा रॉड की तरह हो गया।

फिर 2 मिनट बाद हम पी जी आई पहुंच गए।

To be Continued

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उन दोनों का हाथ मेरी गोद में था। जिस से मेरा खड़ा लन्ड डॉ हेमलता के हाथ पर टच हुआ, मैं नशे में था तो मैने अपना लन्ड थोड़ा उनके हाथ की तरफ बढ़ा दिया, तो उसने मुझे गुस्से से घूरा।

डॉ हेमलता(धीरे से)- लता, ये लड़का कौन है?

मौसी- ये मेरा भांजा है राज।

राज- नमस्ते आँटी।

मौसी मुझे घूरने लगी और इशारा किया कि पैर छुओ।

मैं पैर छूने के लिए झुका तो मेरा लन्ड उनके हाथ पर गया। मैं पैर छूकर ऊपर हुआ तो डॉ आँटी ने मुझे अपने गले लगा लिया। जिस से मेरा मुँह सीधा उनके मोटे बूब्स पर जा लगा।

डॉ आँटी(मुझे खुद के साथ पूरा दबाते हुए)- कितना संस्कारी लड़का है।

उनके बूब्स पर मेरे मुँह पूरा दब गया, क्या गज़ब के बूब्स है डॉ आँटी के, मेरा लन्ड पूरा रॉड की तरह हो गया।

फिर 2 मिनट बाद हम पी जी आई पहुंच गए।

चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra | Part 43

फिर 2 मिनट बाद हम पी जी आई पहुंच गए, तो उन्होने मुझे खुद से अलग किया और नीचे उतरने लगी, तो पीछे से मैंने उनकी गाँड़ देखी। उनकी गाँड़ जीन्स में क्या मस्त लग रही थी, बिल्कुल दीपिका दीदी की गाँड़ की तरह। फिर मैं भी नीचे उतरा और ऑटो वाले को पैसे देने लगा। इतने में मौसी भी नीचे उतर गयी। मौसी और डॉ आँटी दोनो तेजी से चलते हुए हॉस्पिटल के अंदर जाने लगी, मैं उनके पीछे चलने लगा। पीछे से मैं डॉ आँटी की गाँड़ देख रहा था, क्या मस्त गाँड़ हिल रही थी डॉ आँटी की, फिर हम आपरेशन थिएटर के बाहर पहुंचे तो वहाँ आशा आँटी बाहर बैठी रो रही थी। अंकल का आपरेशन हो रहा था, उनके स्टंट डल रहे थे।

तो डॉ आँटी फटाफट चेंज कर वो डॉ के आपरेशन वाले कपड़े पहन कर आपरेशन थिएटर में चली गयी। मौसी आशा आँटी के गले लग उनको दिलासा दे रही थी, की सब सही हो जाएगा। मैं भी वही एक बेंच पर बैठ गया और उनको देखने लगा। आशा आँटी आपरेशन थिएटर के गेट में से अंदर देखने के लिए खड़ी हुई तो मैंने देखा कि आशा आँटी की हाइट करीब 5.11 इंच, एवरेज बॉडी, ना ज्यादा मोटी न पतली पर आशा आँटी के बूब्स सबसे कमाल के है, उनके बूब्स 40 ff है, जो उनको देखो तो अलग ही दिखते है दूर से।

जिन भाई, बहनो, मम्मियों और मेरी प्यारी रंडियो को ब्रा साइज का पता है, वो खुद ही सोच लो कि 40 ff में बूब्स कितने बड़े होते है। हमारे दो सिर से भी बड़ा एक बूब्स ओर बहुत भारी भी। जब वो खड़ी गेट से अंदर देख रही थी तो मैं उनके बूब्स घूर रहा था, तो मैंने ध्यान से देखा तो पता चली की उन्होंने नीचे ब्रा नही पहनी हुई, शायद जल्दी में नही पहनी होगी। उनके बूब्स नीचे झुके हुए थे क्योंकि बहुत भारी बूब्स है उनके और उनके निप्पल उभरे हुए सूट में से दिख रहे थे। उनका एक निप्पल करीब 5 इंच बड़ा और 2 इंच उभरा दिख रहा था। इतने बड़े बूब्स तो मैंने सिर्फ ब्लू फिल्म में ही देखे थे। मैं उनके बूब्स देखता रहा।

