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Incest चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra

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उन में से एक लड़के ने मेरी जेब मे हाथ डाला और मेरी जेब में 1200 रुपये थे, वो निकाल लिए और मोबाइल भी निकाला। तो उन में से एक लड़का बोला, मोबाइल मत निकाल, मोबाइल से फस सकते है। मोबाइल की बैटरी और सिम निकाल कर फेंक दे और मोबाइल वापिस इसकी जेब मे डाल दे, तो उसने ऐसा ही किया।

फिर जिस एक लड़के ने जिसने दीपिका दीदी की गाँड़ दबाई थी, उसने मुझे थप्पड़ मारे और दीपिका दीदी के बारे में गलत गलत बोलता रहा कि मैं उसको अपनी रांड बनाऊंगा, उसकी रण्डी को सड़कों पर सरेआम नंगा करके उसकी गाँड़ मारूँगा, पता नही कितनो से गाँड़ मरवाकर इस्तनि मस्त गाँड़ की है उस रण्डी ने और भी बहुत बोलता रहा, और बीच बीच मे मेरे मुँह पर थप्पड़ भी मारता रहा, कभी पेट पर लात भी मार देता था। जब वो मेरे पेट मे लात मारता तो मेरे मुह से चीख भी निकलती।

चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra | Part 45

फिर एक दम से 2 पुलिस वाले मेरी चीख सुन कर उस तरफ आ गए, तो वो लड़के मुझे छोड़ कर भाग गए, फिर पुलिस वालों ने मुझे पूछा तो मैने बताया कि मैं अपनी फैमिली के साथ होटल में रुका हूँ। फिर वो मुझे होटल ले गए और फैमिली को बुलाने को कहा, तो मैने लता मौसी को बुला लिया, जिनके साथ दीपिका दीदी भी आ गयी। वो लता मौसी को जानते थे, फिर वो लता मौसी को पूरी बात बता कर चले गए।

फिर दीपिका दीदी मुझे रूम में लेकर गई, मुझे बिस्तर पर लेटा कर खुद मेरे साथ बैठ गयी और मुझसे पूछने लगी कि कौन थे। रूम में मैं और दीपिका दीदी ही थे।

दीपिका दीदी- राज, कौन थे लड़के। हाय मेरे भाई को इतनी बुरी तरह से पीटा।

फिर दीदी ने मेरे गाल देखे तो थपेड़ो से लाल हो गए थे।

दीदी- बता राज कैसे हुआ ये, कौन थे वो।

राज- दीदी वो मैं ऐसे ही घूमने गया था। तो उन वाटरपार्क लड़कों ने मुझे पकड़ लिया, और मुझसे सारे पैसे ले लिए, मुझे गालिया दी, आपमे बारे में गलत बोलने लगे और मुझे मारा।

दीदी(सोचते हुए)- वाटरपार्क वाले कौनसे लड़के।

राज- दीदी वही जो आप को छेड़ रहे थे और हमने जिनकी पिटाई की थी।

दीदी- उन लड़कों को गाली देते हुए, साले हरामी कहीं के एक बच्चे को इतना मारा। भाई और कहाँ मारा है तेरे, मैं दीदी पेट मे।

दीदी ने मेरी टीशर्ट ऊपर कर दी और मेरा पेट देखने लगी।

फिर दीदी बोली चल तू आराम कर, मैं अभी आती हुँ और तेरे लिए कुछ खाने को भी मंगवाती हुँ।

फिर दीदी चली गयी और में सोचने लगा कि साला ये क्या हो रहा है मेरे साथ कल का दिन मजे से भरा था और आज का दिन तो हर प्रोग्राम की माँ ही चुद गई।

