Notifications
Clear all

Adultery [Completed] बीवी के कारनामे | Biwi Ke Karname

81 Posts
1 Users
0 Likes
349 Views
Posts: 694
Topic starter
Honorable Member
Joined: 3 years ago

मैं डॉ के क्लिनिक पंहुचा वहा कोई भी दिखाई नहीं दे रहा था ,मैं केबिन के अंदर झाका चुन्नी मुझे अपने कुर्सी पर बैठा कुछ पड़ता हुआ दिखाई दिया ,मुझे देखते ही वो खड़ा हुआ और मेरे पास आकर मेरे गले से लग गया ,मैं भी बड़ी ही आत्मीयता से उससे मिला ,हम बैठे इधर उधर की बाते होने लगी फिर मैंने मुद्दे की बात करने की सोची मैंने गंभीरता से उसे सभी मामला बताया और वो बड़ी ही गंभीरता से उसे सुनने लगा,…मुझे आश्चर्य हुआ की उसे मेरी बातो से जादा आश्चर्य नहीं हुआ वो बड़े ही आराम से मेरी बात सुन रहा था जैसे मैं उसका दोस्त नहीं कोई क्लाईंट हु…

“हम्म्म्म तो ऐसी बात है ,कोई बात नहीं भाई ,मैंने जब पहली बार तेरी शादी में काजल को देखा था तभी मुझे लगा की कुछ तो गड़बड़ है पर क्या है ये मुझे अब समझ आ रहा है ,”

मैं उसे आँखे फाडे देखने लगा ,क्या गड़बड़ है ……….

“पूरी बात तो मैं उससे मिल कर ही बता पाउँगा पर अभी जितना तुमने मुझे बताया ,मुझे वो एक सेक्स एडिक्ट लग रही है ,”

डॉ की बात सुनकर मेरा माथा घूम गया ,सेक्स एडिक्ट मेरी बीवी ,

बीवी के कारनामे | Biwi Ke Karname | Update 11

“भाई तू क्या बोल रहा है ,वो बहुत अच्छे घर की बेटी है और इतनी पढ़ी लिखी भी है यार ,,,,”मैं लगभग रुवासु हो चूका था ,ऐसा लग रहा था जैसे अभी जोर जोर से रो पडूंगा ,पर मैंने अपने को सम्हाला ,मुझे देखकर चुतिया हसने लगा ,मुझे लगा की वो मेरा मजाक उड़ा रहा है ,

“नाम मेरा चुतिया है और काम तेरा चुतियो जैसा है ,साले की बीवी दूसरो से चुद्वाती है ,हा हा हा “डॉ के ये वचन मेरे दिल को झल्ली झल्ली कर रहे थे ,मैं उसे मरना चाहता था ,मेरा ही दोस्त ,इतना बड़ा काउंसलर होकर भी वो ऐसी बाते कर सकता है मुझे यकीं नहीं आ रहा था ,मुझे अपने पर ही गुस्सा आया की मैं यहाँ क्यों आ गया ,मैं वहा से उठाकर जाने लगा ,उसने मुझे रोका भी नहीं ,मैं और भी गुस्से में आ चूका था ,मैं बाहर निकला ,बाहर रघु गाड़ी लेकर खड़ा था ,मैं अपनी ऑफिस की गाडी से वहा आया हुआ था ,उसे देखकर मैंने खुद को सम्हाला ,

“चलना है क्या साहब “रघु ने बड़े ही प्यार से पूछा

“हा मादरचोद ,मैं यहाँ नाचने आया हु क्या ,जायेंगे नहीं तो और क्या करेंगे ,दीखता नहीं क्या तुझे ,”मेरे इस बात से रघु भी घबरा गया था ,उसने मुझे कभी भी ऐसे रूप में नहीं देखा था वो जल्दी से ड्राईवर सिट पर बैठा और मैं पीछे बैठने ही वाला था की किसी ने मेरा हाथ पकड़कर बहार खीच लिया ,मैं उसे देखकर और भी गुस्से में आ चूका था वो डॉ था ,…………

“चल तुझे कुछ और भी बताना है “डॉ के चहरे पर अब भी एक मुस्कुराहट थी ,मैंने अपना हाथ छुड़ाया ,

“मुझे कुछ नहीं जानना ”

“सोच ले ,अबे चल सॉरी अब तो आजा ,यु ड्राईवर के सामने क्यों तमाशा कर रहा है ,ये हम दोस्तों की आपस की बात है ,चल ना यार ,”

मैं रघु के सामने सचमे कोई भी तमाशा नहीं करना चाहता था ,मैं उसे ये भी पता नहीं लगने देना चाह्त्ता था की मैं यहाँ क्यों आया हु,मैं चुपचाप अंदर चला गया ,फिर उसी केबिन में

“क्या हुआ ,जल्दी बता ”

“भाई मुझे माफ़ कर दे की मैंने ये सब किया ,पर ये जरुरी था ,तेरे प्रश्न का उत्तर है ये ,की काजल क्यों सेक्स एडिक्ट हो गयी ,और क्यों कोई इस रोग में पड़ जाता ही ,”मुझे उसकी बाते कुछ भी समझ नहीं आ रही थी ,मैंने उसे बड़े ही आश्चर्य से देखा ,वो मुझे आराम से रहने और बैठने को कहा ,

“देख तुझे रोना आया पर तू मेरे सामने नहीं रो पाया ठीक ,”

“हा तो उससे क्या ”

“बताता हु ,फिर तुझे मुझपर गुस्सा आया पर तूने गुस्सा दबा लिया ,और वो गुस्सा किसपर निकला तेरे ड्राईवर पर ,है ना ”

“हा तो ”

“बता की ये गुस्सा ड्राईवर पर क्यों निकला ”

मैं उसे अनजान सा देखने लगा ,

“क्योकि तू मुझपर तो गुस्सा नहीं कर सकता था पर अपने ड्राईवर पर कर सकता था ,तूने कभी भी अपने ड्राईवर को ऐसे नहीं कहा होगा पर आज तुझे क्या हुआ ,तूने कहा गलती कर दि ”
मैं उसके बातो को समझने का प्रयास कर रहा था ,

“तूने मुझपर गुस्सा नहीं करके और अपने रोने और गुस्से को दबाकर गलती कर दि ,दबा हुआ गुस्सा ड्राईवर पर फूटा वहा नहीं फूटता तो कही और और ही फूटता शायद और भी बढ़कर ”

“तू कहना क्या चाह रहा है ”

चुतिया ने एक गहरी साँस भरी

“देख भाई हम सब इन्सान है और इन्सान होने की सबसे बड़ी जो खासियत है वो है हमारी भावनाए ,पर ये समाज,धर्म ,और नैतिक बन्धनों से भी हम बंधे हुए ही जो हमें सिखलाते है की ये करो ये मत करो ,अब हम है तो मूलतः जानवर ही ना ,पर यही बंधन हमें जानवरों से अलग करते है ,लेकिन इन्ही बन्धनों के कारन हम अपनी भावनाओ को दबाते है ,और उसका परिणाम होता है,विकृति …..हमारी असली भावना कही छुप जाती है और वो विकृत होकर प्रगट होती है ,इसलिए लोग हत्या करते है चोरी करते है ,और सबसे बड़ी और मूल भावना है सेक्स की भावना लेकिन हमें बचपन से ही इसे दबाना सिखाया जाता है ,इसका परिणाम होता है की हम ना तो प्यार कर पाते है और ना ही इससे पूरी तरह से छुट पाते है ,परिणाम होता है विकृत सेक्स ……जैसे बलात्कार ,और सेक्स एडिकशन और भी बहुत कुछ ,जैसे सेक्स में कमी या चिडचिडापन या बहुत ही जादा गुस्सा आना और भी कई तरह की शरिर्रिक और मानसिक बिमारिया जन्म लेती है …….”

