“भैया वो दोस्त ने मुझे जबरदस्ती पिला दी थी “
“उसने ये भी बताया की तुम दोनो में कुछ झगड़ा हो रहा था,और तुम पहले से वहां बैठे थे ,मैंने ये बात काजल को नही बताई पर तुम मुझे सच सच बताओ सब ठीक तो है ना “
“हा भैया सब ठीक है ,डरने वाली कोई भी बात नही है और रही काजल की बात तो मैं उसे अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता हु ,मैं कभी उसे दुखी नही करूँगा,और रही काल की बात तो वो कुछ अलग मेटर है ,मेरे और मेरे दोस्त के बीच की आप को चिंता की जरूरत नही है वो कल ही हमने सॉल्व कर लिया था,”
“तुम्हे अगर कभी भी हमारी जरूरत पड़े तो बिना झिझक कहना यहां हमारी बहुत पहचान है और तुम अब हमारे परिवार हो ठीक है ,किसी नेता या अधिकारी कोई दिक्कत देता है तो उसे हम सम्हाल लेंगे “भैया को मैंने बड़े प्यार से देखा
“नही भैया सब कुछ ठीक है यहां काम संबंधित कोई भी परेशानी मुझे नही है ,आप चिंता ना करे “
भैया अब थोड़े से निश्चिंत दिख रहे थे ,हम बैठे युही इधर उधर की बाते करने लगे ………..
बीवी के कारनामे | Biwi Ke Karname | Update 16
भैया भाभी के जाने के बाद काजल और मैं एक अजीब सी और अनकही सी खामोशी का जन्म हो गया,मैं कुछ बोल नही पा रहा था और काजल अपनी नम आंखों से मुझे देखे जा रही थी….उसका भोलापन साला दिल को चीरने वाला होता है..वो कभी भी मेरे सामने किसी को भी तजव्वो नही देती,यही मुझे उसे प्यार करने पर मजबूर कर देता है.प्यारे की आंखों में एक चमक मैंने देखी थी,जो काजल के आने पर थी ,पर काजल अभी भी उसे कोई भी भाव नही दे रही थी,वो उससे बात करने की कोशिस करता पर वो मेरे बारे में ही पूछे जा रही थी…उसने काजल को सब बाता दिया की कैसे मैं आजकल ज्यादा गुस्सैल हो गया हु ,कैसे मैं उसे बिना बात भी चिल्ला देता हु…
प्यारे मेरी शिकायत कर रहा था पर काजल के लिए ये एक गंभीर बात थी वो मेरी चिंता में थी की आखिर इसे हुआ क्या है……..
मिया बीबी के बीच खामोशी रहे भी तो कब तक,जबकि वो एक दूजे को प्यार करते हो ,ये खामोशी हम दोनो के लिए ही जानलेवा थी…खाना हैम खा चुके थे,प्यारे सभी काम कर जा चुका था,काजल बिना बोले मेरे पास आकर खड़ी हो गयी ,हमारी नजर मिली उसके आंखों का आंसू मेरे दिल को पिघलने के लिए काफी था..
वो कैसे दिख रही थी?????
भीगी हुई आंखों के साथ मासूम काजल अग्रवाल को देख लो..चहरे से मासूमियत टपकती हुई सी,वो मुह खोले तो कोयल बोले,वो हँसे तो मोती शरमाये,प्यारे से चहरे पर मायूसी भी बड़ी प्यारी लग रही थी…
मुझसे रहा नही गया और मैं हाथ फैला कर उसे अपने पास आने को कहा,वो जोरो से रोती हुई मेरे सीने से लिपट गयी….
इतनी शांति….इतना प्यार ……इतनी कोमलता…..waaaahhhhhhh
वो मुझे प्यार से मारने लगी,
“क्या हो गया था आपको,क्यो कर रहे थो इतना गुस्सा…और जब से आयी हु प्यार से बात भी नही की,और ना ही काल न msg क्या हो गया…..”