करीब 1 घंटे बाद आपरेशन करके डॉक्टर्स बाहर आये और उन्होंने कहा अब आपके पति सेफ है। फिर वो रोना बन्द कर चुप हुई और डॉ आँटी ने उन्हें मौसी और मुझे कैंटीन की तरफ चलने को कहा, की चलो चल कर चाय पीते है। आशा आँटी बोली कि पहले मैं अपने पति को देख लू आप चलो मैं आती हुँ, मौसी ने कहा आप चलो मैं आशा के साथ आती हुँ। तो मैं और डॉ आँटी कैंटीन की तरफ गए, और वहाँ जाकर टेबल पर बैठ गए। डॉ आँटी मुझसे पूछने लगी।

डॉ आँटी- बेटा राज, तुम किस क्लास में पढ़ते हो।

राज- आँटी मैं 1st ईयर में हुँ।

डॉ आँटी- अच्छा, कॉलेज में हो, फिर तो कोई गर्लफ्रैंड भी होगी तुम्हारी।

राज- नही आँटी।

डॉ आँटी- क्यों बेटा, तुम इतने हैंडसम हो, कोई गर्लफ़्रेंड नही बनी। बोलो

राज- नही आँटी।

इतने में मौसी और आशा आँटी भी हमारी तरफ आते दिखे तो मैं बोला, मौसी आ गई।

मैं लता मौसी और आशा आँटी को आते हुए देखने लगा आशा आँटी जैसे ही अपना कदम बढ़ा रही थी उनके बहुत बड़े बड़े बूब्स जो बिना ब्रा के थे, मस्त हिल रहे थे, जैसे कोई फुटबॉल को उछाल हो, ओर थिरक भी रहे थे। मैं उन्हें घूरने लगा, मुझे घूरते हुए डॉ आँटी ने देख लिया और जब मैंने उन्हें देखा तो उन्होंने मुझे स्माइल कर दी।

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डॉ आँटी- बेटा राज, तुम किस क्लास में पढ़ते हो।

राज- आँटी मैं 1st ईयर में हुँ।

डॉ आँटी- अच्छा, कॉलेज में हो, फिर तो कोई गर्लफ्रैंड भी होगी तुम्हारी।

राज- नही आँटी।

डॉ आँटी- क्यों बेटा, तुम इतने हैंडसम हो, कोई गर्लफ़्रेंड नही बनी। बोलो

राज- नही आँटी।

इतने में मौसी और आशा आँटी भी हमारी तरफ आते दिखे तो मैं बोला, मौसी आ गई।

मैं लता मौसी और आशा आँटी को आते हुए देखने लगा आशा आँटी जैसे ही अपना कदम बढ़ा रही थी उनके बहुत बड़े बड़े बूब्स जो बिना ब्रा के थे, मस्त हिल रहे थे, जैसे कोई फुटबॉल को उछाल हो, ओर थिरक भी रहे थे। मैं उन्हें घूरने लगा, मुझे घूरते हुए डॉ आँटी ने देख लिया और जब मैंने उन्हें देखा तो उन्होंने मुझे स्माइल कर दी।

चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra | Part 44

फिर वो दोनों भी हमारे पास आकर बैठ गयी, फिर हमने चाय मंगाई ओर चाय पीने लगे।

आधे घण्टे बाद हम चाय पीकर वापिस ओटी के पास गए तो, आशा आँटी के हस्बैंड को रूम में शिफ्ट कर रहे थे। उनका अलग रूम था। फिर हम उस रूम में बैठ गए, अंकल अभी बेहोश थे। मौसी और दोनों आंटियां बाते करने लगी, मैं हॉस्पिटल से बाहर आ गया और सिगरेट पीकर व कोल्ड ड्रिंक पीकर आधे घंटे बाद वापिस अंदर गया।