5 मिनट बाद दीदी रूम में अपने बेटे के साथ आई, दीदी बेड पर बैठ गयी और उनके पीछे वेटर भी खाना लेकर आया। वेटर के जाने के बाद दीदी खड़ी हुई और दरवाजे को अंदर से बंद कर वापिस बेड पर बिल्कुल मेरे साथ बैठ गयी। दीदी ने पजामा टीशर्ट पहनी हुई थी, उन्होंने अपनी टीशर्ट ऊपर कर ब्रा भी ऊपर कर ली और अपने दोनों मुम्मे आजाद कर दिए और एक मुम्मे से अपने बेटे को दूध पिलाने लगी। मैं दीदी वाली साइड मुँह कर के लेट गया और दीदी का मुम्मा देखने लगा।

दीदी(मेरे सिर पर हाथ फेरते हुए)- सॉरी भाई, मेरी वजह से आज उन लड़कों ने तुझे मारा।

राज- नही दीदी, इसमे आपकी गलती थोड़ी है।

दीदी (थोड़ा झुकी और मेरे माथे पर किस की)- मेरा प्यारा भाई, तू बहुत अच्छा है। लव यू। चल अब उठ और खाना खा ले।

जब दीदी मेरी तरफ झुकी तो उनका एक नंगा मुम्मा भी मेरे कंधे पर लगने लगा, जिस से मेरे लन्ड में तनाव आने लगा।

फिर दीदी सीधी हुई और फिर अपने दूसरे मुम्मे से बेटे को दूध पिलाने लगी।

राज- दीदी आप फ्री हो जाओ, फिर एक साथ खाना खाते है।

दीपिका दीदी- ठीक है भाई, बस मुन्ना अभी 10 मिनट में सो जाएगा।

फिर मैं दीदी की तरफ देखने लगा, दीदी मुन्ने को दूध पिला रही थी, और मैं दीदी के मुम्मे घूर रहा था।

दीदी- राज, क्या देख रहा है?

राज- मुन्ने को दीदी।

फिर मैं मुन्ने के सिर पर हाथ रख कर सहलाने लगा, मेरा हाथ दीदी के मुम्मे पर भी टच होने लगा।

दीदी- क्यो ऐसा क्या देख रहा है मुन्ने में।

राज- यहीं देख रहा हूं दीदी कि मुन्ना कैसे दूध पी रहा है, इतनी आवाज़ कर रहा है दूध पीते हुए।

दीदी- बेटा तू भी ऐसे ही पीता था मम्मी का दूध।

राज- सच मे, मैं नही मानता।

दीदी- चल आज तू मेरा दूध पी कर देख लेना, की आवाज़ आती है या नही।

राज- ठीक है दीदी।

इतने में मुन्ना भी सो गया, और दीदी ने उसे साइड में सुला दिया।

To be Continued

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दीपिका दीदी- ठीक है भाई, बस मुन्ना अभी 10 मिनट में सो जाएगा।

फिर मैं दीदी की तरफ देखने लगा, दीदी मुन्ने को दूध पिला रही थी, और मैं दीदी के मुम्मे घूर रहा था।

दीदी- राज, क्या देख रहा है?

राज- मुन्ने को दीदी।

फिर मैं मुन्ने के सिर पर हाथ रख कर सहलाने लगा, मेरा हाथ दीदी के मुम्मे पर भी टच होने लगा।

दीदी- क्यो ऐसा क्या देख रहा है मुन्ने में।

राज- यहीं देख रहा हूं दीदी कि मुन्ना कैसे दूध पी रहा है, इतनी आवाज़ कर रहा है दूध पीते हुए।

दीदी- बेटा तू भी ऐसे ही पीता था मम्मी का दूध।

राज- सच मे, मैं नही मानता।

दीदी- चल आज तू मेरा दूध पी कर देख लेना, की आवाज़ आती है या नही।

राज- ठीक है दीदी।

इतने में मुन्ना भी सो गया, और दीदी ने उसे साइड में सुला दिया।

चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra | Part 46

राज- दीदी अब मैं पी कर देखूं।

दीदी- अभी नही बेटा, पहले खाना खा लो, सोते टाइम पी लेना और आज मेरे पास यहीं सो जाना।