थोड़ी देर चुप्पी छाई रही जिससे मुझे कुछ कुछ चीजे समझ आने लगी थी ,डॉ ने फिर से बोलना शुरू किया

“काजल के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ होगा ,वो बहुत ही कुलीन घर की लड़की है ,और उसे अपनी सेक्स की भावना को दबाना पड़ा होगा इसमें कोई भी दो राय तो नहीं है ,पर जब उसे मौका मिला होगा ,जैसा तूने बताया की वो वर्जिन नहीं थी ,तो उसने इसे या तो खुलकर एन्जॉय किया होगा ,या फिर ग्लानी के भाव से भर गयी होगी ,यार ये ग्लानी बहुत ही ख़राब चीज है जो इन्सान के भावनाओ को कुरूप कर देती है ,शायद उसके साथ भी ऐसा ही हुआ होगा……….अगर ऐसा हुआ होगा तो जो वो आज कर रही है वो,वो नहीं कर सकती थी इसके लिए उसने जरुर किसी से काउंसलिंग ली होगी जिसने उसे समझाया होगा की ग्लानी से बचो और इसे एन्जॉय करो ….हो सकता है ऐसा कुछ भी नहीं हुआ हो और वो एक सेक्स एडिक्ट नहीं हो तो ,,,,,,,,हा ये भी हो सकता है तो बस एक ही चीज हुई होगी और वो ये है की वो जब मुंबई गयी तो उसने पहली बार आजादी देखि और उसे ये सब करने में मजा आने लगा वो अपनी जिंदगी खुलकर जीने लगी ,और अब भी वो ये सब बस मजे के लिए करती होगी ,”

मुझे ऐसे तो सब कुछ समझ आ रहा था पर ……..

“यार लेकिन क्या सचमे वो मुझसे प्यार करती है या सिर्फ दिखावा “मेरी आँखे फिर से गीली हो गयी ,

“इतना तो पक्का है मेरे दोस्त की वो तुझसे बहुत ही जादा प्यार करती है ,”

“तो भाई ये सब ,…………अब मैं क्या करू ”

डॉ भी थोड़ी देर तक चुप रहता है ….

“कुछ भी मत कर ,अभी तो उसे मायके में ही रहने दे और तेरे ट्रांसफर लेने से मामला नहीं बदलेगा बस प्यारे की जगह कोई और आ जायेगा ,अभी कम से कम प्यारे तेरे हाथो में तो है ,वो काजल के कण्ट्रोल में है,और कोसिस यही करना की कभी भी प्यारे या काजल या किसी भी और को ये ना पता चले की तू ये सब जानता है ,अगर किसी को भी ये पता चला और काजल ने उसका साथ दिया तो तेरे लिए उसकी इज्जत जाती रहेगी फिर वो कभी भी तुझे और तू कभी भी उसे वो प्यार नहीं दे पाओगे जो वो अभी तुझसे करती है …..”

मैं जोरो से रोने लगा .डॉ आकर मेरे कंधे पर अपना हाथ रखता है,

“तू फिकर मत कर मेरे दोस्त सब ठीक हो जाएगा ,मैं खुद मुंबई जाकर उसके बारे में पता करूँगा ”

“लेकिन यार तब मैं क्या करू ,कब तक उसे मायके में रखूँगा और कब तक मैं उसे बचा पाउँगा वो फिर ,,,,,,,,और मैं कैसे ये सब सहूंगा ”

साले कमीने डॉ के चहरे पर एक रहस्यमयी मुस्कान आ गयी जिसे देख मुझे फिर से गुस्सा आ गया ,वो इसे समझ गया और

“भाई मेरे मुस्कान पर गुस्सा मत हो पर तुझे voyeurism का पता है ”

“ये क्या होता है ”

“किसी दुसरे को सेक्स करते देखकर मजे लेना ”

मेरा गुस्सा सातवे आसमान पर पहुच गया

“मादरचोद तो क्या मैं अपने बीवी को अपने नौकर से चुदते देखकर मजे लू ”

डॉ फिर जोर से हँसा

“नहीं मेरे भाई ,मैं बस बता रहा था ,ऐसे ले भी सकता है ,ये सोच की अगर काजल को कोई परेशानी नहीं है तो तुझे क्यों है ,ऐसे लोग भी होते है जो अपनी शादीशुदा जिंदगी में मजे को बढ़ने के लिए ये जानबूझकर करते है ,”
“दुसरे करते होंगे मैं नहीं कर सकता ,साले तेरे पास आया था की तू काजल को ठीक करेगा और तू कह रहा है की मैं इसमें मजे ढूढू …”

“देख दोस्त तू क्या ये चाहता है की काजल का तेरे ऊपर प्यार कम हो जाय ,नहीं ना अगर तू चाहता तो अभी तक उसे कह चूका होता ,और मुझे थोडा समय चाहिए इस केस को समझने और जचने के लिए ,मैं काजल से बात नहीं कर सकता मुझे सीक्रेट तरीके से मुंबई जाकर और उसके गाव जाकर ही पता लगाना पड़ेगा ,तब तक तू क्यों जलेगा ,try करके देख ले ,मैं तुझे कुछ कहानियो और विडिओ के लिंक भेजता हु तू उन्हें चेक कर ले अगर पसंद आया तो ठीक वरना ……जलते रह इस आग में अपने को दुखी करते रह …”

डॉ की बात मुझे समझ आ चुकी थी ,मेरे पास ऐसे कोई भी रास्ता नहीं था मैंने हां में सर हिलाया और वहा से चला गया …..

मेरा मन व्याकुल सा था जस्बातो ने कबड्डी खेल खेल कर मेरा दिमाग झंड कर दिया था ,मैं बात बात में चिडचिडा सा जाता था ,खासकर प्यारे को देखकर तो दिमाग चढ़ जाता था ,पर उसे कुछ ना कह पाता ,क्या कहता,हर काम सही टाइम में कर देता था ,कुछ ना कह पाना भी बहुत बड़ा दुःख था,काजल अभी तक नहीं आई थी,डॉ से मिले मुझे बस दो दिन ही हुए थे ,मैं उससे और भी बात करना चाहता था ,पर क्या बोलता उसे …………

भगवान ने मेरी सुन ली और डॉ का फोन आ गया ,

“कैसे हो भाई,”

“बढ़िया हु दोस्त थोडा बेचैन सा हु ,क्या करू समझ नहीं आ रहा ,”

“तू मेरे पास तुझे कुछ दिखाना है ,”

“क्या ”

“तू आ तो जा फिर दिखता हु ”

“अरे यार पर छुट्टी का थोडा ”

“ओके सन्डे आ जा और अपने ड्राईवर को साथ मत लाना तू बस अकेले आना .”

