Notifications
Clear all

Incest चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra

89 Posts
5 Users
19 Likes
2,205 Views
Posts: 286
Topic starter
Reputable Member
Joined: 4 years ago

मैं- हाँ, तुझे भी दीपिका की तरह अपनी रण्डी बनाऊंगा।

मम्मी- हाँ, रण्डी के बेटे, मादरचोद, तेरा बाप तो दूसरी रंडियाँ चोदने में लगा रहता है, मुझे तू चोदा कर अब से। आ आ आ ह ह ह ह, मैं तो गयी।

करीब 15 मिनट बाद मम्मी की चुत से पानी निकल गया और मम्मी मेरे ऊपर निढाल होकर चित लेट गई। मेरा लन्ड अभी भी मम्मी की चुत में ही था और मैं नीचे से धक्के मारता रहा। फिर मम्मी मेरे होंठ चूसने लगी। मैंने नीचे से धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी और अब मम्मी भी वापिस मूड में आने लगी तो मम्मी फिर से मेरे लन्ड पर उछलने लगी।

मम्मी के मोटे बूब्स हवा में तेजी से उछल रहे थे और मुँह से बस आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ की आवाजें निकल रही थी।

आधे घंटे बाद मैं ओर मम्मी एक साथ झड़ गए। मैंने अपना पूरा वीर्य मम्मी की चुत में छोड़ दिया। मम्मी ऐसे ही मेरे ऊपर लेट गई।

चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra | Part 60

सुबह के 5 बज चुके थे। मेरा मन मम्मी की गाँड़ मारने का भी था, पर अब मैं भी काफी थक चुका था। मम्मी थोड़ी देर ऐसे ही मेरे ऊपर लेती रही, फिर मम्मी उठ कर अपनी वाली साइड चली गयी।

अब मम्मी, दीदी और मैं हम तीनों नंगे ही लेटे हुए थे। दीदी मेरे साथ लेटी हुई थी। मम्मी के चेहरे पर संतुष्टि और खुशी दोनो साफ दिख रही थी।

दीदी फिर से मेरा लन्ड पकड़ कर लेट गई तो मम्मी बोली।

मम्मी- क्या हुआ दीपिका, मन नही भरा

दीदी- मम्मी मेरा तो दिल कर रहा है कि मैं सारी जिंदगी राज के लन्ड से चुदती रहूँ।

मम्मी- सच मे राज का लन्ड तो कमाल का है।

दीदी- हाँ मम्मी, राज मेरा सगा भाई ने होता तो मैं अभी राज से शादी कर लेती। फिर मेरे दो पति होते।

मम्मी- हट बेशर्म

दीदी- अच्छा मैं बेशर्म हूँ, और आप जो अभी अपने बेटे पर उछल उछल कर चुदवा रही थी।

मम्मी(शर्मीली हँसी से)- चल सो जा अभी सुबह हो गई।

दीदी- ठीक है।

फिर दीदी ने मुझे अपनी बाहों में लपेट लिया और मुझे लिप किस किया।

दीदी- आई लव यू राज, मेरे भाई।

मैं(दीदी को अपनी बाहों में कसते हुए)- आई लव यू टू दीदी।

और फिर मैं और दीदी ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में सो गए।

सुबह 9 बजे

मम्मी(मुझे और दीदी को उठाते हुए)- राज, दीपिका उठो। दीपिका मुन्ना रो रहा है। उसको भूख लगी होगी।

मम्मी हमको हिला हिला कर उठाने लगी।

तभी हमारी आंख खुली तो मम्मी हमारे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी और मुन्ने के रोने की आवाज़ आ रही थी।

दीदी तुरंत उठी और मुन्ने को उठाया और मुन्ने को अपना दूध पिलाने लगी।

मम्मी- राज तू भी उठ जा जल्दी से और कपड़े पहन लें। तेरे पापा और जीजाजी कभी भी आते होंगे। बाकी सभी भी उठ गए होंगे ओर हरिद्वार जाने के लिए तैयार हो रहे होंगे।

मैं- ठीक है मम्मी अभी उठता हूँ।

मम्मी- दीपिका तू भी मुन्ने को दूध पिला कर कपड़े पहन लें।

दीदी- ठीक है।

मम्मी- मैं नहा कर आती हुँ।

मम्मी वाशरूम में घुस गई।

मैं दीदी को देखने लगा और सोचने लगा कि दीदी और मम्मी के साथ जो मजा आया, वो टीना दीदी और हेमा मौसी के साथ नही आया था। खास करके सबसे ज्यादा मजा मुझे दीपिका दीदी के साथ आया।

