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नवाबी खानदानी निकाह | Nawabi Khandani Nikah

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मैं अर्शी को बेकरारी से चूमने लगा। चूमते हुए हमारे मुँह खुले हुए थे, जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थीं। फिर मैंने अर्शी की जम कर चुदाई की और उनको जन्नत की सैर कराई. फिर थोड़ी देर के बाद वह फिर झड़ गईं। अर्शी कई बार झड़ने के बाद निढाल हो रही थीं। मैं उनकी चूत में धक्के लगाने चालू रखता तो अर्शी फिर गर्म हो जाती थीं। आखिरी बार हम दोनों एक साथ झड़ गए. हम दोनों जन्नत में थे ... सच में बहुत मज़ा आ गया। मुझे अर्शी के चेहरे पर संतुष्टि साफ-साफ नजर आ रही थी।

उसके बाद मैं अपना लंड उसकी चूत में डाले हुए ही सो गया, सुबह 8 बजे जब मेरी नींद खुली तो अपना लंड उसकी झांटो पर पाया और पूरा बिस्तर उसके खून से लाल था, मैंने अर्शी को उठाया और उसे चूमा, ज़ीनत और जूनि तो चिल्ला-चिल्ला कर दिमाग ख़राब कर दी थी, पर तुमने मुझे बहुत मजा दिया है उसने कहा तुमसे महीने में 1 हफ्ते चुदना ही ठीक है नहीं तो चूत भोसड़ी बन जाएगी और तुम मुझे नहीं चोदोगे ।

इस तरह 7 दिनों तक मैंने अर्शी की जम कर चुदाई की और उसे तृप्त कर दिया ।

नवाबी खानदानी निकाह Nawabi Khandani Nikah Part 26

नवाबी खानदानी निकाह | Nawabi Khandani Nikah | Part 26

मैंने इस तरह अपनी नमकीन जानेमन बेगम अर्शी की दिल खोल कर चुदाई की और फिर सातवे दिन ज़ीनत आपा मेरे पास आयी और शिकायत करते हुए बोली सलमान वही हुआ न जिसका मुझे डर था कि ऐसी कमसिन अल्हड जिस्म की मल्लिका को छोड़ सलमान तुम मेरे पास तो बड़ी मुश्किल से ही आओगे और तुम्हे नयी कमसिन दुल्हन क्या मिली तो मुझे भूल गए। कहाँ तो तुम कहते नहीं थकते थे की आपा आपके देखते ही मेरा दिल बेकाबू हो जाता है और अब 10 दिनों से भी ज्यादा दिनों से मेरे पास भी नहीं आये हो।

मैं ज़ीनत आपा से कान पकड़ कर बोला मुझे माफ़ कर दो मेरी जान मेरी आपा । ये सब अम्मी ने जो रूल मेरे लिए बनाया है उसके कारण हुआ और इसी कारण मैं पिछले हफ्ते से सिर्फ अर्शी की ही चुदाई कर रहा था और उससे पहले आपकी चुदाई आपकी गांड और चूत सूजने के कारण बंद हो गयी थी । उस दौरान मैं आपकी चुदाई के लिए बहुत तड़पा था ।

कुछ दिन की जुदाई के बाद मिलने का मजा अलग ही है चलो अब मेरे पास आ जाओ मैंने उन्हें अपने पास खींचा और उनको चूमने लगा और फिर मैंने उन्हें नंगी किया और चोदना शुरू कर दिया।

इसी समय अर्शी ने भी कमरे में प्रवेश किया और मुझे और ज़ीनत को नग्न अवस्था में लेटे और एक-दूसरे से चिपट कर चुदाई करते देख चौंक गईं। अभी अर्शी की चुदाई का हफ्ता चालु था इसलिए ज़ीनत और अर्शी के बीच तीखी नोकझोंक हुई और फिर लड़ाई हुई और जूनी इस में शामिल हो गई। मेरी तरफ से बहुत बीच बचाव करने के बाद भी वह सभी लड़ती रही तो मैंने धमकी दी जो अब आगे लड़ेगी और उसे तलाक दे दूंगा।

मैंने उन्हें सम्बोधित किया, "सुनो मेरी प्यारी जीनत, जूनी और अर्शी तुम सब मेरी कजिन बहनें हो और अब मेरी बेगमे हो। मैं तुम सभी के साथ समान व्यवहार करूंगा। मुझसे वादा करो कि अब आगे तुम आपस में कभी नहीं लड़ोगी, अन्यथा तुम सब मुझे ता उम्र के लिए खो दोगी।"

उन्होंने एक स्वर में मुझसे वादा किया की अब आप मेरे मालिक और शौहर और खाबिन्द हैं। हम आपको वादा करती हैं अब हम सब बहने वापिस में एक दुसरे के पहले जैसे करीब हैं। हम एक-दूसरी के साथ सब कुछ साझा करेंगी। अब हमारे बीच कोई ईर्ष्या, प्रतिद्वंद्विता और झगड़ा नहीं होगा। आप हमें एक बार में एक ही बिस्तर पर चोद सकते है या आप अपनी इच्छा से हमें अलग से जब चाहे जैसे चाहे चोद सकते हैं। "

और फिर लड़ाई शुरू करने वाली अर्शी ने ज़ीनत आपा से माफ़ी मांगी और जूनी ने ज़ीनत और अर्शी दोनों से माफ़ी भी मांगी और साथ में अर्शी और जूनि ने हमेशा ज़ीनत आपा की बात मानने का वादा किया तो उनमे समझौता हो गया और मामला समाप्त हो गया।

मैंने उस तीनो को गले लगाया और तीनो को प्यार से माथे पर चूमा। फिर मैंने ज़ीनत का चेहरा अपने हाथों में लिया, उसके गाल, उसके कान, ठुड्डी और उसके चेहरे के किनारे को अपनी उंगलियों से गालो पर सहलाया। जूनि मेरे पास हुई और मेरे ओंठ चूमने लगी तो मैंने अपने दूसरे हाथ से अर्शी के सिर के पिछले हिस्से को सहलाया और धीरे-धीरे उसकी सर को सहलाया, उसके घने बालों के बीच में से उँगलियाँ चलाईं, आँख से संपर्क करते हुई उसकी आँखों से बालों की लटे दूर कीं। मुझे उसके लंबे, घने आलीशान, चमकदार, चमकदार, रेशमी जेट-ग्रे बालों को सहलाने का अनुभव पसंद आया। मैंने उसके कानों को एक अतिरिक्त दुलार देने के लिए उसके दोनों कानों के पीछे उसके बालों की कुछ लटे टक दीं।

ज़ीनत आपा ने महसूस किया कि मेरे सुडौल हाथ उसके चौड़े कंधों तक चले गए थे। जब ज़ीनत आपा ने मेरे पसीने की प्राकृतिक महक को साँस में लिया, तो उसके शरीर से अधिक गर्मी निकलने लगी।

मैंने प्यार, के साथ उसके चेहरे को धीरे से अपने हाथों में सहलाया। मैं अब इन तीनों को प्यार करना चाहता था। मैं जूनी की चौड़ी अभिव्यंजक आँखों में देखा तो मैंने उनमे कामुक इच्छा को पाया। यह एक अनियंत्रित और तेज कामुक इच्छा थी जो उसके चूमने के तरीके से मुझे महसूस हुए। मेरे ओंठ चूमते हुए उसकी खुली हुई बड़ी-बड़ी आँखें मेरी आँखों में देख मुझे आमंत्रित और कामुक कर रही थीं।

