मेरा माथा खनका,मैंने कुछ बुरा नहीं सोचा था न ही सोचना चाहता था,पर ये अजीब था,क्यों काजल ऐसे हस कर दौड़ रही है,लगभग 1 घंटो का फिर सन्नाटा रहा,तभी काजल रूम में आई लेकिन ये क्या उसके पुरे बाल बिखरे सिन्दूर फैला हुआ साड़ी ऐसे सिकुड़ी जैसे किसी ने बुरी तरह मसला हो,आते ही उसने मेरे फोटो को ऐसे ही चूमा जैसे जाने के पहले,उसके चहरे में संतोष के भाव थे ये भाव और उसकी वेशभूषा ऐसे ही थी जैसे मेरे प्यार करने के बाद होती थी या रात में जब वो घूम कर आती तब……
वो फिर से बाथरूम चली गयी और आकर सो गयी उठाने पर फिर सजधज बहार निकली तो तब तक नहीं आई जब तक मैं नही आ गया,…..
.इस विडियो ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया की क्या मेरे पीछे कुछ हो रहा है जिसकी मुझे भनक नहीं हो पा रही है,दिल कुछ गलत सोचने से भी इंकार कर रहा था पर दिमाग ने एक अंतर्द्वंद की स्तिथि पैदा कर दी थी,काजल का प्यार महसूस कर और देखकर मैं सोच भी नाही पा रहा था की वो मुझे कभी धोखा भी देगी,मैंने आँखों देखि साँच पर ही विश्वाश करने की ठान ली,और भगवान से दुआ की की मेरा दिमाग गलत हो,……….
बीवी के कारनामे | Biwi Ke Karname | Update 6
आज भी घर आकर मुझे काजल का वैसा ही प्यार मिला जैसा रोज मिलता था,लेकिन आज मैं एक बोझ में था उस हकीकत का बोझ जो अभी मेरी कल्पनाओ में था,काजल के चहरे पर कोई सिकन न थी न ही कोई ग्लानी के भाव,वही मुस्कुराता मासूम सा चहरा,वही नश्छल आँखे,मैं उसका चहरा देखता ही रहा अपलक निर्विचार,
क्या देख रहे है आप,आज कुछ खामोश से है,कोई प्रोब्लम है क्या ऑफिस में,
नहीं बस सोच रहा था की तुम कितनी सुंदर हो,क्यों हो इतनी मासूम,इतनीं निश्छल,इतनी पावन,
काजल ने मुझे घुर कर देखा,.क्या हुआ है आपको
कुछ नहीं आज कोई आया था क्या नहीं तो क्यों बस ऐसे ही
काजल को शक तो था की मुझे कुछ हुआ है पर मैं उससे क्या कहता की मैं तुमपे शक कर रहा हु, क्या पूछता उससे की क्या वो किसी गैर मर्द के साथ,,छि छि मैं इतना कैसे गिर सकता हु की काजल के बारे में ऐसा सोचु..मैं प्यार से काजल के पास गया और उसे अपनी बाहों में भर लिया,मेरे आलिंगन में एक गहरा प्यार था जिसका आभाष काजल को हो गया था,उसने अपना सर पीछे करते हुए मेरे होठो को अपने होठो से रगड़ना शुरू कर दिया मैंने भी अपना मुह खोल उसके प्यारे गुलाबी लबो के रस का पान करने लगा…
हम डायनिंग टेबल के पास खड़े हो अपनी प्रेम लीला में खोये हुए थे,ये तन्द्रा तब टूटी जब प्यारे खासते हुए कमरे में प्रवेश किया,काजल तुरंत मुझसे दूर हो गयी उसकी आँखे शर्म से झुक गयी,मैं भी थोडा शर्मिन्दा हुआ पर जब मैंने प्यारे को देखा तो मै निश्चिंत हो गया क्योकि वो एक आश्चर्य से हमें निहार रहा था जैसे पूछ रहा हो क्या हुआ ऐसे क्यों रियेक्ट कर रहे हो..
रात मैंने काजल को जी भर के प्यार किया पर आज मैं बहुत उतावला दिख रहा था काजल के कई बार मुझसे कहा की आराम से मैं कही भागे थोड़ी जा रही हु पर मेरा दिल कहता रहा इसे दूर मत कर जैसे अगर मैं उससे दूर हुआ तो कभी मिल नहीं पाउँगा,मैं उसके जिस्म को घंटो तक चूमता ही रहा हर कोनो को चूमता रहा मेरे लार से उसका पूरा बदन चिपचिपा हो गया था ऐसी कोई जगह न बची थी जो मैंने अपने लार से भिगोया न हो,…
आज काजल की गहरइयो में न जाने कितने देर तक सैर करता रहा,उसे अपने प्यार से भिगोया उसके शारीर में अपने वीर्य की धार छोड़ी और उसे उसके पुरे शारीर में लगाया,आम तौर पर मैं जो नहीं करता वो सब आज किया और काजल???काजल मेरी बेकरारी से बहुत खुश थी मेरी हरकते उसके चहरे पे मुस्कान ले आती थी और मैं उसकी मुस्कान को देखकर और भी बेताब और उग्र हो रहा था…
आँखे बंद किये हुए उसके चमकीले और लालिमा लिए चहरे पर वो मुस्कान जो प्रियतम के सताने पर प्रिय के चहरे पर आता है वो किसी कत्लगाह से कम कातिल और मैखाने से कम नशीला नहीं होता…
मैं प्यार के नशे में था या काजल के पता नहीं पर मैं नशे में जरूर था और मैं उसी नशे में जिन्दगी भर रहना चाहता था,,..
पर ये नशा कब तक का था ये तो वक्त की बात थी..