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Incest [Completed] नानी की चूत और मां की गांड़ | Nani Ki Chut Aur Maa Ki Gand

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नानी की चूत और मां की गांड़ | Nani Ki Chut Aur Maa Ki Gand

Nani Ki Chut Aur Maa Ki Gand

नानी की चूत और मां की गांड़ | Nani Ki Chut Aur Maa Ki Gand

हेलो दोस्तो मेरा नाम प्रकाश है और मै बिहार से हु। मेरा गांव पटना से कुछ ही दूर है। मै आप को गांव का नाम नहीं बता सकता… मेरी उम्र 22 साल का हु दिखने में सवाल और दुबला पतला ल़डका हु।

दोस्तो मेरी मां जब मैं छोटा था तभी इस दुनियां से चली गई थी मुझे मेरे पापा ने ही पाला है.. पर जब मैं 10 साल का था तब मेरे पापा ने दूसरी शादी की। मेरी सौतेली मां का पहले ही एक बार तलाक हो गया था। क्यूं की वो बच्चा पैदा नहीं कर सकती थी।

1 साल पहले एक मेरे पापा की भी मृत्यु हो गई। अब घर मे मै और मेरी मम्मी ही रहती है। गांव में मेरा राशन का दुकान है और खेती है। मुझे खेती के बारे में ज्यादा समझ नहीं है तो मां ही संभालती है।

मां उनकी उम्र 38 साल है। वो दिखाने में सावली और शरीर से एक भरे बदन की औरत है। उनके बूब्स और गांड़ थोड़ी बड़ी है। खेत में काम करने की वजह से वो थोड़े काली दिखती है।

पापा के जाने के बाद उन्होंने ही मेरा खयाल रखा।

एक दिन मम्मी खेत से आई और खाना बनाया। रात के 9 बजे होंगे तभी मैने भी दुकान बंद की और हम खाना खाने लगे।

मां:- बेटा तुमसे कुछ बात करनी है।

मै:- हां मां बोलो

मां:- बेटा मेरी मां का कॉल आया था। मां और तुमरी मामी का अक्सर झगड़ा हो रहा है। मां बोल रही थी अब उसे वहा रहा नहिं जाता तो क्या मैं उन्हें अपने पास बुलाऊ अगर तूमे बुरा ना लगे तो।

मै:- मुझे क्यों बुरा लगेगा वैसे भी हम दोनो ही रहते है और आप के सिवा कोई और है भी नहीं मेरा।

फिर कुछ दिनों बाद मामा नानी को हमारे घर छोड़ गए। नानी की ऊमर 58 साल की थी। पर वो उमर के हिसाब से एकदम बुड्ढी नही लगती। अब उनके बूब्स ढीले हो गए थे। नानी भी मां की तरा सावली थी और थोड़ी मोटी थी। उनको आए हुऐ एक महीना बीत गया था। सब कुछ ठिक चल रहा था।

एक दिन रात को मां ने मेरा बिस्तर नीचे लगाया और दादी के लिए खाट पर बिस्तर लगाए और मां बेड पर सोने लगी।

करीब रात को मेरी नींद खुली तो मुझे हल्की सी सिसकारी की 4आवाज सुनाई दी। मैने नज़र ऊपर उठाकर देखा तो। नानी एक हाथ चादर के अंदर शायद चूत पर था हो हाथ हिल रहा था और आंखें बंद करके अबने होंठ चबा रही थी।

मैं लेट लेटे सुनने लगा और मेरी नींद उड़ गई।

तभी नानी उठी और बाहर जाने लगी। थोड़ी देर बाद आई और सो गई। मै भी बाहर गया और बाथरुम में गया। मैने देखा नानी ने पिशाब की तो पानी भी 4नही डाला था।
और बाथरुम के अंदर एक रस्सी थी उसपर नानी की अंडरवेयर थी जो अभी धुली हुई थी।

मैने अंडरवेयर को बाहर लाया और लाइट के नीचे लाकर देखा तो उनकी अंडरवीयर पर अब भी स्पर्म की कुछ बूंदे थी। मै समझ गया बुड्ढी चूत में उंगली की और चड्डी ही खराब करदी।

अगले दिन मै नानी को हवस की नज़र से देखने लगा।

2 दिन बीत गए

मै दुकान का सामान लाने पटना जाने की तैयारी करने लगा तो नानी ने मुझे उनके लिए कुछ सामान लाने को बोला। नानी को पान खाने का शौक था तो पान भी मंगवाए।
मैने उन्हे बोला मैं आते वक्त ले आऊंगा ।