डॉ से बात होने के बाद मैं और बेचैन था पता नहीं साला क्या दिखाना चाहता था ,आख़िरकार सन्डे आ ही गया और मैं शहर में था ,डॉ मुझे एक क्लब में ले गया एक साधारण सा दिखने वाला क्लब था ,बहुत से लोग तो नहीं थे और सब कुछ बड़ा ही नार्मल लग रहा था ,मैंने डॉ को बार बार पूछा की बात क्या है पर वो कुछ भी नहीं बता रहा था कहता था की रुक जा टाइम आने पर पता चलेगा ……..हम दोनों इधर उधर और अपने स्कूल के टाइम की बाते करते रहे और बियर पीते रहे ,तभी मुझे एक कपल दिखाई दिया ऐसे तो वहा और भी कपल थे पर वो कपल बहुत ही खास था कारन था उनके बीच का प्यार ,दोनों को देखकर कोई भी कह सकता था की उनमे कितना जादा प्यार है ,पत्नी को कुछ हो जाता तो पति आगे आकर उसे सम्हालता ,पति के चहरे पर कुछ लग जाता तो पत्नी उसे अपने पल्लू से पोछती थी ,दोनों एक दुसरे से ऐसे मिले बैठे थे जैसे कभी अलग ही नहीं होंगे ,मुझे ये कपल मेरी और काजल की याद दिला रहा था ,वो लड़की दिखने में भी कुछ कुछ काजल जैसी ही थी,बहुत देर तक वो दोनों वहा बैठे रहे ,शाम जब और गहराने लगी तो वो साथ एक दूजे के कमर में हाथ डाले नाचते हुए दिखाई दिए ,कुछ देर बाद मेरा धयान डॉ की तरफ चला गया और वो दोनों मुझे फिर दिखाई नहीं दिए ,पर मुझे उन्हें यु घुरना डॉ से छिपा नहीं था ,

“क्यों क्या हुआ उनमे कुछ खास है क्या जो तू उन्हें यु घुर रहा है ,”

“हा यार ये दोनों मुझे काजल और मेरी याद दिलाते है,काजल भी मुझे ऐसे ही प्यार करती है और ऐसे ही मेरा ख्याल रखती है ,”मेरी आँखों में कुछ आंसू की बुँदे आ गयी ,डॉ ने मुझे दिलासा दिलाया और इधर उधर की बाते करने लगा ,तब तक वो कपल आँखों से ओझल हो चूका था ,मैंने नज़ारे घुमाई पर वो कही नहीं दिखे …….डॉ मेरी नजरो को समझ गया ,
“उन्हें ढूंड रहा है क्या ,”मैंने हा में सर हिलाया

“रुक जा थोड़ी देर में मिलवाता हु “मैंने आशचर्य से डॉ को देखा

“तू जानता है उन्हें ”

“नहीं नहीं जानता फिर भी मैं जानता हु की वो क्या कर रहे होंगे “मैंने फिर से आँखों को चौड़ा किया ,डॉ ने मुझे चुपचाप अपना ड्रिंक ख़तम करने और साथ आने को कहा मैं बिना किसी सवाल के डॉ के साथ चलने लगा ,वो एक अलग ही गेट था क्लब के अंदर से और भी अंदर जाने के लिए पूरी तरह से डिम लाइट जल रही थी ,रोशनी इतनी थी जीतनी की लोग दिख जाय पर इतनी भी नहीं थी की कोई अनजान आदमी पहचान में आ सके ,,उस लाल रोशनी के कारन लोगो का चहरा भी लाल लाल दिख रहा था ,ac चलने के कारण वहा ऐसे तो बड़ी ठंडक थी पर माहोल कुछ गर्म लग रहा था,वो एक सकरा रास्ता था जो किसी और मंजिल तक पहुचता था …

To be Continued

Reply





Posts: 694
Topic starter
Honorable Member
Joined: 3 years ago

“क्यों क्या हुआ उनमे कुछ खास है क्या जो तू उन्हें यु घुर रहा है ,”

“हा यार ये दोनों मुझे काजल और मेरी याद दिलाते है,काजल भी मुझे ऐसे ही प्यार करती है और ऐसे ही मेरा ख्याल रखती है ,”मेरी आँखों में कुछ आंसू की बुँदे आ गयी ,डॉ ने मुझे दिलासा दिलाया और इधर उधर की बाते करने लगा ,तब तक वो कपल आँखों से ओझल हो चूका था ,मैंने नज़ारे घुमाई पर वो कही नहीं दिखे …….डॉ मेरी नजरो को समझ गया ,
“उन्हें ढूंड रहा है क्या ,”मैंने हा में सर हिलाया

“रुक जा थोड़ी देर में मिलवाता हु “मैंने आशचर्य से डॉ को देखा

“तू जानता है उन्हें ”

“नहीं नहीं जानता फिर भी मैं जानता हु की वो क्या कर रहे होंगे “मैंने फिर से आँखों को चौड़ा किया ,डॉ ने मुझे चुपचाप अपना ड्रिंक ख़तम करने और साथ आने को कहा मैं बिना किसी सवाल के डॉ के साथ चलने लगा ,वो एक अलग ही गेट था क्लब के अंदर से और भी अंदर जाने के लिए पूरी तरह से डिम लाइट जल रही थी ,रोशनी इतनी थी जीतनी की लोग दिख जाय पर इतनी भी नहीं थी की कोई अनजान आदमी पहचान में आ सके ,,उस लाल रोशनी के कारन लोगो का चहरा भी लाल लाल दिख रहा था ,ac चलने के कारण वहा ऐसे तो बड़ी ठंडक थी पर माहोल कुछ गर्म लग रहा था,वो एक सकरा रास्ता था जो किसी और मंजिल तक पहुचता था …

बीवी के कारनामे | Biwi Ke Karname | Update 12

हम दोनों फिर एक गेट पर पहुच गए ,वहा कुछ बड़े ही डोले शोले वाले लोग खड़े थे ,देखकर ही समझ आ रहा था की अंदर जो चल रहा है वो हर किसी के लिए नहीं है ,हमारे पास जाने पर डॉ ने उन्हें एक कार्ड दिखाया ,और उनके कानो में कुछ कहा ,उनमे से एक बॉडीबिल्डर हमें रुकने का इशारा कर अंदर जाता है फिर वापस आकर हमें अंदर जाने का इशारा करता है अंदर जाकर मैं और भी अचंभित हो गया क्योकि वहा ऐसा कुछ भी नहीं था जिसे गलत समझा जाय ,वहा होटलों जैसे सिंपल से कमरे बने हुए थे ,और एक और एक ऑफिस नुमा केबिन था ,डॉ ने मुझे केबिन की तरफ आने का इशारा किया केबिन के बहार भी कुछ बॉक्सर टाइप लोग खड़े थे ,ऐसा लग रहा था जैसे साला मैं किसी डॉन के पास या किसी बड़े पॉलिटिशियन के पास जा रहा हु ,इतनी सिक्योरिटी मैंने वही देखि थी ,हम दोनों केबिन के अंदर गए,बड़ा सा केबिन था जैसे किसी कम्पनी के सीईओ का होता है ,एक कोने में एक अर्धगोलाकार टेबल के पीछे एक लम्बा चौड़ा सा व्यक्ति बैठा हुआ था,चहरा रोबदार और हलकी हलकी दाढ़ी कानो में बाली ,बाल बिलकुल छोटे जैसे आर्मी वाले रखते है उससे थोडा बड़ा , आँखों में हलकी लालिमा जैसे की हल्का हल्का खून उतर आया हो ,मूंछ धारदार थे पर वो देसी बिलकुल नहीं लग रहा था ,रंग गोरा था पर कुछ कुछ जैसे अग्रेजो जैसे रंग का था ,लेकिन देशी स्टायल लिए ,शारीर तो जैसे मॉस का कोई गोदाम खोल रखा हो साला कही भी कोई चर्बी नहीं दिख रही थी दिख रहा था तो बस कसे हुए मसल्स ,वो एक स्पोर्ट बनियान और जीन्स पहने था ,इतने बड़े प्रोफेसनल से लगने वाली जगह का मालिक (जैसा मुझे लग रहा था )बनियान पहन के बैठा था ,उसके पास ही एक लड़की पूरी तरह से तैयार होकर खड़ी थी ,ड्रेस और हावभाव से लग रहा था की वो उसकी सेकेटरी है और वो जैसे खड़ी थी इससे पता लग रहा था की वो 25-30 साल का किसी हीरो की तरह दिखने वाला शख्स बिलकुल भी नर्म नहीं है ,उस शख्स का शरीर देखकर मुझे जॉन इब्राहीम की याद आई पर जब वो खड़ा हुआ तो उसकी चाल विद्युत् जामवाल सी थी ,साला दोनों का मिश्रण था ,डॉ को देखकर वो खुश होकर उठा और आगे बढकर डॉ के गले से लग गया ,डॉ उसके शारीर के सामने बच्चा लग रहा था ,

