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Incest चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra

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मैंने भी अपना बैग उठा लिया और हम रूम से बाहर निकल आये, मम्मी ओर दीदी मेरे आगे चल रही थी। 3 रूम्स छोड़ कर लता मौसी का रूम था, मैंने वहाँ अपना बैग रखा और दीदी के पीछे चलने लगा।

दीदी की जीन्स में गाँड़ क्या मस्त लग रही थी। होटल के कार्मिक और दूसरे गेस्ट जो होटल में थे, सबकी नजर दीदी की मस्त मोटी सेक्सी गाँड़ पर थी।

फिर हम बाहर बस के पास पहुंचे तो सभी बस में बैठ चुके थे।

फिर मम्मी और दीपिका दीदी भी बस में चढ़ गए।

मैंने देखा की टीना दीदी बस की 2 सेट पीछे खिड़की वाली साइड बैठी मुझे ही देख रही थी, और वो भी उदास थी।

फिर बस स्टार्ट हुई, सभी बस में बैठ गए, मैं और लता मौसी सब को बाए करने लगे। फिर बस चल पड़ी और वो सब चले गए।

चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra | Part 65

मैं अब उदास सा वहाँ खड़ा था, तो लता मौसी बोली- राज बेटा, चल अंदर चले।

मैं- मौसी आप चलो मैं आता हूँ।

मौसी चली गयी।

मैंने टाइम देखा तो दोपहर के 2 बज चुके थे।

मैंने 1 सिगरेट पी और मौसी के रूम में चल गया।

मैं रूम में गया तो मौसी बेड पर लेटी हुई थी।

लता मौसी- राज आज बेटा, मेरे पास लेट जा।

मैं भी मौसी के साथ लेट गया।

लता मौसी- (मुझे गले लगाते हुए) आजा राज बेटा मेरे साथ सोजा। मेरी वजह से तुझे रुकने पड़ गया।

मैं कुछ नही बोला और मौसी ने मुझे अपने साथ चिपका लिया जिस से मेरे मुँह मौसी के बड़े बड़े मुममों में दब गया। मौसी के मुम्मे मुह पर लगने से मेरा लन्ड खड़ा होने लग गया, पर लता मौसी से मुझे बहुत डर लगता था, इसलिए मेरी कुछ करने की हिम्मत नही हुई।

मौसी मुझे ऐसे ही पकड़ कर सो गई।

मैं भी दीपिका दीदी की गाँड़ याद करता रहा और सोचते सोचते मुझे भी नींद आ गयी।

शाम को मुझे लता मौसी की आवाज़ आयी राज ओ राज बेटा उठ जा।

मेरी आँख खुली तो देखा मौसी मुझे उठा रही है।

मैंने टाइम देखा तो शाम के 7 बज गए थे।

मैं उठा फिर मौसी ने चाय आर्डर की। हम चाय पी कर थोड़ा फ्रेश हुए।

फिर मौसी फ़ोन पर अपनी डॉ फ्रेंड हेमलता और आशा से बात करने लगी। मैं टीवी देखने लगा।मैंने 9 बजे तक टीवी देखा, फिर मेर बियर पीने का मन करने लगा।

इतने में मौसी बोली- बेटा राज, कल हमें हेमलता के घर जाना है। कल होटल में नही रहना हमने।

मैं- ठीक है मौसी

लता मौसी का भी पीने का मन था। तो उसने बोला कि राज तू कहीं घूम आ जाना है तो, क्योंकि मुझे पीनी है।

मैं(अंदर से खुश होते हुए)- ठीक है मौसी।

फिर मैं बियर बार की तरफ निकल गया।

बियर बार मे जाकर मैंने 2 बीयर पी फिर 11 बजे मैं वापिस होटल पहुंच गया।

जैसे ही मैं कमरे में गया तो मौसी अभी पी रही थी। मौसी ने नाइटी पहनी हुई थी।

मैं जाकर बेड पर बैठ गया।

मौसी- आ गया बेटा, मैं तेरा ही इंतज़ार कर रही थी। ये मेरा लास्ट पेग है, चल मैं खाना आर्डर कर देती हूँ।

मौसी ने खाना आर्डर कर दिया और मैं टीवी देखने लगा।

मैं सोचने लगा कि लता मौसी तो हमेशा गुस्से में रहती है, आज ये मेरे साथ इतने आराम से कैसे पेश आ रही है।

15 मिनट बाद खाना आया, हम दोनों ने खाना खा लिया और लेट गए।

लता मौसी- राज बेटा, तू अपनी मौसी से नाराज तो नही है ना की मैंने तुझे रोक लिया।

मैं -नही मौसी, मैं आपसे कभी नाराज़ हो सकता हूँ क्या।

लता मौसी(मेरे पास खिसक कर आई और मुझे गले लगा लिया)- मेरे अच्छा बेटा, कितना कहना मानता है अपनी मौसी का।

मेरा सिर मौसी के बड़े बड़े मुममों में दब रहा था।

मौसी ने 10 मिनट मुझे ऐसे ही अपने सीने से चिपकाए रखा। फिर मेरे मुह की ओर देखकर बोली।

मौसी- बेटा, तुझे मैंने इसलिए रोका, क्योंकि तू मेरा समझदार बेटा है। तू फिक्र मत कर, तुझे मैं अपने साथ हरिद्वार देहरदून मसूरी सब जगह घूमा कर लाऊंगी।

मैं - ठीक है मौसी।

जैसे ही मैं बोला मौसी ने मुझे घूर कर देखा, फिर थोड़ा गुस्से में बोली।

मोसी बोली- क्या बात है राज? तुम शराब भी पीने लगे!