दीदी- क्या देख रहा है।

मैं- दीदी एक बार फिर से हो जाये, आपकी चुचिया देख कर वापिस दिल कर रहा है।

दीदी- आजा मेरे भाई, पहले दूध तो पी ले।

मैं दीदी के पास गया, दीदी के एक मुम्मे से मुन्ना दूध पी रहा था, दूसरा मुम्मा मैंने अपने मुह में ले लिया और दीदी का दूध पीने लगा। क्या मस्त स्वाद था दीदी के दूध का।

10 मिनट मैं और मुन्ना हम दोनों दीदी का दूध पीते रहे। फिर मुन्ने का पेट भर गया तो उसने दूध पीना बन्द कर दिया। दीदी ने मुन्ने को साइड में लेता दिया और मेरा लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी।

मैंने दीदी का दूध पीकर एक मुम्मा खाली कर दिया था, अब मैं दीदी के दूसरे मुम्मे से दूध पीने लगा, जिसमे से मुन्ने ने दूध आया था, उसमे अभी दूध था, मुन्ने ने पूरा नही पिया था।

फिर 5 मिनट में मैंने दीदी का दूसरा मुम्मा भी खाली कर दिया, तो दीदी उठी और मेरी टांगो की ओर जाकर बैठ गयी।

To be Continued

Reply





Posts: 286
Topic starter
Reputable Member
Joined: 4 years ago

मैं दीदी को देखने लगा और सोचने लगा कि दीदी और मम्मी के साथ जो मजा आया, वो टीना दीदी और हेमा मौसी के साथ नही आया था। खास करके सबसे ज्यादा मजा मुझे दीपिका दीदी के साथ आया।

दीदी- क्या देख रहा है।

मैं- दीदी एक बार फिर से हो जाये, आपकी चुचिया देख कर वापिस दिल कर रहा है।

दीदी- आजा मेरे भाई, पहले दूध तो पी ले।

मैं दीदी के पास गया, दीदी के एक मुम्मे से मुन्ना दूध पी रहा था, दूसरा मुम्मा मैंने अपने मुह में ले लिया और दीदी का दूध पीने लगा। क्या मस्त स्वाद था दीदी के दूध का।

10 मिनट मैं और मुन्ना हम दोनों दीदी का दूध पीते रहे। फिर मुन्ने का पेट भर गया तो उसने दूध पीना बन्द कर दिया। दीदी ने मुन्ने को साइड में लेता दिया और मेरा लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी।

मैंने दीदी का दूध पीकर एक मुम्मा खाली कर दिया था, अब मैं दीदी के दूसरे मुम्मे से दूध पीने लगा, जिसमे से मुन्ने ने दूध आया था, उसमे अभी दूध था, मुन्ने ने पूरा नही पिया था।

फिर 5 मिनट में मैंने दीदी का दूसरा मुम्मा भी खाली कर दिया, तो दीदी उठी और मेरी टांगो की ओर जाकर बैठ गयी।

चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra | Part 61

फिर दीदी झुकी मेरा लन्ड अपने दोनों मुम्मों में दबा कर हिलाने लगी। बीच बीच मे दीदी मेरे लन्ड पर जीभ भी फेर रही थी।

फिर दीदी मेरा लन्ड चूसने लगी। सच मे दोस्तो मेरी दीदी इतना मस्त लन्ड चूसती है, की मुझे लगता है मैं जन्नत में हूँ।

दीपिका दीदी मेरा लन्ड चूस रही थी, तभी मम्मी नहा कर वाशरूम से बाहर नंगी ही आ गयी।

मम्मी- अब बस करो दोनो। दीपिका जब देखो तू शुरू हो जाती है, रण्डी कहीं की।

मम्मी हमको देखती देखती अपने कपड़े पहनने लगी।

लेकिन हमने मम्मी को कोई जवाब नही दिया और दीदी मेरा लन्ड चूसती रही।

मम्मी ने सलवार सूट पहना और आईने के सामने खड़ी होकर अपने बाल सवारने लगी। सूट में मम्मी कमाल लग रही थी। इतने में दरवाजे पर किसी ने खटखटाया तो दीदी फटाफट अपना तौलिया और नाइटी उठा कर वाशरूम में घुस गई और मैंने भी जल्दी से अपनी निक्कर और टी शर्ट पहन ली और मैं मुन्ने के साथ खेलने लगा।

