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Adultery [Completed] बीवी के कारनामे | Biwi Ke Karname

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मेरा माथा खनका,मैंने कुछ बुरा नहीं सोचा था न ही सोचना चाहता था,पर ये अजीब था,क्यों काजल ऐसे हस कर दौड़ रही है,लगभग 1 घंटो का फिर सन्नाटा रहा,तभी काजल रूम में आई लेकिन ये क्या उसके पुरे बाल बिखरे सिन्दूर फैला हुआ साड़ी ऐसे सिकुड़ी जैसे किसी ने बुरी तरह मसला हो,आते ही उसने मेरे फोटो को ऐसे ही चूमा जैसे जाने के पहले,उसके चहरे में संतोष के भाव थे ये भाव और उसकी वेशभूषा ऐसे ही थी जैसे मेरे प्यार करने के बाद होती थी या रात में जब वो घूम कर आती तब……

वो फिर से बाथरूम चली गयी और आकर सो गयी उठाने पर फिर सजधज बहार निकली तो तब तक नहीं आई जब तक मैं नही आ गया,…..

.इस विडियो ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया की क्या मेरे पीछे कुछ हो रहा है जिसकी मुझे भनक नहीं हो पा रही है,दिल कुछ गलत सोचने से भी इंकार कर रहा था पर दिमाग ने एक अंतर्द्वंद की स्तिथि पैदा कर दी थी,काजल का प्यार महसूस कर और देखकर मैं सोच भी नाही पा रहा था की वो मुझे कभी धोखा भी देगी,मैंने आँखों देखि साँच पर ही विश्वाश करने की ठान ली,और भगवान से दुआ की की मेरा दिमाग गलत हो,……….

बीवी के कारनामे | Biwi Ke Karname | Update 6

आज भी घर आकर मुझे काजल का वैसा ही प्यार मिला जैसा रोज मिलता था,लेकिन आज मैं एक बोझ में था उस हकीकत का बोझ जो अभी मेरी कल्पनाओ में था,काजल के चहरे पर कोई सिकन न थी न ही कोई ग्लानी के भाव,वही मुस्कुराता मासूम सा चहरा,वही नश्छल आँखे,मैं उसका चहरा देखता ही रहा अपलक निर्विचार,

क्या देख रहे है आप,आज कुछ खामोश से है,कोई प्रोब्लम है क्या ऑफिस में,

नहीं बस सोच रहा था की तुम कितनी सुंदर हो,क्यों हो इतनी मासूम,इतनीं निश्छल,इतनी पावन,

काजल ने मुझे घुर कर देखा,.क्या हुआ है आपको

कुछ नहीं आज कोई आया था क्या नहीं तो क्यों बस ऐसे ही

काजल को शक तो था की मुझे कुछ हुआ है पर मैं उससे क्या कहता की मैं तुमपे शक कर रहा हु, क्या पूछता उससे की क्या वो किसी गैर मर्द के साथ,,छि छि मैं इतना कैसे गिर सकता हु की काजल के बारे में ऐसा सोचु..मैं प्यार से काजल के पास गया और उसे अपनी बाहों में भर लिया,मेरे आलिंगन में एक गहरा प्यार था जिसका आभाष काजल को हो गया था,उसने अपना सर पीछे करते हुए मेरे होठो को अपने होठो से रगड़ना शुरू कर दिया मैंने भी अपना मुह खोल उसके प्यारे गुलाबी लबो के रस का पान करने लगा…

हम डायनिंग टेबल के पास खड़े हो अपनी प्रेम लीला में खोये हुए थे,ये तन्द्रा तब टूटी जब प्यारे खासते हुए कमरे में प्रवेश किया,काजल तुरंत मुझसे दूर हो गयी उसकी आँखे शर्म से झुक गयी,मैं भी थोडा शर्मिन्दा हुआ पर जब मैंने प्यारे को देखा तो मै निश्चिंत हो गया क्योकि वो एक आश्चर्य से हमें निहार रहा था जैसे पूछ रहा हो क्या हुआ ऐसे क्यों रियेक्ट कर रहे हो..

रात मैंने काजल को जी भर के प्यार किया पर आज मैं बहुत उतावला दिख रहा था काजल के कई बार मुझसे कहा की आराम से मैं कही भागे थोड़ी जा रही हु पर मेरा दिल कहता रहा इसे दूर मत कर जैसे अगर मैं उससे दूर हुआ तो कभी मिल नहीं पाउँगा,मैं उसके जिस्म को घंटो तक चूमता ही रहा हर कोनो को चूमता रहा मेरे लार से उसका पूरा बदन चिपचिपा हो गया था ऐसी कोई जगह न बची थी जो मैंने अपने लार से भिगोया न हो,…