ज़ीनत आपा ने आवेगपूर्ण ढंग से, उसने मेरे माथे, आँखों, पलकों और गालों पर चूमा। ज़ीनत आपा मेरे से लिपट गयी और अपने चेहरे को आसानी से मेरे कानो पर ले गयी और जैसे कि उसने मेरे कान को चूमा, चाटा और प्यार से, धीरे से, धीरे-धीरे और पूरी तरह से मेरे कानों को चाटा और कुतर दिया, जबकि उसकी उँगलियाँ ईयरलोब के पीछे सहलाती रही। उसने मेरे कान के लोब, कान के किनारों और कानों के पीछे के क्षेत्र को धीरे से चूमा।

मैं जूनि को चूमता रहा और उसके कानों पर हाथ फेरा और उसके कानों के पीछे अपने होठों से भी सहलाया और उसके कानों के लोबों को अपने मुंह में ले लिया और जूनि ने मेरी ठुड्डी और नाक को चूमा।

मेरा दूसरा हाथ अर्शी के बूब्स पर चला गया था और मैं उसके बूब्स दबा कर उसके निप्पलों से खेलने लगा। ये महसूस कर के की मैं उसके बूब्स से खेलना चाहता हूँ तो जीनत ने मुझे छोड़ कर अर्शी के कपडे निकालने शुरू कर दिए और अर्शी जुनि को चूमते हुए उसके कपडे निकालने लगी और उसे ऐसा करते चूमते समय ज़ीनत ने प्यार से अर्शी की गर्दन को सहलाया, वह उत्सुकता से जीनत के चुंबन स्वीकार कर रही थी और कामुकता से भर कर अर्शी प्यार से जूनि नंगी करती जा रही थी

और उसे चाट रही थी और जूनि प्यार से मेरी छाती को चूम रही थी और मेरे ओंठो की और आगे बढ़ रही थी और उसने मेरे चेहरे को बारीकी से और मेरे माथे, पलकें, आँखे फिर गाल फिर नाक गाल, ठोड़ी, गर्दन, कंधे और सभी को चूमा और फिर हमारे ओंठ जुड़े उससे पहले उसने मेरे रसदार मोटे होंठों पर एक उंगली चलाई और निचले होंठ को पकड़कर एक नरम चुंबन दिया, कुछ सेकंड के लिए चुंबन को पकड़कर मेरे होंठों को सहलाने के लिए रुक गयी। उसने अपनी जीभ की नोक को मेरे मोटे, गीले, रसीले ऊपर और नीचे के होठों पर चलाया। अंत में, उसने अपनी जीभ को मेरे गीले रसीले मोटे होंठों को आमंत्रित करते हुए मुझे मेरे मुंह को खोलने के लिए मजबूर किया।

कुछ देर बाद मैंने जीनत को चोदना शुरू कर दिया और बाकी दोनों अर्शी और जूनि आपस में चूमने चाटने लग गयी ।
मेरा लंड बड़ी आपा जीनत की-की चूत की दीवारों को चौड़ा करता हुआ अंदर जाने लगा। जीनत आपा सब कुछ भूल कर मेरे सीने से लग गई। जैसे ही लंड जीनत आप की चूत को चीरता हुआ आगे बढ़ा जीनत मुँह से "आहहऽ" की आवाज निकली और मेरा लंड पूरा का पूरा आप की चूत में धंस गया और जूनि जीनत के एक निप्पल को सहलाने लगी और माथे पर प्यार से हाथ फिराने लगी और अर्शी जीनत के दुसरे निप्पल को सहलाने लगी और मैं जीनत को चूमते हुए उसे चोदने लगा l

फिर मैं इस पोजीशन में अर्शी उसके बाद जूनि के होंठों को चूमने लगा। तो जीनत आपा अपने नितम्ब ऊपर उठा कर मेरे लंड को और अंदर लेने लगी l

मैं बोला अब पता चला कि मुझसे मिलने के लिये आपा आप कितनी बेसब्र हो ... कहकर मैंने एक जोर का शॉट मारा और मेरा लंड आपा की चूत को रगड़ता हुआ बाहर की ओर निकला और फिर वापस पूरे जोर से आपा की चूत में अंदर तक धंस गया।

" ऊऊऊहह दर्द कर रहा है। आपा ने अब मेरी चुदाई में आगे-पीछे होने की गति से अपनी ताल भी मिलाई। मेरे जोर-जोर के धक्को से बिस्तर हिलने लगता और जीनत आपा जल्द ही झड़ गयी।

उसके बाद जीनत ने मेरा लंड जूनि के चूत में घुसाया और मैंने उसकी चुदाई की और फिर उसे झाड़ने के बाद जीनत आप ने मेरा लंड अर्शी की चूत में घुसाया और फिर मैंने अर्शी की चुदाई की और इस बार हम दोनों एक साथ झड़ गए इस बीच जो चुद रही होती थी उसे बाकी बेगमे छूती, सहलाती और चूमती रही और उन्हें ऐसा करते देख कोई सोच भी नहीं सकता था कि ये तीनो कुछ देर पहले जंगली बिल्लिओ की तरह लड़ी थी ।

To be Continued

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मैं बोला अब पता चला कि मुझसे मिलने के लिये आपा आप कितनी बेसब्र हो ... कहकर मैंने एक जोर का शॉट मारा और मेरा लंड आपा की चूत को रगड़ता हुआ बाहर की ओर निकला और फिर वापस पूरे जोर से आपा की चूत में अंदर तक धंस गया।

" ऊऊऊहह दर्द कर रहा है। आपा ने अब मेरी चुदाई में आगे-पीछे होने की गति से अपनी ताल भी मिलाई। मेरे जोर-जोर के धक्को से बिस्तर हिलने लगता और जीनत आपा जल्द ही झड़ गयी।

उसके बाद जीनत ने मेरा लंड जूनि के चूत में घुसाया और मैंने उसकी चुदाई की और फिर उसे झाड़ने के बाद जीनत आप ने मेरा लंड अर्शी की चूत में घुसाया और फिर मैंने अर्शी की चुदाई की और इस बार हम दोनों एक साथ झड़ गए इस बीच जो चुद रही होती थी उसे बाकी बेगमे छूती, सहलाती और चूमती रही और उन्हें ऐसा करते देख कोई सोच भी नहीं सकता था कि ये तीनो कुछ देर पहले जंगली बिल्लिओ की तरह लड़ी थी ।

नवाबी खानदानी निकाह Nawabi Khandani Nikah Part 27

नवाबी खानदानी निकाह | Nawabi Khandani Nikah | Part 27

उस चुदाई के बाद रातभर हम चारो अलग-अलग पोज़ में चुदाई करते रहे और मेरा तीनो ने मिल कर दम निकाल दिया और सुबह ज़ीनत आपा बोली क्यों सलमान मजा आया? अच्छा बाताओ तुम्हे तीनो बेगमे कैसी लगी?

मैंने कहा आपा आप सभी कजिन बहने कमाल की हो और हरेक का रस और उसकी चुदाई का मजा अलग ही है जैसे खाने के रस होते हैं मीठा, नमकीन, खट्टा वैसे ही आप तीनो के रस है ।

संसार में जितने भी खाने की चीजे है उस सभी में कुछ न कुछ स्वाद है। स्वाद, रंग व आकार-प्रकार के आधार पर ही खाद्य पदार्थों की पहचान होती है। इन रसों से ही भोजन में स्वाद आता है और ऐसे ही आप तीनो की चुदाई का मजा है, और आप तीनो के सामूहिक और अलग-अलग चुदाई बहुत मजेदार और स्वादिष्ट थी और स्वादिष्ट खाना तो सबको अच्छा लगता है। विभिन्न खाद्य पदार्थों व फलों में ऐसा स्वाद होता है, जो याद रहता है, उसे याद करते ही मुँह में पानी भर आता है और उसे खाने का, उसका स्वाद फिर से लेने का मन करता है। उसी तरह मेरा मन आप तीनो को बार बारे चोदने का करता है और सोचता हूँ मैं आप के बिना कैसे रह पाऊँगा ।

जीनत बोली कैसे अच्छा बताओ मेरा स्वाद तुम्हे कैसा लगा?