मैं रूम में पहुँचा तो अंकल को होश आया गया था।

मेरे अंदर जाते ही मौसी बोली बेटा चले। रात के 8 बज गए थे।

मैंने हाँ में सिर हिलाया।

मौसी- ठीक है आशा, मैं चलती हूँ, कोई काम हो तो फोन कर देना, मैं आ जाऊंगी और हेमलता आज रात यही रुकेगी तेरे साथ।

आशा- ठीक है लता।

फिर मैं और मौसी हॉस्पिटल से बाहर आये और ऑटो में बैठकर होटल की तरफ निकल गए।

जब हम होटल पहुंचे तो जो लेक पर घूमने गए थे, सब आ चुके थे।

सभी मर्दों का कल की तरह सारी रात अलग दारू पीने का प्लान था, पर कई औरतें अपने अपने पतियों को मना कर रही थी, और बाकी कल की तरह खुद भी दारू पीना चाहती थी।

फिर मैं भी अपने रूम में गया, तो वहाँ मम्मी,दीदी और जीजाजी थे। पापा कल की तरह मर्दों के साथ दारू पीने दूसरे रूम में चले गये थे और जीजाजी दीदी को मना रहे थे कि वो उन्हें जाने की परमिशन दे दे। मैं वाशरूम में गया, ओर थोड़ा फ्रेश हुआ। जब मैं वाशरूम से बाहर आया तो जीजाजी भी दारू पीने जा चुके थे। फिर मम्मी और दीदी भी दारू पीने लेडीज वाले प्रोग्राम में चली गयी। मैं फिर टीना दीदी वाले रूम में गया तो देव और टीना बैठे थे, तो मैंने उनसे बियर पीने जाने का पूछा तो वो दोनों मना करने लगे। मैं फिर अकेला ही निकल गया, और कल वाले बियर बार में चला गया।

मैंने वहाँ 2 बियर पी और रात को करीब 11 बजे वहां से निकला। मैं होटल जा रहा था तो कल वाली जगह मैं मूतने के लिए रुका और मूतने लगा। जैसे ही मैं मूत के पीछे मुड़ा, तो चार लड़के मेरे पीछे खड़े थे, उनके हाथ मे चाकू था। उन्होंने मुझे पकड़ लिया, और मुझे बोले कि जेब मैं जितना भी माल है निकाल दे। मैंने ध्यान से देखा तो ये वहीं लड़के थे जो वाटरपार्क में दीपिका दीदी की गाँड़ दबा रहे थे, फिर उस वजह से हमसे वाटरपार्क में पीटे थे।

उन में से एक लड़के ने मेरी जेब मे हाथ डाला और मेरी जेब में 1200 रुपये थे, वो निकाल लिए और मोबाइल भी निकाला। तो उन में से एक लड़का बोला, मोबाइल मत निकाल, मोबाइल से फस सकते है। मोबाइल की बैटरी और सिम निकाल कर फेंक दे और मोबाइल वापिस इसकी जेब मे डाल दे, तो उसने ऐसा ही किया।

फिर जिस एक लड़के ने जिसने दीपिका दीदी की गाँड़ दबाई थी, उसने मुझे थप्पड़ मारे और दीपिका दीदी के बारे में गलत गलत बोलता रहा कि मैं उसको अपनी रांड बनाऊंगा, उसकी रण्डी को सड़कों पर सरेआम नंगा करके उसकी गाँड़ मारूँगा, पता नही कितनो से गाँड़ मरवाकर इस्तनि मस्त गाँड़ की है उस रण्डी ने और भी बहुत बोलता रहा, और बीच बीच मे मेरे मुँह पर थप्पड़ भी मारता रहा, कभी पेट पर लात भी मार देता था। जब वो मेरे पेट मे लात मारता तो मेरे मुह से चीख भी निकलती।

To be Continued

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