आज काजल की गहरइयो में न जाने कितने देर तक सैर करता रहा,उसे अपने प्यार से भिगोया उसके शारीर में अपने वीर्य की धार छोड़ी और उसे उसके पुरे शारीर में लगाया,आम तौर पर मैं जो नहीं करता वो सब आज किया और काजल???काजल मेरी बेकरारी से बहुत खुश थी मेरी हरकते उसके चहरे पे मुस्कान ले आती थी और मैं उसकी मुस्कान को देखकर और भी बेताब और उग्र हो रहा था…

आँखे बंद किये हुए उसके चमकीले और लालिमा लिए चहरे पर वो मुस्कान जो प्रियतम के सताने पर प्रिय के चहरे पर आता है वो किसी कत्लगाह से कम कातिल और मैखाने से कम नशीला नहीं होता…

मैं प्यार के नशे में था या काजल के पता नहीं पर मैं नशे में जरूर था और मैं उसी नशे में जिन्दगी भर रहना चाहता था,,..

पर ये नशा कब तक का था ये तो वक्त की बात थी..

To be Continued

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आज काजल की गहरइयो में न जाने कितने देर तक सैर करता रहा,उसे अपने प्यार से भिगोया उसके शारीर में अपने वीर्य की धार छोड़ी और उसे उसके पुरे शारीर में लगाया,आम तौर पर मैं जो नहीं करता वो सब आज किया और काजल???काजल मेरी बेकरारी से बहुत खुश थी मेरी हरकते उसके चहरे पे मुस्कान ले आती थी और मैं उसकी मुस्कान को देखकर और भी बेताब और उग्र हो रहा था…

आँखे बंद किये हुए उसके चमकीले और लालिमा लिए चहरे पर वो मुस्कान जो प्रियतम के सताने पर प्रिय के चहरे पर आता है वो किसी कत्लगाह से कम कातिल और मैखाने से कम नशीला नहीं होता…

मैं प्यार के नशे में था या काजल के पता नहीं पर मैं नशे में जरूर था और मैं उसी नशे में जिन्दगी भर रहना चाहता था,,..

पर ये नशा कब तक का था ये तो वक्त की बात थी..

बीवी के कारनामे | Biwi Ke Karname | Update 7

गहरा प्यार गहरी तृप्ति देता है मानो ध्यान की गहराई हो,इसीलिए तो अनेको तंत्र के जानकर सम्भोग की तुलना समाधी से करते है,मैंने भी काजल के गहरे प्यार में था और अपने जिस्म के परे अपनी रूह का आभास मुझे उसके प्यार में डूब जाने को मजबूर करता था,हमारा मिलन गहरे तलो पर होता था जो मेरे लिए किसी ध्यान या पूजा से कम न थी..उस रात हम सो ही ना पाए,शायद भोर में नींद आई,इतनी गहरी नींद जिसके लिए आदमी तरसता है,मुझे अपने प्यार से ही मिल गया,सुबह सुनहरी थी और मन में कोई ग्लानी के भाव नही थे,प्यार मन को स्वक्छ किये था,

सुबह फिर वही कहानी शुरू हो गयी,मैं सुबह वाक पे निकला और वही पेड़ वही बच्चो का उसे गोदना मैं फिर परेशान हो गया,वो पेड़ मुझे मेरी काजल की याद दिलाता है,कोई उसे चोट पहुचाय मुझे अच्छा नहीं लगता पर कभी कभी ऐसा लगता है की कही कोई मेरी काजल को तो चोट नाही पंहुचा रहा लेकिन काजल के व्यवहार से तो ऐसा नही लगता,और कौन है जो उसे चोट पहुचायेगा कभी मन भारी होने लगता,न जाने क्यों अब हद हो चुकी थी दिल और दिमाग की जंग जारी थी थका देने वाली जंग में आखिर दिल हार ही गया,दिमाग ने कहा एक बार तसल्ली कर ही लेते है दिमाग को तो शकुन मिल जायेगा,