जीनत आपा आप का स्वाभाव मीठा है आप मेरी सबसे बड़ी कजिन स्वाभाव से मीठी और सीधी है इसलिए जब मैंने आपको चौदा और उस दौरान उसे चूमा चाटा और आपकी चूत के रस को चूसा तो मुझे मुख्यता मीठा ही ज्यादा महसूस हुआ और मीठा हमे ऊर्जा देता है बड़ी आपा जीनत आपकी धुआंदार चुदाई करने के बाद ही मेरे लिए अपने बाकी कजिन बहनो की चुदाई का रास्ता खुला और मुझे आपको देख कर अलग ही मस्ती और नशा होता है ।

अच्छा उन्होंने मुझे किश किया और पुछा जूनि कैसी लगी?

जूनि का स्वाद थोड़ा खट्टा जैसे खाने में खटाई का स्वाद मुँह में पानी ले आता है और खट्टा खाना भूख बढ़ाता है और पाचक रसों का स्राव बढ़ाकर पेट को ठीक रखता है। उसी तरह मेरी सबसे छोटी बेगम जूनि सबसे चंचल और भोली है और कमसिन और सेक्स के बारे में उसे ज्यादा पता नहीं था और मेरी और जीनत आपा आपकी की चुदाई देख उसे कुछ-कुछ समझ आ गया था की शौहर और बीबी के सम्बन्धो में शारीरिक मिलन से क्या मजा मिलता है और फिर उस मासूम कली की चुदाई कर मैंने खट्टे का मजा लिया जिससे मेरी सेक्स की भूख और बढ़ गयी और फिर जब आपके साथ उसे चौदा तो एक साथ खट्टे और मीठे का मजा आया । फिर जब एक साथ ज्यादा मीठा और खट्टा खाने से मेरे मुँह का स्वाद थोड़ा बिगड़ गया तो मैंने नमकीन अर्शी की चुदाई का मन बनाया जिससे मेरी स्वाद-कोशिकाओं और लंड में नई जान आ गयी।

हूँ तो अर्शी? तुम्हे नमकीन लगी ज़ीनत आपा ने पुछा?

नमकीन स्वाद नमक हमारे भोजन का सबसे महत्त्वपूर्ण घटक है। इसके बिना न खाने में स्वाद आता है और न ही शरीर ढंग से काम कर पाता है। चिकनाई बनाए रखने और पाचन तंत्र को सुचारु रखने के लिए और तंत्रिका तंत्र, माँसपेशियों की गति और कोशिकाओं में पोषक तत्वों के परिवहन के लिए भी नमक जरूरी है। और मेरी तीसरी बेगम कमसिन अर्शी बहुत फ्रैंक और नमकीन है और उसकी चुदाई ने मुझे बहुत मजे दिए और मैं उस चुदाई में सब कुछ भूल-सा गया था । और अब जो आप तीनो की एक साथ चुदाई की तो मुझे एक साथ नमकीन खाते और मीठे का मजा आया और सच कहूँ आप तीनो ने मेरा दम हो निकाल दिया । अब मेरा मन आप तीनो को बार बारे चोदने का करता है और सोचता हूँ मैं चुदाई के बिना कैसे रह पाऊँगा ।

फिर ज़ीनत आपा बोली सलमान ये मत सोचना तुम्हे मुझे जो तड़पाया है चुदाई के लिए तरसाया है उसकी तुम्हे सजा नहीं मिलेगी मैं तुम्हारी बड़ी बेगम हूँ और में सब से बड़ी हूँ अब तुम चुपचाप देखो मैं तुम्हे क्या सजा देती हूँ । तुम्हे मुझे तड़पाया है अब तुम भी चुदाई के लिए तड़पोगे और तुम्हारी कोई बेगम अब तुम्हे चुदाई नहीं करने देगी अब तुम्हे पता चलेगा की तीखा कैसा होता है?

कहाँ तो मैं सोच रहा था कि अब अगला नंबर रुखसार की चुदाई का होगा मुझसे चुदने का और कहाँ आपा ने चुदाई पर बैन लगा दिया था । आपको रुखसार के बारे में बताता हूँ ।

रुखसार मेरी चारो कजिन्स में सबसे सुंदर है और मस्त-मस्त रवीना की जैसी स्लीम बॉडी वाली, एनर्जी लेवल और चेहरे पर दिखनेवाला ग्लो दम खिली-खिली और एनर्जी से भरपूर नज़र आती हैं। लेकिन रुखसार रवीना की तरह तेज तरार भी है और सबको खरी-खरी सुना देतीं है । वह गोल और भरी हुई है लेकिन उसे आप मोटी नहीं कह सकते उसका पूरा बदन बिलकुल अनुपातिक है। उसके बड़े और गोल और अनार जैसे स्तन स्पष्ट रूप से अपने मौजूदगी दर्ज कराते है और उसकी गोल गांड कुछ ऐसी है जो मुझे बहुत पसंद है। उसका रंग दूधिया सफेद, स्किन ऐसे जिसपे कोई दाग नहीं है गहरी भूऋ, बड़ी आंखें, तेज नाक और नाजुक लाल होंठ हैं जो पूरी तरह मेल खाते हैं। उसके काले, लहराते बाल और गोरा रंग उसे एक सुंदरता का पूरा रूप देता है। वह वजन बनाए रखने के लिए अक्सर कसरत करती है और अपना बहुत अच्छा ख्याल रखती है।

खैर मुझे सजा देने के लिए मेरी तीनो कजिन्स बिल्लिया म्याऊँ-म्याऊँ करने लगी थी और मुझे सताने लगी । वह तीनो मुझे अलग-अलग तरीकों से रिझा कर मेरा लंड खड़ा करके चली जाती थी और मैं लंड को सहलाता रह जाता था ।

जूनि जो बहुत ही शरारती और चंचल है मेरे साथ कुछ ना कुछ शरारत करने लगी पर जब मैं उसे पकड़ कर चूमने लगता तो दूर भाग जाती । वह आते जाते मुझे सहला जाती और कभी मेरा लंड दबा जाती कभी फ्लाइंग किश दे कर भाग जाती,

जीनत जो घर में ज्यादातर लेहंगा या साडी ही पहनती थी। मेरे सामने से वह जब जाती तो अपना लेहंगा या साड़ी और पेटीकोट पूरा उठाकर अपनी गांड मुझे दिखाती और हिलाती हुई दूर चली जाती ।

सुबह उठता तो अर्शी आती और आकर अपने नाइटी खोल कर अपना नीचे का नंगा बदन मुझे दिखाती और फिर अपने मम्मी दबा कर अपनी चूत सहलाती और रात की आकर जब मैं खाना खाने के बाद बिस्तर पर लेटा तो अपने ममे बाहर निकालकर निप्पल मुझे दिखा कर निप्पल मेरे मुँह के पास ले आती और मेरे ओंठो पर रगड़ती और जब मैं मुँह खोल कर उन्हें चूसने की कोशिस करता तो दूर हो जाती ।

फिर सामने आकर ज़ीनत अपनी मोटी गांड रखकर लेट जाती और दोनों पैर उठाकर चुत खोलकर मुझे बुलाती और अपनी उंगलियों से अपनी नाजुक कोमल गुलाबी चुत को मसलने लगती और जब मैं आगे बढ़ता तो जूनि मुझे रोक देती और मेरे सामने सेक्सी ड्रेस पहन कर डांस करने लगती और स्ट्रिप करती हुई अपने कपडे उतारती ।