राज- ओके दीदी।

फिर दीदी खड़ी हुई और अपनी ब्रा टीशर्ट नीचे की और खाना डालने लगी।

फिर दीदी खाना डाल कर मेरे साथ खाने लगी।

दीपिका दीदी अपने हाथ से मुझे खाना खिला रही थी, मैंने भी दीदी को अपने हाथ से खाना खिलाया। फिर खाना खा कर दीदी बोली।

दीदी- भाई मैं अभी आती हुँ।

10 मिनट बाद पापा, मम्मी और दीदी जीजाजी और लता मौसी पाँचो आ गये। मम्मी ने आते ही मुझे गले लगा किया और मम्मी के मोटे बूब्स मेरे मुंह पर दबने लगे।

मम्मी- मेरे बेटे को कहीं ज्यादा लगी तो नही कहते हुए मेरी शरीर पर हाथ फेरने लगी।

राज- नही मम्मी।

मम्मी- दीपिका, आज नविका और अनमोल को मत बुलाना सोने के लिए। आज राज अपने साथ हो सोयेगा। राज बेटा, आज तू यहीं सोना।

राज- ओके मम्मी।

पापा- बेटा फिक्र मत कर, उन लड़कों को छोड़ेंगे नही।

लता मौसी- पुलिस में कंप्लेन तो कर ही दी है। मैंने मंत्री जी को भी बोल दिया। पुलिस ने वाटरपार्क से भी सीसीटीवी मंगा ली उन की फ़ोटो के लिए, और अब उनकी तलाश कर रही है।

फिर पापा और जीजाजी वापिस दारू पीने चले गए।

जीजाजी जाते हुए- राज, अगर रात को कोई जरूरत पड़े तो मुझे बुला लेना।

फिर जीजाजी दीदी को आंख मारते हुए बोले- दीपिका, राज का अच्छे से ध्यान रखना।

दीदी(स्माइल करते हुए)- जो हुकुम मेरे आका।

और जीजाजी ने दीदी की गाँड़ पर मेरे सामने थप्पड़ मार कर रगड़ दी गाँड़।

फिर जीजाजी भी चले गए। लता मौसी(मुझे गले लगाते हुए)- मेरे प्यारे भांजे तू फिक्र मत कर, तू सबके लिए इतना करता है, तुझे कुछ दिन नही देंगे हम। आशा भी कह रही थी नही छोड़ेंगे जिन्होंने राज पर हमला किया, कल आशा आँटी के हसबैंड भी कॉल करेंगे, उनकी भी पहुँच बहुत ऊपर तक है।

मौसी ने मुझे आने साथ पूरा चिपका रखा था, मेरा मुँह उनके मोटे मोटे मुम्मों पर था, मुझे महसूस हुआ कि लता मौसी ने सूट के अंदर ब्रा नही पहनी हुई क्योकिं मेरे होठों पर मुझे सूट के ऊपर से ही उनके बूब्स के निप्पल महसूस हो रहे थे, जो सूट में उभरे हुए भी साफ दिख रहे थे। मौसी के निप्पल अपने होंठो पर महसूस होने पर मैंने कुछ आगे बढ़ने की सोचा और लता मौसी की हवस बढ़ाने की सोचा, क्योंकि टीना दीदी से शादी करने के लिए लता मौसी को पटाना सबसे जरूरी था, तो मुझे ये मौका लगा मौसी में कुछ आग जगाने का। मैं रोने लगा और रोते हुए लता मौसी की कमर में हाथ डाल कर उन्हें जोर से हग किया और बोला कि मुझे बहुत मारा उन्होंने। मैं जैसे ही बोल कर चुप हुआ तो सूट के ऊपर से ही मौसी के बूब्स की निप्पल जो उभरे हुए थे, मजिने अपने होंठो में ले लिए और रोने लगा। मौसी को अपने निप्पल मेरे होंठो में होने का एहसास तो हो गया, पर शायद उन्होंने सोचा कि मैंने गलती से ऐसा किया, तो मौसी मेरे सर को और अपने सीने में दबाती हुई बोली।