“ये आकाश है मेरा दोस्त “उसने अपना हाथ बढाया ,मुझे लगा जैसे मैं किसी लोहे के पुतले को छू रहा हु ,

“और आकाश ये है टाइगर उर्फ़ दलजीत कनाडियन माँ और पंजाबी पिता की देन है ,इस क्लब का मालिक और हमारा खास दोस्त “डॉ ने मुझे बैठने का इशारा किया हम सभी अपनी जगहों पर बैठ चुके थे ,डॉ बे बैठते हुए उसकी सेकेटरी को हाय कहा उसने भी अपना सर हिला कर उनसा अभिवादन किया

“कैसी हो रेहाना ”

“अच्छी हु डॉ ”

“तो आज इस नाचीज को कैसे याद किया डॉ ,”टाइगर के आवाज में भी वही भारीपन था जो की उसकी पर्नालिटी में था ….

“ह्म्म्म वही पुराना रिसर्च का चक्कर है ,लेकिन इसबार मुझे इसके साथ देखना है ,”डॉ ने मेरी तरफ इशारा किया ,टाइगर ने जब मुझे घुर कर देखा तो मेरी रूह तक काप गयी साले की आँखे थी या अंगारे थे ,जैसे दहक रहे हो ,उसने एक भारी सांसे ली जैसे की कोई शेर गुर्राता हो,

“डॉ आपको नहीं बोलना मेरे लिए हमेशा से मुस्किल रहा है ,पर ये नहीं हो सकता ,आप जानते है की क्यों ,यहाँ लोग मेरे भरोसे आते है और मैं उसके साथ धोखा नहीं कर सकता ,आप मेरे वसूलो को जानते है ,मैं कितना प्रोफेसनल हु ये भी आपको पता है ,जब मैं कनाडा से यहाँ आया था तो आपने मेरी बहुत मदद की थी ,जिसका अहसान मैं कभी नहीं चूका सकता पर ये मेरे धंधे से गद्दारी होगी मेरे ग्राहकों से गद्दारी होगी ,आप चाहे तो आपको मैं कुछ भी दिखा सकता हु पर ये ,……………..( उसने फिर से मुझे घुर )आप जानते है …मैं कैसे “बस इतना बोलकर वो खामोश हो गया ,और डॉ के चहरे पर एक गंभीर भाव आ गया

“ह्म्म्म यार तेरी बात तो ठीक है पर सच में ऐसा है की मुझे इसको दिखने की जरुरत है ,”

“डॉ सॉरी मैं ये नहीं कर सकता “डॉ के चहरे पर एक मुसकान सी खिल गयी

“ठीक है पर अगर मैं तुझे एक डील दू तो तू सायद इंकार नहीं करेगा “डॉ ने मुस्कुराते हुए कहा

“डॉ आप और आपके डील “टाइगर भी हसने लगा “पर इस बार कुछ नहीं सॉरी ”

डॉ ने मुझे बाहर जाने को कहा और कुछ देर बाद मुझे अंदर बुलाया गया ,टाइगर ने मुझे फिर से घुर इस बार उसके चहरे पर एक अजीब सी सांत्वना का भाव था मुझे लगा इस साले डॉ ने कही उसे मेरे बारे में तो नहीं बता दिया ,

“ठीक है डॉ बस एक घंटे और ये लास्ट है ”

“हा ऐसे तूने पिछली बार भी यही कहा था “और दोनों हस पड़े

“क्या करू आपकी डील होती ही इतनी अच्छी है “दोनों फिर से हसे मैं उन्हें बस एक प्रश्नवाचक भाव से देख रहा था ………..डॉ ने मुझे इशारा किया और हम दोनों उसकी केबिन के अंदर एक और दरवाजे में चले गए ,पता नहीं साला कितना दरवाजा था यहाँ ………….

To be Continued

Reply





Posts: 694
Topic starter
Honorable Member
Joined: 3 years ago

“ह्म्म्म यार तेरी बात तो ठीक है पर सच में ऐसा है की मुझे इसको दिखने की जरुरत है ,”

“डॉ सॉरी मैं ये नहीं कर सकता “डॉ के चहरे पर एक मुसकान सी खिल गयी

“ठीक है पर अगर मैं तुझे एक डील दू तो तू सायद इंकार नहीं करेगा “डॉ ने मुस्कुराते हुए कहा

“डॉ आप और आपके डील “टाइगर भी हसने लगा “पर इस बार कुछ नहीं सॉरी ”

डॉ ने मुझे बाहर जाने को कहा और कुछ देर बाद मुझे अंदर बुलाया गया ,टाइगर ने मुझे फिर से घुर इस बार उसके चहरे पर एक अजीब सी सांत्वना का भाव था मुझे लगा इस साले डॉ ने कही उसे मेरे बारे में तो नहीं बता दिया ,

“ठीक है डॉ बस एक घंटे और ये लास्ट है ”

“हा ऐसे तूने पिछली बार भी यही कहा था “और दोनों हस पड़े

“क्या करू आपकी डील होती ही इतनी अच्छी है “दोनों फिर से हसे मैं उन्हें बस एक प्रश्नवाचक भाव से देख रहा था ………..डॉ ने मुझे इशारा किया और हम दोनों उसकी केबिन के अंदर एक और दरवाजे में चले गए ,पता नहीं साला कितना दरवाजा था यहाँ ………….

बीवी के कारनामे | Biwi Ke Karname | Update 13

डॉ और मैं जैसे ही कमरे के अंदर गए कमरा बंद कर दिया गया ,वहा इतना अंधेला था की मैं डॉ को भी नहीं देख पा रह था डॉ ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे आगे खीचा थोड़ी देर में ही आँखे कुछ कुछ समझाने लगी थी पर अभी भी मुझे कुछ जादा नहीं दिख रहा था ,दिखा रखा तो बस दीवाल से लगा हुआ कुछ चमकीला सा नंबर ,मैंने ध्यान दिया की डॉ नंबर को देखता हुआ आगे बड रहा है ,उसने मेरा हाथ अब भी थामे हुए था ,हर नंबर के निचे मुझे एक परदे का आभास हो रहा था ,मुझे समझ में आ चूका था की डॉ मुझे क्या दिखने ले जा रहा है पर ये नहीं समझ पा रहा था की आखिर क्यों ,.
आख़िरकार वो नंबर आ ही गया जिसपर 15 लिखा था और डॉ वहा पर रुक गया ,डॉ ने पर्दा हटाया परदे के अंदर एक बड़ा सा झरोखे जैसा काच लगा हुआ था ,पर्दा हटते ही कुछ रोशनी वहा फ़ैल गयी जिससे मुझे डॉ का चहरा दिखने लगा डॉ ने मुझे चुप रहने का इशारा किया और कानो में कहा

“हम इससे अंदर देख सकते है पर अंदर से हमें कोई नहीं देख सकता”और अपनी जेब से दो हेडफोन निकाले “इससे हम अंदर चल रही बात सुन पायेंगे “उसने उन हेडफोन को पास के कुछ प्लगो में लगाया कुछ बटन दबाये और एक मुझे दे दिया मैंने उसे अपने कानो में डाला और अंदर देखने गया ,