अब इस पगली को क्या बताता की क्या हो गया है,जिसके कारण इतना तकलीफ में हु वही पूछ रही है की क्या हुआ…
लेकिन पूरा नही आधा सच तो बोल गया…
“तुम नही थी ना मेरे पास इसलिए…बेचैन हो गया था ,कही मन नही लग रहा था”
काजल ने मेरे आंखों में देखा,साला प्यार तो सच्चा था मेरा जो मेरी आंखों से भी उसे दिखता था…उसके आंखों में रुके आंसू फिर से हल्के हल्के से बहने लगे..वो मुझे बस थोड़ी देर देखती रही और मेरे ऊपर कूद पड़ी…मेरे गालो को होठो को ऐसे चूमना शुरू कर दिया जैसे मानो जन्मो की प्यासी है,
“अब कही नही जाऊंगी मेरी जान आपको छोड़कर “
उसके बच्चों वाली हरकत से मुझे हसी आ गयी,वो मेरे कंधे पर सर रखकर बैठ गयी…मैंने भी उसे अपनी बांहो में समा लिया…
मैं पुरानी बाते बस एक ही पल में भूल गया,मुझे पता था तो बस काजल का प्यार…
मैं उसके बालो को सहलाता हुआ वहां बैठा था की एक हल्की सी आहट ने मेरा ध्यान खिंचा…
msg का छोटा सा रिंगटोन..काजल का मोबाइल मेरे बाजू में ही पड़ा था,काजल ने उसे उठाया देखा और बिना किसी भी एक्सप्रेशन के ही उसे फिर से अपने बाजू में फेक दिया…वो पहले के ही तरह अपनी आंखे बंद कर मेरे बाजुओ में खुद को छोड़ गयी,
पर मैं अब वो नही था जो कुछ ही पलो पहले था मेरा ध्यान उस मोबाइल की तरफ गया…वो फिर कुछ जला इसबार टोन नही बजा शायद काजल ने उसे साइलेंट में डाल दिया था,वो बस जलता और बज जाता,मुझे आभस हो गया की लगभग 5 msg आ चुके थे…पर काजल का ध्यान वहां नही था..
थोड़ी देर में काजल और मुझे प्यार दे देखने लगी,उसकी आंखे कह रही थी की वो क्या चाहती है,प्यार ..?????
या सेक्स..?????
जो भी हो बस मुझे ये समझ आ चुका था की उसकी वो नशीली आंखे अब मुझे अपनी ओर खिंच रही है,उसके देह से उठाने वाली महक बता रही थी की वो मुझे आकर्षित कर रही है…वो मेरे गालो को प्यार से सहलाई फिर मेरे होठो के पास अपने होठ लाकर रुक गयी,शायद उसे मेरे एक्शन का इंतजार था…पर मैं बस मुस्कुरा दिया…
“क्या हुआ आप ……..”काजल बस इतना कह मुझसे दूर हो रही थी पर मैंने उसकी कमर को जकड़ लिया और अपनी ओर खिंचा…
“आउच “वो शरारती नजरो से मुझे देखने लगी,दोनो के ही होठो पर एक मुस्कान थी जैसे की हम दोनो ही जानते थे की आगे क्या होने वाला है…बड़े धीरे से उसके होठो तक अपने होठ लाये और उसके होठो को अपने दांतो में जकड़ कर खिंच दिया…
“आआआआआआहहहहहहहह “मुझे मजा आने लगा,काजल ने शिकायत भरे लहजे से मुझे देखा
मैं उसके नितंबो के नीचे अपना हाथ डालकर उसे उठा लिया और बेडरूम की तरफ जाने लगा ,वो मेरे होठो अपने होठो से भरकर चूसने लगी…दोनो ही अब डूबना चाहते थे कोई भी सब्र अब नही था,….हम दोनो साथ ही पलंग पर लुडकगये
किस ने उत्तेजना को बढ़ाया और मैं उसके बड़े बड़े स्तनों को दबाने लगा,उसकी आहो की मधुरता ने हमारे जिस्म की आग को भड़का दिया था,मैं अपने कपड़े उतारने लगा पर वो मेरा हाथ खिंच कर अपने स्तनों पर ले आयी और खुद मेरे कपड़े खोलने लगी,उसकी बेताबी देखकर मुझे हसी आ गयी और वो मुझे देखकर शर्मा गयी…पर उसने मेरे कपड़े नही छोड़े और मेरे जीन्स के ऊपर से दिखते मेरे कसे हुए लिंग को अपने हाथो से दबा दिया…..