फिर मै तैयारी करने लगा तभी। मेरे दिमाग में नानी की उस रात की बात याद आई और पता नही क्यों मैने उन्हे साथ मे आने को बोला। और नानीजी भी तैयार हों गई फिर हम जाने लगे। जाते जाते मै जानबूझ कर ब्रेक लगा रहा था। और नानी जो एक साईड पैर करके बैठी थी उनका एक बूब्स मेरे पीठ को लग रहा था। उनके बूब्स अब बहोत लूज हो गए थे। फिर हम पटना पोहछ गए।

नानी ने उनके लिए और मां के लिए पेटीकोट लिए और कुछ सामान लिया। मैने भी दुकान का सामान लिया क्यूं की बाइक पर नही इतना समान नही आ सकता था इस लिए मैंने कुछ सामान नही लिया।

आते समय मुझे बहोत जोर से पिशब आईं पर मै कंट्रोल करने लगा। हम पटना के बाहर निकले और सुनसान रोड पर थे। दिनों साईड सिर्फ़ खेत थे। मुझे लगा इससे पहले पेंट मे हो जाए मै गाड़ी रोक कर कर लेता हु।

मैने गाड़ी रोकी।

नानी:- क्या हुआ बेटा

मै:- नानी मै जल्दी से पिषाब करके आता हु।

नानी:- बेटा मुझे भी लगी है। मै भी आती हु। फिर हम एक खेत मे गए और मैं पिशाब करने एक साईड गया और नानी दूसरे साईड गई।

जब मै वापास आने लागा तो देखा नानी खड़ी होकर चड्डी पहने लगी तभी मैने उनके गोरी जांघें देखी। तभी वो पलटी और मुझे देखा फ़िर मैने अपनी नज़र फेर ली और हम वापास घर आएं।

मै नानी को नज़र नही मिला पा रहा था। क्यों की नानी ने मुझे उन्हे घूरते देखा था। नानी समझ गई मै क्यूं उन्हसे आंख नही मिला रहा था।

अगले दिन नानी दुकान मे बैठ कर बातें करने लगी।

नानी:- क्या हुआ बेटा कल से तुम तो बात भी नहीं कर रहे हों क्या हुआ

मै:- कुछ नही नानी जी बस यूंही

नानी:- तुम कल के लिए शर्मिंदा है ना। कल तुम मुझे देख रहे थे इसलिए।

मै:- ऐसा कुछ नही बस मै आने वाल था की नज़र गई तभी अप ने देखा।

नानी:- कुछ नही होता बेटा। होता है इस ऊमर में

और मुस्कुराकर पान बनाने लगी और मेरे लिऐ भी बनाया।

अगले दिन मैं नहाने जाने लगा और कपडे लेकर अंदर गया तभी अंदर नानी पिशाब के लिए बैठी थी मुझे मुझे दिख कर खड़ी हो गई मै वापास बाहर आया। मै फिर शर्माने लगा।

वैसे भी मै बहुत शर्मीला ल़डका हु। कभी किसी लड़की के साथ कुछ कर नही पाया तो अब बुड्ढी को देख कर भी लंड खडा होने लगा था। फिर मै नहाने गया तो बुड्ढी के बारे में सोचकर मूठ मारी।

फिर कुछ दिन बाद मैं गड़बड़ी मे नहाने गया तो मैं अंडरवेयर लाना भूल गया। मां खेत में गई थी और नानी को मैने दूकान में बिठाया था तो 4मै टॉवल लगाकर बाहर आया और रूम में अंडरवियर ढूंढने लगा। पर मिल नही रही थी।

तभी नानी 4आईं और बोलीं क्या धुंड रहे हो 4तो मैने बताया। वो भी मेरे साथ धुंडने लगी। हम अपने कपडे एक तार पर लटकाए हुऐ थे वहा भी नही थी। इसी चक्कर मे मेरा टॉवल नीकल कर गिर गया। मै नानी के सामने पूरा नंगा था। मैने जल्दी से टावल उठाया और बाथरुम गया। अब शर्म के मारे मुझे पसीना आ रहा था। मैने अंडरवेयर के बिना ही पेंट पहना। और दूकान में बैठे गया।

फिर नानी जब भी मेरे सामने से गुजरती मुझे चोदने के खयाल आते और मेरा लंड खडा हो गया।

मै सहलाने लगा तभी नानी दूकान के अंदर आईं और बैठ गई। मै उन्हें देख कर थोडा शरमाया और नीचे बैठे कर एक कपड़ा गोद में रखा ताकि खडा लंड ना दिखे।