लता मौसी- बेटा चुप हो जा, हम उन लड़कों को नही छोड़ेंगे।

फिर मैं मौसी के साथ ऐसे ही रोता हुआ लिपटा रहा 10 मिनट तक निप्पल मुँह में लेकर।

फिर मौसी मुझे खुद से अलग करते हुए बोली चल बेटा अब सो जा और मौसी रूम से चली गयी।

To be Continued

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मौसी ने मुझे आने साथ पूरा चिपका रखा था, मेरा मुँह उनके मोटे मोटे मुम्मों पर था, मुझे महसूस हुआ कि लता मौसी ने सूट के अंदर ब्रा नही पहनी हुई क्योकिं मेरे होठों पर मुझे सूट के ऊपर से ही उनके बूब्स के निप्पल महसूस हो रहे थे, जो सूट में उभरे हुए भी साफ दिख रहे थे। मौसी के निप्पल अपने होंठो पर महसूस होने पर मैंने कुछ आगे बढ़ने की सोचा और लता मौसी की हवस बढ़ाने की सोचा, क्योंकि टीना दीदी से शादी करने के लिए लता मौसी को पटाना सबसे जरूरी था, तो मुझे ये मौका लगा मौसी में कुछ आग जगाने का। मैं रोने लगा और रोते हुए लता मौसी की कमर में हाथ डाल कर उन्हें जोर से हग किया और बोला कि मुझे बहुत मारा उन्होंने। मैं जैसे ही बोल कर चुप हुआ तो सूट के ऊपर से ही मौसी के बूब्स की निप्पल जो उभरे हुए थे, मजिने अपने होंठो में ले लिए और रोने लगा। मौसी को अपने निप्पल मेरे होंठो में होने का एहसास तो हो गया, पर शायद उन्होंने सोचा कि मैंने गलती से ऐसा किया, तो मौसी मेरे सर को और अपने सीने में दबाती हुई बोली।

लता मौसी- बेटा चुप हो जा, हम उन लड़कों को नही छोड़ेंगे।

फिर मैं मौसी के साथ ऐसे ही रोता हुआ लिपटा रहा 10 मिनट तक निप्पल मुँह में लेकर।

फिर मौसी मुझे खुद से अलग करते हुए बोली चल बेटा अब सो जा और मौसी रूम से चली गयी।

चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra | Part 47

उनके जाते ही मम्मी के गेट को अंदर से लॉक कर दिया, फिर दीदी चेंज करने वाशरूम में चली गयी।

मम्मी- राज बेटा, दिखा तेरे कहाँ कहाँ लगी है?

राज - मम्मी अब मैं ठीक हूँ।

मम्मी- नही बेटा दिखा।

मम्मी ने मेरी टी शर्ट ऊपर कर उतार दी और मेरी पीठ पर देखने लगी, फिर मेरे पेट देखा तो वो लाल हुआ पड़ा था।

तो मम्मी बोली- जालिमो ने कितना मार है मेरे बेटे को।

फिर मम्मी ने मेरे पाजामा उतारने को कहा, तो मैंने उतार दिया।

अब मैं सिर्फ अंडर वियर में था, उसके अलावा मेरे शरीर पर कोई कपड़ा नही था। मेरे कच्छे में से मेरे लन्ड का उभार बहुत उभरा हुआ दिख रहा था।

मम्मी उसे घूर घूर कर देख रहे थे, फिर मम्मी मेरे पैर के पास देखने लगी की वहां तो कहीं नही लगी मेरी।

मम्मी- शुक्र है यहां नही लगी।

फिर मम्मी खड़ी हो गयी और बैग से अपनी नाइटी निकलने लगी। मैंने वापिस कपड़े पहन लिए। मम्मी ने अपनी नाइटी निकाल ली, मैने देखा मम्मी ने डार्क ब्लू कलर की जालीदार नाइटी निकाली है।