मम्मी ने दरवाजा खोला तो जीजाजी और पापा खड़े थे बाहर। वो अंदर आये और बोले जल्दी से सब तैयार हो जाओ, हमें हरिद्वार के लिए निकलना है।

मम्मी बोली- मैं तो बस 10 मिनट में तैयार हूं, दीपिका अभी अभी नहाने गयी है, उसके बाद आप सब भी नहा लेना।

पापा- ठीक है।

जीजाजी- दीपिका नहाने में बहुत टाइम लगाती है। हम दूसरे रूम मे जाकर नहा लेते है। आप हमारे बैग से हमारे कपड़े निकाल दीजिए।

मम्मी बैग से पापा और जीजाजी के कपड़े निकलने लगी।

ये सुनते ही मैं खुश हो गया कि पापा और जीजाजी दूसरे रूम में जाये तो मैं दीदी के साथ नहाऊंगा।

मम्मी ने पापा और जीजाजी के कपड़े निकाल कर उन्हें दे दिए और वो दूसरे रूम में जाने लगे।

पापा- राज तू भी चल हमारे साथ वहाँ 2 रूम्स है, तू भी वहीं तैयार हो जाना, हमें लेट नही होना।

मैं(उदास होता हुआ)- ठीक है पापा।

मम्मी ने मेरे कपड़े भी बैग से निकाल कर मुझे दे दिए और मुझे देख कर चिढ़ाने वाली स्माइल दी।

मैं सोचने लगा साला सुबह सुबह ही खड़े लन्ड पर धोखा हो गया।

फिर हम दूसरे रूम में चले गए, तो 1 रूम के वाशरूम में जीजाजी ओर दूसरे रूम के वाशरूम में मैं घुस गया।

पहला मैं फ्रेश हुआ, फिर नहाने लगा तो मेरा लन्ड खड़ा हो गया, तो मैने अपना लन्ड पकड़ा और दीदी को सोचतें हुए लन्ड हिलाने लगा। मैं ये भी सोच रहा था कि हरिद्वार जा कर पाँच चूते है मेरे पास, रण्डी हेमा मौसी, उसकी बेटी टीना दीदी, मीनाक्षी मामी, मेरी मम्मी और मेरी जान दीपिका दीदी। मैं इनको सोच कर लन्ड हिलाने लगा की हरिद्वार में इन पाँचों को चोद चोद कर पागल कर दूंगा और मेरा पानी निकल गया। फिर मैं नहाने लग गया और नहा कर बाहर आया और कपड़े पहनने लगा।

फिर मैं साथ वाले रूम में गया तो देखा पापा और जीजाजी भी नहा कर तैयार हो चुके थे।

फिर हम तीनों अपने रूम की तरफ गए। जब हम रूम में पहुँचे तो मम्मी तैयार हो चुकी थी, क्या मस्त पटाखा लग रही थी मम्मी।

इतने में दीदी नहा कर दीदी तौलिया बांध कर रूम से बाहर आई। दीदी ने तौलिया ऐसे बांधा हुआ था, जिससे दीदी के बूब्स और चुत दोनो ढके हुए थे।

दीदी का आधा ढका हुआ जिस्म ऊपर से गीले बाल, गोरा मांसल बदन, क्या क़यामत लग रही थी दीदी। मेरा लन्ड दीदी को देखते ही सलामी देने लगा।

पापा और जीजाजी भी दीदी को ही देख रहे थे, जिन्हें मम्मी ने भी देख लिया था।

मम्मी- दीपिका क्या हुआ, कपड़े तो पहन कर आती। ऐसे क्यों आ गयी।

दीदी(मुन्ने को उठाती हुई)- मैंने सोचा मुन्ने को भी नहला दूँ, फिर कपड़े पहनूँगी, नही तो सारे कपड़े फिर से गीले हो जाएंगे।

दीदी मुन्ने को उठा कर बाथरूम में चली गयी।

10 मिनट बाद दीदी मुन्ने को नहला कर बाहर आई और मुन्ने को बेड पर लेटा कर अंदर चली गयी।