उन्होंने मेरे मुंह से आ रही महक से समझ लिया था कि मैंने बियर पी रखी है।

मैं- सॉरी मौसी, मुझे नशे की आदत नहीं है, वो तो मैं आज अकेला फील कर रहा था तो थोड़ी सी पी ली थी। कभी-कभार पार्टी में ही पीता हूं। मगर प्लीज आप पापा से इस बारे में कुछ मत कहना।

हंसते हुए मोसी बोली- अरे नहीं पगले, मैं कुछ नहीं कहूंगी। इस उम्र में तो यह सब नॉर्मल सी बात है। मैं सब समझती हूँ। वैसे भी तू मेरा अच्छा बेटा है।

मौसी ने मुझे फिर से गले लगा लिया।

To be Continued

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मौसी ने 10 मिनट मुझे ऐसे ही अपने सीने से चिपकाए रखा। फिर मेरे मुह की ओर देखकर बोली।

मौसी- बेटा, तुझे मैंने इसलिए रोका, क्योंकि तू मेरा समझदार बेटा है। तू फिक्र मत कर, तुझे मैं अपने साथ हरिद्वार देहरदून मसूरी सब जगह घूमा कर लाऊंगी।

मैं - ठीक है मौसी।

जैसे ही मैं बोला मौसी ने मुझे घूर कर देखा, फिर थोड़ा गुस्से में बोली।

मोसी बोली- क्या बात है राज? तुम शराब भी पीने लगे!

उन्होंने मेरे मुंह से आ रही महक से समझ लिया था कि मैंने बियर पी रखी है।

मैं- सॉरी मौसी, मुझे नशे की आदत नहीं है, वो तो मैं आज अकेला फील कर रहा था तो थोड़ी सी पी ली थी। कभी-कभार पार्टी में ही पीता हूं। मगर प्लीज आप पापा से इस बारे में कुछ मत कहना।

हंसते हुए मोसी बोली- अरे नहीं पगले, मैं कुछ नहीं कहूंगी। इस उम्र में तो यह सब नॉर्मल सी बात है। मैं सब समझती हूँ। वैसे भी तू मेरा अच्छा बेटा है।

मौसी ने मुझे फिर से गले लगा लिया।

चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra | Part 66

फिर बाहर अचानक से बहुत तेज बारिश होने लगी, और ओले भी गिरने लगे, जिस से मौसम बहुत ठंडा हो गया।

फिर मौसी ने कहा कि ठंड लग रही है, उनका कॉफ़ी पीने का मन है तो मैने 2 कॉफ़ी आर्डर कर दी। 10 मिनट बाद कॉफ़ी आयी हम कॉफ़ी पीने लगे।

मौसी की नाइटी के ऊपर के 2 बटन खुले थे जिस में से मुझे मौसी की नाइटी में से उनके चूचे दिखाई दे गये।

मौसी की चूचियों का साइज 40 D के करीब है। मुझे थोड़ी ठंड लग रही थी, एक तो बाहर बारिश ऊपर से बियर पी हुई, फिर रूम का AC भी चल रहा था। मैंने कॉफ़ी पी ओर ब्लैंकेट ले करअपने ऊपर डाल कर लेट गया।

फिर मौसी ने भी कॉफ़ी पी ली, तो मौसी कप रखने के लिए झुकी तो उनकी नाइटी के ऊपर के दो खुले बटन में से उनकी चुच्चिया दिखने लगी।

मैं उनकी चूचियों को घूरने लगा। इससे पहले कि मेरी नजर हटती मौसी की नजर मुझ पर पड़ गई और वो समझ गई कि मैं उनकी चूचियों को घूर रहा हूं। मौसी ने मुझे घूरा तो मेरी तो गाँड़ ही फट गई कि अब ये मारेगी मुझे।

पर मौसी ने मेरे सिर पर हाथ रख और मेरे बालों को सहलाते हुए मोसी बोली- क्या बात है राज, तुम तो ज्यादा ही बड़े हो गये हो. तुमने कोई गर्लफ्रेंड बनाई है या नहीं?