इतने में दीदी चेंज करके बाहर आई, तो मैं तो दीपिका दीदी को देखता ही रह गया।

दीदी ने ब्लैक कलर की नाइटी पहनी हुई थी, जो उनकी चुत तक ही थी, जिसमे दीदी की गाँड़ पूरी दिख रही थी। ब्लैक नाइटी में दीदी का गोरा बदन बहुत चमक रहा था। चुत पर चड्डी भी बस नाम की थी, जिसने सिर्फ चुत को आगे से थोड़ा कवर कर रखा था, बाकी तो कपड़ा नही बस पतली रस्सी ही थी चड्डी में, ब्रा पहनी हुई नही लग रही थी दीदी के।

दीदी के आते ही मम्मी वाशरूम में चली गयी।

मैं बेड के एक साइड में था, दीदी मेरे साथ आकर बेड पर लेट गई, मैं भी लेट गया, जिस से मेरा हाथ दीदी की कमर पर लगने लगा। दीदी मेरे भांजे को थोड़ा आगे करने के लिए टेढ़ी हुई, तो पीछे से दीदी की गाँड़ से नाइटी ऊपर हो गई।

वाव! दीदी की गाँड़ क्या लग रही थी, पूरी नंगी बड़ी गाँड़, जिसे देखते ही मेरे लन्ड पूरे जोश में आ गया। मैं दीदी की गाँड़ देखते देखते अपना हाथ नीचे ले गया और थोड़ा सा दीपिका दीदी की गाँड़ पर लगा दिया।

इतने में मम्मी वाशरूम से बाहर आई, तो मैं सीधा हो गया।

मम्मी को देखा को पिंक जालीदार नाइटी में मम्मी गज़ब लग रही थी, मम्मी ने नाइटी के नीचे ब्रा नही पहनी थी, मम्मी की बड़ी बड़ी चुचियाँ और उनके निप्पल साफ दिख रहे थे, गोरा बदन क़यामत लग रहा था। घुटनो तक नाइटी थी मम्मी की। मेरी नजर मम्मी की चुत वाली तरफ गयी तो मम्मी ने पैंटी भी नही पहनी थी, जालीदार नाइटी में से मम्मी की चुत के हल्के हल्के बाल भी दिख रहे थे।

मम्मी भी आकर बेड के दूसरी साइड लेट गयी।

दीदी- राज तू क्या ऐसे सोयेगा, तू भी खुल्ले कपड़े पहन कर सोया कर देख हमने भी ऐसे ही पहने है। बेटा रात को जितना खुल्ला सो सको उतना ही खुल्ला सोया करो।

मम्मी- हाँ बेटे, तू निक्कर पहन कर सो जा।

फिर मैं खड़ा हुआ और मैंने पजामा टीशर्ट उतार दी, तो मम्मी और दीदी मेरे कच्छे में उभरे मेरे लन्ड को देख रही थी। मैंने बैग से अपनी निक्कर निकली और पहन ने लगा तो दीदी ने मेरी निक्कर पकड़ ली और हँसते हुए बोली।

दीदी- निक्कर क्यो, कच्छा पहना हुआ है, बस ऐसे ही सोजा।

मम्मी- पागल है क्या तू दीपिका, निक्कर पहनने दे राज को।

दीदी- मम्मी राज ने कच्छा तो पहना है,आपका दामाद तो रात को बिल्कुल नंगा ही सोता है, जितना खुल्ला सोयो उतना अच्छा होता है। मैंने भी यहाँ नाइटी पहनी है, वर्ना मैं भी बिल्कुल नंगी ही सोती हुँ।

मम्मी- बेशर्म, चुप कर। राज चल तू कच्छे में ही सो जा।

फिर मैं भी लेट गया।

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दीदी- राज तू क्या ऐसे सोयेगा, तू भी खुल्ले कपड़े पहन कर सोया कर देख हमने भी ऐसे ही पहने है। बेटा रात को जितना खुल्ला सो सको उतना ही खुल्ला सोया करो।