नानी:- क्या हुआ बेटा इतना पसीना क्यूं आ रहा है

मै:- कुछ नही नानी जी।

नानी:- अंडरवेयर दिखी तुमारी

मै:- नही दिखी

नानी:- तो अभी कुछ नही पहना

मै शर्मते हुए ना बोला तो नानी भी मुस्कुरा रही थी।

नानी:- इतना मत शरमाओ। इतना शर्मावोगे तो शादी के बाद कैसे चलेगा।

मै फिर शर्माने लगा तभी

नानी:- कितना शरमाते हो तुम मैने जो देखा किसी को नही बताऊंगी। तुमने भी तो देखा है मै शरमाई क्या?

To be Continued

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नानी:- तो अभी कुछ नही पहना

मै शर्मते हुए ना बोला तो नानी भी मुस्कुरा रही थी।

नानी:- इतना मत शरमाओ। इतना शर्मावोगे तो शादी के बाद कैसे चलेगा।

मै फिर शर्माने लगा तभी

नानी:- कितना शरमाते हो तुम मैने जो देखा किसी को नही बताऊंगी। तुमने भी तो देखा है मै शरमाई क्या?

नानी की चूत और मां की गांड़ | Nani Ki Chut Aur Maa Ki Gand | Update 2

कितना पसीना आ रहा है तुझे शर्म के मारे इतना बोल कर मेरे गोद का कपड़ा उठाकर मेरा माथा पोछने लगी।

तभी उनकी नज़र मेरे लंड वाली जगा पर गई। और वो स्माइल करते हुए देखने लगी।

नानी:- अभी छोटा था और अभी अंदर बडा हो गया तेरा। मै शरमाते हुऐ फिर इधर उधर देखने लगा। तभी मानी का हाथ मेरे जांघों पर आया और हाथ फेरते हुऐ नानी बोलीं

नानी:- अभी मै तुमारी सारी शर्म उतारती हु। बोलते हुए जांघों पर हाथ फेरने लगी।

तभी एक कस्टमर आया तो मैं खडा होकर उन्हें समान देना लगा और फ़िर बैठ गया। नानी ने फिर हाथ जांघों पर रखा और फेरने लगी। मै उन्हें हस्ते हुए मना कर रहा था और वो हस्ते हुऐ और फेरने लगी। तभी उन्होंने पेंट के ऊपर से ही लंड पकड़ लिया और दबाने लगी।

नानी:- अब शर्म कम हुइ।

मै मुस्कुराने लगा। मुझे अच्छा लग रहा था। बुड्डी ही सही किसी औरतों ने मेरा लंड हात में पकड़ा था।

नानी:- कैसा लग रहा है।

मै:- अजीब लग रहा है

नानी:- इतना शर्माओगे तो कैसे चलेगा। तुमारा मैने हाथ में पकड़ा और तुमे अजीब लग रहा है। पहले किसी ने नहीं पकड़ा क्या

मैने ना में गर्दन हिलाई।

नानी:- अच्छा एक काम कर दूकान का शटर बंद कर थोड़े देर के लिऐ।

मै शरमाते हुऐ इधर उधर देख कर मुस्कुरा रहा था। तभी सोचा यही मौक़ा है। जवान लड़की जब मिले तब मिले अभी इसी से काम चलाना पड़ेगा। मै उठा और शटर डाउन किया। फिर नानी ने मज़े पास बिठाया और पेंट को नीचे करके लंड बाहर निकाला। मेरा लंड करीब 8 इंच लंबा था और काफ़ी काड़ा था।

नानी मेरे तरफ़ देख कर लंड हिलाने लगी। मै शर्मा रहा था। तभी नानी ने झूल कर लंड मुंह में लिया और चूसने लगी। तभी नानी ने डस्बिन मे पान थूका और लंड चुसने लगी।

लंड को केस कर पकड़ा और चमड़ी पिछे करले लंड पर थूक कर सुर सुर करके चूसने लगी। मुझे हलकी सी जलन और बाहोट माजा आने लगा। 2 मिनट भी नहीं हुऐ थे की

मैने नानी को फुसफुसाते हुऐ बोला-

मै:- नानीजी मेरा पनी निकलने वाला है निकालो बाहर।

नानी ने मेरे तरफ़ देख कर हाथ से और आंखों से इशरा किया की निकलने दे। और चुनने लगी तभी मेरा पनी नीकल गया। और नानी मेरा पूरा वीर्य पी गई। फिर लंड चूसते हुऐ मेरे जांघों पर भी चाटने लगी।