मैंने कहा- नहीं मौसी जी।

शराब का नशा मुझ पर और मौसी पर भी चढ़ा हुआ था और ऊपर से ठंड हो रही थी। मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था, बस बहक रहा था।

फिर मौसी ने कप को नीचे रखते हुए कहा कि बहुत ठंड हो रही है। इतना बोल कर वो भी मेरे साथ कम्बल में मेरे पास लेट गयी और टीवी चालू कर दिया।

टी वी में मौसी ने करिश्मा कपूर की राजा हिंदुस्तानी मूवी लगा रखी थी।

मेरे पैर उनके पैरों से सटे थे और मुझ पर बियर और सेक्स का सुरूर चढ़ने लगा था।

मैंने उनसे पूछा- मौसी आप इतनी गर्म कैसे लग रही हो।

मौसी बोली- बस ऐसे ही बेटा, लगता है ठंड लग गयी, बुखार है थोड़ा सा।

मैं- मौसी दवाई ले आऊँ मैं आपके लिए।

मौसी नही बेटा कंबल डाल लिया अब सही हो जाएगा, कह कर मेरे साथ ओर चिपक गयी।

मैं- ठीक है मौसी।

तभी मूवी में एक पेड़ के नीचे किसिंग सीन आया, जिसे देख मौसी थोड़ी गर्म हो गयी।

मौसी की सांसें तेज होने लगी थीं। उन्होंने अपना पैर मेरी कमर पर चढ़ा दिया। अब मैं भी मौसी की इस हरकत से गर्म होने लगा।

मैंने भी उनके बदन को पकड़ कर अपने आप को उनके जिस्म के और ज्यादा करीब कर लिया।

मौसी(मेरे सीने पर हाथ फेरने लगी और बोली)- बेटा, तुम्हारी कोई गर्लफ्रैंड है या नही।

मैं- नही मौसी।

मौसी- सच सच बता, मैं किसी को नही बताऊंगी।

मैं- नही मौसी, सच मे नही है।

मौसी- तुमने अभी तक गर्लफ्रेंड क्यों नहीं बनाई है?

मैंने लड़खड़ाती जुबान से कहा- मौसी, अभी तक कोई मिली ही नहीं।

मेरा लंड अब तनाव में आने लगा था।

मौसी हंसते हुए बोली- इतने हट्टे कट्टे हो गये हो। अभी तक हाथ से ही काम चला रहे हो क्या?

मौसी ने ऐसा कहते हुए आंखें बंद कर ली। मैं समझ गया था कि मौसी भी सेक्स की आग में जल रही है।

मैं(हिम्मत कर के बोल)- मौसी आप ही बन जाओ मेरी गर्लफ्रैंड।

मौसी- बेटा मुझे गर्लफ्रैंड बना कर क्या करेगा, मैं तो बुढ्ढी हो गयी हूँ।

मैं- नही मौसी, आप तो अभी सोना दीदी की बड़ी बहन लगी हो।

मौसी(शर्माते हुए)- अच्छा, मैं तुझे इतनी जवान लगती हूँ।

मैं- जी मौसी।

मौसी- ठीक है फिर, आज से मैं तेरी गर्लफ्रैंड हूँ, खुश।

मैंने मौसी को कस के गले लगा लिया और बोला- लव यू मौसी

मौसी- लव यू टू बेटा।

अब मुझसे रुका न गया और मैंने मौसी के होंठों पर अपने होंठों को रख दिया। मैं मौसी के होंठों को चूसने लगा और मेरे हाथ मौसी की गांड पर चले गये। मौसी भी मेरा पूरा साथ देने लगी। मैं मौसी की गांड को दबाने लगा और उनके होंठों को चूसने लगा।

अब मौसी भी गर्म होते हुए मेरे होंठों को चूस कर मेरा साथ देने लगी और आपनी जीभ मेरे मुँह में डालने लगी। उनके हाथ मेरी पीठ में आकर कस गये थे। वो जोर से मेरे होंठों को पीने लगी थी जैसे मेरे होंठों को खा ही जायेगी। मेरे हाथ अब मौसी की चूचियों को दबाने लगे।

कुछ देर तक हम ऐसे ही लिपटम-लिपटा होते रहे। फिर मैंने एक हाथ को नीचे ले जाकर मौसी की पैंटी के ऊपर से उनकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया। उसके बाद मैंने उनकी नाइटी को उठा कर उनकी कमर तक कर दिया।

फिर मौसी उठी और मौसी ने अपनी नाइटी उतार दी थी। वो केवल ब्रा और पैंटी में मेरी तरफ ओईथ कर के लेट गई।

मेरा 9 इंच का लंड अब फूल कर 10 इंच का हो गया था। मैंने अपनी जांघों में फंसी हुई निक्कर को जल्दी से निकाल दिया और मौसी के पीछे से चिपक गया। मेरे अंडरवियर में मेरा लंड तना हुआ था और वो मौसी की गांड से सट गया था।

मैंने मौसी से चिपक कर कहा- मौसी, क्या हुआ आप उधर मुँह करके क्यो लेटी हो?