अंदर कमरे में अच्छी रोशनी थी और अंदर का नजारा बिलकुल साफ़ था और ये भी की डॉ मुझे क्या दिखने लाया था ,साला कमीना डॉ ……………….अंदर वही महिला थी जिसे मैंने उसके पति के साथ देखा था ,यहाँ भी वो अपने पति के साथ दोनों बिलकुल निर्वस्त्र थे जिसे देखकर मेरे चहरे में एक मुस्कान आ गयी ,वो बिस्तर में टंगे फैलाये बैठी थी और उसका पति उसके योनी को बड़े प्यार से चूस रहा था वो बहुत ही आनद से अपनी आँखे बंद किये हुए इसका मजा ले रही थी ,मुझे उस लड़की को देखकर फिर से काजल की याद आ गयी ,मैं भी कभी कभी उसकी योनी का रस ऐसे ही पिता हु और वो इसी तरह से मेरे बालो को अपने हाथो से सहलाती है ,और आनंद के दरिया में गोते लगाती है ,वाह कितना प्रेम था दोनों में कैसे दोनों एक दूजे का ख्याल रख रहे थे ,मुझे ग्लानी हुई की मैं इनके बिलकुल ही निजी क्षणों को देख रहा हु,मैंने अपना हेडफोन निकला और डॉ के कानो में कहा ,

“साले यहाँ मुझे दूसरो की चुदाई देखने लाया है कमीने “डॉ के चहरे में मुस्कान आ गयी

“बस तू देखता जा साले जो तू देख रहा है वो पूरा सच नहीं नहीं है “मैंने उसे आश्चर्य से देखा और अंदर देखने लगा वो दोनो अब एक दूजे को बहुत ही प्यार से किस कर रहे थे वो अपनी पत्नी के जिस्म से बड़े ही प्यार से खेल रहा था और उसकी पत्नी भी उसे उतने ही प्यार से सहला रही थी ,मुझे ये देखकर बहुत ही अच्छा लग रहा था की ये पति पत्नी आपस में कितना प्यार करते है ,मेरे कानो में लड़की के द्वारा कहे गए जान ,जानू ,बेटू ,,सोना जैसे शब्द आ रहे थे ,वो बार बार उसे जान कहकर पुकार रही थी ,मुझे समझ नहीं आया की आखिर डॉ को इसमे क्या अजीब लग गया ,क्या वो उसका पति नहीं है ,हो सकता है शायद ये सब देखने के बाद वो मुझे ये बताएगा की वो उसका पति नहीं था और एक इतनी प्यारी और घरेलु लगाने वाली महिला कैसे अपने पति के अलावा दुसरे से चुदवा रही थी वो भी इतने प्यार से ,,,,साला डॉ मेरे जख्मो को कम करने के बजाय इसपर नमक छिड़क रहा है ,मुझे थोडा गुस्सा तो आया पर डॉ के इतने प्रयास पर मुझे उसपर प्यार भी आया …….चलो अपने दोस्त के लिए साला कुछ तो कर रहा है ,….लेकिन मैं ये नहीं देखना चाहता था और मैंने वहा से जाने की सोची पर जैसे ही मैं अपने हेडफोन निकलने को था मैंने उनके बाथरूम के खुलने की आवाज सुनी ,………….यानि यानि वहा कोई भी है ,मैं थोडा सजग हो गया और अंदर देखने लगा .और जो देखा उससे मेरा खून सूखने लगा …

बाथरूम से एक सांड सा शख्स बहार निकलता है ,वो बहुत ही लम्बा चौड़ा था और पूरी तरह से नग्न था ,

“कितना समय लगा दिए तुम “लड़की की कोमल आवाज मेरे कानो में गूंज गयी उसका पति उसे देखकर मुस्कुराता है और लड़की को छोड़कर फिर से नीछे बैठ जाता है ,

“बस अपने को साफ़ कर रहा था ,तुमने अभी तक कुछ शुरुवात नही की क्या ,”वो शख्स रोबदार आवाज में उसके पति से कहता है

“अरे आज तो तुम दोनों का दिन है ,तुम ही ऐश करो मेरी तो बीवी है मुझे तो रोज ही करना है ,”उसका पति हस्ते हुए कहा ,मुझे अपने कानो पर विस्वास नहीं हो रहा था की ये क्या हो गया …..नहीं एक पति ऐसे कैसे कह सकता है ,

उस शख्स ने बिस्तर में चड़कर उस कोमल सी फूल को अपने बांहों में ले लिया और उसके नाजुक होठो को अपने होठो में भरकर चूसने लगा ,वो नाजुक सी घरेलु कलि उस सांड की बांहों में ऐसे समागई जैसे वो कभी थी ही नहीं ,उसके मासपेशिया देखकर मुझे किसी पहलवान की याद आ रही थी वो उसे हलके से ही पकडे था ,अगर वो थोड़ी ताकत लगा दे तो शायद वो लड़की वही मर जाय ….उसका पति ये सब आँख फाडे देख रहा था ,वो निचे बैठकर लड़की के जन्घो को फैलता है और उसके योनी से रिसते हुए पानी को चूसने लगता है ,लड़की की सिस्कारिया बढ़ने लगती है और वो उस शख्स को और भी जोरो से पकड़ लेती है और अपने होठो को उसके होठो को हवाले कर देती है ,वो शख्स उसके कमर को उठता है ,जैसे वो लड़की कुछ समझ चुकी थी वो उठकर उसके गोद में अपने कमर को रख देती है और साथ ही उसके ताने हुए विशाल और भयानक दिखने वाले लिंग को अपने गुलाबी और प्यारे से योनी में घुसाने की कोसिस करती है ,अब भी दोनों के होठ मिले हुए थे और इसलिए लिंग शायद उसकी योनी में सही तरह से नहीं जा पा रहा था ,उसका पति ये देखकर हसता है और अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए उसके लिंग को अपनी प्यारी सी पत्नी के योनी में रगड़ता है लड़की की योनी रस से भरी हुई थी और इतने लसदार पानी से गीली थी की लिंग को भी भीगा देती है ,वो उसके होठो को छोड़कर एक आह भारती है और अपने पति की आँखों में देखती हुई धीरे धीरे उस विशाल लिंग को अपनी योनी में तब तक अंदर करती है जब तक की वो वहा जाकर गायब नहीं हो जाता ,एक जोरदार आह उसके मुह से निकल कमरे में गूंजने लगती है ,…..

वो अपने पति को अपनी और खिचती है और उसके होठो में अपने होठो को मिला देती है दोनों ही बहुत ही उमंग और उत्तेजना से एक दूजे के होठो को चूसने लगते है ,तभी पीछे बैठा हुआ शख्स हलके से उसकी कमर उठता है ,मुझे उस शख्स का लिंग उसकी योनी से बहार आता दिखता है लेकिन थोडा बहार लाकर वो उसकी कमर को छोड़ देता है ,वो अपने भरी निताम्भो से गिरती है और फिर से उसकी योनी उसके लिंग अपने में समां लेती है पर इसबार आया हुआ दर्द या मजा उसकी आँखों में पानी बनकर दिखाई देता है……वो शख्स बार बार ऐसा कर रहा था और हर बार लड़की के मुह से एक भारी सी चीख निकल जाती थी ….आख़िरकार उसने अपने पति को छोड़ा और अपना सर घुमा कर उस शख्स के होठो को चूसने लगी और खुद उसके जन्घो में अपना हाथ रख उसके ऊपर कूदने लगी कभी धीरे धीरे कभी जोर जोर से ,उसका पति लिंग और योनी के जोड़ पर अपनी जीभ टीकाकार उसका पानी चूसने की कोसिस कर रहा था ,लेकिन उसका सर भी उसकी पत्नी के कमर के ऊपर नीचे होने के साथ साथ ऊपर निचे हो रही थी ,उसकी पत्नी जैसे उसे भूल ही चुकी थी और उसके पुरे शारीर पर उस सांड से शख्स का अधिकार हो चूका था ,वो उसके निताम्भो को अपने हाथो से मरता उसके वक्षो को अपने हाथो से दबाता सहलाता ,और उसके होठो को तो छोड़ ही नहीं रहा था ,उसकी आहे उसके होठो में घुल रही थी ,पर मजे की चीत्कार दबकर भी बहार तक आ रही थी ….