कुछ देर और चुनने लगी। नानी ने ब्लाउज के हुक खोले उनके बूब्स झूल रहे थे

नानी फुसफुसाते हुऐ:- इसे दबाओ जब ताक मै चूसती हु।

फिर नानी लंड चूसे लगी और पूरे लंड और गोटियों पर चाटने लगी और मैं उनके बूब्स दबाने लगा।

मेरा लंड फिर खड़ा हुआ। मेरे लंड का सूपड़ा पूरा बाहर आया था। नानी खड़ी हुइ और साड़ी और पेटीकोट ऊपर उठा कर चड्डी निकाली। और चूत को फैलाकर दिखाने लगी नानी की चूत बहोत काली और ढीली थी।

नानी फुसफुसाते बोलीं:- ये मेरी चूत देख। नीचे बैठ कर उसमे अपनी जीभ से चाट जेसे मैने चाटा वैसे और एक उंगली अंदर बाहर कर। मैं शर्माने लगा तो नानी गुस्सा हो गई।

नानी:- अभी इतना कुछ किया अब क्यूं शर्मा रहा है बैठ नीचे।

मै नीचे बैठ कर चूत चाटे लगे। और एक उंगली चूत मे डालकर इंदर बाहर करने लगा।

नानी:- थोड़ा और तेज जुबान चला। मै नानी की चूत चाट रहा था और उंगली कर रहा था।

नानी:- और एक उंगली डाल

फिर मैने दो उंगलियां डाली। नानी ने चड्डी मुंह मे डाली और धिरे से सिसकरिया लेने लगी।

कुछ देर बाद नानी नीचे लैट गई और मैं हांटो के सहारे उनके ऊपर आया। नानी ने लंड पकड़ कर चूत पर रखा और मुझे अंदर डालने को बोलीं।

मैने धिरे से अंदर डाला नानी ने अपनी आंखे बंद की और बोलीं कमर हिलाकर अनदर बाहर करो। मै वैसे ही करने लगा। अब मुझे मजा आ रहा था। और नानी भी सिसकारियां ले रही थी।

कुछ देर बाद नानी:- जोर से कर

मैने स्पीड बडा दी और नानी की चूत ने पनी छोड़ दीया।

नानी उठी और चूत पोंछ कर मेरा लंड हिलाया फ़िर चूसने लगी। करीब 15 मिनट चूसे के बाद मेरा पानी नीकला। नानी पुरा पी गई और लंड साफ करके मैंने पैंट पहन ली

नानी:- अछा कैसा लगा तुझे मजा आया

मै:- हां बहोत

नानी:- अभि और मेज करेगे.. अभी मै सोने जा रही हु तुम दूकान संभालो

नानी भी बैडरूम मे जाकर सोने लगी। और मैने शटर खोल कर दूकान संभालने लगा।

To be Continued

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नानी उठी और चूत पोंछ कर मेरा लंड हिलाया फ़िर चूसने लगी। करीब 15 मिनट चूसे के बाद मेरा पानी नीकला। नानी पुरा पी गई और लंड साफ करके मैंने पैंट पहन ली

नानी:- अछा कैसा लगा तुझे मजा आया

मै:- हां बहोत

नानी:- अभि और मेज करेगे.. अभी मै सोने जा रही हु तुम दूकान संभालो

नानी भी बैडरूम मे जाकर सोने लगी। और मैने शटर खोल कर दूकान संभालने लगा।

नानी की चूत और मां की गांड़ | Nani Ki Chut Aur Maa Ki Gand | Update 3

दोस्तो इस दिन के बाद हमने एक हफ्ते तक चुदाई नही की क्यो की मां को बुखार हो गया और कमर को भी झटका लगा तो वो घर मे ही थी तो हमे मौक़ा ही नही मिल रहा था। और मेरी नानी की चूत को भी जवान लंड का लालच और बड रहा था।

जब भी मौका मिलता वो मेरे पेंट मे हात डालकर लंड पकड़ती और मैं बहोत डर जात कहीं मां को पता ना चले।

मै भी मौके की तलाश में था और दूकान मे बैठ कर सोच ही रहा था की कैसे नानी को चोदूं। तभी नानी दूकान में आई और बोलीं। बेटा तूमे एक बात बतानी है।

मै:- बालो नानी?