मम्मी- हाँ बेटे, तू निक्कर पहन कर सो जा।

फिर मैं खड़ा हुआ और मैंने पजामा टीशर्ट उतार दी, तो मम्मी और दीदी मेरे कच्छे में उभरे मेरे लन्ड को देख रही थी। मैंने बैग से अपनी निक्कर निकली और पहन ने लगा तो दीदी ने मेरी निक्कर पकड़ ली और हँसते हुए बोली।

दीदी- निक्कर क्यो, कच्छा पहना हुआ है, बस ऐसे ही सोजा।

मम्मी- पागल है क्या तू दीपिका, निक्कर पहनने दे राज को।

दीदी- मम्मी राज ने कच्छा तो पहना है,आपका दामाद तो रात को बिल्कुल नंगा ही सोता है, जितना खुल्ला सोयो उतना अच्छा होता है। मैंने भी यहाँ नाइटी पहनी है, वर्ना मैं भी बिल्कुल नंगी ही सोती हुँ।

मम्मी- बेशर्म, चुप कर। राज चल तू कच्छे में ही सो जा।

फिर मैं भी लेट गया।

चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra | Part 48

अब बेड के एक साइड मैं, मेरे साथ मेरी सेक्सी सगी दीपिका दीदी, फिर भांजा, फिर मेरी सेक्सी मम्मी लेटे हुए थे।

मैंने धीरे से दीदी के कान में कहा- दीदी आपने कहा था, रात को दूध पी लेना मेरा, अब पिलाओ।

दीदी- रुक बेटा, अभी लाइट बन्द करने दे।

फिर दीदी ने मम्मी को बोला कि लाइट बन्द करने को तो मम्मी जहां लेटी उधर ही था लाइट का बटन था तो मम्मी ने हाथ ऊपर किया लाइट बन्द करने के लिए तो मैं मम्मी को देख रहा था, जैसे ही मम्मी ने अपना बायाँ हाथ लाइट बन्द करने के लिए ऊपर किया, मम्मी की बायीं चूची भी ऊपर की ओर हुई, बिना ब्रा के मम्मी की चूची पूरी तनी हुई थी और मम्मी की जालीदार नाइटी में से मम्मी की निप्पल भी उभरी हुई दकह रही थी, फिर मम्मी ने लाइट बन्द कर दी।

उसके बाद दीदी ने मुन्ने को देखा कि वो सो रहा है और फिर मेरी तरफ मुँह कर लिया दीदी ने।

दीदी ने मेरी तरफ मुँह किया और मेरे हाथ पकड़ कर नाइटी के ऊपर से ही अपने मुम्मे पर पर रख दिया और धीरे से बोली पहले इसको दबा और जैसे जैसे मैं कहूँ वैसे करना।

मैं- ठीक है दीदी।

मैं दीदी के मुम्मे दबाने लगा, क्या मस्त मुम्मे है दीदी के, बड़े बड़े तने हुए, पूरे टाइट मुम्मे, मैं दीदी के मुम्मे जोर जोर से दबाने लगा। दीदी धीरे से मेरे कान में बोली आराम से दबा, दर्द होता है। फिर मैं आराम से दीदी के मोटे मोटे मुम्मे दबाने लगा, कभी मसलता, कभी निप्पल फबता तो दीदी के मुम्मों से दूध निकल जाता, दीदी के नाइटी निप्पल वाली जगह से दूध निकलने की वजह से गीली हो गयी थी।

मैं काफी देर दीदी के मुम्मे ऐसे ही दबाता रहा, फिर जब हमें लगा कि मम्मी सो गई है तब,

दीदी अपना मुँह मेरे मुँह के पास लाई और अपनी जीभ बाहर निकाल कर मेरे मुँह को चाटने लगी, जैसे कुत्ते चाटते है।

मेरा मुँह चाटते चाटते दीदी ने मेरे कान में अपनी जीभ डाल दी और घुमाने लगी। कान में जीभ में मेरा लन्ड में तनाव बढ़ने लगा।