इधर मेरे लिंग में हरकत तो होने लगी थी पर साथ ही मैं उस लड़की की जगह काजल को देखने लगा था,मैंने अभी तक उस लड़की में काजल को ही देखा था और उसका नाक नक्श और अदाए भी काजल की तरह ही थी ,और शायद उसकी ये हरकत भी ,……मैं अजीब से कश्मकस में था एक ओर मुझे लग रहा था की मैं यहाँ से भाग जाऊ ,क्योकि मेरे आँखों में ये देखकर आंसू थे ,वही मेरा लिंग पूरी तरह से अकड़ चूका था और मेरा हाथ वहा जाकर उसे मसल रहा था,इशार काम लीला पुरे सबाब में थी इधर मेरी उत्तेजना भी बहुत बड रही थी ,साथ ही मेरा गुस्सा और ग्लानी और ना जाने क्या क्या ……….

आखिर उनके इस खेल का अंत दोनों के एक चीख से हुआ लड़की चीख कर उस शख्स के ऊपर निढाल हो गयी ,एक संतुष्टि का भाव उसके चहरे पर था ,मेरी नजर जब निचे गयी तो मैंने देखा की उस शख्स का गढ़ा वीर्य उसकी योनी से रिस रहा है वो अभी भी हलके हलके धक्के लगा रहा था …और उस लड़की वो बड़े जोरो से पकड़ कर उसे चूमे जा रहा था ,वही उसका पति अब खड़ा हो चूका था और उस लड़की से लिपट कर उसके उजोरो पर अपने मुह को टीकाकार उसे चूसने की कोशिस कर रहा था ,थोड़ीदेर में लड़की ने आँखे खोली अपने पति को देखा और उसके होठो को चुमते हुए उसे थैंक्स कहा ,…..लड़के ने उसे मुस्काते हुए देखा

“जान अभी तो पार्टी शुरू हुई है ,”तीनो हसने लगे और लड़की फिर से अपने पति के होठो को चूसने लगी ,मैंने अपने बाजु में खड़े डॉ को देखा वो वहा नहीं दिखाई दिया मैंने इधर उधर देखा ,वो अँधेरे में खो गया था ,मुझे समझ आ गया की वो मुझे यहाँ छोड़ कर चला गया है ताकि मैं उसके कारन असमंजस की स्थिति महसूस ना करू ,……….मैंने अपने लिंग को छोड़ा अंदर फिर से शायद कुछ होने वाला था पर मैं अब देखने की हालत में नहीं था…मेरे लिंग की उत्तेजना भी अब खत्म हो चुकी थी और एक ग्लानी,शर्म,जलन और क्रोध का मिला जुला भाव मेरे अंदर समां चूका था …………….मैंने परदे खिचे और हेडफोन को वही लटकता छोड़ा और वहा से निकलने लगा ………..

To be Continued

Reply





Posts: 694
Topic starter
Honorable Member
Joined: 3 years ago

आखिर उनके इस खेल का अंत दोनों के एक चीख से हुआ लड़की चीख कर उस शख्स के ऊपर निढाल हो गयी ,एक संतुष्टि का भाव उसके चहरे पर था ,मेरी नजर जब निचे गयी तो मैंने देखा की उस शख्स का गढ़ा वीर्य उसकी योनी से रिस रहा है वो अभी भी हलके हलके धक्के लगा रहा था …और उस लड़की वो बड़े जोरो से पकड़ कर उसे चूमे जा रहा था ,वही उसका पति अब खड़ा हो चूका था और उस लड़की से लिपट कर उसके उजोरो पर अपने मुह को टीकाकार उसे चूसने की कोशिस कर रहा था ,थोड़ीदेर में लड़की ने आँखे खोली अपने पति को देखा और उसके होठो को चुमते हुए उसे थैंक्स कहा ,…..लड़के ने उसे मुस्काते हुए देखा

“जान अभी तो पार्टी शुरू हुई है ,”तीनो हसने लगे और लड़की फिर से अपने पति के होठो को चूसने लगी ,मैंने अपने बाजु में खड़े डॉ को देखा वो वहा नहीं दिखाई दिया मैंने इधर उधर देखा ,वो अँधेरे में खो गया था ,मुझे समझ आ गया की वो मुझे यहाँ छोड़ कर चला गया है ताकि मैं उसके कारन असमंजस की स्थिति महसूस ना करू ,……….मैंने अपने लिंग को छोड़ा अंदर फिर से शायद कुछ होने वाला था पर मैं अब देखने की हालत में नहीं था…मेरे लिंग की उत्तेजना भी अब खत्म हो चुकी थी और एक ग्लानी,शर्म,जलन और क्रोध का मिला जुला भाव मेरे अंदर समां चूका था …………….मैंने परदे खिचे और हेडफोन को वही लटकता छोड़ा और वहा से निकलने लगा ………..

बीवी के कारनामे | Biwi Ke Karname | Update 14

मैं उन नम्बरो को ढूंढता हुआ उस दरवाजे तक आया और केबिन के अंदर प्रवेश किया ,वहां मौजूद तीनो शख्स मुझे घूरने लगे पर मेरी नजर बस डॉ पर थी वो मुझे घूरे जा रहा था ,उसके चहरे पर कोई भी भाव नही थे ,बस मुझे देख रहा था जैसे मेरे किसी प्रतिक्रिया की कामना कर रहा हो ,,मेरी आँखे जल रही थी शायद वो अभी सुर्ख लाल रंग की होंगी ,मैं कोई भी प्रतिक्रिया किये बिन ही वहां से जाने लगा ,डॉ शायद मुझे कुछ कहने को खड़ा हुआ था पर मैं उसके किसी भी बात का इंतजार किये बिना ही वहां से बड़ी ही तेजी से निकल गया ,मेरे तन मन में एक आग सी लगी थी ,मैं सीधे क्लब के बार में पहुचा और 3 लार्ज पैक विस्की के पी गया,चौथा पैक भी मेरे सामने था की मुझे पीछे से किसी की आवाज सुनाई दी…..