To be Continued

Reply





Posts: 286
Topic starter
Reputable Member
Joined: 4 years ago

फिर हम तीनों अपने रूम की तरफ गए। जब हम रूम में पहुँचे तो मम्मी तैयार हो चुकी थी, क्या मस्त पटाखा लग रही थी मम्मी।

इतने में दीदी नहा कर दीदी तौलिया बांध कर रूम से बाहर आई। दीदी ने तौलिया ऐसे बांधा हुआ था, जिससे दीदी के बूब्स और चुत दोनो ढके हुए थे।

दीदी का आधा ढका हुआ जिस्म ऊपर से गीले बाल, गोरा मांसल बदन, क्या क़यामत लग रही थी दीदी। मेरा लन्ड दीदी को देखते ही सलामी देने लगा।

पापा और जीजाजी भी दीदी को ही देख रहे थे, जिन्हें मम्मी ने भी देख लिया था।

मम्मी- दीपिका क्या हुआ, कपड़े तो पहन कर आती। ऐसे क्यों आ गयी।

दीदी(मुन्ने को उठाती हुई)- मैंने सोचा मुन्ने को भी नहला दूँ, फिर कपड़े पहनूँगी, नही तो सारे कपड़े फिर से गीले हो जाएंगे।

दीदी मुन्ने को उठा कर बाथरूम में चली गयी।

10 मिनट बाद दीदी मुन्ने को नहला कर बाहर आई और मुन्ने को बेड पर लेटा कर अंदर चली गयी।

चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra | Part 62

मम्मी मुन्ने को तैयार करने लगी। दीदी भी अब कपड़े पहन कर बाहर आ गयी।

दीदी ने टाइट जीन्स और एक स्लीवलेस टीशर्ट पहनी हुई थी। दीदी की मस्त मोटी गाँड़ पूरी बाहर निकले दिख रही थी और दीदी के बड़े बड़े भारी बूब्स को कहर ढा रहे थे। मेरा तो दिल कर रहा था कि दीदी को अभी पकड़ कर चूम लूँ।

अब हम सब तैयार होकर बाहर नाश्ता करने के लिए गए।

होटल के रेस्टॉरेंट में सब आ चुके थे। हम भी पहुँच गए और उनके साथ नाश्ता करने लगें।

मैं दीपिका दीदी के साथ वाली कुर्सी पर बैठ था।

टीना दीदी मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी।

मैं भी टीना दीदी को देख कर सोच रहा था कि इसकी गाँड़ मारनी अभी बाकी है। हरिद्वार जा कर इसकी गाँड़ का उद्घाटन करूँगा।

मैं फिर नाश्ता करने लगा।

लगभग आधे घण्टे तक सबने नाश्ता कर लिया और वहीं बैठे आगे की प्लानिंग कर रहे थे कि कितने बजे निकलना है हरिद्वार के लिए।

तो डिसाइड हुआ कि 2 बजे लगभग 2 घंटे बाद सभी बस के पास तैयार मिलना।

तभी लता मौसी बोली।

लता मौसी- आप सब हरिद्वार जाओ, मैं अभी यहीं रुकूँगी।

हम सब उनकी तरफ हैरानी से देखने लगे।

सूरी मौसा- क्या हुआ लता? तुम क्यों नही जा रही।

मौसी - आपको पता है ना कि मेरी सहेली आशा के पति की तबियत सही नही है, तो मैं उसे अकेला छोड़ कर नही जाना चाहती।

मौसा- ठीक है, मैं भी तुम्हारे साथ रुकता हूँ।

मौसी- नही आप जाइये, आपका सबके साथ जाना जरूरी है।

मौसा- जान, ऐसे मैं तुम्हे अकेली छोडकर नही जाऊंगा। किसी को तो तुम्हारे साथ रुकना चाहिये।

फिर सभी ने मौसाजी की हाँ में हाँ मिलाई और किसी एक को मौसी के साथ रुकने के लिए कहा।

मैंने सोचा मौसी अपनी बेटे-बेटियों या बहुओं में से किसी एक को रोकेगी।

लता मौसी- ठीक है, आप सब कहते हो तो राजवीर मेरे साथ यहाँ रह जायेगा और फिर बाद में हम दोनों आ जाएँगे।