जब मैं किसी एक की तरफ बढ़ता तो दूसरी आकर मुझे रोक देती और मैं मन मासोसता हुआ जाता

और कसमसा कर रह जाता और मेरा लंड खड़ा का खड़ा रह जाता ।

तीनो अब एक होकर मुझे सत्ता रही थी । और मैं तड़प रहा था पर इस तड़प में मुझे मजा आ रहा था और महसूस होने लगा की अब जल्द ही कुछ धमाकेदार होने वाला है क्योंकि मुझे मालूम था जितना मैं तड़प रहा हूँ उतना ही ये तीनो भी तड़प रही है क्योंकि इन तीनो को भी तो लंड से चुदने की लत लग गयी थी ।

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फिर सामने आकर ज़ीनत अपनी मोटी गांड रखकर लेट जाती और दोनों पैर उठाकर चुत खोलकर मुझे बुलाती और अपनी उंगलियों से अपनी नाजुक कोमल गुलाबी चुत को मसलने लगती और जब मैं आगे बढ़ता तो जूनि मुझे रोक देती और मेरे सामने सेक्सी ड्रेस पहन कर डांस करने लगती और स्ट्रिप करती हुई अपने कपडे उतारती ।

जब मैं किसी एक की तरफ बढ़ता तो दूसरी आकर मुझे रोक देती और मैं मन मासोसता हुआ जाता

और कसमसा कर रह जाता और मेरा लंड खड़ा का खड़ा रह जाता ।

तीनो अब एक होकर मुझे सत्ता रही थी । और मैं तड़प रहा था पर इस तड़प में मुझे मजा आ रहा था और महसूस होने लगा की अब जल्द ही कुछ धमाकेदार होने वाला है क्योंकि मुझे मालूम था जितना मैं तड़प रहा हूँ उतना ही ये तीनो भी तड़प रही है क्योंकि इन तीनो को भी तो लंड से चुदने की लत लग गयी थी ।

नवाबी खानदानी निकाह Nawabi Khandani Nikah Part 28

नवाबी खानदानी निकाह | Nawabi Khandani Nikah | Part 28

मैं दो दिन तो बर्दार्श्त करता रहा फिर मैंने-मैंने अर्शी और जूनि से बात की तो उन्होंने भी मुझे ज़ीनत से बात करने को बोला । मैंने जीनता आपा से बात कर माफ़ी मांगने को कोशिश की लेकिन वह नहीं पसीजी । इस दौरान रुखसार भी मुझसे दूर ही रहती थी । मैंने सोचा अम्मी से बात की जाए पर फिर मिया बीबी की हर बात में बड़ो को डालना ठीक नहीं है ये सोच कर फिर मैंने अपनी बहन रुखसाना से बात की तो उसने जीनत को धमकी दी की अगर वह अपनी कजिन के साथ मुझे तरसाना बंद नहीं करेगी तो रुखसाना, सलमा और फातिमा भी उनके भाई रिजवान को हाथ नहीं लगाने देगी । फिर ज़ीनत थोड़ा पसीजी और बोली ये मिया बीबी का मामला है । वह इसमें न पड़े वह जल्द ही अपने हिसाब से मेरे से निपट लेगी।

जब, मैं खेतो से लौट कर वापिस आया तो उस दिन मेरी कजिन भाई, रिजवान कुछ काम के लिए लखनऊ लौट गया था और रुखसाना ने मुझे अंदर आने के लिए मुख्य प्रवेश द्वार खोला। मेरी हवेली में प्रवेश करने के बाद, मेरी बहनें रुखसाना और सलमा ने मुझे रात का खाना परोसा जबकि मैं रात का खाना खा रहा था मैं रात के खाने के दौरान रुखसार को नहीं देख सका। जब मैंने पूछा रुखसार कहाँ है। रुखसाना आपा ने मुझे बताया कि वह नहा रही है। आप रात के खाने का आनंद लें। डिनर खास था। रात का खाना खत्म करने के बाद मैं अपने कमरे में जाना चाहता था और मैं अनुमान लगा सकता था कि हवेली के गलियारे में माहौल में भारी बदलाव आया है। जैसे ही मैं अपने शयन कक्ष की ओर बढ़ रहा था। लेकिन मेरी छोटी बहन फातिमा ने मुझे मेरे कमरे में जाने से मना किया।

"भाई, कृपया रुको ... रुको, अपने बैडरूम में मत जाओ। मेरी बड़ी बहन रुखसाना ने मुझसे कहा, भाई तुम अपने आप को बाहरी स्नानघर में ताज़ा कर लो, ठीक से स्नान करो, अपने आप को साफ करो और दूल्हे की इस पोशाक को पहन लो जो हमारे पास है और हमने आपके लिए खरीदी है, आपकी तीन पत्नियाँ आपको तैयार करेंगी और हम आपकी तीन बहनें आपकी चौथी पत्नी को आपकी चौथी दुल्हन के साथ आपकी पहली रात के लिए तैयार कर रही हैं," रुखसाना ने मुस्कुराते हुए कहा।

रात के करीब 8.30 बजे थे। मेरी तीन पत्नियाँ वॉशरूम में मेरा इंतजार कर रही थीं। पहले मैंने शेव की और सब अनछए बाल साफ़ किये और फिर मैंने स्नान किया, उन तीनो ने मुझे नहलाया और मेरे बदन पर तेल और इत्र लगाया और फिर मैंने अपनी नई दूल्हे की पोशाक पहनी। इस बीच मेरी बहनो ने रुखसार के साथ अपने बेडरूम के अंदर डिनर किया। मैं रुखसार को देखने के लिए बहुत उत्सुक था लेकिन मुझे किसी ने भी उसे देखने की अनुमति नहीं दी क्योंकि सब कुछ सस्पेंस और आश्चर्य से भरा था।

इन दो दिनों में ज़ीनत खरीदारी के लिए रुखसार को शहर ले गई थी और उन्होंने रुखसार के लिए सबसे अच्छी दुल्हन की पोशाक और मेरे लिए दूल्हे की पोशाक खरीदी थी। उन्होंने बहुत सारे ताजे सुगंधित फूल भी मंगा लिए। तीन दिनों के-के बाद जूनी, अर्शी और जीनत ने मेरे बेडरूम को फूलों से सजाया। साफ-सुथरे तकियों के साथ ताजी बेडशीट किंग साइज बेड में रखी गई। बेडरूम के अंदर मीठे और सुगंधित इत्र का छिड़काव किया। उस शाम तक मेरे खेत से मेरे आने से ठीक पहले, रुखसार के पूरे शरीर को हल्दी और चंदन का उबटन लगाकर स्नान करवाया। मेरी अन्य तीन कजिन जो मेरी बेगमे भी हैं और मेरे बहनो ने मिल कर उसे दूध से नहलाया और उसकी नई दुल्हन की पोशाक पहनने में उसकी मदद की। ज़ीनत आपा ने उनके चेहरे के मेकअप के लिए उनकी मदद की और उसके पूरे बदन पर सुगन्धित फूलों का इत्र मला और पहले से ही सुंदर और भव्य रुखसार एक शानदार नई दुल्हन रानी लग रही थी। रुखसार बेडरूम के अंदर गई और मेरा इंतजार कर रही थी।

लगभग 9.30 बजे सलमा ने कहा, "भाई अब, आप अपनी नई दुल्हन से मिलने के लिए अपने बेडरूम में प्रवेश कर सकते हैं। हम कल सुबह मिलेंगे। शुभ रात्रि...आप को शुभकामनाएँ कि आज रात अपनी कुंवारी दुल्हन का आनंद लें," सलमा ने शरारत से कहा और अपने कमरे में प्रवेश किया।