“जो तुमने देखा उसे cuckold कहते है “

ये उस मादरचोद डॉ की ही आवाज थी ,मेरे गुस्से का बांध जैसे टूट गया था,मैंने पीछे पलटकर सीधे डॉ का कालर पकड़ लिया,

“मुझे पता है मादरचोद की उसे क्या कहते है ,और तू चाहता क्या है ,की मैं भी उस नामर्द की तरह ही अपनी बीबी को यहां लेकर चुदवाऊ उस टाइगर से ,”मैन ऐसे तो ये बड़े ही आवेग में आकर कहा था पर मेरे लिंग में ये सोचकर भी एक झुनझुनाहट सी हो गयी की टाइगर काजल को चोद रहा है ……..है भगवान ये मैं क्या होते जा रहा हु…….मुझे फिर से गुस्सा आ गया ,मैं अब भी डॉ का कालर पकड़े हुए था,पर अब मेरी आंखों में गुस्से के साथ साथ आंसू भी थे ,
“ये क्या बना रहा है डॉ मुझे तू ,क्यो कर रहा है तू मेरे साथ ऐसा ,मैन तेरा क्या बिगाड़ा है ,मैंने तो तुझे अपना दोस्त मानकर ही तुझे ये सब बताया था ,और तू मुझे क्या बना रहा है ,और क्या सौदा किया है तूने टाइगर के साथ की तू काजल को उससे या उसके किसी ग्राहक से चुदवायेगा,….क्यो कर रहा है तू ऐसा ,क्या हो रहा है मुझे ,मत खेल मेरे साथ ऐसा घिनौना खेल मत खेल……….”मेरी आंखे अब सचमे भर गयी थी ,गुस्से की जगह एक भारी दुख ने ले ली थी…डर का चहरा अब थोड़ा मुरझाया से दिखा वो मेरे चौथे पैक को खुद ही पी गया और मेरे गले से लग गया ,जब वो मुझसे अलग हुआ उसके आंखों में जैसे खून था ….मुझे उसका ये बदला हुआ रूप समझ नही आ रहा था,

“तुझे क्या लग रहा है की मैं तुझे फस रहा हु,अबे मादरचोद तू है ही चूतिया लोग मुझे चूतिया कहते है पर असली चूतिया तो तू है ,तू आज मुझे बोल उस काजल को मैं आज ठिकाने लगा दु ,बोल क्या करना है उसके साथ ,मार के फेक दे कही ,किसी को हवा भी नही लगेगा,या उस प्यारे को मार दे……..क्या करे तू बता तू क्या चाहता है…तू बस बोल दे और हो जाएगा ………”डॉ थोड़ी देर तक चुप ही रहा मैं यही सोच रहा था की हा असल में मैं क्या चाहता हु डॉ ने फिर से बोलना शुरू किया

“जानता है तू क्या चाहता है ,तू चाहता है की काजल तुझे उतना ही प्यार करे जितना वो अभी तुझसे करती है ,तू काजल को छोड़ना नही चाहता ,और उसे इस रूप में अपनाना भी नही चाहता,तू चाहता है की उसे ये ना पता चले की तुझे कुछ पता है ,लेकिन तू उससे वो सब छुड़ाना चाहता है जो वो कर रही है ,,,तू उसे सच बता दे की तुझे सब कुछ पता है ,पर तू डरता है की इससे या तो तेरी इज्जत उसके नजर में कम हो जाएगी या वो पहले की तरह नही रहेगी ,तू मुझे कुछ कहने से पहले मुझे ये बता की तू क्या चाहता है …….और रही टाइगर से डील की बात तो मैंने उसे कहा था की तुझमे सेक्स की इच्छा की कमी है और तेरे इलाज के लिए तुझे के दिखाना है ,क्योकि दवाइयों का असर गलत हो सकता है और दवाइयों की कोई जरूरत तुझे नही है तुझे बस कुछ मोटिवेशन चाहिए…..और इसके बदले में मैं उसे कुछ ऐसी दवाइया लाकर दूंगा जो की इस देश में ग़ैरकानूनी है ,वो मुझे बड़े दिनों से ऐसे दवाईया लेन की जिद कर रहा था पर मैंने उसे मना कर रखा था,तेरे कारण आज मैं अपना जमीर तक बेचने को तैयार हो गया,मुझे लगा की शायद इससे तुझमे कुछ ऐसी भावना जाग जाय की जो काजल कर रही है वो गलत नही है और तू उसका मजा लेने लगे ,जिससे कम से कम कुछ वक्त को ही सही तुझे इस जलन से आजादी मिल जाय ………..पर तुझे ऐसा नही हुआ तो मैं क्या करू ……मैं भी यही चाहता हु की तू अपनी जिंदगी उसी प्यार से और फक्र से जी सके जैसा तू पहले जीता था,पर यार क्या अब ये संभव है तू ही बता की मैं क्या करू ….मैं बस इतना चाहता था की तुझे कुछ आराम मिले लेकिन तूने तो मुझे ही गलत बना दिया …..अब तू ही बता की आगे क्या करना है …”डॉ ने बार टेंडर से एक पैक मांग और एक ही घुट में उसे पी गया .मैं और वो दोनो ही खामोश थे क्योकि किसी को नही पता था की क्या करना है ……….मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा

“सॉरी यार पर तू तो मेरी कन्डीशन समझ रहा है ना ,परेशान हु यार और तू ही मेरी आखरी उम्मीद है ,काश मैं भी उस पति की तरह अपनी काजल को किसी और के साथ देखकर खुश हो जाता तो मुझे ये जलन नही सहना पड़ता ,या काश मैं काजल से प्यार ही ना करता और उसके खुशियो की मुझे कोई परवाह नही होती…उसके चहरे पर मैं दुख भी नही देख सकता और ना ही उसकी इसतरह आयी हुई हसी को ही बर्दास्त कर सकता हु “

मैन फिर से अपना पैक एक ही घुट में खत्म कर दिया ,,मेरी आंखे अब थोड़ी भारी होने लगी थी ,शायद आज मुझे अच्छी नींद आने वाली थी…..

“कुछ तो करना पड़ेगा मेरे दोस्त पर क्या नही पता,और जब तक ये क्या नही पता चल जाता तक तुझे तो जलना ही है ………..या उस पति की तरह मजे ले …हाहाहाहा “

डॉ की हसी मेरे कानो में गुंजी पर इस बार मुझे उसपर कोई भी गुस्सा नही आया मैंने फिर एक पैक अंदर किया और बड़े ही प्यार से उसे कहा

“साले मादरचोद “………….

To be Continued

Reply





Posts: 694
Topic starter
Honorable Member
Joined: 3 years ago

“सॉरी यार पर तू तो मेरी कन्डीशन समझ रहा है ना ,परेशान हु यार और तू ही मेरी आखरी उम्मीद है ,काश मैं भी उस पति की तरह अपनी काजल को किसी और के साथ देखकर खुश हो जाता तो मुझे ये जलन नही सहना पड़ता ,या काश मैं काजल से प्यार ही ना करता और उसके खुशियो की मुझे कोई परवाह नही होती…उसके चहरे पर मैं दुख भी नही देख सकता और ना ही उसकी इसतरह आयी हुई हसी को ही बर्दास्त कर सकता हु “

मैन फिर से अपना पैक एक ही घुट में खत्म कर दिया ,,मेरी आंखे अब थोड़ी भारी होने लगी थी ,शायद आज मुझे अच्छी नींद आने वाली थी…..

“कुछ तो करना पड़ेगा मेरे दोस्त पर क्या नही पता,और जब तक ये क्या नही पता चल जाता तक तुझे तो जलना ही है ………..या उस पति की तरह मजे ले …हाहाहाहा “

डॉ की हसी मेरे कानो में गुंजी पर इस बार मुझे उसपर कोई भी गुस्सा नही आया मैंने फिर एक पैक अंदर किया और बड़े ही प्यार से उसे कहा

“साले मादरचोद “………….