नानी:- तेरी मां हमें चुदाई का मौका नहीं देगी क्यूं ना उसे भी हमरे साथ जोड़ लें।

मै सोचने लगा चुदाई के चक्कर मे नानी पागल तो नहीं हुइ.. मां को हमारे बारे मे पता भी चल जाए तो हंगामा हो जायेगा और ये मां को ही चोदने की बात कर रही है..

मै:- नानी ये कैसी होगा। यह मै नही कर सकता

नानी:- देख तू डर मत मै हु तुमारे साथ। वैसे भी सुनंदा भी चुदाई के लिऐ तड़प रही है है। मैने देखा रात को चूत मे उंगली कर रही थी।

तभी मां भी दूकान मे आ रही थी तो हम शांत हो गाए

मां:- बेटा जरा खेत में चक्कर लगा कर आओगे क्या।

मै:- ठिक है मां

नानी:- रुको मैं भी आती हु।

मां:- मां आप क्या करोगे उसके साथ जाकर।

नानी:- ऐसे ही जाऊंगी मैने भी जब से आईं खेत नही देखा।

मां:- अच्छा फिर जल्दी आना मै दूकान चलाती हु।

मै और नानी बाइक से खेत में जाने लगे तभी खेत की तरफ़ जाने वाला कच्छा रास्ता था तो मैंने साईड में गाड़ी खड़ी की और पैदल जाने लगे।

नानी:- बेटा यहां किसी खेत में चलकर एक बार चुदाई कर मेरी फिर खेत मे चलते है।

मै:- नही नानी यहां बहोत लोग आते है। हमारे खेत मे ही चलेंगे कोइ नही रहता वहा।

5 मिनट मे हम खेत मे पोहाच गए।

मै:- नानी मेरे पिछे आओ

फिर मै नानी को खेत के बीच मे ले गया और नीचे बैठ कर दोनो जगा साफ करने लगे।

नानी:- पूरी नंगी हो जाऊ? यहां कोइ आएगा तो नही

मै:- कोइ नही आएगा

नानी ने साड़ी निकाल कर नीचे बिछाई और पेटीकोट ऊपर उठाकर चड्डी निकाल दी और ब्लाउज के बटन खोले.. मैने भी अपना लोअर और चड्डी निकाली। नानी ने मेरा लंड चूसा फिर मैने नानी की चूत चाटी।

नानी ने मेरे बाल पकड़ कर मेरे होठ चूसने लगी। उनके मुंह से पान का टेस्ट आ रहा था। फिर टांगे खोल कर लेट गई और मेरा लंड चूत के छेद पर लगाए और मैने भी धक्के स्टार्ट कीए। नानी अनपी आंखे बंद करके मजा लेने लगी।

मै अब जोड़ से चोदने लगा। तभी मै चूत में झड़ गया। और लंड बाहर निकाला। नानी की ढीली चूत से मेरा विर्य बाहर निकले रहा था। नानी मेरा लंड चूसकर साफ करने लगी।

फिर मैने नानी की चूत को उंगली से सहलाया और बॉब्स चुनने लगा।

नानी:- जोर से उंगली कर आहा आहा आहा

मै जोड़ से उंगली करने लगा तभी नानी पूरी अकड़ गई और उनकी चूत ने पानी छोड़ दीया।

मै:- नानीजी आप के गांड़ मे मुझे कब डालने दोगी

नानी:- गांड़ में नही दर्द होता है।

फिर हमने कपडे पहने और बाहर आकर बैठे।

नानी:- देख मै तेरा मामला सेट कर दूंगी तुझे गांड़ भी मिलेगी पर तू डरना मत जेसे मै बोलूंगी वैसे करना।

मै:- क्या करना है मुझे

नानी:- तेरे मां के कमर को झटका लगा है। मैने आज सुबह उसकी मालिश की कल तुम उसकी मालिश करना।

मै वही रहूंगी जैसे बताऊंगी वैसे करना।

मै:- ठिक है।

फिर हम घर आएं और मैं अगले दिन का इंतजार करने लगा।

To be Continued

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नानी:- देख मै तेरा मामला सेट कर दूंगी तुझे गांड़ भी मिलेगी पर तू डरना मत जेसे मै बोलूंगी वैसे करना।

मै:- क्या करना है मुझे

नानी:- तेरे मां के कमर को झटका लगा है। मैने आज सुबह उसकी मालिश की कल तुम उसकी मालिश करना।

मै वही रहूंगी जैसे बताऊंगी वैसे करना।

मै:- ठिक है।

फिर हम घर आएं और मैं अगले दिन का इंतजार करने लगा।

नानी की चूत और मां की गांड़ | Nani Ki Chut Aur Maa Ki Gand | Update 4

अगले दिन शाम हो मां ने नानी को कमर पे तेल मालिश करने को कहा । नानी ने मां को उल्टा लेटाया और कमर पर तिल की मालिश करने लगी। फिर ब्लाउज के बटन खोल दिए..