मैंने अपने अंदर दिल की धड़कन महसूस की जो थोड़ा तेज धड़क रहा था और फिर मैंने अपने शयनकक्ष में प्रवेश किया और तुरंत पूरे कमरे में फैली हुई इत्र और फूलो की खुशबू को सूंघ सकता था।

फिर मैंने अपने बिस्तर को देखा जो सुगंधित फूलों से लदा हुआ था, इसी बीच रुखसार बैठी हुई थी। जैसे ही मैंने उसने देखा मैं उसके पास बैठा और उसे अपने पास खींच लिया और उसके हाथो पर एक चुंबन किया।

मैंने दुल्हन बनी रुखसार को-को बहुत गौर से देखा, वह बहुत-बहुत गोरी है और मेरी बाकी तीनो बेगमो से और मेरी बहनो से भी बहुत ज्यादा खूबसूरत थी। वह मेरे से दो साल छोटी थी और उसकी उम्र लगभग 20 की थी। मस्त-मस्त रवीना की जैसी स्लीम बॉडी वाली, एनर्जी लेवल और चेहरे पर दिखनेवाला ग्लो दम खिली-खिली और एनर्जी से भरपूर नज़र आ रही थी लेकिन अब थोड़ा शर्मा रही थी। वैसे रुखसार रवीना की तरह तेज तरार भी है और सबको खरी-खरी सुना देतीं है पर आज थोड़ा शांत थी और श्रमती हुई बहुत सुंदर लग रही थी। वह गोल और भरी हुई है लेकिन उसे आप मोटी नहीं कह सकते उसका पूरा बदन बिलकुल अनुपातिक है। उसके बड़े और गोल और अनार जैसे स्तन स्पष्ट रूप से अपने मौजूदगी दर्ज कराते है और उसकी गोल गांड कुछ ऐसी है जो मुझे बहुत पसंद है।

उसका, सुंदर मासूम चेहरा, बड़ी अभिव्यंजक, मासूम, चिंतित आँखें, चौड़ा मुँह, पूर्ण कामुक रसदार मोटे होंठ, जेट-काले, लंबे लहराते, बहुत मोटे और विशाल चिकने कूल्हे की लंबाई के बालों को एक मोटी-मोटी चोटी में व्यवस्थित किया गया था चमेली के फूलों से सजी-धजी खिलखिलाती हुई रुखसार को देख मेरा उत्तेजित लंड अकड़ने लगा था। उसके बदन पर उसकी चोटी भारी और मोटी लग रही थी। उसके बड़े गोल सख्त स्तन, पतली मिड्रिफ, तंग कमर, लंबी टांगें और नाशपाती के जैसी आकृति थी। वह पतली, दुबली, नाजुक और नाजुक दिख रही थी, फिर भी बहुत सुन्दर सुडौल थी। उसके कॉलरबोन स्पष्ट रूप से प्रमुख थे जो उसे और अधिक वांछनीय बना रहे थे। उसके गालों के दोनों किनारों पर डिंपल बनाते हुए सुंदर मुस्कान थी। उसके बाएँ कॉलरबोन के ठीक नीचे सुंदर तिल था जो उसे कामुक बना रहा था।

आज आश्चर्य की सबसे बड़ी बात ये थी की वह आज अपनी शर्म से चुप थी जो उसकी गिरती आँखों से स्पष्ट थी, फिर वह उठी कर उसने दूध का गिलास उठाया, हाथ में दूध का गिलास लेकर वहाँ खड़ी रही, पवन कुमार के उसकी ओर बढ़ने की प्रतीक्षा कर रही थी। (नवविवाहित दुल्हन की भारतीय परंपरा के अनुसार अपने शौहर का पहली रात में मिलने की प्रतीक्षा और स्वागत करती है)

मैं उसे बिस्तर पर ले आया। उसने दूध का गिलास मुझे सौंप दिया। मैंने आधा गिलास पिया और उसे गिलास को उसके होठों से छुआ दिया। उसने अपना मुँह खोला और दूध पी लिया। मैंने अपनी उंगली से उसके होठों से दूध के निशान मिटाए और उसका स्वाद चखा। मैंने रुखसार की ओर देखा, जो युवा, दुबली और सुडौल, सुंदर और सेक्सी थी। मैंने उसके होठों पर अपनी उंगली फिराई और कहा, "" क्या आप अपने नाम रुखसार का अर्थ जानतेी हो? इसका अर्थ है सुंदर चेहरा और। आप सच में बहुत सुंदर हैं। "मैंने कहा। रुखसार, तुम मेरी सबसे खूबसूरत बेगम और कजिन हो और मैं चाहता हूँ कि तुम्हें पता चले कि मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ।"

एक रानी की तरह। उसने रिच प्योर सिल्क गोल्ड जरी बॉर्डर सिल्क लो हिप साड़ी पहनी हुई थी। वह सिर से पैर तक भारी सोने और हीरे के गहनों से सजी हुई थी, जो उसके सुंदर सुडौल, सेक्सी जलती हुई कामुक शरीर को दिखा रही थी। उसकी चौड़ी अभिव्यंजक बड़ी आँखें काजल के साथ सजी हुई थीं, भारी अतिरिक्त-बड़े, बड़े उछलते हुए, अनार के जैसे विशाल फर्म स्तन उत्तेजक रूप से झूल रहे थे, दुबले फ्रेम और पारदर्शी ब्लॉउज से बाहर निकले हुए फर्म बड़े खड़े निपल्स के साथ इन पहाड़ी जैसे स्तन उजाग थे। चमेली के फूलों के धागों ने उसकी मोटी रेशमी जांघ की लंबाई की लंबी चोटी को सजाया गया था। वह बेशक एक सुंदर और सेक्सी कामुक लड़की थी जो स्त्री रूप और कामुकता का प्रतीक थी।

रुखसार ने भी एक शुद्ध रेशमी लाल और मलाईदार सफेद मिश्रित कढ़ाई वाली साड़ी पहनी हुई थी, जिसमें भारी सोने की ज़री का बार्डर था जो उसके पारदर्शी ब्लाउज को कवर करती थी, लेकिन उसकी गहरी और बड़ी दरार दिखा रही थी।

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एक रानी की तरह। उसने रिच प्योर सिल्क गोल्ड जरी बॉर्डर सिल्क लो हिप साड़ी पहनी हुई थी। वह सिर से पैर तक भारी सोने और हीरे के गहनों से सजी हुई थी, जो उसके सुंदर सुडौल, सेक्सी जलती हुई कामुक शरीर को दिखा रही थी। उसकी चौड़ी अभिव्यंजक बड़ी आँखें काजल के साथ सजी हुई थीं, भारी अतिरिक्त-बड़े, बड़े उछलते हुए, अनार के जैसे विशाल फर्म स्तन उत्तेजक रूप से झूल रहे थे, दुबले फ्रेम और पारदर्शी ब्लॉउज से बाहर निकले हुए फर्म बड़े खड़े निपल्स के साथ इन पहाड़ी जैसे स्तन उजाग थे। चमेली के फूलों के धागों ने उसकी मोटी रेशमी जांघ की लंबाई की लंबी चोटी को सजाया गया था। वह बेशक एक सुंदर और सेक्सी कामुक लड़की थी जो स्त्री रूप और कामुकता का प्रतीक थी।

रुखसार ने भी एक शुद्ध रेशमी लाल और मलाईदार सफेद मिश्रित कढ़ाई वाली साड़ी पहनी हुई थी, जिसमें भारी सोने की ज़री का बार्डर था जो उसके पारदर्शी ब्लाउज को कवर करती थी, लेकिन उसकी गहरी और बड़ी दरार दिखा रही थी।