यह कहते हुए मैं मौसी की ब्रा के ऊपर से ही उनके मम्मों को दबाने लगा था। फिर मैंने मौसी की ब्रा को पीछे से खोल दिया। ब्रा को अलग कर दिया और मौसी की चूचियां आजाद हो गईं।

चूचियों को मैंने अपने हाथों में भरा तो पता चला कि वो एकदम से टाइट हो चुकी थी। मौसी की बड़ी बड़ी चुचियाँ मेरे हाथों में पूरी तरह से समा भी नहीं रही थी। मैं उनकी चूचियों को जोर से दबाने लगा और वो आहिस्ता से सिसकारने लगी।

मौसी- आ आ आ आ आ ह ह ह ह ह द बेटा आराम से दबा।

मैं मौसी की चुचियाँ आराम से दबाने लगा, उनकी चुचियाँ के निप्पल भी पूरे तने हुए थे, 63 साल की उम्र में भी मौसी की चुचियाँ में थोड़ी कसावट थी।

मैं मौसी को ओर कस के पकड़कर पीछे से चिपक गया, जिस से मेरा लन्ड मौसी की मोटी गाँड़ पर पर दबाने लगा।

उसके बाद मौसी ने अपना हाथ पीछे किया और मेरे अंडरवियर में हाथ डाल कर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया। मौसी मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी। उसको दबाने लगी। अब मेरा हाल और भी ज्यादा बुरा हो चला था।

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यह कहते हुए मैं मौसी की ब्रा के ऊपर से ही उनके मम्मों को दबाने लगा था। फिर मैंने मौसी की ब्रा को पीछे से खोल दिया। ब्रा को अलग कर दिया और मौसी की चूचियां आजाद हो गईं।

चूचियों को मैंने अपने हाथों में भरा तो पता चला कि वो एकदम से टाइट हो चुकी थी। मौसी की बड़ी बड़ी चुचियाँ मेरे हाथों में पूरी तरह से समा भी नहीं रही थी। मैं उनकी चूचियों को जोर से दबाने लगा और वो आहिस्ता से सिसकारने लगी।

मौसी- आ आ आ आ आ ह ह ह ह ह द बेटा आराम से दबा।

मैं मौसी की चुचियाँ आराम से दबाने लगा, उनकी चुचियाँ के निप्पल भी पूरे तने हुए थे, 63 साल की उम्र में भी मौसी की चुचियाँ में थोड़ी कसावट थी।

मैं मौसी को ओर कस के पकड़कर पीछे से चिपक गया, जिस से मेरा लन्ड मौसी की मोटी गाँड़ पर पर दबाने लगा।

उसके बाद मौसी ने अपना हाथ पीछे किया और मेरे अंडरवियर में हाथ डाल कर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया। मौसी मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी। उसको दबाने लगी। अब मेरा हाल और भी ज्यादा बुरा हो चला था।

चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra | Part 67

मौसी को मैंने सीधा लेटा दिया और उनकी चूचियों पर टूट पड़ा। मैं उनकी चूचियों को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा और उनकी मोटी- मोटी चूचियों को पीने लगा। मेरा लंड एकदम फटने को हो रहा था। इधर मौसी भी अब जोर से सिसकारियां भर रही थी और मेरे मुंह को अपनी चूचियों में दबा रहा थी।

उनके मुंह से कुछ ऐसी आवाजें आ रही थीं- आह्ह राज, और जोर से … आह्ह बेटा, चूसो इनको बेटा,आ आ हहहह बहुत मजा आ रहा है. इस्स आहह आह्ह … राज, उफ्फ पी आहहह पी मेरी चूचियों को।

मैं मौसी के सीत्कारों से और ज्यादा कामोत्तेजित हो गया था और उनके निप्पलों को काटने लगा था।

फिर मैं उनकी चुचियाँ को जीभ से चाटने लगा और चाटते चाटते धीरे धीरे दाँतों से काटने भी लगा।

मौसी के हाथ मेरे बालों में घूम रहे थे।

फिर जैसे ही मैंने उनके निप्पल पर काटा तो मौसी के मुह से जोर की आह निकल गई।

अब उन्होंने मेरे लंड को नीचे हाथ ले जाकर पकड़ लिया और उसको जोर से दबाने लगी। फिर मुझे साइड में धकेल कर मेरे ऊपर आ गयी।अब मैं नीचे और मौसी मेरे ऊपर थी। मौसी की बड़ी बड़ी चूचियां मेरी आंखों के सामने लटक रही थी। वो बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी।

मैंने लता मौसी का हमेशा गुस्से वाला रूप ही देख था, आज पहली बार उनका ये सेक्सी रूप में सामने था, वो इस सेक्सी रूप में बहुत ही ज्यादा कामुक लग रही थी। वो बिल्कुल किरण खैर की तरह लग रही थी।

उनके बाल खुले हुए थे। मौसी पूरी किरण खैर की तरह सेक्सी लग रही थी और उनको देख कर ऐसा लग रहा था कि वो लंड की बहुत प्यासी है। मौसी की गांड मेरे लंड पर टिकी हुई थी। मैं पागल हुआ जा रहा था। जिस औरत से मैं सबसे ज्यादा डरता था, आज वही औरत मेरे लंड पर बैठी है और मेरी रंडी बन कर मुझसे चुदने के लिए तैयार थी।