ये सुनते ही मुझे तो जैसे बिजली का झटका लगा हो, मैं वैसे सुन्न ही रह गया, क्योंकि मेरे हरिद्वार में होने वाले मजें पर पानी फिर गया। कहाँ मैं सोच रहा था कि हरिद्वार में रण्डी हेमा मौसी, टीना दीदी, मीनाक्षी मामी, सोना दीदी, मेरी सेक्सी मम्मी और मेरी गंडास बहन दीपिका दीदी की चुदाई कर कर के मजें करूँगा, और अब कहाँ इन बुढ्ढीयों के साथ रहना पड़ेगा।

फिर सब लेडीज अपने अपने रूम में चली गयी पैकिंग करने।

लता मौसी - राज तू अपना सामान मेरे रूम में ले आना। आज तो मेरी फ्रेंड डॉ हेमलता सोलंकी हॉस्पिटल में आशा नागपाल के साथ रुकेगी। हम कल हम मेरी फ्रेंड डॉ हेमलता सोलंकी के घर रुकेंगे, उसके बाद जब आशा के पति को हॉस्पिटल से छुट्टी मिल जाएगी, फिर 2 दिन उसके पास रुक कर हम हरिद्वार जाएंगे।

मैं- ठीक है मौसी।

मैं उदास मन से उठकर अपने रूम में आना सामान लेने जाने लगा। मैं सोचने लगा कि ये मेरे साथ क्या हो रहा है कभी तो खड़े लन्ड पर चोट हो जाती है।

जैसे ही मैं अपने रूम में गया तो देखा मम्मी और दीदी पैकिंग कर रही थी। मैं उन्हें देख कर उदास था, तो दीदी मेरे पास आई और

बोली- भाई, क्या हुआ उदास क्यों है?

मैं कुछ नही बोला।

मेरे चेहरे के हावभाव देख कर समझ गई। दीपिका दीदी गेट की तरफ गयी और कमरे को अंदर से लॉक कर दिया। ओर वापस मेरे पास आ गई। मैं दीदी को देख रहा था।

तभी उसने मेरे कान में कहा कि सोच तू भी हमारे साथ हरिद्वार जाता तो तू मेरे साथ क्या करेगा। ओर ये सुनते ही मैने दीदी को किस्स करना शुरू कर दिया। साथ ही वह भी मुझे स्पोर्ट करने लगी और मुझे बेड पर धक्का दे दिया और मेरे ऊपर बैठ गई।

हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह किस्स कर रहे थे।

मम्मी- बस कर दीपिका, तुझमे सब्र नही है क्या, जब देखो राज से चुदवाने लग जाती है।

दीदी- चुप कर रण्डी, तुझे क्या है।

मम्मी- हाँ मैं रण्डी तो तुम दोनों रण्डी के बच्चे ही हुए।

दीदी - हाँ हम रण्डी के बच्चे ही है।

तभी दीदी ने अपनी टीशर्ट उतार दिया। ओर बूब्स को मेरे मुंह पे रगड़ने लगी।

मैं भी अपना मुँह दीदी के मुम्मों में दबाने लगा।

दीदी- (मम्मी को देखते हुए) राज हम इस रण्डी के बच्चे है ना।

मैं दीदी के बूब्स पर काटने लगा और बोला- हाँ

हम दोनों ही बहुत मूड में आ गए।

दीदी ने मेरी शॉर्ट को नीचे की ओर खींचा। मेरा लंड पूरी तरह से पत्थर जैसे तन गया। मैने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और मेरा टीशर्ट उतार के, मैं उसके सामने पूरा नंगा हो गया था।

मैने दीदी की जीन्स और पैंटी को झट से उतार दिया।

उनकी चूत पूरी गीली थी।

बाहर तक उनकी चूत से पानी टपक रहा था मैने अपनी दो उंगलियां उसकी चूत की गहराई में उतर दी। धीरे से अन्दर बाहर करने लगा। मेरी उंगलियां उसके रस से पूरी भीग गई। फिर दीदी खड़ी हुई और मेरी टी शर्ट उतार दी और मुझे पूरा नंगा कर दिया। अब दीदी और मैं दोनो पूरे नंगे थे। मम्मी हमें देख रही थी और पैकिंग करने में व्यस्त थी। दीदी मेरे ऊपर लेट गयी और मेरी छाती पर जीभ से चाटने लगी, फिर मेरे पेट को चाटते हुए उसने मेरा लन्ड को पकड़ा और हिलाने लगी।