नवाबी खानदानी निकाह Nawabi Khandani Nikah Part 29

नवाबी खानदानी निकाह | Nawabi Khandani Nikah | Part 29

जैसे-जैसे मैं करीब आया रुखसार ने अपनी आंखें बंद कर लीं, मेरे होंठ उसके गालो से जुड़े मैंने उसका पूरा फायदा उठाया और पीछे की ओर मैंने उसकी गर्दन और उसके कंधो को चूम लिया। मैं फिर से ऊपर गया और धीरे से अपनी जीभ से उसके गालो को चाट लिया। वह काँप उठी। जैसे ही मैं उसके कान के पास पहुँचा और धीरे से उसके कान के लोब को चूसा, उसकी साँस धीमी हो गई।

"मैं तुम्हें चोट नहीं पहुँचाने जा रहा हूँ, सिर्फ एक चुंबन," मैंने एक हाथ से उ उसका हाथ पकड़े हुए उसके कान में फुसफुसाया।

मैंने उसे धीरे से उसका चेहरा अपनी ओर खींच लिया। वह थोड़ा फुसफुसाई मैंने कुशलता से उसके होठों को चूम लिया और उसके ओंठो को चूसने लगा । वह क्या कर रही थी, इसके बारे में एक बार भी विचार किए बिना, उसने अपने शरीर को मेरी ओर झुका लिया और मुझे वापस चूमा।

मैंने अपने निचले होंठ के साथ अपनी जीभ उनके मुँह में डाल कर उसे मजबूर किया और उसने अपना मुँह खोला और मेरी जीभ उसकी जीभ से मिल गयी। मैंने उसके हाथों को छोड़ दिया और अपने हाथों को नीचे लाया, उन्हें रुखसार की छाती और कंधों पर घुमाया और अंत में उन्हें उसके गले में डाल कर उसे करीब खींच लिया।

अब मेरी बारी थी, उसकी खुशबू, उसके स्वाद से भस्म हो जाने की। मैं अब उसे चखा तो मन किया उसकी मासूमियत लूट लू और उसकी उत्तेजना को जगा कर खुद को उसमे समेट दू।

रुखसार मेरे मुंह के खिलाफ कराह रही थी मेरे हाथ धीरे-धीरे उसकी पीठ के चारों ओर घूमते रहे, अपना रास्ता बनाते हुए, धीरे से उसके तंग नितंबो को सहलाते रहे। जैसे ही मैंने खुद को उसके खिलाफ दबाया, वह कराह उठी, धीरे से चुंबन से वह दूर हुई और उसने मेरी ओर देखा, उसके गाल फूल गए थे और चूमने से उसके होंठ सूज गए थे और तीव्र जुनून के साथ चमक उठे थे।

वह उसे बिस्तर से खड़ा किया, और गर्दन और कंधों को चूमा, चमेली की सुगंध की सुगंध ली और कहा, "तुम सेक्सी और रोमांचक हो।" मैंने उसे खड़ा किया और उसे घुमा दिया

उसकी साड़ी ने उसकी नाभि से नीचे बंधी हुई थी और उसके पेट और कमर की पूरी त्वचा दिखाई दे रही थी। वह बहुत मोहक लग रही थी। उसकी बड़ी-बड़ी काजल से सजी अभिव्यंजक सुंदर आमंत्रित करती हुई बड़ी सुंदर आँखें हर जगह घूम रही थीं।

उसके अतिरिक्त बड़े, गोल और लटके हुए भारी स्तन गर्व से खड़े हुए थे और स्पष्ट रूप से ब्लाउज और साड़ी से बाहर निकले हुए थे। उसके सुंदर लंबे मोटे जेट-काले चमकदार रेशमी चिकने, चमकदार रेशमी बाल बड़े करीने से बीच में बंटे हुए थे, जो एक जांघ की लंबाई की चोटी में बंधे थे और सोने के हेयरपिन सजी थी। साफ-सुथरी छोरों के साथ उसकी चौड़ी मोहक मोटी चोटी उसके उभरे हुए बड़े नितंबों के ठीक नीचे बालों के बैंड के साथ जकड़ी हुई थी और उसकी नितम्बो के नीचे जांघों तक पहुँचती थी और खूबसूरती से बंधे हुए लंबे चमेली के फूलों के धागों से सजी हुई थी और मोहक रूप से जैसे वह चली तो उसके विशाल और बड़े चूतड़ों के साथ झूल रही थी॥

उसने साडी सेक्सी और बोल्ड तरह से पहनी हुई थी। गहने उसकी प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ा रहे थे । वह एक समृद्ध सुंदर सेक्सी लंबे बालों वाली हूर थी जो मेरे बिस्तर पर मुझे मजे देने के लिए जन्नत से आयी थी। वह आकर्षण, सौंदर्य और कामुकता से भरपूर थी। जब उसकी पीठ मेरी और हुई तो मैंने देखा उसका ब्लाउज लगभग बैकलेस था। पतले धागों की सिर्फ दो डोरियों से उसके बदन पर टिका हुआ था और मैं उसकी पीठ को पूरी तरह से तब तक देखता रहा जब तक मेरी आँखे उसकी चूतड़ों की दरार पर जा कर नहीं टिक गयी।

मैंने संगीत रिकॉर्ड बजाया और हलके संगीत की धुन पर मैं रुखसार के साथ नाचने लगा। मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर के चारों ओर डाला, उसके नितंबों तक ले गया; दूसरा हाथ उसकी कांख के नीचे रखकर उसे गले से लगा लेिया। फिर हम नाचने लगे। नाचते-नाचते मैं उसके चूतड़ों को दबाने लगा और उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए। फिर मैंने रुखसार के मुंह के अंदर उसकी जीभ की जांच की और उसकी जीभ चूसने लगा।

जैसा कि मैंने बताया कि रुखसार बहुत तेज थी और इस तरह के मूड में थी कि उसने मेरे पाजामा के ऊपर मेरे कठोर लंड को छुआ और मालिश की और फिर दबाना शुरू कर दिया और फिर संगीत बदला तो वह मोरनी की तरह संगीत पर झूमने लगी। जब संगीत की धुन फिर बदली तो मैंने उसकी प्रशंसा की आपके डांस मूव्स बहुत ही आकर्षक और मस्त थे। वह अद्भुत था। फिर हमने दुबारा संगीत की धुन में युगल नृत्य करना शुरू कर दिया, मैंने अपना बायाँ हाथ उसकी दाहिनी बगल के नीचे रख दिया और उसे जबरदस्ती अपनी ओर खींच लिया। अपनी दाहिनी हथेली से, मैंने उसके स्तनों को दबाना शुरू किया और उसके चेहरे और होंठों को चूमने लगा। वह मेरे पायजामा के अंदर मेरे खड़े हुए लंड को छू रही थी और हमने 5 मिनट तक डांस किया।

वह बहुत मोहक थी। उसने डांस के दौरान अपनी पीठ दिखाई, और फिर मोहक दृष्टि से अपना सिर आगे की ओर कर लिया। उसके स्तन, पतला पेट, संकरी कमर और उसका पिछला भाग उसकी पीठ और उसके नितम्ब दिखाई दे रहे थे और उसके चेहरे और आँखों के भाव इतने मोहक थे और इसने मुझे बहुत मुश्किल में डाल दिया। मेरा लंड कठोर हो गया था और मेरे पायजामा में उभार ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

मेरा दाहिना कंधा उसके बाएँ कंधे से रगड़ रहा था और मैं उसके करीब झुक कर कहने लगा, "तुम इस पोशाक में कमाल की लग रही हो तुम कमाल हो। तुम कितनी अच्छी और हॉट लग रही हो।"

मुझे उससे हंसी या शर्माने की प्रतिक्रिया की उम्मीद थी, लेकिन मैंने सपने में भी यह उम्मीद नहीं की थी कि वह-वह वाक्य कहेगी जो मैंने सुना था।