दीदी मेरे कान में अंदर तक अपनी जीभ डालने लगी और मेरे लन्ड में तनाव बढ़ने लगा। दोस्तो सच मे जब कान में कोई जीभ डाले तो लन्ड का तनाव बहुत बढ़ता है।

फिर दीदी ने जीभ कान से निकाल कर मेरे होंठों पर रख ली और मेरे होंठ चाटने लगी, होंठ चाटते चाटते दीदी ने मेरे होंठ अपने होंठों में दबा लिए और मेरे होंठ चूसने लगी और मुझे अपनी छाती से लगा लिया।

मैं अपना हाथ दीदी की मोटी गाँड़ पर ले गया और दीदी की नाइटी ऊपर की और दीदी को गाँड़ से पकड़ कर अपने साथ दबा लिया, जिससे मेरा लन्ड कच्छे में से ही दीदी की चुत पर दबने लगा।

मैं दीदी की गाँड़ पर हाथ फेरने लगा। दीदी ने अपना एक हाथ नीचे कर लिया और मेरा लन्ड कच्छे के ऊपर से ही पकड़ लिया और दबाने लगी।

फिर दीदी ने अपना हाथ मेरे कच्छे के अंदर डाल लिया और मेरा लन्ड मसलने लगी।

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मेरा मुँह चाटते चाटते दीदी ने मेरे कान में अपनी जीभ डाल दी और घुमाने लगी। कान में जीभ में मेरा लन्ड में तनाव बढ़ने लगा।

दीदी मेरे कान में अंदर तक अपनी जीभ डालने लगी और मेरे लन्ड में तनाव बढ़ने लगा। दोस्तो सच मे जब कान में कोई जीभ डाले तो लन्ड का तनाव बहुत बढ़ता है।

फिर दीदी ने जीभ कान से निकाल कर मेरे होंठों पर रख ली और मेरे होंठ चाटने लगी, होंठ चाटते चाटते दीदी ने मेरे होंठ अपने होंठों में दबा लिए और मेरे होंठ चूसने लगी और मुझे अपनी छाती से लगा लिया।

मैं अपना हाथ दीदी की मोटी गाँड़ पर ले गया और दीदी की नाइटी ऊपर की और दीदी को गाँड़ से पकड़ कर अपने साथ दबा लिया, जिससे मेरा लन्ड कच्छे में से ही दीदी की चुत पर दबने लगा।

मैं दीदी की गाँड़ पर हाथ फेरने लगा। दीदी ने अपना एक हाथ नीचे कर लिया और मेरा लन्ड कच्छे के ऊपर से ही पकड़ लिया और दबाने लगी।

फिर दीदी ने अपना हाथ मेरे कच्छे के अंदर डाल लिया और मेरा लन्ड मसलने लगी।

चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra | Part 49

दीदी मेरा लन्ड पकड़ कर दबाने लगी। मैंने दीदी को गाँड़ और पीठ से पकड़ कर अपनी तरफ और खींच लिया और दीदी के होंठ चूसने लगा, दीदी ने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी। मेरी और दीदी की जीभ आपस मे टकराने लगी। दीदी ने अपनी जीभ पूरी मेरे मुँह में डाल दी, मैं दीदी की जीभ चूसने लगा, फिर दीदी ने मेरी जीभ अपने मुँह में ले ली और चूसने लगी। हम करीब आधा घन्टा ऐसे ही करते रहे।

दीदी ने मुझे छोड़ाऔर उठ कर बैठ गयी, दीदी ने अपने कपड़े उतार दिए और वापिस लेट गयी।