नानी:- ब्लाउज निकाल दे खराब हो जायेगा

मां ने ब्लाउज निकाल तो मां ऊपर से नंगी थी। फिर कंधे से लेकर कमर तक तेल लगाया और मालिश करते वक्त मुझे आवाज दी तो मै बाहर ही था अंदर गया तो नानी बोलीं मैं बाथरुम से आती ही तब तक मां के पीठ पर तेल मल दे।

मां:- मां आप ही मल दो..

नानी:- उसे मलने दो क्या होंगा..?

फिर नानी बाहर गई और मैं मालिश करने लगा। मेरा ध्यान मां के बूब्स पर था जो नीचे दबे हुई थे पर दबाव के वजह से आंधे बाहर आएं थे।

मां के हात ब्लाउज के जगह से अंदर गेहूए रंग के थे और उनके बगल मे बालो का गुच्छा देख मेरा लंड पुरा खडा हो गया था। नानी ने इशरा करले हाथ बूब्स पर ले जाने को बोला। मै भी कोशिश करने लगा पर जब भी हात बढ़ाता मुझे डर लगने लगा।

मां भी शर्म से सर नीचे दबा कर लौटी थी। मै मां की गांड़ पर लंड दबकर पीठ पे वेट डालने लगा और मालिश करने लगा। फिर नानी अंदर आई..

नानी:- अरे तू तो बहोत अच्छे से कर रहा है।

थोड़ा पैर भी दबा देना मां के।

पीठ के मालिश के बाड मै पैर दबाने लगा और दबाते दबाते घुटनों तक गया तभी नानी ने तेल पैरो पर लगाया और साड़ी जांघों तक ऊपर की और बोलीं अब दबाओ..

मै जांघों तक दबाने लगा और मुझे मां की चड्डी दिख रही थी। और मालिश करते हुऐ अब मै अन्दर गांड़ तक हाथ फेरनेकी कोशिश करने लगा।

नानी:- बेटी सीधी लेट जाओ

मां:- इसके सामने कैसे मां?

नानी बेटा ही तो है शर्माना क्या इसमें

मां सीधी हो गाए और मैं जांघों तक दबा रहा था और मेरा ध्यान मां की बूब्स पर था। 7उनके बाड़े बाड़े बूब्स और काले चूचों को देख मेरा लंड पुरा खड़ा हो गया। और मैने नजाने कब अपना हाथ मां के चूत के ऊपर ले गया। और चड्डी के ऊपर से चूत को सहलाने लगा।

मां:- शरमाते हुऐ बोलीं:- प्रकाश क्या कर रहे हों

मैने अपना हाथ तुरंत पिछे किया

नानी मां के पास गई और बूब्स पे तेल लगाकर दबाने लगी

नानी:- जो कर रहा है करने दो। बेटा कर तू

मां:- मां ये गलत है यह क्या पाप करवा रही हों

नानी:- कोइ पाप नही इसमें।

मां:- बेटा है वो मेरा

नानी:- तेरे कोक से तो नही हुआ है। भूल जा आज की रात

तभी मुजने हिम्मत आईं और मैने मां की चड्डी उतर डी मां ने मुझे रोका नहीं। मैं उनके पैर फैलाकर चूत पर हाथ मसलने लगा। उनकी काली और झटो से भरी चूत को देख मुझे रहा नहिं गया और अपना मुंह चूत पर राख कर चाटने लगा।

मां अब इसकारिया लेने लगी। नानी मेरे बाल पकड़ कर सर चूत पर दबा रही थी

फिर नानी उठी और मुझे खडा करके मेरी टीशर्ट उतारी फिर लोअर और चड्डी उतार कर नीचे बैठी और लंड चुसने लगी। मां हमें देख रही थी तभी नानी ने मुझे मां के ऊपर किया और मैने लंड चूत पर राख कर अंदर झटका दीया। एक झटके के साथ मेरा आधा लंड अंदर गया तो मां के मुंह से दर्द भारी सिसकारी निकली।

नानी ने जोर से चोदने को बोला तो मैने एक ही झटके में लंड एंडर उतर दीया तो मां ने मुझे अपने ऊपर दबोचा।