यह शुकून कितना दुःख देने वाला था ये तो मैं नही जनता था लेकिन मैंने फिर अपना लेपटॉप का विडियो ओंन रखने का फैसला किया,ऑफिस से आकर मैंने विडियो अपने मोबाइल में डाल लिया,और रात एक बजे का अलार्म डाल सो गया,दिल इतना मचला हुआ था की नींद ही नही आ रही थी,आज कोई प्यार हमारे बीच नही हुई काजल शायद समझ गयी थी की आज मैं बहुत ज्यादा थका हुआ हु,लगभग एक बजे मैं उठा,अलार्म तो बज ही नहीं पाया था,देखा काजल आज भी नही थी,धडकते दिल के साथ मैं उठा और बिना कोई आवाज किये बाहर आया,काजल वहा नहीं थी,ना ही आहट ही थी,मैं बहार आ गया पर काजल नही दिखी मेरी धड़कने बड़ने लगी एक अजीब घबराहट ने मुझे घेर लिया था,एक अनसुलझी सी पहेली थी मैंने बहुत ही तेज रफ़्तार से अपने कदम बाहर बढाये पुरे बंगले में तलासने लगा कही कोई निशान न मिला,आख़िरकार मैं प्यारे के रूम में पंहुचा काजल की आवाज सुनाई दी दिल को तसल्ली हुई लेकिन अगले ही पल एक अजीब से कशमकश ने मुझे घेर लिया इतने रात को काजल यहाँ क्या कर रही है,दिल की धड़कने तो बड़ी साथ ही आँखों में खून उतर आया था,ये गुस्सा था जलन थी या कुछ और था मुझे नही पता पर मेरा शारीर जल रहा था,मैंने चाहा की जाकर सीधे काजल से पूछ लू ये क्या है पर मेरा दिल किसी भी तरह काजल को दोषी मानने को तैयार ही नहीं हो रहा था,मैं अंदर न जाकर बाहर से ही उनकी बाते सुनने लगा,

क्या करू ये तो पागल ही है,काजल की आवाज गूंजी,ये उसने लगभग खिलखिलाते हुए कहा था

लेकिन बहु रानी लगता नही की साहब आपको जादा प्यार करते है, आप तो उन्हें कितना चाहती है,

मैं सकते में आ चूका था, आखिर ये हो क्या रहा है,

नहीं काका वो मुझपर अपनी जान लुटाते है, उनकी आँखों में मैंने हमेशा अपने लिए सिर्फ प्यार ही देखा है, प्यार को देखने के लिए भी आँखे चाहिए काका काजल के बातो में एक गंभीरता थी, प्यारे ने थोड़ी देर कुछ न कहा फिर अच्छा बहु रानी चाय पियेंगी, आपके लिए लाल चाय बनाऊ ऐसे भी आपको नींद तो आएगी नहीं,

हा चाचा बना दो ना,क्या करू कॉलेज की पुरानी बीमारी है, रात भार नींद नहीं आती, और खामखाह आपको परेशान होना पड़ता है,

आप भी कैसी बाते कर रही है बहु रानी जब से आप आई है मुझे भी लगता है इस दुनिया में मेरा कोई अपना है,वरना….प्यारे की बातो में एक दर्द था,

बस हो गया आज से आप ऐसी बाते नही करेंगे,मैं हु ना, आपके दर्द बाटने के लिए, मैं आपकी हर सेवा करुँगी, काजल फिर हस पड़ी और प्यारे भी,

आप भी ना,मेरे भाग की आप मुझसे दो बाते कर ले,ऐसे बहु रानी मुझे साहब की किस्मत पर जलन होती है, असल में हर इन्सान को हो, आप सी प्यार करने वाली हर किसी के नसीब में नहीं होती,:

मैं वहा खड़ा हुआ खुद अपने नसीब पर फक्र करने लगा,की ऐसी बीबी है मेरी जो नौकर तक का दिल जीत ली है,इतने रात में एक नौकर के रूम में जाना ऐसे तो शक पैदा करता है पर मेरा शक जाता रहा,मैं सामान्य हो गया और वहा से चला गया,लेटे लेटे यही सोचता रहा की काजल इतना प्यार करने वाली है,सबको सम्मान देती है,अपने घर में भी सबकी लाडली है,यहाँ भी,इतने बड़े घर की बेटी इतनी पड़ी लिखी और नौकर के साथ चाय पि रही है,सिर्फ इसलिए की वो अकेला है,उसका दुख दर्द बाँट रही है,लगभग एक घंटे की बेचैनी ने मुझे सोने न दिया ओर काजल भी नहीं आयी मैंने सोचा क्यों न चाचा की चाय मैं भी पी लू,मैं बहार जाने लगा रूम के बाहर रुका एक उत्सुकता लिए की ये लोग क्या बात कर रहे होंगे,पर जैसे ही कानो में काजल की आवाज गूंजी मेरे पैरो की जमीन ही खिसक गयी,

हुम्म्म्मम्म काका हुम्म्मम्म एक नशीली आवाज काजल जैसे पुरे मस्ती में थी,

आह बहु रानी आह क्या जिस्म है तुम्हारा, बिलकुल मक्खन सा,आह आह आह कमरे से सिर्फ सिस्कारियो की आवाज ही नही आ रही थी बल्कि काजल की चुडिया और पायल भी एक लय में खनक रहे थे,छम छम की आवाजे सिस्कारियो से लयबद्ध थी,मैं इतना भी नादान तो नहीं था की उन सिसकियो और आहो का मतलब न समझ सकू मेरी चेतना जाने सी हुई,मैं जमीन में गिर ही गया आँखे पथरा गयी मुझे लगा ये कोई दुखद स्वप्न होगा जो कुछ देर में शायद चला जाय,मैं अपने आप को मारने लगा,ये सोच की अभी मैं जागूँगा और अपने को अपने बिस्तर में पाउँगा, लेकिन मैं गलत था, साली रंडी तुझे तो नंगा करके पुरे शहर में दौड़ाउंगा..