मैंने दीदी की चुचियाँ पकड़ ली, दीदी की चुचियाँ बहुत टाइट और बहुत मोटी है। मैं दीदी की चुचियाँ दबाने लगा, तो उन में से दूध निकालने लगा। मैंने दीदी की चूची से निकलता दूध चाट लिया, क्या मस्त स्वाद था दीदी के दूथ का, मीठा मीठा और गर्म गर्म दूध निकल रहा था दीदी की चूची से। मैंने अपना मुँह दीदी की एक चूची पर लगाया और उसका निप्पल पर मुँह लगा कर दीदी की मस्त निप्पल चाटने लगा, दीदी की निप्पल पूरी तनी हुई थी और दीदी की निप्पल बिल्कुल रेशम की तरह मुलायम थी। फिर मैंने दीदी की निप्पल अपने मुँह में भर ली और दीदी का दूध पीने लगा। दीदी मेरे सिर पर एक हाथ फिराने लगी और दूसरे हाथ से मेरा अंडरवियर उतारने लगी। मैंने अपना एक हाथ नीचे कर अपना कच्छा उतार दिया।

जैसे ही मेरा कच्छा उतारा तो मेरा लन्ड उछल कर बाहर आ गया, जो दम सीधा खड़ा था। दीदी मेरा 10 इंच लंबा और 5 इंच मोटा लन्ड घूर कर देखने लगी, और बोली

दीदी- भाई क्या मस्त लन्ड है तेरा। आज ये तो मेरी 2 साल से बिना चुदी चुत की चटनी बना देगा। दीदी मेरा लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी, कभी दीदी अपने हाथ से मेरे लन्ड की लंबाई तो कभी मोटाई नापने लगी।

मैंने अब दीदी का पहला मुम्मा छोड़ कर दूसरा मुम्मा मुँह में ले लिया और दूध पीने लगा।

दीदी का दूध पीने में बहुत मजा आ रहा था मुझे। बहुत स्वाद था दीदी का दूध। मैं दीदी का दूध पीता रहा और दीदी एक हाथ मेरे बालों में फिराती कभी मेरा सिर अपने मुममों पर जोर से दबाती।

दीदी- आ आ आ आ ह ह ह ह ह ह ह भाई आज मेरा सारा दूध पी ले। मेरी चुचियाँ भारी पड़ी है दूध से, आज इन्हें निचोड़ निचोड़ कर पी ले। आ आ आ आ ह ह ह ह

दूसरे हाथ से दीदी मेरा लन्ड पकड़ कर हिला रही थी।

दीदी कभी मेरे लन्ड का मास पीछे कर टोपा बाहर निकाल कर उस पर उंगली फेरती। कभी लन्ड को हिलाती, कभी जोर से दबाती, कभी जोर से खिंचती, कभी मेरी गोटिया पकड़ कर हिलती।

दीदी- भाई, आज मेरा सारा दूध पी ले, पर आज तुझेे मेरे दूध की कीमत चुकानी है।

मैं- कैसे?

दीदी- बस तेरे इस मोटे लन्ड से मेरी चुत की गर्मी शांत करनी है, तेरे जीजाजी ने 2 साल से मेरी चुत नही मारी।

मैं- जी दीदी, ओर जीजाजी ने क्यो नही मारी।

दीदी- तेरे जीजाजी कहते है कि मुन्ना होने के बाद मेरी चुत ढीली हो गई, तब से वो सिर्फ मेरी गाँड़ मारते है। आज तू मेरी चुत की हवस मिटा देना।

मैं- दीदी आपने जीजाजी के अलावा किसी ओर से भी चुदाई की है।

दीदी- नही भाई, तेरे जीजाजी के अलावा मैं आज तक किसी से नही चुदी।

मैं मन मे सोचता हुआ, साली रण्डी कितना झूठ बोल रही है सुबह तो दीपक भैया से चुद रही थी।

मैं- सच दीदी, खाओ मेरी कसम।

दीदी- भाई तेरी कसम, तेरे जीजाजी के अलावा आज तक नही चुदी मैं किसी से।

मैं मन मे साली मेरी झूठी कसम खा रही है, आज इस रण्डी को ऐसे चोदूँगा की मेरी दीवानी बन जाएगी फिर इसको लोगों से चुड़वाऊंगा झूठी रण्डी को।

To be Continued

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