बीवी के कारनामे | Biwi Ke Karname | Update 15

जब मेरी नींद खुली तो मैं एक बड़े से बेड में सोया हुआ था,पता नही साला किसका घर था,डॉ का हो सकता है ,पर इतना शानदार घर ,मैं उठकर बाहर गया देखा तो घर नही बड़ा सा बंगला जैसी जगह थी,एक नोकर ने मुझे देखा और तुरंत मेरे लिए एक चाय ले आया …

“ये किसका घर है और मैं यहां कैसे आया “

“सर ये टाइगर साहब का घर है और आपको डॉ साहब यहां छोड़ के गए रात में कहा था की आप जब जागे तो उनसे मिल लीजियेगा “

मैंने डॉ को फोन लगाया उसने कहा की यार मेरा घर दूर था तो तुझे यहां ले के आ गया तू आजा मेरे पास पर मुझे आफिस में भी काम था मैं घर जाने की बोल वहां से निकल गया,

वहां से मैं सीधे ही ऑफिस गया और तभी मेरा फोन बजता है ,स्क्रीन को देखकर मेरे दिल की धड़कने रुक सी गयी नाम था ,जान और काजल की तस्वीर वहां पर दिखाई दे रही थी ,मैंने काँपते हुए हाथो से फोन रिसीव किया,

“हैल्लो जान कहा हो आप “

“मैं आफिस में हु और तुम कैसी हो ,”मेरी आवज की थकान को जैसे वो पहचान गयी थी ,

“क्या हुआ आपको मैं कल से आपको काल कर रही हु पर आप जवाब ही नही दे रहे हो ,मैंने प्यारे काका को भी काल किया तो पता लगा की आप बिना कुछ बताये ही कही गए हो ,जानते हो कल से कितनी परेशान हु ,अब जल्दी से घर आ जाओ मैं घर आ गयी हु ,”

काजल घर आ गयी है ,क्या वो घर में अकेले है ,मेरे दिमाग में एक ही बात गूंज गयी ,

“हा जान आ रहा हु “

मैंने तुरंत रघु को काल किया वो वो गाड़ी लेकर आफिस आ जाए मैं जल्द ही अपने घर पहुचा वहां देखा तो 2 बड़ी suv खड़ी थी मैंने उन्हें पहचान लिया ये मेरे ससुराल की गाड़िया थी,घर के बाहर के गार्डन में कुछ गार्ड खड़े थे वो भी मेरे ससुराल के थे ,सबने मेरा अभिवंदन किया ,मैं जब अंदर गया तो वहां काजल के बड़े भैया और भाभी जी भी थी मुझे समझ आ गया की ये काजल को छोड़ने को ही यहां आये है मैंने सबका अभिनदंन किया काजल मुझसे तब तक बात भी नही कर रही थी ,वो बड़े ही सलीके से वहां खड़ी थी पास ही प्यारे खड़ा था जिसे मैंने गुस्से से देखा वो बेचारा किचन में चला गया,कुछ देर में काजल मेरे लिए चाय ले आयी और मुझे देखकर एक मुस्कान बिखरा गयी ,वो शरारत भरी मुस्कान मासूम सी मेरी प्यारी काजल ,वाह जैसे कुछ हुआ ही ना हो मैं अपने सभी गम भूलकर बस उसे देखने लगा की काजल की भाभी जी ने हल्के से खासते हुए हमे फिर से होश में लाया ,काजल तो शर्म से पानी पानी हो गयी और फिर किचन के दरवाजे के पास चली गयी वही भाभी और भैया दोनो ही हसने लगे …

“क्यो दमांद जी कहा चले गए थे आप,काल रात से काजल का रो रो कर बुरा हाल है ,आप फोन उठा नही रहे थे और घर में भी नही थे रातो रात हमे यहां आना पड़ा “मैंने काजल की तरफ निगाह घुमाई उसके मासूम से चहरे को देखा उसकी आंखे सचमे थोड़ी सूजी हुई थी मानो रात भर वो रोइ हो ,वो अपना सर झुककर खड़ी थी ,पता नही क्यो कहना तो वो बहुत कुछ चाहती थी पर जैसे अपने भैया भाभी की उपस्थिति में कुछ नही कह पा रही थी ,मैं कुछ बोलने ही वाला था की भैया बोल पड़े

“देखो आकाश हमारी एक ही बहन है और हमने इसे बड़े ही प्यार से पाला है ,इसको की बात का दुख ना हो जाय ,ये तुमसे बहुत प्यार करती है और कल से ये तुम्हारे लिए ही परेशान है ,इसमें हम सबकी जान बसती है ,तुमसे हाथ जोड़कर विनती है इसका खयाल रखना “भैया ने अपने हाथ मेरे सामने जोड़ लिए ,मैंने तुरंत ही उनका हाथ पकड़ लिया,उनकी आंखे कुछ नम थी ,

“भैया ये आप क्या कह रहे है ,मुझसे सचमे कल गलती हो गयी असल में मैं कल अपने एक दोस्त के पास चला गया था और रात भर उसके ही साथ था,मैं काजल का काल देख ही नही पाया था,मुझे माफ कर दीजिये और आप यू हाथ जोड़कर मुझे शर्मिंदा मत करे आप तो बड़े है आपका तो हक है की आप हमे डांटे …”अब भैया के चहरे में कुछ मुस्कान आ गयी थी ,पर वो मुस्कान अब भी फीकी ही थी ,

“आप लोग बातें करे मैं और काजल मिलकर खाना बनाते है,”भाभी जी इतना कहकर वहां से चले गयी और भैया ने मुझे बाहर आने को कहा

हम दोनो गार्डन में बैठे थे

“देखो आकाश काजल अभी भी बच्ची है ,और अगर उससे कोई गलती हो जाए तो हमे बताना हम उसे समझायेंगे लेकिन इस तरह रुठ जाना सही नही है ना “भैया की बात से मेरी भवे चढ़ गयी

“मैं काजल से नाराज नही हु भैया “

“ह्म्म्म देखो काजल ने अपनी भाभी को बताया था की तुम कुछ दिनों से थोड़े खोये खोये रहते हो और काजल के जाने के बाद से तुमने उससे फोन पर भी बात नही की ,और ये कल का किस्सा तुम एक क्लब में जाकर दारू पी रहे थे ,ये सब क्या है ..”मैंने उन्हें आश्चर्य से देखा

“हा कल मेरा एक दोस्त वही था जहा बैठकर तुम दारू पी रहे थे ,और साथ में वो तुम्हारा दोस्त भी था ,उसने मुझे ये बताया तो मुझे समझ आ गया की काजल और तुम्हारे बीच कुछ ठीक नही है ,क्योकि जहा तक मैं तुम्हे जनता हु तुम तो शराब को हाथ भी नही लगाते क्यो सही हैहै ना “

मुझे समझ नही आ रहा था की मैं क्या कहु

“भैया वो दोस्त ने मुझे जबरदस्ती पिला दी थी “

“उसने ये भी बताया की तुम दोनो में कुछ झगड़ा हो रहा था,और तुम पहले से वहां बैठे थे ,मैंने ये बात काजल को नही बताई पर तुम मुझे सच सच बताओ सब ठीक तो है ना “

“हा भैया सब ठीक है ,डरने वाली कोई भी बात नही है और रही काजल की बात तो मैं उसे अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता हु ,मैं कभी उसे दुखी नही करूँगा,और रही काल की बात तो वो कुछ अलग मेटर है ,मेरे और मेरे दोस्त के बीच की आप को चिंता की जरूरत नही है वो कल ही हमने सॉल्व कर लिया था,”

“तुम्हे अगर कभी भी हमारी जरूरत पड़े तो बिना झिझक कहना यहां हमारी बहुत पहचान है और तुम अब हमारे परिवार हो ठीक है ,किसी नेता या अधिकारी कोई दिक्कत देता है तो उसे हम सम्हाल लेंगे “भैया को मैंने बड़े प्यार से देखा

“नही भैया सब कुछ ठीक है यहां काम संबंधित कोई भी परेशानी मुझे नही है ,आप चिंता ना करे “

भैया अब थोड़े से निश्चिंत दिख रहे थे ,हम बैठे युही इधर उधर की बाते करने लगे ………..

To be Continued

Reply





Page 3 / 17