उसने कहा, "हाँ, मैं हूँ।"

यह सुनते ही मैं उसके करीब गया और उसके होठों को चूम लिया। उसने बदले में मुझे चूमा।

मैं उसके करीब हुआ और उसे अपनी बाहों में ले लिया और उसके होठों को बहुत जोश से चूमने लगा। उसके होंठ मेरे मुँह में जेली की तरह लग रहे थे; नरम, और स्वादिष्ट। मैंने उसके होठों को चूमा और मेरे शरीर के अंदर आग जल रही थी। मैं आगे हुआ और अपना दाहिना हाथ उसकी पीठ, गांड और स्तन पर ले गया। मैंने उसके स्तन पकड़ लिए और उसके होठों को चूमते हुए उन्हें दबाने लगा। ऐसा लगा जैसे मैं एक फुटबॉल पकड़ रहा था क्योंकि उसके बड़े स्तन अब और भी बड़े हो गए थे।

मैंने उसके पूरे चेहरे को चूमा और उसकी गर्दन को चूमने लगा। मैंने उसके कान को चाटा और धीरे से उन्हें चूमा। मैं उसके स्तनों को चूमने के लिए और नीचे चला गया।

मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया और ब्रा को ढीला कर दिया और उसके स्तनों को उसके कपड़े से चूसा और फिर नीचे उसके पेट पर चला गया। मैंने उसके पेट में नाभि को चूमा और मैं उसकी सांसों को जोर से कराहते हुए सुन सकता था। मुझे उसकी वह आवाज बहुत पसंद आयी। मैंने उसकी नाभि को चाटा और उसी समय मेरे हाथ उसके स्तन दबा रहे थे और मैं फिर उसके होठों को चूमने लगा।

इस बार उसने मेरी पीठ के चारों ओर मंडराने के लिए मेरे शर्ट के अंदर हाथ डाला, और फिर मेरे चेहरे पर चुंबन करना शुरू कर दिया। उसने मेरी छाती को चूमा और फिर मेरी गर्दन और फिर मेरे कानों को चूमने के लिए ऊपर चली गई। वह शरारती हो रही थी, और मैंने इसे अगले स्तर पर ले जाने का फैसला किया।

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मैंने उसके पूरे चेहरे को चूमा और उसकी गर्दन को चूमने लगा। मैंने उसके कान को चाटा और धीरे से उन्हें चूमा। मैं उसके स्तनों को चूमने के लिए और नीचे चला गया।

मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया और ब्रा को ढीला कर दिया और उसके स्तनों को उसके कपड़े से चूसा और फिर नीचे उसके पेट पर चला गया। मैंने उसके पेट में नाभि को चूमा और मैं उसकी सांसों को जोर से कराहते हुए सुन सकता था। मुझे उसकी वह आवाज बहुत पसंद आयी। मैंने उसकी नाभि को चाटा और उसी समय मेरे हाथ उसके स्तन दबा रहे थे और मैं फिर उसके होठों को चूमने लगा।

इस बार उसने मेरी पीठ के चारों ओर मंडराने के लिए मेरे शर्ट के अंदर हाथ डाला, और फिर मेरे चेहरे पर चुंबन करना शुरू कर दिया। उसने मेरी छाती को चूमा और फिर मेरी गर्दन और फिर मेरे कानों को चूमने के लिए ऊपर चली गई। वह शरारती हो रही थी, और मैंने इसे अगले स्तर पर ले जाने का फैसला किया।

नवाबी खानदानी निकाह Nawabi Khandani Nikah Part 30

नवाबी खानदानी निकाह | Nawabi Khandani Nikah | Part 30

मैंने उसे ऐसे कस कर गले लगाया जैसे दो प्रेमी लम्बे बिछोह के बाद मिले हो। मैं बहुत बेताब था क्योंकि मैंने पिछले कुछ दिनों में चुदाई नहीं की थी और मेरी अन्य तीन पत्नियों ने मुझे बहुत उकसाया , लेकिन वह मुझे उन्हें छूने की भी इजाजत नहीं दे रही थीं, फिर एक पल के लिए भी बिना सोचे-समझे, मैंने मेरे दोनों हाथ रुखसार की कांख के नीचे रख दिए और उसे गोदी में उठा लिया। फिर धीरे-धीरे, मैंने उसकी फिसल कर के कमर के बीचों-बीच आ गए और मैंने उसे कसकर जकड़ लिया। जब से हम व्यस्क हुए थे उसके बाद यह पहली बार था, जब हमारे शरीर इस तरह के आलिंगन में एक साथ जुड़ गए थे। रुखसार ने अपनी टांगों को मेरी कमर के चारों ओर लपेट लिया और उसके हाथ मेरे कंधे के चारों और लिपट गए रुखसार के बड़े स्तनो ने मेरे चेहरे को दबा दिया।

जैसे ही रुखसार के पैर जमीन से छूटे और उसके हाथ मेरी गर्दन पर टेके और फिर मैंने अपने गिरफ्त नीचे की तो उसका शरीर नीचे की ओर खिसकने लगा और हम दोनों के योनि क्षेत्र आपस में रगड़ने लगे। जल्द ही वह नीचे खिसक गई और मुझे अपने सीने में रुखसार के स्तनों का कोमल स्पर्श और दबाव महसूस हो रहा था, जो एक नरम तकिए की तरह थे और मैं अपने चेहरे पर रुखसार की गर्म सांसों को महसूस कर रहा था। मैंने उसके चेहरे और बालों की मीठी सुगंध को सूंघा।

मेरा चेहरा उसके चेहरे से सिर्फ एक इंच की दूरी पर था। तुरंत, मेरा लंड पूरा कठोर हो गया। उसी समय, रुखसार ने भी अपने क्रॉच क्षेत्र में मेरे उभरे हुए कड़े लंड को महसूस किया और बोल्ड रुखसार ने मेरे लंड पर अपना योनि क्षेत्र दबा दिया

रूखसार शरारती होने के कारण अचानक मुझे छेड़ना चाहती थी इसलिए उसने अपने कुछ बाल मेरे नाक में डाल दिए और मुझे छींक आ गई, जिससे मेरा संतुलन बिगड़ गया। हम दोनों घूमते हुए बिस्तर पर गिर पड़े। मैं रुखसार के नीचे था।

इस अप्रत्याशित रूप से गिरने के कारण, मेरे दोनों हाथ रुखसार के स्तनों को पकड़े हुए थे क्योंकि उसके ऊपर के शरीर का सारा भार मेरे हाथों पर था और मेरे होंठ रुखसार के होठों से दब गए थे। इस क्षण भर की घटना से सब कुछ बदल गया, एक सनसनी और करंट हमारे दोनों शरीरों में बह गया।

मैंने अपना हाथ हिलाया और स्तनों से हटाया तो वह मेरी छाती से चिपक गयी और मैंने उसे गले से लगा लिया और कस कर भींच लिया और उसके गालों में चूमा और अंत में अपने गर्म होंठों को उसके होठों पर रख दिया। मैंने रुखसार के होठों को अलग किया और अपनी जीभ उसके मुंह के अंदर दाल दी। मेरी जीभ ने उसकी जीभ को छुआ और हम चुंबन करने लगे ।

