इसी दौरान बिस्तर पर लेटे-लेटे और अपनी छोटी बहन की गरम सिसकियों को सुनते हुए ज़ीनत आपा को अपनी चूत में कसमसाहट महसूस हुई।
अपनी चूत पर खारिस करने के लिए ज़ीनत आपा ने ज्यों ही अपने हाथ से दुबारा अपनी चूत को छुआ तो ना सिर्फ़ ज़ीनत आपा के नीचे की चादर उसी की चूत के पानी से गीली हो गई। बल्कि उनका अपना हाथ भी उस की अपनी चूत के बहते पानी से भीग-सा गया।
अपनी चूत की इस काफियत पर ज़ीनत सन्न रह गई। क्योंकि उस ने तो कभी खवाब में भी नहीं सोचा था कि जूनी की चुदाई देख कर उनकी चूत अपना पानी इस तरह छोड़ने लगेगी कि उनकी चूत से निकलता हुआ पानी चूत से निकल-निकल कर उस की मोटी गान्ड की तरफ बहने लगेगा। उन्हें ये महसूस करके बहुत हैरत हुई।
नवाबी खानदानी निकाह | Nawabi Khandani Nikah | Part 16
सेक्स... एक ऐसा शब्द जिसको नवजात शिशुओं को छोड़कर हर कोई जानता है। दैनिक आधार पर हम प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कितनी ही घटनाये देखते हैं और देख सकते हैं जिनसे हम आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं कि कैसे लोग सेक्स के लिए मानसिक रूप से निराश हैं। चाहे रोड पर गन्दा कमेंट करने वाला कोई लड़का हो या छत के किसी कोने पर छूप कर किसी से कोई बात कर रहा हो या मोबाइल पर कोई परम देख या पढ़ रहा हो या फिर किसी लड़की को बुरे तरीके से घुरता हुआ कोई बुड्ढा अंकल हो या ओपन ब्लाउज से अपनी एसेट्स को दिखाती कोई लड़की या महिला हो। सेक्स का हर कोई प्यासा होता है, समय पर सेक्स करना उनका हक है कुदरती जरूरत है। लकिन ये हर किसी को टाइम पर नहीं मिल पाता, अगर मिल पाता तो कितनो की लाइफ में कभी भी कोई गलत कदम उठा ही नहीं होता।
उस दिन शाम को जब खेत से लोटा तो देखा की जूनि मेरे इंतज़ार में हवेली के गेट पर खड़ी थी। मुझे देखते ही शर्माकर अंदर चली गयी और खाना खिलाते वक़्त जब जीनत चल रही थी तो ज़ीनत की बड़ी-बड़ी गांड़ हौले-हौले हील रही थी और उसकी टाइट साड़ी से उसकी अंड़रवियर का उभार साफ़ दिख रहा था जिसे देख कर मेंरा लण्ड़ बुरी तरह से खड़ा हो गया। खाना खिलाने के बाद जूनि मेरे सामने खड़ी हुई शर्मा रही थी तो मुझे उसकी इस मनमोहक अदा पर बड़ा प्यार आया।
मेरे मुंह तो नया-नया खून (या चूत कहें?) लगा ही था। इधर ज़ीनत आपा भी पीरियड्स में कसमसा रहा थी और जूनि ने पहली बार चुदाई का मजा लिया था। दोनों कजिन्स आँखों ही आँखों में अपनी प्यास ज़ाहिर कर रही थी। जीनत आपा भी चुदाई के लिए बेचैनी से तिलमिला उठी थी।
जूनि का शर्मिलापन मेंरे लिये काफ़ी सुखद और आकर्षक था और जूनि का शानदार जिस्म, गोरा बदन, सुंदर चेहरा, बेह्तरीन चिकनी जांघे, बाहर की तरफ़ निकलती हुई गोल-गोल गांड और मदहोश करने वाली रसीली शानदार उभारों वाली उसकी दोनों छातियाँ।
