उन में से एक लड़के ने मेरी जेब मे हाथ डाला और मेरी जेब में 1200 रुपये थे, वो निकाल लिए और मोबाइल भी निकाला। तो उन में से एक लड़का बोला, मोबाइल मत निकाल, मोबाइल से फस सकते है। मोबाइल की बैटरी और सिम निकाल कर फेंक दे और मोबाइल वापिस इसकी जेब मे डाल दे, तो उसने ऐसा ही किया।
फिर जिस एक लड़के ने जिसने दीपिका दीदी की गाँड़ दबाई थी, उसने मुझे थप्पड़ मारे और दीपिका दीदी के बारे में गलत गलत बोलता रहा कि मैं उसको अपनी रांड बनाऊंगा, उसकी रण्डी को सड़कों पर सरेआम नंगा करके उसकी गाँड़ मारूँगा, पता नही कितनो से गाँड़ मरवाकर इस्तनि मस्त गाँड़ की है उस रण्डी ने और भी बहुत बोलता रहा, और बीच बीच मे मेरे मुँह पर थप्पड़ भी मारता रहा, कभी पेट पर लात भी मार देता था। जब वो मेरे पेट मे लात मारता तो मेरे मुह से चीख भी निकलती।
चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra | Part 45
फिर एक दम से 2 पुलिस वाले मेरी चीख सुन कर उस तरफ आ गए, तो वो लड़के मुझे छोड़ कर भाग गए, फिर पुलिस वालों ने मुझे पूछा तो मैने बताया कि मैं अपनी फैमिली के साथ होटल में रुका हूँ। फिर वो मुझे होटल ले गए और फैमिली को बुलाने को कहा, तो मैने लता मौसी को बुला लिया, जिनके साथ दीपिका दीदी भी आ गयी। वो लता मौसी को जानते थे, फिर वो लता मौसी को पूरी बात बता कर चले गए।
फिर दीपिका दीदी मुझे रूम में लेकर गई, मुझे बिस्तर पर लेटा कर खुद मेरे साथ बैठ गयी और मुझसे पूछने लगी कि कौन थे। रूम में मैं और दीपिका दीदी ही थे।
दीपिका दीदी- राज, कौन थे लड़के। हाय मेरे भाई को इतनी बुरी तरह से पीटा।
फिर दीदी ने मेरे गाल देखे तो थपेड़ो से लाल हो गए थे।
दीदी- बता राज कैसे हुआ ये, कौन थे वो।
राज- दीदी वो मैं ऐसे ही घूमने गया था। तो उन वाटरपार्क लड़कों ने मुझे पकड़ लिया, और मुझसे सारे पैसे ले लिए, मुझे गालिया दी, आपमे बारे में गलत बोलने लगे और मुझे मारा।
दीदी(सोचते हुए)- वाटरपार्क वाले कौनसे लड़के।
राज- दीदी वही जो आप को छेड़ रहे थे और हमने जिनकी पिटाई की थी।
दीदी- उन लड़कों को गाली देते हुए, साले हरामी कहीं के एक बच्चे को इतना मारा। भाई और कहाँ मारा है तेरे, मैं दीदी पेट मे।
दीदी ने मेरी टीशर्ट ऊपर कर दी और मेरा पेट देखने लगी।
फिर दीदी बोली चल तू आराम कर, मैं अभी आती हुँ और तेरे लिए कुछ खाने को भी मंगवाती हुँ।
फिर दीदी चली गयी और में सोचने लगा कि साला ये क्या हो रहा है मेरे साथ कल का दिन मजे से भरा था और आज का दिन तो हर प्रोग्राम की माँ ही चुद गई।
5 मिनट बाद दीदी रूम में अपने बेटे के साथ आई, दीदी बेड पर बैठ गयी और उनके पीछे वेटर भी खाना लेकर आया। वेटर के जाने के बाद दीदी खड़ी हुई और दरवाजे को अंदर से बंद कर वापिस बेड पर बिल्कुल मेरे साथ बैठ गयी। दीदी ने पजामा टीशर्ट पहनी हुई थी, उन्होंने अपनी टीशर्ट ऊपर कर ब्रा भी ऊपर कर ली और अपने दोनों मुम्मे आजाद कर दिए और एक मुम्मे से अपने बेटे को दूध पिलाने लगी। मैं दीदी वाली साइड मुँह कर के लेट गया और दीदी का मुम्मा देखने लगा।
दीदी(मेरे सिर पर हाथ फेरते हुए)- सॉरी भाई, मेरी वजह से आज उन लड़कों ने तुझे मारा।
राज- नही दीदी, इसमे आपकी गलती थोड़ी है।
दीदी (थोड़ा झुकी और मेरे माथे पर किस की)- मेरा प्यारा भाई, तू बहुत अच्छा है। लव यू। चल अब उठ और खाना खा ले।
जब दीदी मेरी तरफ झुकी तो उनका एक नंगा मुम्मा भी मेरे कंधे पर लगने लगा, जिस से मेरे लन्ड में तनाव आने लगा।
फिर दीदी सीधी हुई और फिर अपने दूसरे मुम्मे से बेटे को दूध पिलाने लगी।
राज- दीदी आप फ्री हो जाओ, फिर एक साथ खाना खाते है।
दीपिका दीदी- ठीक है भाई, बस मुन्ना अभी 10 मिनट में सो जाएगा।
फिर मैं दीदी की तरफ देखने लगा, दीदी मुन्ने को दूध पिला रही थी, और मैं दीदी के मुम्मे घूर रहा था।
दीदी- राज, क्या देख रहा है?
राज- मुन्ने को दीदी।
फिर मैं मुन्ने के सिर पर हाथ रख कर सहलाने लगा, मेरा हाथ दीदी के मुम्मे पर भी टच होने लगा।
दीदी- क्यो ऐसा क्या देख रहा है मुन्ने में।
राज- यहीं देख रहा हूं दीदी कि मुन्ना कैसे दूध पी रहा है, इतनी आवाज़ कर रहा है दूध पीते हुए।
दीदी- बेटा तू भी ऐसे ही पीता था मम्मी का दूध।
राज- सच मे, मैं नही मानता।
दीदी- चल आज तू मेरा दूध पी कर देख लेना, की आवाज़ आती है या नही।
राज- ठीक है दीदी।
इतने में मुन्ना भी सो गया, और दीदी ने उसे साइड में सुला दिया।