मौसी ने एकदम से अपनी गांड उठाई और पीछे हो गई और मेरे लंड पर झुक कर मेरे लंड पर अपनी जीभ फेरने लगी। फिर जीभ फेरते फेरत मौसी ने मेरे टट्टे को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी और मेरे लन्ड को दबाने लगी। फिर लता मौसी ने मेरे टट्टे मुँह से निकाल कर मेरे लन्ड को अपने मुँह में ले लिया। मेरा तो आनंद का ठिकाना न रहा। मेरी आंखें बंद हो गईं। मौसी के गर्म मुंह में लंड का सुपाड़ा देकर इतना मजा आ रहा था कि क्या बताऊं।

वो मेरे पूरे लंड को अपने मुंह में अंदर तक भर रही थी। उसकी जीभ मेरे लंड के टोपे को सहलाते हुए चूस रही थी। अब मेरे मुंह से जोर जोर से आवाजें निकलने लगी थीं. उम्म्ह… अहह… हय… याह… उफ्फ … आईस्सस … आह्हह … मौसी चूसो, मेरी किरण खैर मेरी जान चुसो, बहुत मजा आ रहा है.

मेरे हाथ मौसी के चूचों को जोर से दबा रहे थे। मेरा लंड मौसी के गले तक जाकर लग रहा था। ऐसा लग रहा था कि मैं चूत को ही चोद रहा हूं। 10 मिनट तक मौसी मेरे लंड को चूसती रही। फिर मेरा पानी निकलने वाला था तो मैं मौसी के बालों को पकड़ कर अपने लन्ड पर उसका सिर दबाने लगा। मैंने नियंत्रण खो दिया और मौसी के मुंह में ही झड़ गया। मौसी मेरा सारा माल पी गयी।

अभी भी मौसी मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर जीभ से सहला रही थी। स्खलित होने के बाद अब मेरे लंड में गुदगुदी होने लगी थी। अब मैंने मौसी को अपनी टांगों के ऊपर से उठने के लिए कहा।

मैंने मौसी को नीचे लिटाया और उनकी पैंटी को उतार कर उनकी चूत को नंगी कर दिया। अब मैं मौसी की चूत में उंगली करने लगा। मैंने पाया कि मौसी चूत पानी छोड़ कर गीली हो चुकी थी। मैंने फिर मौसी की चूत पर अपने होंठों को रख दिया और चूत में जीभ डालकर चूसने लगा। मौसी उछल सी गई। वो अपनी गांड को उठा कर मेरे मुंह की तरफ धकेलने लगी।

मौसी पागल सी हो गई।

लता मौसी के मुँह से आवाज़े आने लगी- आआआआ बेटा राज आआ चाट आआआआ ह ह ह हहहहह ऐसे ही येस ऐसे ही आ आ आ आ मौसी मेरे बालो में हाथ फेर रही थी।

15 मिनट तक मैंने मौसी की चूत को चाटा और मौसी की चुत का पानी मेरे मुँह में ही निकल गया। मैं मौसी की चुत का सारा पानी चाट गया। अब मेरा लन्ड भी वापिस पूरा तन गया था।

मौसी ने मेरा लन्ड देखा और मेरे लंड को सहलाया और कहने लगी- बेटा ये तो मेरी चुत का बैंड बजा देगा। अब मेरी चूत की प्यास भी शांत कर दे राज बेटा।

मैं तो खुद मौसी की चूत चोदने के लिए मरा जा रहा था। मैंने उनकी टांगों को फैलाया और अपने लंड को उनकी चूत पर सेट कर दिया। मैंने एक धक्का दिया और मौसी की चिकनी और गीली चूत में लंड हल्का सा अंदर चला गया।

मौसी के मुंह से दर्द भरी आह्ह सी निकली। मगर मैंने तभी दूसरा झटका दिया और मेरा आधा लंड मौसी की चिकनी चूत में उतर गया।

वो कराहते हुए बोली- आआ आआ आराम से कर बेटा, मैं रात भर तेरी ही हूँ। इतनी जल्दबाजी मत कर, दर्द हो रहा है।

मैंने झुक कर मौसी के होंठों को चूसना शुरू किया और फिर तीसरे झटके में पूरा लंड मौसी की चूत में उतार दिया।
मौसी के मुँह से जोर की आह निकली।

मौसी- आ आ आ आ आ ह ह ह ह ह बेटा आराम से कर, आ आ आ ह ह ह मौसी मुझसे लिपटने लगी। दो मिनट के बाद ही मौसी ने अपनी गांड को उठाते हुए मेरे लंड की तरफ धकेलना शुरू कर दिया और मेरी कमर को सहलाने लगी।

अब मौसी को आराम हो गया था। मैंने भी अब मौसी की चूत को चोदना शुरू कर दिया। मैं मौसी की चुत में धक्के लगाने लगा।

वो अब सिसकारते हुए कहने लगी- आह्ह बेटा, चोद दे मुझे, आज मुझे अपनी रंडी बना ले। मैं तेरे लंड को लेकर अपनी चूत की प्यास बुझाना चाहती हूं। मैंने मौसी की चुत में तेज तेज धक्के मारने शुरू कर दिए।