To be Continued

Reply





Posts: 286
Topic starter
Reputable Member
Joined: 4 years ago

हम दोनों ही बहुत मूड में आ गए।

दीदी ने मेरी शॉर्ट को नीचे की ओर खींचा। मेरा लंड पूरी तरह से पत्थर जैसे तन गया। मैने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और मेरा टीशर्ट उतार के, मैं उसके सामने पूरा नंगा हो गया था।

मैने दीदी की जीन्स और पैंटी को झट से उतार दिया।

उनकी चूत पूरी गीली थी।

बाहर तक उनकी चूत से पानी टपक रहा था मैने अपनी दो उंगलियां उसकी चूत की गहराई में उतर दी। धीरे से अन्दर बाहर करने लगा। मेरी उंगलियां उसके रस से पूरी भीग गई। फिर दीदी खड़ी हुई और मेरी टी शर्ट उतार दी और मुझे पूरा नंगा कर दिया। अब दीदी और मैं दोनो पूरे नंगे थे। मम्मी हमें देख रही थी और पैकिंग करने में व्यस्त थी। दीदी मेरे ऊपर लेट गयी और मेरी छाती पर जीभ से चाटने लगी, फिर मेरे पेट को चाटते हुए उसने मेरा लन्ड को पकड़ा और हिलाने लगी।

चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra | Part 63

फिर दीदी थोड़ी नीचे हुई और मेरे लन्ड पर अपनी जीभ लगा कर जीभ फेरने लगी। फिर धीरे धीरे दीदी ने मेरा पूरा लन्ड आने मुँह में भर लिया और चूसने लगी। 10 मिनट लन्ड चूसने के बाद दीदी खड़ी हुई और मेरा लन्ड अपनी चुत के बाहर रगड़ने लगी। मैने भी लंड को उसकी चूत पे सेट करके उसकी चूत में धक्का दिया मेरा लंड उसकी चूत में फिसलते हुए उसकी चूत में उतार दिया।

दीदी करहाने लगी- आ आहआह आराम से भाई आह आह मम्मी मर गई आह।

दीदी ने दोनों हाथो से मुझे टाइट गले लगा दिया। मैं धीरे धीरे से झटके देने लगा। हम दोनों की सांसे तेज होने लगी। वह मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगी। ओर मेरे गले पे हल्के-हल्के किस्स देने लगी।

मैं ओर कामुक होने लगा ओर मैने तेज झटके देने लगा। जिस से दीदी जोर जोर से कराहने लगी।

दीपिका दीदी- आ आ आ आ आ आ ह ह ह ह ह ह ह भाई तेज और तेज कर भाई या आ आ आ आ ह ह ह ह

मैं- हाँ मेरी रण्डी ले और तेज, फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी।

दीपिका- आ आ आ बहनचोद, मादरचोद आ आ आ मार डाला चोद आ आ आ आ ह्म्म्म ऊऊआ ऐसे ही चो चो द आ आ आ ह ह ह

15 मिनट ऐसे ही दीदी को छोड़ने के बाद मैं दीदी की चुत में झड़ गया।

दीदी बहुत हांफ रही थी, मैं फिर बेड पर लेट गया।

10 मिनट मैं ओर दीदी ऐसे नंगे ही लेते रहे।

फिर दीदी खड़ी हुई और अपने कपड़े पहन कर वाशरूम में चली गयी।

टैब तक मम्मी ने ऊनी पैकिंग कर ली थी तो मेरी मम्मी मेरे करीब पहुंची और मेरे लन्ड को अपने हाथ में ले लिया। मेरी मम्मी आगे की ओर झुक गई। उन्होंने होंठो को अलग किया और मेरे बैठे हुए लंड के टॉपे को अपने मुँह में ले लिया। "अरे, यह बहुत अच्छा लगा।" मम्मी मेरे लंड को ऊपर- नीचे करने लगी। मम्मी मेरे लन्ड को मुँह में पूरा अंदर तक ले जाने लगी। मेरा लन्ड कुछ पल में ही पूरा खड़ा हो गया। मम्मी तेजी से चूसने लगी।