मेरे हाथ धीरे-धीरे उसकी पीठ पर घूमते रहे, अपना रास्ता बनाते हुए, धीरे से उसके तंग नितंबो को सहलाते रहे और उसने खुद को मेरे लंड के खिलाफ दबाया, और फिर मुझे अब उसके स्तन थोड़े कठोर महसूस हुए और उसके निप्पल अब मुझे चुभ रहे थे क्योंकि उसका ब्लाउज अस्त व्यस्त हो गया था। मैंने उसकी दुल्हन की पोशाक की बनारसी रेशमी साड़ी का पल्लू हटा दिया, और उसके स्तनों को सहलाया और फिर टॉप को निकाल दिया और दोनों स्तनों को दबाने से खुद को रोक सका। मैंने उसे पलटा, चित्त लिटाया और उसके ऊपर झुक गया और उसके निप्पल उसके खड़े स्तन के ऊपर पहाड़ की चोटियों पर सैनिक तैनात हो। दोनों स्तन गोल आकार में थे और उस पर निप्पल थोड़ा गुलाबी था और छोटे हल्के भूरे रंग के घेरे से घिरा हुआ था। वे चबाने और चखने के लिए बिलकुल त्यार पकी हुई छोटी चेरी के समान लग रहे थे। मैंने उन्हें चूमा, फिर अपनी जीभ को छोटे गुलाबी निप्पल के चारों ओर लपेटा और दूसरे को अपनी उंगली से घुमाया। वे सख्त हो गए थे और थोड़े और बड़े हो गए। मैं एक से दूसरे पर गया। और अपने दोनों स्तनों के बीच मेरे सिर को आगे-पीछे किया।

वो अपने हाथ मेरी पीठ पर पीछे ले गयी, वह कराह रही थी, "ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, सलमान ओह मेरे दूल्हे।"

मैंने अपनी जीभ उसके पेट को नीचे ले गया, मैंने उसके पेट पर नाभि में अपनी जीभ को घुमाया और फिर मैंने उसकी साड़ी की गाँठ खोल दी और उसे निकाल दिया। अब रुखसार केवल पेटीकोट में थी और ऊपरी हिस्से पर उसने गहने पहने हुए थे ।

रुखसार ने भी मेरा कुरते की डोरियों को खोल दिया और साथ में मेरा पायजामा भी निकाल दिया और फिर मेरा अंडरवियर नीचे किया और मेरा बड़ा लंड एक दम उछाल कर निकल आया। अपने जीवन में, वह पहली बार एक असली लंड को इतने नजदीक से देख रही थी। उसने अर्शी की चुदाई के समय मेरा लंड पहले दूर से देखा था । जब अर्शी लंड को दिखाते हुए बोली थी रुखसार देख रुखसार तेरी चूत भी इसी लंड से फटेगी!!! पर अपने सामने 8" आकार का बड़ा काले रंग का मोटा सांप जैसा लंड देखना एक अलग ही अनुभव था जिसके नीचे दो बड़ी गेंदें लटक रही थीं। मेरी जांघो के बालो को मेरी तीनो बेगमो ने आज ही मुझे नहलाते समय साफ़ किया था और लंड टुनक कर ऊपर और नीचे धड़क रहा था। जिज्ञासा के साथ, वह लंड को करीब से देखने के लिए नीचे झुक गई।

वो गौर से लंड को देख रही थी पर उसने लंड को छुआ नहीं मैंने उसका एक हाथ लिया और अपने लंड के पास ले गया और कहा, "इसे महसूस करो।" फिर मैंने रुखसार के कोमल स्पर्श को लंड पर महसूस किया और मैं मजे से चिल्लाया, "ओह्ह्ह।"

मेरी बगल में होना, चूमना, अपने स्तनों को सहलावाना, रगड़वाना उसे बहुत अच्छा लगा था और मेरे से लिपटना चिपटना बेशक सुखद था लेकिन मेरे लंड को छूना एक अलग ही एहसास था और उसने लंड को छोड़ा तो वह वैसे ही खड़ा रहा तो उसे लंड के कड़ेपन का एहसास हुआ और उसने उसे फिर से पकड़ लिया और एक बार पूरे लंड पर हाथ फिराया। रुखसार लंड को छू कर से सोच कर नर्वस हो गयी की इतना बड़ा उसकी चूत के छेद में जब जाएगा जो उसका क्या हाल करेगा, उसने दुसरे हाथ से अपनी कुंवारी चूत को छुआ तो चूत को उतनी ही गीली और गर्म महसूस किया। उसने उत्साह में भर कर मुझे वापस चूमा। मैंने उठकर अपनी ड्रेस उतार दी और पूरा नंगा हो गया और मेरा लंड पहले से ही खम्भे की तरह खड़ा था और उसे रुखसार पकडे हुई थी।

रुखसार ने लंड को सहलाते हुए कामुक संवेदनाये महसूस की और उसे मेरा लंड अपने के हाथ में होना रोमांचक लगा। रुखसार उस रात पहली बार के सेक्स को लेकर काफी नर्वस थीं। वह न केवल एक कुंवारी थी बल्कि बहुत सुंदर, नाजुक और कमसिन भी थी। मेरे विशाल मोटे लंड की को पास से देख और छु कर और महसूस कर वह हैरान और उत्तेजित थी उसने अर्शी की चुदाई देखि थी और दूर से जितना उसे लगा था वास्तव में मेरा लंड उसकी तुलना में उसे बहुत बड़ा लगा और इस विशाल लंड के अपने शरीर में प्रवेश करने के विचार ने उसके शरीर को झकझोर कर रख दिया।

फिर रुखसार ने मेरे बड़े और विशाल लंड को देखा उसे अर्शी का पहली चुदाई का किस्सा याद आया की कैसे अर्शी मेरा पूरा लंड लेते हुए चिल्लाई थी और फिर वह मेरे लंड को अपनी छोटी से चूत में जाने की कल्पना करते हुए वह घबरा गई। फिर उसने सोचा की अगर उससे छोटी उसकी कजिन अर्शी कितनी खुशी से मेरा बड़ा लंड पूरा ले पा रही थी और चुदाई का भरपूर आनंद ले रही थी और उससे पहले सबसे छोटी जूनि भी इस लंड का स्वाद ले चुकी थी और उसने उसे कई बार मेरे साथ अपनी चुदाई के किस्से सुनाये थे की उसने मेरे साथ चुदाई में कितने मजे लिए है तो वह भी इसे ले लेगी। वह इस लंड और मेरे साथ चुदाई का अनुभव करना चाहती थी। वह चाहती थी कि अब हमारे शरीर मिलें। लेकिन वह किसी अज्ञात चीज से डरती थी। वह जानती थी कि मैं उसे चोट नहीं पहुँचाउंगा। वह जानती थी कि पहली चुदाई में बड़े लंड में दर्द थोड़ा ज्यादा होगा लेकिन वह मेरे साथ अपना कौमार्य खोने के लिए तैयार थी क्योंकि एक तो उसका निकाह मेरे साथ हुआ था मैं ही उसका शौहर था और ये तय तह की एक न एक दिन उसे मेरे से ही चुदना था दूसरा उसने अपनी कजिन और बहनो को जिनका निकाह भी मेरे ही साथ हुआ था उन्हें मेरे साथ चुदाई के दौरान मजे लेते हुए देखा सुना था।

मेरे पास पहले से ही उसे मूड में लाने के लिए एक प्लान था जिसे मैं अपने तीनो बेगमो के साथ कामयाबी से आजमा चुका था। फिर अपने प्लान के हिसाब से मैंने उसे चूमा और उसे प्यार किया। उसके कान और गर्दन पर चूमा कर जीभ को घुमाया। मैंने उसके-उसके कान के लोब चूसा और उसके कानों के किनारों को चाटा और उसकी गर्दन को चूमा तो वह उत्तेजित हो कर कराहने लगी और मजे से कांप गयी मैं थोड़ा और नीचे चला गया और उसके गहने उतारे और प्यारे स्तनों को चूमा और उसके निप्पलों को चूसा और चाट लिया। वह धीरे से कराह रही थी और मेरी अपनी पीठ और नितम्बो पर अपने नाखूनों का इस्तेमाल कर रही थी। इस बीच मैं उसके खड़े निप्पल को चाटता रहा।

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