आह आह प्यारे के ये शब्द ने मेरे सबर का बांध तोड़ दिया, मेरे आँखों में आंसू थे जो कुछ बूंदों में ही अपना सभी दर्द छिपाए हुए थे,,,,

मैं प्यारे को जान से मारना चाहता था, लेकिन

जो आप चाहो कर लो आह,थोडा दम लगाओ न काका,मैं फूल हु मुझे रौंद दो रगडो न, काजल की उत्तेजना अपने चरम में थी, आहो की रफ़्तार में तेजी आ रही थी, मैं ठगा सा खड़ा रहा काजल कितना मजा ले रही है क्या मेरे प्यार में कुछ कमी है, लेकिन अभी कुछ देर पहले तो उसने ही स्वीकारा था की वो मुझसे और मैं उससे बेतहाशा प्यार करता हु फिर क्यों……

मेरे सवालो का जवाब तो काजल ही दे सकती थी या प्यारे,अपने उत्तेजना के चरम पर वो बस आहे भरते रहे और एक पूरा माहोल उन आहो से गूंज उठा काजल को लगने वाले धक्के इतने ताकतवर थे की उसकी आवाज कामरस के चपचपाने की आवाज के साथ बाहर तक आ रही थी,वो सिर्फ वासना से भरो आवाज नहीं थी बल्कि मेरे प्यार का खात्मा था,….

एक चीख के साथ ये खेल ख़त्म हुआ पर मैं कुछ बोलने के हालत में नहीं रह गया था,मैं आखो में अपने अरमानो की खाख लिए अपने कमरे में चला गया,मैं कोई सवाल पूछने या उसका उत्तर जानने के स्थिति में नहीं था,मैं अपने ही खयालो में खोया लेटा रहा,बहुत देर हो चुकी थी काजल नहीं आई मैंने अपनी आँखे बंद की ही थी,एक प्यारा सा चुम्मन मेरे माथे में किया गया,इतना प्यार भरा की उसके प्यार की गहराई को मैं समझ सकता था,मैंने आँखे खोली काजल अपने भग्न वेश में मेरे बगल में सोयी थी मैं अब भी उसे कुछ न कह पा रहा था,वो आज भी उतनी है ,मासूम लग रही थी,मैं अपने आप को ये भी न समझा पा रहा था की आखिर ये हकीकत है या कोई सपना,मैं काजल को बस देखता रहा जब तक मेरी आँखे नही लग गयी…………..

To be Continued

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मेरे सवालो का जवाब तो काजल ही दे सकती थी या प्यारे,अपने उत्तेजना के चरम पर वो बस आहे भरते रहे और एक पूरा माहोल उन आहो से गूंज उठा काजल को लगने वाले धक्के इतने ताकतवर थे की उसकी आवाज कामरस के चपचपाने की आवाज के साथ बाहर तक आ रही थी,वो सिर्फ वासना से भरो आवाज नहीं थी बल्कि मेरे प्यार का खात्मा था,….

एक चीख के साथ ये खेल ख़त्म हुआ पर मैं कुछ बोलने के हालत में नहीं रह गया था,मैं आखो में अपने अरमानो की खाख लिए अपने कमरे में चला गया,मैं कोई सवाल पूछने या उसका उत्तर जानने के स्थिति में नहीं था,मैं अपने ही खयालो में खोया लेटा रहा,बहुत देर हो चुकी थी काजल नहीं आई मैंने अपनी आँखे बंद की ही थी,एक प्यारा सा चुम्मन मेरे माथे में किया गया,इतना प्यार भरा की उसके प्यार की गहराई को मैं समझ सकता था,मैंने आँखे खोली काजल अपने भग्न वेश में मेरे बगल में सोयी थी मैं अब भी उसे कुछ न कह पा रहा था,वो आज भी उतनी है ,मासूम लग रही थी,मैं अपने आप को ये भी न समझा पा रहा था की आखिर ये हकीकत है या कोई सपना,मैं काजल को बस देखता रहा जब तक मेरी आँखे नही लग गयी…………..

बीवी के कारनामे | Biwi Ke Karname | Update 8

मैं गया तो था शांति के लिए और ले आया कई सवाल,हा मुझे बाबा से गुरु मन्त्र मिल गया था,आँखे बंद करो और देखो की क्या हो रहा है,अपने अंदर झाको वही हर सवाल का जवाब है..