“ooooohhhh आआआआहहहह “अब मेरी बड़ी थी सिसकी लेने की ,उसने जल्दी ही मुझे नंगा कर दिया था मेरे लिंग को अपने हाथो से छोड़ ही नही रही थी उसकी बेताबी ने मेरा हाल बुरा कर दिया था,वो अपने होठो को खोलकर मेरे लिंग को अपने होठो से रगड़ने लगी……हे भगवान ये क्या कर रही है,,,…मेरी हालात इतनी खराब थी की मैं अब ही निकल जाऊ पर वो तो पागलो की तरह उसे चूमे जा रही थी…उसने मेरे सुपडे की चमड़ी को पीछे खिंचा और उसे अपने मुह में लेकर चूसने लगी,
“मादरचोद….”मेरे मुह से अनायास ही निकल गया ,इतना मजा तो मैंने फील ही नही किया था,मैं लगभग छटपटा रहा था और वो मुझे देखकर एक स्माइल देती है,मैंने प्यार से उसे देखा उसका सर सहलाया और उसने फिर से मेरे लिंग को चुसान शुरू कर दिया…ये असहनीय था,मेरे सब्र की इन्तहां हो चुकी थी और में इतने दिनों से भरा हुआ सीधे अपनी धार उसके मुह में छोड़ता गया,मैं हफ्ता हुआ उसके सर को नीचे कर उसे देखा एक बून्द भी उसके मुह के बाहर नही था,यानी सब उसने पी लिया था…क्या हो गयी है मेरी काजल मुझे होश आया पर उसके चहरे पर आयी एक चमक………..
वो मुझे नीचे खीचने लगी और मेरे होठो से अपने होठो को मिला दिया मैं अपने ही वीर्य के बदबू या खुसबू जो भी कह लो को महसूस कर पा रहा था,साथ ही उसके स्वाद को भी जो उसके होठो पर अब भी लगा था………
थोड़ी ही देर में मेरे लिंग ने फिर से एक फुंकार मेरी इसबार मैं बिल्कुल भी बेताब नही था पर काजल थी…उसकी बेताबी मुझसे छिपी नही थी …मै उसे चिढ़ाने के लिए वहां से उठाने लगा वो मुझे खिंच कर अपने ऊपर ले आयी और अपनी साड़ी को घुटनो के ऊपर तक ले आयी मैं उसे खोलने की कोशिस कर रहा था पर काजल मुझसे खिंच कर अपने ऊपर ले आयी
“अभी मत खोलो न अभी जल्दी करो “
वो अपनी पेंटी भी नही उतारना चाहती थी उसने उसे साइड कर दिया और मेरे लिंग को अपनी गुफा के पास लाकर टिका दिया…
वो जैसे आग की भठ्ठी हो ,इतनी गर्म लेकिन इतनी गीली थी की मुझे आभस हो चुका था की काजल की हालात क्या है ,मेरा लिंग बिना किसी भी ज्यादा मेहनत के ही उसके अंदर जाने लगा,गुफा की गर्मी ने मेरे लिंग को और भी कड़ा कर दिया था,मैं स्पीड पकड़ कर उसे किसी पिस्टन से पिसे जा रहा था….
“आह जान आ आ आ आ जान ओ ओ हो “
सिसकिया,और कामरस की थपथप,चूड़ियों की एक ही लय में खनकार,उनके माथे का मोटा सिंदूर अब उसके पसीने से फैल गया था ,माथे की बिंदिया कुछ टेढ़ी सी हो चली थी ,ब्लाउज़ को अब भी उतारा नही गया था जिससे उसके ऊपर गहरे सिलवट पड़ रहे थे……मैं एक बार झड़ चुका था मैं एक खिलाड़ी सा खेल रहा था पर काजल को तो प्यास बुझाने की ऐसे बेताबी थी की वो जोरो जोरो से चीखने लगी थी…उत्तेजना उसके शिखर पर पहुची और वो अपने चिरपरिचित अंदाज में मेरे पीठ पर अपने नाखुनो से गहरे घाव करते हुए झाड़ गयी……
ऐसी बरसात उसके योनि से हुई की जैसे सदियों से पानी भरा हो और आज बांध टूट गया….मैं अब भी अपना पिस्टन जारी रखे था,कुछ देर में वो भी थोड़ी सी एक्टिव हुई और दोनो ही साथ झाड़कर एक दूसरे से लिपट गए…….
इतने दिनों के बाद ऐसा सकून मिल रहा था…शायद दोनो ही ऐसे तड़फ रहे थे….दोनो ही इस घमासान प्यार की लड़ाई से थककर चूर हो चुके थे ….हम दोनो एक दूजे से लिपटे हुए थके से बस सो गए……मीठी नींद थी आज.. मेरी काजल मेरे बांहो में थी ………..