अब मै वैसे ही रूक कर मां के होठ चूमने लगा और गर्दन को चूमते हुऐ डक्के स्टार्ट कीए। करीब 10 मिनुट में मेरा होनी वाला था तो नानी लंड बाहर निकालने को बोला फ़िर नानी चूसने लगी और सारा पनी पी गई।

नानी:- जा अपने मां के बदन को चूम।

फिर मै मां के पास गया और उनके ऊपर उकर उनको किस करने लगा। और चूमते चूमते उनके बालो से भरी बगलो को भी चाटने लगा। और मां की चूत सहलाने लगा। मां अब सिसकरिया ले रही थी।

फिर मां उठी और मेरा लंड चुसने लगी। मां ने पुरा लंड मुंह में लिया और चूसने लगी साथ ही गोटियों पर जीभ से चाटने लगी। मेरा लंड एक बार झड़ने के कारण लूज हो गया था। मां ने थूक से लंड गीला किया और चुनने लगी।

मां:- बेटा तू नीचे लैट जा।

जैसे ही मैं नीचे लेटा मां ने साड़ी पूरी निकाल कर साईड में रखी। नानी मेरे पास बैठी थी। और मेरी छाती को चाट रही थी। तभी मां मेरे ऊपर आईं और चूत को लंड के ऊपर सेट करके बैठी मेरा लंड पुरा चूत मे चला गया। फिर ऊपर नीचे होकर लंड अंदर बाहर करने लगी।

मैं मां को घूर रहा था। मां ऊपर से तो काली दिखती थी पर इनका बडन अंदर से गेहुआ था और चूत पूरी काली थी। उनके बूब्स भी उछल कर हिल रहे थे।

तभी नानी उठी और मेरे मुंह पर चूत रख कर चाटने को बोलीं। मै भी मज़े से चाटने लगा।

कारिब 10 मिनट बाद मैं ने लंड चूत से निकाला और जोर से चूत सहलाने लगी और मेरे कमर पर बैठ कर पुरा पनी मेरे ऊपर निकाल दीया। मां अब बहोत खुश दिख रही थी।

फिर नानी मेरे लंड पर बैठी और उछलने लगी। पर लंड बार बार बाहर आ रहा था तो नानी ने मुझे ऊपर किया और मैं नानी की चूत चोदने लगा।

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मैं मां को घूर रहा था। मां ऊपर से तो काली दिखती थी पर इनका बडन अंदर से गेहुआ था और चूत पूरी काली थी। उनके बूब्स भी उछल कर हिल रहे थे।

तभी नानी उठी और मेरे मुंह पर चूत रख कर चाटने को बोलीं। मै भी मज़े से चाटने लगा।

कारिब 10 मिनट बाद मैं ने लंड चूत से निकाला और जोर से चूत सहलाने लगी और मेरे कमर पर बैठ कर पुरा पनी मेरे ऊपर निकाल दीया। मां अब बहोत खुश दिख रही थी।

फिर नानी मेरे लंड पर बैठी और उछलने लगी। पर लंड बार बार बाहर आ रहा था तो नानी ने मुझे ऊपर किया और मैं नानी की चूत चोदने लगा।

नानी की चूत और मां की गांड़ | Nani Ki Chut Aur Maa Ki Gand | Update 5

कुछ देर बाद नानी भी झड गई। पर मेरा लंड झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। नानी उठी और लंड हिलाते हुऐ मुझे किस्स करने लगी

नानी:- तेरा लंड तो लाल हो गया। पानी ही नही छोड़ रहा।

मैं:- मुझे पिछे से करना है।

नानी:- तेरी मां से पुछ मै तो पिछे से नही करने दूंगी।

मै:- क्यूं नही करने दोगी?

नानी:- मुझे मरना नहीं नही!

मां:- मै हु ना बेटा मै लेती हु पिछे से।

नानी:- हम दोनो की चूत खुली हुई है तो इसे मजा नही आता होगा।

मै:- वैसे कुछ नही।

मां तेल की बॉटल लाई

मां:- मां आप तेल लगाकर पहले उंगली से मेरी गांड़ ढीली करो

फिर मां लेट गई और मैं मां के दोनो बड़े कुल्हो को फैलाकर बैठा मां की गांड़ का छेद देख रहा था । मां के बाड़े बड़े कूल्हों के बीच बहोत टाइट छेद था। उनका छेद काला था।