मैंने तय किया की बस देखूंगा जो चल रहा है,काजल को इसका आभास भी नहीं होने दूंगा,मैं ऑफिस में आकर कल की विडिओ को चालू किया पर कुछ खास हाथ नहीं आया,वही उसका सज धज के जाना और उजड़े हुए वापस आना,इतना तो समझ आ गया की मेरे घर में मेरी ही बीवी गैरो की हो चुकी है,घर जाने पर वही प्यार भरी बाते वही प्यार वही चहरा,इतना प्यार लुटाना की लगे किस्मत ने सब दे दिया है,पर काजल के प्यार में झूट नहीं था जो मुझे अंदर से झकझोर रही थी मैं मन ही नहीं पा रहा था की वो मुझे प्यार करती है,पर क्या करू कितना भी बुरा सोच कर भी मैं काजल के प्यार को झुठला नहीं पा रहा था,वो प्यार तो असली ही था,पूरा खालिस असली मन की गहराई से निकला हुआ,फिर क्यों ये धोखा…

रात बिस्तर पे मैं उदासीन ही रहा,लेकीन काजल से मेरे चहरे के भाव न छुप पाए,’क्या हुआ जान

कुछ नहीं मैंने आराम से जवाब दिया

कल से कुछ खोये से लग रहे हो सब ठीक तो है ना उसने मेरे बालो से खेलते हुए पूछ लिया

हा सब ठीक ही तो है मैं एक शून्य में देखता हुआ जवाब दिया,

नहीं मैं आपको खूब समझती हु,आप कुछ तो छुपा रहे हो मुझसे,बताओ ना,’उसने जोर दिया और मेरे छाती पर अपना चुम्मन जड़ दिया,

तुम तो मुझे समझती हो पर क्या मैं तुम्हे समझता हु,’मेरे मन का द्वन्द दामने आ रहा था,मैंने मन ही मन एक फैसला कर लिया,

अच्छा बताओ तुम रात में कहा जाती हो,मैं कल भी तुम्हे रात में ढूंडा पर तूम बाहर भी नहीं थी,’जैसा मैंने सोचा था उसके विपरीत वो चौकि नहीं वो हसने लगी जैसे मैंने कोई मजाक कर दिया हो,

क्या तुम भी कहा जाउंगी यही थी,काका के पास बैठी थी,जानते हो वो बहुत अकेले और दुखी रहते है,और मुझे भी तो नींद नहीं आती न रात में जल्दी,’मैं बिलकुल स्तब्ध था की ये औरत इतनी शातिर कैसे हो सकती है की चहरे पे जरा भी शिकन नहीं आया..मैं गुस्से में मानो फुट पड़ा,

रात के 1-2 बजे तुम नौकर के पास जाती हो,नींद नहीं आता इसका क्या मतलब है,अगर किसी को ये बात पता चली तो जानती हो लोग क्या सोचेंगे पागल हो तुम,इतना समझ नहीं है तुममे,और क्या मतलब की वो अकेला है,दिन भर तो उसके साथ रहती हो न फिर तुम्हे रात में भी उससे हमदर्दी जतानी है…’

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अच्छा बताओ तुम रात में कहा जाती हो,मैं कल भी तुम्हे रात में ढूंडा पर तूम बाहर भी नहीं थी,’जैसा मैंने सोचा था उसके विपरीत वो चौकि नहीं वो हसने लगी जैसे मैंने कोई मजाक कर दिया हो,

क्या तुम भी कहा जाउंगी यही थी,काका के पास बैठी थी,जानते हो वो बहुत अकेले और दुखी रहते है,और मुझे भी तो नींद नहीं आती न रात में जल्दी,’मैं बिलकुल स्तब्ध था की ये औरत इतनी शातिर कैसे हो सकती है की चहरे पे जरा भी शिकन नहीं आया..मैं गुस्से में मानो फुट पड़ा,

रात के 1-2 बजे तुम नौकर के पास जाती हो,नींद नहीं आता इसका क्या मतलब है,अगर किसी को ये बात पता चली तो जानती हो लोग क्या सोचेंगे पागल हो तुम,इतना समझ नहीं है तुममे,और क्या मतलब की वो अकेला है,दिन भर तो उसके साथ रहती हो न फिर तुम्हे रात में भी उससे हमदर्दी जतानी है…’

बीवी के कारनामे | Biwi Ke Karname | Update 9

मैंने कभी काजल से इतने ऊचे आवाज में बात नही की थी,मेरा चहरा ताप रहा था,और काजल के आँखों में आंसू थे आज पहली बार मुझे उसके चहरे में आसू देख दुख नहीं हो रहा था,काजल ने अपने भरे नयन से मुझे देखा,भगवान इतना प्यारा भी किसी को न बनाये,डबडबाई आँखों पर से कुछ बूंद चहरे पर गिरे थे,अनायाश ही वो हुआ जिसका मुझे डर था मैंने आगे बड कर उसे चूम लिया और उसके आँखों का पानी अपने होठो पे पि गया ,मुझे खुद में आश्चर्य था की मैं ये कर रहा हु,लेकिन मैंने अपने आप को सख्त बनाये रखा,केवल बाहर से..काजल को इतना तो समझ आ गया था की मैं उससे जादा देर तक गुस्सा नहीं रह पाउँगा,वो मुझेसे एक भोले बच्चे की तरह लिपट गयी और सिसकिया लेती हुई मेरे छाती में अपना सर रगड़ने लगी,

