फिर मैंने दीदी को चोदने की स्पीड बढ़ा दी।
दीदी के मुँह से आ आ आ आ की आवाजें आने लगी।
पूरे कमरे में जोर जोर से पट पट की आवाजें आने लगी, पर मैं और दीदी बिना मम्मी की परवाह किये चुदाई करते रहे।
दीदी- आ आ आ आ और जोर से, आ आ आ आज फाड़ दे मेरी चुत, आ आ आ मर गई, ऊ माँ चोद भाई बहुत मजा आ रहा है, ऊ आ आ हा आ हा करते करते 15 मिनट बाद दीदी ने मुझे जोर से जकड़ लिया और जोर जोर से चोदने को बोली, मैं दीदी को चोदता रहा,
दीदी आ आ हा जोर से करते करते 2 मिनट बाद झड़ गयी।
दीदी की चुत से पानी निकलने लगा, जो मुझे मेरे लन्ड पर महसूस हो रहा था, फिर दीदी एक दम ढीली पड़ गयी, पर मैं दीदी की चुत में धीरे धीरे झटके मारता रहा और दीदी के बड़े बड़े मुम्मे चूसने लगा।
चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra | Part 55
10 मिनट बाद दीदी फिर से गर्म होने लगी और मेरे बालों में हाथ फिराने लगी।
फिर मैंने अपना लन्ड दीदी की चुत से निकाला और दीदी को घोड़ी बन ने के लिए कहा। दीदी खड़ी हुई और घोड़ी बन गयी। मैंने पीछे से दीदी की चुत में लन्ड डालने लगा, तो ऐसे तो चुत और टाइट लग रही थी। मैंने दीदी की चुत पर लन्ड सेट किया और एक झटके में पूरा लन्ड घुसा दिया।
दीदी- आ आ साले कमीने, आराम से घुसा कुत्ते।
मैंने दीदी को अनसुना किया और दीदी को कमर से पकड़ कर जोर जोर से दीदी को चोदने लगा। दीदी के मुँह से आ आ आ निकल रही थी। मैं दीदी चोदते चोदते दीदी की मस्त मोटी गाँड़ पर थप्पड़ भी मारने लगा, थप्पड़ पड़ते ही दीदी की आ आ आ निकल जाती, मैंने थप्पड़ मार मार के दीदी की गाँड़ लाल कर दी। फिर मैंने देखा दीदी के मोटे मुम्मे नीचे हवा में झूल रहे थे और आगे पीछे हिल रहे थे। फिर मैंने हाथ आगे कर के दीदी के मोटे मुम्मे पकड़ लिए और दीदी को चोदते हुए दीदी के मुम्मे भी दबाने लगा, मैं दीदी के मुम्मे जोर जोर से दबाने लगा, जिस से दीदी के दूध की धार निकलने लगी। दीदी बस मजे से आवाज़े निकाल रही थी, आ आ आ आ आ आ आ आ ह ह ह ह ह ह चोद मुझे, अपनी रण्डी बना ले। आज से मैं तेरी रण्डी हूँ।
मैं 30 मिनट दीदी को ऐसे ही चोदता रहा, इस बीच दीदी का एक बार पानी निकल चुका था, फिर मेरा शरीर भी अकड़ने लगा, तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। मैंने दीदी को कहा की मेरा निकलने वाला है।
मैं- दीदी मेरा पानी निकलने वाला है। कहाँ निकालूँ।
दीदी- मेरी चुत में ही पानी निकाल, 2 साल से प्यासी है मेरी चुत, आज इसकी प्यास बुझा दे।
मैं- दीदी अगर बच्चा हो गया तो।
दीदी- मैं तेरे बच्चे की माँ बन ना चाहती हूँ भाई।
इतने में मेरा पानी दीदी की चुत में निकलने लगा और इतने में दीदी की चुत ने भी एक बार फिर से पानी छोड़ दिया। मैंने अपना सारा पानी दीदी की चुत में छोड़ा और मेरा शरीर ढीला पड़ गया। मैं दीदी की चुत में लन्ड डाले ही दीदी के ऊपर लेट गया। मैं थोड़ी देर ऐसे ही दीदी के ऊपर लेता रहा और दीदी मेरे बालों में अपना हाथ फिराती रही।
दीदी- राज, तू कह रहा था कि तूने कुँवारी चुत ली है, किसकी ली है भाई?
राज- दीदी, मैंने जिसकी ली है, मैं उस से शादी करना चाहता हूँ और आपको मेरी हेल्प करनी पड़ेगी सबको मनाने में।
दीदी(मुझे किस करते हुए)- हाँ मेरे भाई, मैं तेरी हेल्प करूंगी, पर उसका नाम तो बता।
राज- दीदी उसका नाम टीना है।
दीदी(सोचते हुए)- कौनसी टीना। क्या मैं जानती हूँ उसको।
राज- जी दीदी, आप जानती हो टीना दीदी की बात कर रहा हूँ मैं।
दीदी(चोंकते हुए)- क्या, हेमा मौसी की बेटी?
मैं- हाँ दीदी
फिर एकदम से रूम की लाइट जग गयी और मम्मी की जोर से बोलने की आवाज़ आई।
मम्मी- नही, तेरी शादी उसके साथ कभी नही हो सकती।