फिर दीदी वाशरूम से बाहर आई और मम्मी को देख कर बोली।

To be Continued

Reply





Posts: 286
Topic starter
Reputable Member
Joined: 4 years ago

15 मिनट ऐसे ही दीदी को छोड़ने के बाद मैं दीदी की चुत में झड़ गया।

दीदी बहुत हांफ रही थी, मैं फिर बेड पर लेट गया।

10 मिनट मैं ओर दीदी ऐसे नंगे ही लेते रहे।

फिर दीदी खड़ी हुई और अपने कपड़े पहन कर वाशरूम में चली गयी।

टैब तक मम्मी ने ऊनी पैकिंग कर ली थी तो मेरी मम्मी मेरे करीब पहुंची और मेरे लन्ड को अपने हाथ में ले लिया। मेरी मम्मी आगे की ओर झुक गई। उन्होंने होंठो को अलग किया और मेरे बैठे हुए लंड के टॉपे को अपने मुँह में ले लिया। "अरे, यह बहुत अच्छा लगा।" मम्मी मेरे लंड को ऊपर- नीचे करने लगी। मम्मी मेरे लन्ड को मुँह में पूरा अंदर तक ले जाने लगी। मेरा लन्ड कुछ पल में ही पूरा खड़ा हो गया। मम्मी तेजी से चूसने लगी।

फिर दीदी वाशरूम से बाहर आई और मम्मी को देख कर बोली।

चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra | Part 64

दीपिका दीदी- रण्डी मम्मी क्या हुआ, आपको भी राज का लन्ड देख कर मूड बन गया।

मम्मी(लन्ड को मुँह से बाहर निकाल कर)- मेरी पैकिंग हो गई, तो मैंने सोचा जब तक तू पैकिंग करेगी तब तक मैं भी मजे ले लूँ।

दीदी मम्मी के पास आई और मम्मी के बाल पकड़ कर मम्मी का सिर मेरे लन्ड पर पूरा दबाने लगी और बोली- साली रण्डी मुझे बहुत बोल रही थी, ले रण्डी चूस अपने बेटे का लन्ड।

मेरा लन्ड पूरा मम्मी के गले तक पहुंच गया। मम्मी गूं गूं करने लगी तो दीदी ने मम्मी का सिर छोड़ा।

मम्मी ने मेरा लन्ड मुँह से निकल और खांसने लगी।

दीदी- ठीक है रण्डी अब आप मजे लो। मैं पैकिंग करती हूँ।

और मम्मी 2 मिनट बाद खड़ी हुई और अपने कपड़े उतार दिए और मुझे बेड पर लेटा कर मेरे ऊपर बैठी और मेरा लन्ड अपनी चुत पर सेट कर के लन्ड चुत में लेने लगी।

जब पूरा लन्ड चुत में चला गया तो मम्मी उछलने लगी और मैं भी नीचे से धक्के देने लगा

मैं इसे पल को बर्बाद नहीं करना चाहता था। मम्मी के बूब्स बहुत उछल रहे थे तो मेरा हाथ मम्मी के बूब्स के पास पहुंच गया। मैं उसकी ब्रा से स्तन आज़ाद कर दिया और मम्मी के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा।

मैंने मम्मी के बूब्स पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और मम्मी के बूब्स चूसने लगा।

मम्मी झुकी हुई एक तरफ मुझे अपने बूब्स चुसाने लगी दूसरी तरफ अपनी गाँड़ उछाल ऊपर नीचे कर मेरा लन्ड ले रही थी। मैं भी नीचे से लन्ड पूरा मम्मी की चुत में डालने की कोशिश कर रहा था।

तभी दीदी मम्मी के पीछे जाकर मम्मी की गाँड़ पर थप्पड़ मारने लगी।

मम्मी- आ आ आ

दीपिका दीदी- साली रण्डी हमे बहुत नसीहत दे रही थी, अब खुद चुद रही है, तेरी गाँड़ तो आज मैं थप्पड़ मार मार के लाल कर दूंगी, राज तू भी इस रण्डी की आज चुत फाड़ दे।

फिर दीदी मम्मी की गाँड़ पर जोर जोर से थप्पड़ मारने लगी।

मैं- साली कुतिया रण्डी ले पूरा लन्ड।

मैंने मम्मी को अपने लंड की लंबाई उसके अंदर महसूस कराने लगा।

मम्मी- "ओह माय गॉड, मुझे जोर से चोदो!" रण्डी के बच्चे। दीपिका साली कुतिया राँड़ बस कर अब थप्पड़ मारने आ आ।