लता मौसी - राज, बहुत मस्त चोदता है रे तू तो।

मैं- मौसी, आप इस उम्र में भी।कितनी सेक्सी हो, बिल्कुल किरण खैर की तरह। आ आ आ ह ह ह ह मौसी मेरी जान, लव यू।

कुछ देर तक मैंने मौसी को इसी पोज में चोदा। फिर मैंने उनको ऊपर आने का इशारा किया। वो उठ कर मेरे ऊपर आ गई। अब वो खुद ही मेरे लंड पर उछल-उछल कर मेरे लंड को अपनी चूत में लेने लगी। उनके चूचे मेरे सामने ऊपर नीचे झूल रहे थे।

मैंने मौसी की उछलती हुई चूचियों को दबाना शुरू कर दिया। वो तेजी से मेरे लंड अपनी चूत में लेती हुई कूदती रही और बड़बड़ाती रही गालियां देती रही।

मौसी- आ आ आ ह ह ह ह , आज बहुत दिनों बाद मजा आ रहा है। आ बेटा चोद ओर जोर से आ आ आ बहनचोद मुझे अपनी रण्डी बना ले।

मौसी की बातों से मुझे और जोश चढ़ रहा था और मैं पूरी ताकत के साथ उसकी चूत में लंड को धकेल रहा था।

मेरे मुंह से भी गाली निकलने लगी- साली रंडी, बहुत गर्मी चढ़ी है तेरी चूत में। आज तेरी चूत की सारी गर्मी निकाल दूंगा। साली कुतिया, तूने कितनो से चूत चुदवा रखी है। मुझे सब पता है। साली बहुत रौब झाड़ती है ना सब पर, आज तेरी चुत फाड़ कर तेरा सारा रौब निकाल दूँगा।

मौसी - हाँ कुत्ते चोद मुझे आ आ आ ह ह ह ह

मैं- हाँ मेरी रण्डी कुत्तिया, तेरी तो मैं चुत फाड़ दूँगा आज।

मौसी- आ आ आ आ आ ह ह ह ह ह, रण्डी के बेटे चोद मुझे आ आ आ आ मैं तो गई।

ऐसा कहते हुए मौसी की चुत से पानी निकाल गया, पर मेरा पानी नही निकला था तो मैं फिर मौसी को चोदता रहा।

इस तरह से मजे लेते हुए मैंने मौसी को चोदा, काफी देर तक हम चुदाई में खोये रहे और फिर मैंने एकदम से मौसी की चूत में अपना वीर्य छोड़ दिया। मेरा वीर्य मौसी की चूत में भर गया। इसी के साथ मौसी भी एक बार दुबारा झड़ गयी। हम दोनों थक कर एक साथ वहीं पर नंगे ही लेट गये और मौसी मेरे ऊपर लेट गयी और हम ऐसे काफी देर लेटे रहे।

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मौसी- आ आ आ ह ह ह ह , आज बहुत दिनों बाद मजा आ रहा है। आ बेटा चोद ओर जोर से आ आ आ बहनचोद मुझे अपनी रण्डी बना ले।

मौसी की बातों से मुझे और जोश चढ़ रहा था और मैं पूरी ताकत के साथ उसकी चूत में लंड को धकेल रहा था।

मेरे मुंह से भी गाली निकलने लगी- साली रंडी, बहुत गर्मी चढ़ी है तेरी चूत में। आज तेरी चूत की सारी गर्मी निकाल दूंगा। साली कुतिया, तूने कितनो से चूत चुदवा रखी है। मुझे सब पता है। साली बहुत रौब झाड़ती है ना सब पर, आज तेरी चुत फाड़ कर तेरा सारा रौब निकाल दूँगा।

मौसी - हाँ कुत्ते चोद मुझे आ आ आ ह ह ह ह

मैं- हाँ मेरी रण्डी कुत्तिया, तेरी तो मैं चुत फाड़ दूँगा आज।

मौसी- आ आ आ आ आ ह ह ह ह ह, रण्डी के बेटे चोद मुझे आ आ आ आ मैं तो गई।

ऐसा कहते हुए मौसी की चुत से पानी निकाल गया, पर मेरा पानी नही निकला था तो मैं फिर मौसी को चोदता रहा।

इस तरह से मजे लेते हुए मैंने मौसी को चोदा, काफी देर तक हम चुदाई में खोये रहे और फिर मैंने एकदम से मौसी की चूत में अपना वीर्य छोड़ दिया। मेरा वीर्य मौसी की चूत में भर गया। इसी के साथ मौसी भी एक बार दुबारा झड़ गयी। हम दोनों थक कर एक साथ वहीं पर नंगे ही लेट गये और मौसी मेरे ऊपर लेट गयी और हम ऐसे काफी देर लेटे रहे।

चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra | Part 68

फिर मौसी मेरे छाती पर चूमने लगी, चाटने लगी, जिस से मेरा लन्ड फिर से खड़ा हो गया तो मौसी अपनी गाँड़ मेरे लन्ड पर रगड़ने लगी।

मौसी ने फिर आपनी गाँड़ ऊपर की ओर गाँड़ का मोरा मेरे लन्ड पर सैट कर के धीरे धीरे ऊपर बैठने लगी। मेरा लन्ड धीरे धीरे मौसी की गाँड़ में घुसने लगा। मैंने मौसी को कमर से कस कर पकड़ा और नीचे से जोर की एक झटका मारा जिस से मेरा आधे से ज्यादा लन्ड मौसी की गाँड़ में घुस गया।

मौसी के मुँह से जोरदार चीख निकली।

मैंने एक ओर झटके मारा तो मेरा पूरा लन्ड मौसी की चुत में घुस गया और मौसी बहुत जोर से चीखी।

मौसी- साले हरामजादे आराम से डाल।

मैं- साली कुतिया तू अभी भी बहुत रौब झाड़ रही है। तुझे तो रण्डी की तरह ही चोदूँगा।

फिर मैं नीचे से तेज तेज धक्के मारने लगा, मौसी के मुह से जोर जोर की सिसकिया निकलने लगी।

मौसी- हाय आ आ आ आ मर गई आ आ।

हाय मार दिया या आ आ आ ह ह ह साले आ आराम से आ आ आ

मैं- साली रण्डी ले पूरा लन्ड तेरी गाँड़ फाड़ दूँगा, तेरी माँ को चोदू, तेरी बहन को चोदू, तेरी बेटी को चोदू, साली रण्डी।

लता मौसी- हाँ साले चोद मेरी बहन, बेटी, भाँजी। आ आ ह ह मेरी बहन तेरी माँ मधु ही तो है, आ आ आ मेरी भाँजी तेरी बहन दीपिका ही तो है।

मैंने मौसी की गाँड़ में जोरदार धक्का मारा।

मैं- ले साली रण्डी, तेरे सारे खानदान को चोदूगा।

मौसी- आ आ आ ह ह छोड़ साले।

मैं- कितनो से चुदी है तू आज तक रण्डी।

मौसी- बहुत लोगों से।

मैं- किस किस से।

मौसी- बड़े बड़े मंत्रियों, नेताओं, अधिकारियों से, आ आ आ ह ह ह ह पर अब साला कोई चोदता ही नही।

ऐसे मौसी को चोदते चोदते 20 मिनट बाद मैं मौसी की गाँड़ में झड़ गया। उसके बाद मौसी मेरे ऊपर लेट गई।

अब मैं और मौसी बहुत थक गए थे। फिर मैं और मौसी एक दूसरे को लिप किस करने लगे और ऐसे ही किस करते करते हम सो गए।

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लता मौसी- हाँ साले चोद मेरी बहन, बेटी, भाँजी। आ आ ह ह मेरी बहन तेरी माँ मधु ही तो है, आ आ आ मेरी भाँजी तेरी बहन दीपिका ही तो है।

मैंने मौसी की गाँड़ में जोरदार धक्का मारा।

मैं- ले साली रण्डी, तेरे सारे खानदान को चोदूगा।

मौसी- आ आ आ ह ह छोड़ साले।

मैं- कितनो से चुदी है तू आज तक रण्डी।

मौसी- बहुत लोगों से।

मैं- किस किस से।

मौसी- बड़े बड़े मंत्रियों, नेताओं, अधिकारियों से, आ आ आ ह ह ह ह पर अब साला कोई चोदता ही नही।

ऐसे मौसी को चोदते चोदते 20 मिनट बाद मैं मौसी की गाँड़ में झड़ गया। उसके बाद मौसी मेरे ऊपर लेट गई।

अब मैं और मौसी बहुत थक गए थे। फिर मैं और मौसी एक दूसरे को लिप किस करने लगे और ऐसे ही किस करते करते हम सो गए।

चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra | Part 69

सुबह के करीब 5 बजे मौसी के मोबाइल की घंटी बजी, तो हमारी नींद खुली। मौसी ने देखा तो मौसा जी का फ़ोन था यह बताने के लिये की वो सब हरिद्वार पहुंच गए है।

फिर मौसी मेरे किस करने लगी मेरी छाती चाटने लगी, मैं भी मौसी के मुम्मे दबाने लगा और ऐसे ही चुदाई का एक और राउंड हुआ। उसके बाद हम दोनों सो गए।

सुबह 10 बजे किसी ने हमारा गेट खटखटाया तो हम नींद से जागे। मौसी ने आवाज़ लगा कर पूछा कौन है तो बाहर मौसी की फ्रेंड डा. हेमलता सोलंकी थी। तो मौसी ने जल्दी से कपड़े पहने और मौसी ने मुझे डांटते हुए उठाया। मैं फ्रेश होने वाशरूम में घुस गया।

