दीदी- बस तेरे इस मोटे लन्ड से मेरी चुत की गर्मी शांत करनी है, तेरे जीजाजी ने 2 साल से मेरी चुत नही मारी।
मैं- जी दीदी, ओर जीजाजी ने क्यो नही मारी।
दीदी- तेरे जीजाजी कहते है कि मुन्ना होने के बाद मेरी चुत ढीली हो गई, तब से वो सिर्फ मेरी गाँड़ मारते है। आज तू मेरी चुत की हवस मिटा देना।
मैं- दीदी आपने जीजाजी के अलावा किसी ओर से भी चुदाई की है।
दीदी- नही भाई, तेरे जीजाजी के अलावा मैं आज तक किसी से नही चुदी।
मैं मन मे सोचता हुआ, साली रण्डी कितना झूठ बोल रही है सुबह तो दीपक भैया से चुद रही थी।
मैं- सच दीदी, खाओ मेरी कसम।
दीदी- भाई तेरी कसम, तेरे जीजाजी के अलावा आज तक नही चुदी मैं किसी से।
मैं मन मे साली मेरी झूठी कसम खा रही है, आज इस रण्डी को ऐसे चोदूँगा की मेरी दीवानी बन जाएगी फिर इसको लोगों से चुड़वाऊंगा झूठी रण्डी को।
चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra | Part 50
तभी दीदी बोली
दीदी- राज, पर आज शायद मैं तेरे जीजाजी के अलावा किसी ओर से चुद जाती, पर उस साले में दम ही नही था।
मैं - आज, किस से दीदी?
दीदी- दीपक से।
मैं- कौन दीपक?
दीदी- हेमा मौसी का बेटा।
मैं(अनजान बनते हुए, हैरानी से)- क्या, दीपक भैया से?
दीदी- हाँ भाई।
मैं- दीदी आने उस से चुदने का सोच कैसे लिया, अगर उसने आपको चोद कर बदनाम कर दिया तो।
दीदी- बदनाम नही कर सकता वो मुझे।
मैं- क्या?
दीदी- नविका को तेरे जीजाजी ने जो चोदा है उसके सामने।
मैं- कैसे
दीदी- तेरे जीजाजी ने आज दीपक और नविका से बात सेट करके वाइफ स्वैपिंग की थी, नविका तो तेरे जीजाजी से खूब चुदी, पर साले नामर्द दीपक का 5 मिनट में मेरे मुँह में ही पानी निकल गया, फिर साले का खड़ा ही नही हुआ।
मैं(हैरान होते हुए)- जीजाजी के सामने
दीदी- भाई, तुझसे चुदवाने का आईडिया भी तेरे जीजाजी का ही है।
मैं- क्या, पर क्यों?
दीदी- वो चाहते है कि मैं दो लन्डो से एक साथ चुदूँ, और वो मेरी चुत नही मारते इसलिए कोई मेरी चुत मारे और वो मेरी गाँड़, दोनो एक साथ चुदे।
मैं- सच मे, उसके लिए तो बहुत मिल जाते, फिर मैं ही क्यों?
दीदी- तेरे जीजाजी चाहते है कि ये बात घर मे ही रहे, और मुझे कहा की तेरे ही किसी भाई के साथ मिल कर तुझे चोदूँगा, ताकि तुझे वो बदनाम ना करें। इसलिए दीपक को भी पटाया पर वो साल नामर्द निकला।
मैं- दीदी, दीपक क्या उसका भाई देव भी उसकी तरह नामर्द है। आज तो मुझसे चुदवा लो, कल जीजाजी के साथ मिल कर चोदूँगा आपको।
दीदी- तुझे कैसे पता।
फिर मैंने दीदी को घर पर घूमने आने से पहले रात वाली बात बताई, और बताया कि कल उसकी गाँड़ भी मारी मैंने।
दीदी(हँसते हुए)- उन सालो की माँ इतनी बड़ी रण्डी है और बेटे साले नामर्द।
मैं- हम्म्म्म दीदी, अब मुझे आपकी चुत चटनी है, आप मेरे मुँह पर बैठो।
फिर दीदी खड़ी हुई, अपना एक पैर मेरे मुह से दूसरी साइड कर गाँड़ मेरे मुँह की तरफ की और मेरे मुँह पर बैठ गयी।