मैं जितना हो सकता था मम्मी की चुत में लन्ड को उतना गहरा डालने लगा। हैरानी की बात है कि रात को मुझसे चुदने के बाद अब भी मुझे मेरी मम्मी की चूत दीपिका दीदी की चूत की तरह तंग महसूस हो रही थी। उनकी चूत की मांसपेशिया मजबूती से मेरे लन्ड को दबा रही थी। मुझे पता था कि मम्मी और दीदी की चूत को अच्छे से चुदाई की जरूरत है। मुझसे जितना हो सकता था उतना कठिन और गहरा जाने लगा।

दीदी ने मम्मी के थप्पड़ मार मार के गाँड़ पूरी लाल कर दी थी। मम्मी की गाँड़ पर दीदी के थप्पड़ के निशान दिख रहे थे।

मम्मी- आ आ आ आ मादरचोद मार दिया। रण्डी समझा है क्या।

दीपिका दीदी- साली तू रण्डी ही है, तभी अपने बेटे से चुद रही है।

मम्मी- साली कुतिया तू भी तो अपने भाई से चुदी है रण्डी।

मैं- साली तू मेरी रण्डी ही है। मैं लन्ड को मम्मी के जितना हो सकता उतना अंदर करने लगा। AC में भी हम दोनों के पसीने छूट रहे थे। मैं मम्मी के मोटे मोटे मुम्मे लगातर चूस रहा था। उनकी निप्पल पर काट रहा था।शायद 20 मिनट बीत गए और मेरा लंड मिल्क छोड़ने के करीब था। मैं उन को यह बताने के लायक नहीं था कि मॉम मैं झड़ने वाला हूं। इस बीच मम्मी का एक बार मिल्क निकल चुका था। मैं अपने मिल्क को बाहर नहीं निकालना चाहता था। मैं कुछ और बार गहरा गया और फिर मैं अंदर ही सारा रस छोड़ दिया। मेरे साथ ही मम्मी एक बार फिर से झड़ गयी। मेरी मलाई बाहर आ गई और यह मेरी माँ की चूत के बाहर बहने लगी। मेरी माँ और मैंने दोनों को नीचे देखा।

मेरी सफ़ेद क्रीम उसकी चूत से रिस रही थी। मम्मी ने अंगुलियों को चूत की गहरी में उतार दिया। उन्होंने मेरी क्रीम को उंगलियों
में लिया और होठो पर लगा के चखने लगी।

इतने में पापा ने गेट खटखटाया। तो मम्मी बोली -"मैं वाशरूम में जा कर अपने आपको साफ कर लेती हूं। " उन्होंने मुझसे कहा। और मुझसे कहा कि तू फटाफट कपड़े पहन।

दीदी गेट खोलने गयी तो मैंने फटाफट कपड़े पहन लिए।

गेट खोलते ही पापा अंदर आये और पूछा- पैकिंग हो गई

दीदी- हाँ पापा हो गयी।

पापा ने कपड़ो के पैक बैग उठाये और दीदी को बोले की मैं ये बैग लेकर बस में जा रहा हूँ। तुम भी जल्दी आ जायो, सब इन्तजार कर रहे है।

पापा जैसे ही बाहर गए तो मैं भी अपना बैग पैक करने लगा, 2 मिनट बाद मम्मी भी वाशरूम से बाहर आ गई। फिर मम्मी ने दीदी और खुद का हैंडबैग उठाया और दीदी ने मुन्ने को उठाया।

मैंने भी अपना बैग उठा लिया और हम रूम से बाहर निकल आये, मम्मी ओर दीदी मेरे आगे चल रही थी। 3 रूम्स छोड़ कर लता मौसी का रूम था, मैंने वहाँ अपना बैग रखा और दीदी के पीछे चलने लगा।

दीदी की जीन्स में गाँड़ क्या मस्त लग रही थी। होटल के कार्मिक और दूसरे गेस्ट जो होटल में थे, सबकी नजर दीदी की मस्त मोटी सेक्सी गाँड़ पर थी।

फिर हम बाहर बस के पास पहुंचे तो सभी बस में बैठ चुके थे।

फिर मम्मी और दीपिका दीदी भी बस में चढ़ गए।

मैंने देखा की टीना दीदी बस की 2 सेट पीछे खिड़की वाली साइड बैठी मुझे ही देख रही थी, और वो भी उदास थी।

फिर बस स्टार्ट हुई, सभी बस में बैठ गए, मैं और लता मौसी सब को बाए करने लगे। फिर बस चल पड़ी और वो सब चले गए।

To be Continued

Reply





Page 13 / 18