अभी मैं वाशरूम में ही था कि मौसी की आवाज़ आयी

मौसी ने कहा- राज बेटा, हेमलता हमे लेने आई है, जल्दी से नहा कर आ।

फिर मैं जल्दी से नहा कर आया तो हेमलता आँटी आई हुई थी। मैंने सिर्फ टॉवल बांधा हुआ था। मेरे बाहर आते ही मौसी नहाने के लिए बाथरूम में चली गई।

मैंने हेमलता आँटी को नमस्ते की और उनके पैर छुए।

हेमलता आँटी ने मुझे अपने गले लगा लिया।

हेमलता आँटी ने पजामा टी शर्ट पहन रखी थी। जब उन्होंने मुझे गले लगाया तो उनके मोटे मोटे मुम्मे मेरे सीने में दबने लगी, जो मुझे पूरे फील हो रहे थे।

हेमलता आँटी मुझे गले लगा कर मेरी नंगी पीठ पर हाथ फेरने लगी।

आँटी ऐसे ही मुझे 5 मिनट गले लगा कर खुद से अलग किया।

मेरा लन्ड पूरा खड़ा हो गया था। जो टॉवल में तंबू बना दिख रहा था।

मैं फिर अपने कपड़े पहनने के लिए बैग से निकलने लगा, तो मेरा टॉवल एक दम से खुल गया और नीचे गिर गया। हेमलता आँटी की मुझे ही देख रही थी।

जैसे ही मेरा टॉवल नीचे गिरा तो मेरा लन्ड बिल्कुल सीधा खड़ा था। हेमलता आँटी मेरे लन्ड को देखने लगी। मैंने जल्दी से अपना टॉवल उठाया और बांध लिया, फिर अपने कपड़े निकाल कर पहन लिए ओर तैयार हो गया। फिर मैंने अपना बैग पैक किया। इतने में मौसी भी नहा कर आ गयी और तैयार होकर अपना सामान पैक करने लगी।

हेमलता आँटी मुझे देख देख कर मुस्कुरा रही थी, में भी उन्हें देख कर बस हल्का सा मुस्कुरा देता।

फिर मौसी ने अपना सामान पैक किया और हमने होटल से चेक आउट किया और हेमलता आँटी की गाड़ी में आकर बैठ गए। आगे उनका ड्राइवर, उसके साथ वाली सीट पर मैं और पीछे मौसी और डा. हेमलता आँटी बैठ गए। फिर हम उनके घर पहुंचे। उनका घर बहुत बड़ा था।

उनके घर मे डॉ आँटी, उनके पति, जो डॉ. थे और किसी काम से अपने बेटे के पास पटियाला गए हुए थे। उनकी 1 बेटी डॉ. नेहा 37 साल की थी, नेहा ने शादी नही की थी। डॉ. नेहा का खुद का एक बड़ा क्लिनिक है। हेमलता आँटी का बेटा और बहू भी डॉ. है, उनका पटियाला में हॉस्पिटल है। 1 नौकरानी 35 साल की जो वहीं रहती थी और नौकरानी का पति उनका चौकीदार और इनके 2 बच्चे।

घर पर उन्होंने मौसी और मेरा सामान अलग अलग रूम में रखवाया तो मौसी बोली- हेमलता राज का सामान मेरे साथ ही रखवा दे। हम एक ही रूम में रुकेंगे। राज अभी बच्चा है, वो अकेला रूम में नही रुक पायेगा, तो उन्होंने मेरा सामान भी मौसी वाले रूम में रखवा दिया।

मैं खुश था कि चलो रात को मौसी को फिर से बजाऊंगा।

डॉ. हेमलता आँटी 2 रात से हॉस्पिटल में आशा आँटी के साथ रुक रही थी, वो आज भी हॉस्पिटल से सीधा हमें लेने आई थी। इसलिए वो अभी तक नहाई नही थी।

उनकी नौकरानी हमारे लिए चाय लेकर आई, हम तीनो ने चाय पी। हेमलता आँटी नहाने चली गयी।

लता मौसी भी चाय पीकर रूम में चली गयी। मैं भी मौसी के पीछे रूम में गया तो मौसी अपने बैग से कुछ निकाल रही थी।

मैंने रूम का गेट बंद किया और मौसी को पीछे से पकड़ लिया।

मैंने मौसी की गर्दन पर किस करना शुरू किया, और मेरा लन्ड मौसी की मोटी गाँड़ पर रगड़ कहा रहा था, जिससे मैं और उत्तेजित हो रहा था।

फिर मौसी पलटी और उन्होंने मुझे दीवार से सटा कर मुझे किस करना शुरू कर दिया। मैंने मौसी की गांड को पकड़ लिया और उनके होंठों को चूसने लगा।

मैंने होंठों को चूसते हुए कहा- लता डार्लिंग, आज दिन में सो जाना, आज पूरी रात तुम्हे सोने नही दूँगा।

वो बोली- कमीने, अब मैं तेरी ही हूँ। जब भी तेरा मन करे मेरे पास आ जाना।

उसके बाद हम दोनों ने एक जोरदार किस किया और एक दूसरे को आई लव यू कहा।

फिर हम रूम से बाहर आ गए।

To be Continued

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