मैं कभी ऐसा फिर नहीं करुँगी जान माफ़ कर दो अब कभी रात में घर से बाहर नहीं जाउंगी,’मेरे दिल में एक उमंग जगी लेकीन मैंने एक गलती कर दी

तो कसम खाओ मेरी ‘हा मैं कसम खाती हु,’

ये मेरी बहुत बड़ी गलती बनने वाली थी जिसका मुझे उस वक्त अंदाजा भी नहीं था,

मैंने प्यार से उसका सर सहलाया मानो सब ठीक हो गया हो पर मैं भूल गया था की कुछ ठीक नहीं हुआ है,मैं उससे लिपटा अपनी प्यार की दुनिया में खो गया…पर…

मेरे अवचेतन ने मुझे जगा दिया क्योकि मैं जनता था कुछ ठीक नहीं हुआ है,लगभग 12 बजे का वक्त था,काजल अब भी मेरे बांहों में थी,ये जानकर मुझे शकुन भी मिला,लेकिन मैं काजल को ये अहसास नहीं दिलाना चाहता था की मैं जग चूका हु,

थोड़ी देर बाद ही काजल का मोबाइल बीप किया काजल जैसे जग ही रही हो उसने msg पड़ा मैं हैरान था की वो एक घंटे से जादा समय से जग रही है,और मुझसे लिपटी हुई है,मुझे लगा था वो सो चुकी है पर ऐसा नहीं था,मैंने हलके से आँखे खोले उसे देखने की कोसिश करने लगा,उसके चहरे पर मुस्कान साफ दिखाई पड रही थी,उसने भी कुछ लिखा थोड़ी देर तक msg का ये सिलसिला चलता रहा,और उसने सर उठाया मैंने अपनी आँखे बंद की वो कुछ देर मुझे देखते रही उसकी सांसो से मुझे इसका अहशास हो गया,फिर उसने मेरे चहरे पर माथे पर kiss किया और मुझसे अलग हो चली गयी,उसके जाने की आहट ने मेरा दिल तोड़ दिया की उसने अभी तो मुझसे वादा किया था इतनी जल्दी क्या थी,मेरी नजर उसके मोबाइल पर पड़ी मैंने उससे उठा लिया,msg whatapp से किये गए थे मैंने msg चेक किये,

प्यारे काका जी का msg था,

काका-‘कितना तडफायेगी जल्दी आ न,’

काजल -‘आज आपके पास नहीं आ पाऊँगी,मैंने इन्हें वचन दिया है,आप ही आ जाओ,’

काका-क्या अब ये क्या है,छोड़ भी इस वचन को

काजल-काका मैं जान दे सकती हु पर इनसे किया कोई वचन नहीं तोड़ सकती जानते हो न,अपनी औकात में रहो वरना मैं दिखा दूंगी,’मैं और भी सदमे में था की ये क्या है,जो औरत किसी दुसरे मर्द का बिस्तर गर्म करती है वो पति की इतनी इज्जत कर रही है की अपने यार को धमका रही है,

काका-‘अरे बहु रानी आप तो गुस्सा हो गयी मुझे माफ़ कर दीजिये

काजल -‘पहली गलती है काका माफ़ करती हु,लेकिन आज के बाद इनके बारे में कुछ कहा तो सोच लेना अंजाम क्या होगा,मैं भी जमीदारो के खानदान से हु

काका-माफ़ी मालकिन

काजल ने जवाब में स्माइल भेजा

काका -तो क्या करना है

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काका-‘कितना तडफायेगी जल्दी आ न,’

काजल -‘आज आपके पास नहीं आ पाऊँगी,मैंने इन्हें वचन दिया है,आप ही आ जाओ,’

काका-क्या अब ये क्या है,छोड़ भी इस वचन को

काजल-काका मैं जान दे सकती हु पर इनसे किया कोई वचन नहीं तोड़ सकती जानते हो न,अपनी औकात में रहो वरना मैं दिखा दूंगी,’मैं और भी सदमे में था की ये क्या है,जो औरत किसी दुसरे मर्द का बिस्तर गर्म करती है वो पति की इतनी इज्जत कर रही है की अपने यार को धमका रही है,