नानी ने छेद पर तेल लगाया और एक उंगली अंदर डाली तभी मां को हल्का सा दर्द हुआ।

धीरे धिरे पूरी उंगली गाड में डाली और अंदर बाहर करने लगी। जैसे ही उंगली बाहर आती नानी की उंगली पर मम्मी की टट्टी दिखती। नानी और तेल डालकर अब जोर से उंगलियां करने लगी। करीब दस मिनट बाद नानी ने एक और उंगली गांड़ मे डाली तो मां तड़प उठी।

नानी:- हिल मत कुछ नही होगा।

मां:- दर्द हो रहा है मां

नानी:- इसका लंड लेना है तो दर्द भी बर्दाश्त कर

थोड़ी देर बाद नानी ने दोनो उंगलियां बाहर निकाली तो उनकी उंगलियों पर बहोत टट्टी लगी थी और खून भी गाड का छेद भी खुल गया था। नानी ने छेद में तेल डाला और जोर से उंगलियां अंदर बाहर करने लगी। मै मां के मुंह के पास गया और लंड चुसवाने लगा।

कुछ देर बाद नानी ने गांड़ मारने को बोला

नानी:- आजा बेता अपने नाग को बिल में डाल दे।

मै उठा तो नानी ने लंड पर तिल लगाया और कुलहो को फैलाकर मैने छेद पर लंड रख कर और एक ही झटके में लंड अंदर डाल दीया। मां एकदम से तिलमिलाने लगी और लंड बाहर निकालने को बोलीं।

नानी:- कुछ नही होंगा चुप रह । बेता तू धिरे धिरे करके अंदर डाल एकदम से धक्का मत मार।

मै वैसे ही रुका रहा और नानी तेल डालने लगी

फिर नानी के कहने पर मैं लंड को अंदर उतारने लगा। पुरा लंड अंदर गया तो मैं मां के ऊपर लेट गया। और नीचे हात डालकर बूब्स दबाने लगा। मां का दर्द कम हुआ तो

मां:- अब धक्के मार, पर धिरे से

मैने धिरे धिरे धक्के स्टार्ट कीए, नानी बैठ कर देख रही थी।

नानी:- बेटी दर्द हो रहा है..

मां:- अब थोड़ा दर्द कम हुआ। जलन हो रहो है थोड़ी

मैने जोश में आकर जोर से लंड पेला

मां:- आआआहा आईं धिरे से करो

मैं फिर धिरे करने लगा

नानी हस्ते हुए बोलीं:- जवान है ना इसलिए इसे काबू नही होता। जब मां बोले तभी जोर से करना। तुम चूत नही गांड़ मार रहे हों।

मै मां की पीठ चाटते हुऐ उन्हे चोद रहा था। अब मां ने स्पीड बड़ने को कहा तो मैं जोर से करने लगा। रूम मे थप थप की आवाज आ रही थी जेसे कोइ ताली बजा रहा हो।

फिर मैने स्पीड और बड़ाई मै झड़ने वाला था मां भी हर धक्के पर जोर से सिसकरिया ले रही थी। तभी मै झड गया और कुछ देर ऐसे ही रुका रहा।

फिर जब लंड बाहर निकले तो मां की गांड़ का छेद 1रूपये की सिक्के जीतना खुला था और खून लगा था। मेरा लंड भी टट्टी से भरा था और थोड़ा खून लगा था।

मैं लैंड धोकर अया। मां वैसे ही लौटी थी। मां के गाड में मेरा पाना था। फिर हम तीनो नंगे ही साथ में सोए।

सुभा जब निंद खुली तो मां दूसरे साईड करवट ली हुइ थी मेरे तरफ़ उनकी गांड़ थी। मेरा लंड भी टाइट था। मैने तेल लगाया और मां के गांड़ मे एक ही झटके में लंड डाला। इस बार लंड जल्दी गया मां भी उठ गई तो…

मै:- मां आप सो जाओ मैं चोद नही रहा बस अंदर डाल कर सोता हु।

मां:- मुझे गांड़ में जलन हो रही है। धक्के मत मारना।

मै:- ठिक है। फिर हम वैसे ही सोए रहे। सुभा के 8 बजे नानी ने दिनों को उठाया।

नानी:- अंदर डाल कर सो रहे थे क्या

मां:- नही मां सुभा डाला इसने। बेता बाहर निकालो अब।

तो मैंने धक्के मारना स्टार्ट किया।

मां:- आईं आ तुमारा मन नही भरा क्या

मै:- बस मां 5 मिनट करने दो।

मै जोर से करने लगा और गांड़ मे झाड़ गया।

अब हम तीनो रोज चुदाई करते है। जब भी मौका मिले मै मां की गांड़ मारता हु।

THE END

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