काका-‘अरे बहु रानी आप तो गुस्सा हो गयी मुझे माफ़ कर दीजिये

काजल -‘पहली गलती है काका माफ़ करती हु,लेकिन आज के बाद इनके बारे में कुछ कहा तो सोच लेना अंजाम क्या होगा,मैं भी जमीदारो के खानदान से हु

काका-माफ़ी मालकिन

काजल ने जवाब में स्माइल भेजा

काका -तो क्या करना है

बीवी के कारनामे | Biwi Ke Karname | Update 10

काजल -पता नहीं क्या क्या करना है,आप आ जाइये यहाँ मैं आपकी सेवा करती हु,लेकिन आज जादा नहीं बस कुछ कुछ
इसके बाद कोई बात नहीं हुई पर मेरे मन में विचारो की रेल चल पड़ी ये क्या है,वो मुझसे प्यार करती है तो उसके साथ क्यों है और नहीं करती तो इतना प्यार मेरे लिए क्यों,और अब क्या वो मेरे सामने ही मेरे घर के अंदर ये सब करेंगे,मैं क्या करु मुझे समझ नहीं आ रहा था,और मैं कुछ करना भी नहीं चाहता था न जाने कौन सी शक्ति ने मुझे रोका हुआ था,थोड़ी देर में ही काजल की हसी से मेरी तन्द्रा भंग हुई,मैं बड़े ही सम्हाल के जगा और किचन में गया तो पाया प्यारे पास खड़ा था और काजल चाय बना रही थी ,प्यारे थोड़ी थोड़ी देर में काजल को छू लेता पर इससे जादा नहीं बाद रहे थे शायद उन्हें मेरा डर था ,प्यारे ने काजल के कानो में कुछ कहा और वो खिलखिला के हस पड़ी प्यारे ने अपना हाथ बढाकर काजल के वक्षो को सहलाने लगा उसने अंदर कुछ ना पहना था मैंने काजल की कोमलता का अहसास किया कैसे ये गैरो के हाथो से मसला रहे है,मेरी सांसे तेज हो गयी उसने अपना हाथ जन्घो को सहलाते हुए दोनों जन्घो के बीच की घाटी पे ले जाने की कोशिस की मेरे सब्र का बांध टूट सा गया मैं आगे बड़ा पर रुका और पीछे जा फिर से खासने की एक्टिंग की जिससे दोनों सजग हो गए,मैं किचन मे पंहुचा तो प्यारे की हालत ख़राब थी पर काजल बिलकुल सामान्य सी दिख रही थी,

अभी इतनी रात यहाँ क्या कर रहे हो मैंने प्यारे को उच्ची आवाज में कहा

अरे जान मैंने ही बुलाया है ,वो नींद नहीं आ रही थी तो और अपने कसम दि थी ना की बहार मत जाना तो इन्हें घर में बुला लिया,आप गुस्सा क्यों कर रहे हो,’इतनी प्यारी आवाज साला मैं पागल हु या इसका दीवाना या महा बेवकूफ हो इसकी बातो में प्यार सा आ जाता है,

मैं कहा गुस्सा कर रहा हु ,’मैंने थोडा सम्हाल के कहा,

अच्छा एक खिलखिलाती आवाज जो मेरे कानो को भेद कर मेरे दिल तक चली गयी,उसका हसता चहरा क्या बेवफा भी इतनी प्यारी इतनी निर्भीक इतनी मासूम होती है,

गुस्सा नही कर रहे तो क्यों चिल्ला रहे हो ,’चलो जाओ सो जाओ मैं आ रही हु,काका आप जाइये ये चाय ले जाइये,मैं इनका गुस्सा शांत करती हु,’प्यारे तो चला गया,पर मैं भी सर पटक के अपने रूम में जाकर सोने का नाटक करने लगा जाने क्यों मैं कुछ खुलकर नहीं कह पा रहा था,काजल आई मुझसे लिपट कर सो गयी सायद ऐसे जैसे मुझे मना रही हो …..

मैं बेचैन था ,पर बेकाबू नहीं मैं कुछ करना तो चाहता था पर क्या करू ये मुझे भी पता नहीं था,अब तो ऑफिस भी जाने का मन नहीं करता था ,साला मैं ऑफिस में होऊंगा और यहाँ घर पर मेरी बीवी ,……………मैं जलकर भूंज जाता ,बहाने बना बना कर घर आ जाता ,काजल भी मेरा बहुत ध्यान रख रही थी ,कुछ दिनों से ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जिससे मुझे दुःख पहुचे पर मैं कब तक अपनी पत्नी की रखवाली करता रहूँगा ,जब उसने ही मन बना लिया है और वो भी इसका मजा ले रही है तो मैं कब तक उसे रोक पाऊंगा,…….मैं क्या करू तलाक ……

तलाक का नाम दिमाग में आते ही मेरे तन बदन में एक झुनझुनाहट सी दौड़ गयी ,नहीं मैं काजल से दूर नहीं रह सकता था ,तो ट्रान्सफर करा लू…ताकि इस प्यारे से छुटकारा मिल जाय ,इसमें भी तो समय लगेगा ,मुझे सोचने को समय चाहिए था ,ताकि मैं कुछ अच्छा सा फैसला कर पाऊ,मैंने काजल को उसके मायके भेजने की सोची,वो भी ख़ुशी ख़ुशी तैयार ही गयी ,साले प्यारे की सूरत उसके जाने पर रोनी सी हो गयी थी ,काजल भी मेरे ही सामने उसे सांत्वना दे रही थी ,की काका जल्द ही आ जाउंगी ना ………

उसके जाने से मुझे कुछ शांति सी महसूस हुई कुछ दिनों से इतना तनाव था की मैं पागल सा हो रहा था ,तभी मेरे दिमाग में एक नाम गूंजा ,,,,,,,,,,,,डॉ चुतिया …जी हा मेरे स्कूल का दोस्त था ,पूरा नाम था चुन्नीलाल तिवारी यरवदावाले …बचपन में साला बहुत हु चुपचाप और सबसे अलग रहने वाला था ,और पड़ी में बड़ा ही कमजोर था पर ना जाने ऐसा क्या हुआ की 12 th के बाद उसके व्यक्तित्व में गजब का सुधार हुआ वो M.B.B.S.,डॉ बन गया उसके बाद ना जाने क्या क्या डिग्रिय और चीजे सीखता रहा ,शहर में उसने प्रक्टिस भी शुरू कर दि,पर वो लोगो के परेशानियों के हल ढूंढने में माहिर था ,सायकोलोजी की उसे गहरी जानकारी थी ,इसके साथ ही ना जाने क्या क्या ,,,,क्या उसे सब बताना ठीक रहेगा ?????मेरे दिमाग में एक ही बात आई ,साला दोस्त भी है और डॉ भी कही कमीनापण ना कर दे ,लेकिन मैंने उसका सीधा साधा और सबकी मदद करने और सबके दुःख में साथ देने वाला रूप भी देखा था मैंने हिम्मत की और फैसला किया की मैं उसे सब कुछ बताऊंगा और उसे काल किया …

“क्या चुन्नीलाल कैसे हो ,”

“आप कौन बोल रहे है ”

“अबे मैं विकास , ”

“अबे साले तू है ,इतने दिनों बाद कॉल किया ,शादी के बाद तो भूल ही गया दोस्तों को …और बता भाभी कैसी है ,”मैं थोडा उदास सा हो गया ,

“ठीक है अभी मायके में है ,”

“अच्छा तभी तुझे हमारी याद आई साले ”

“नहीं भाई बात कुछ खास है ,क्या तू मुझे मिल सकता है ,यार थोड़ी परेशानी में चल रहा हु ”

“क्यों क्या हुआ ”

“फोन में नहीं आकर मिलता हु ,तू मुझे अपने क्लिनिक का पता msg कर दे मैं कल ही मिलता हु ”

“हा हा बिलकुल कभी भी आजा ”

“अच्छा चल यार रखता हु ,बाय ”

“ओके दोस्त बाय “…………..

मैं डॉ के क्लिनिक पंहुचा वहा कोई भी दिखाई नहीं दे रहा था ,मैं केबिन के अंदर झाका चुन्नी मुझे अपने कुर्सी पर बैठा कुछ पड़ता हुआ दिखाई दिया ,मुझे देखते ही वो खड़ा हुआ और मेरे पास आकर मेरे गले से लग गया ,मैं भी बड़ी ही आत्मीयता से उससे मिला ,हम बैठे इधर उधर की बाते होने लगी फिर मैंने मुद्दे की बात करने की सोची मैंने गंभीरता से उसे सभी मामला बताया और वो बड़ी ही गंभीरता से उसे सुनने लगा,…मुझे आश्चर्य हुआ की उसे मेरी बातो से जादा आश्चर्य नहीं हुआ वो बड़े ही आराम से मेरी बात सुन रहा था जैसे मैं उसका दोस्त नहीं कोई क्लाईंट हु…

“हम्म्म्म तो ऐसी बात है ,कोई बात नहीं भाई ,मैंने जब पहली बार तेरी शादी में काजल को देखा था तभी मुझे लगा की कुछ तो गड़बड़ है पर क्या है ये मुझे अब समझ आ रहा है ,”

मैं उसे आँखे फाडे देखने लगा ,क्या गड़बड़ है ……….

“पूरी बात तो मैं उससे मिल कर ही बता पाउँगा पर अभी जितना तुमने मुझे बताया ,मुझे वो एक सेक्स एडिक्ट लग रही है ,”

डॉ की बात सुनकर मेरा माथा घूम गया ,सेक्स एडिक्ट मेरी बीवी ,

To be Continued

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