मेंरा ध्यान पूरी तरह से जूनि की कड़्क जवानी के रस से भरपूर छातीयों पर ही था। झिनी साड़ी के भीतर से दिखने वाले उसकी छाती के क्लिवेज का तो मैं दिवाना बन गया था और मैं भी उसे बुरी तरह से घूर रहा था तो जीनत और जूनि दोनों पूरी तरह से समझ गयी थी कि मैं जूनि के कौन से अंग को निहार रहा हूँ। वह बुरी तरह से झेंप गयी, लेकिन हाय रे उसकी शरम वह चाह कर भी मेंरे सामने अपना पल्लु ठीक नहीं किया और मैं उसके शर्म का भरपूर फ़ायदा उठाते हुए उसके जिस्म को घूरने का पूरा मजा लेने लगा।
उसे देख मेरा लंड़ खड़ा हो गया और मुझे ऎसी ईच्छा हुई कि मैं इसे तुरंत नंगी कर ड़ालू और उसकी रसीली छातियों में भरे हुए जवानी के रस को जी भर कर पिऊ। कमसिन लड़की एक रात की चुदाई में ही चुदासी हो गयी थी मैंने उसे गोद में उठाया और चूमते हुए बिस्तर पर ले गया।
वो मेरे बिस्तर में ही मेरे साथ लेट गयी और हमने आज खेत पर क्या-क्या काम किया मैंने उसे सब बताया।
उस दिन खेत पर बहुत काम था इसलिए मैं बहुत थका हुआ था सो लेट गया और उसे चूमता रहा और उसकी दांई गांड़ से अपना हाथ घुमाते हुए उसकी बाई गांड़ पर घुमाते हुए उसके कमर और पीठ पर घुमाते हुए जूनि के कंधो पर रख दिया।
मेंरे हाथ उसके कंधो पर ठीक उसकी ब्रा की पट्टी पर थे, अब मैंने अपनी ऊंगलियों को ढीला छोड़ दिया और अब वह ठीक उस जगह के उपर थी जहाँ से उसके स्तन का उभार शुरु हो रहा था। बाते करते-करते मैं जूनि के बूब्स को दबाने लगा ।
जूनि बोली आज इतना काम किया है तो थक गए होंगे मेरी बांहो में ही सो जाओ, मैंने देखा की ज़ीनत आपा बहुत दुखी थी की ऐसी कमसिन अल्हड जिस्म की मल्लिका को छोड़ सलमान उसके पास तो बड़ी मुश्किल से ही आएगा।
में जैसे ही जूनी के साथ लेटा तो ज़ीनत भी मेरे बिस्तर पर मुझसे चिपक कर लेट गयी,। अब एक तरफ जीनत मेरे साथ चिपकी हुई थी और एक तरफ जूनि मेरे साथ चिपकी हुई थी और मैं उन दोनों को बारी-बारी किश कर रहा था। मैंने सोचा काश मेरी बाकी दोनों बीबियाँ आरसी और रुक्सार भी मेरे पास होती तो उनको नीचे और ऊपर लेता कर बॉक्स बना देता।
खैर चूँकि मैं थका हुआ था मैं 2 घंटे जम कर सोया और दोनों कजिन्स भी मेरे साथ ही सो गयी और जागने के बाद जीनत को चूमते-चूमते मैं उसके बूब्स को दबाने लगा।
जीनत की सांसे कुछ तेज हो गई थी और वह जरा जोर से गहरी सांस ले रही थी। गहरी सांसे लेने के कारण उसके स्तन उपर नीचे हो रहे थे, जब उसके दोनों स्तन उपर की तरफ़ उठते तो मेंरी उंगलियाँ उसके स्तनों के उभार शुरु होने वाले स्थान से काफ़ी नीचे तक अपने आप चली जाती और उसके स्तन का काफ़ी हिस्सा उससे छुआ जाता। मैं जीनत के शरीर से उसी तरह चिपका हुआ था जैसे लोहा चुंबक से। लेकिन इस तरह स्तन के छुआने से मेंरे लिये खुद पर कबू रखना मुश्किल हो रहा था। फिर मैं अपना हाथ जीनत की नरम गांड़ के पास ले गया, चार पांच बार हल्के से अपने हाथ को उसकी गांड़ से टकराने के बाद मैंने अपना हाथ हिलाना बंद कर दिया और मेंरा हाथ अब उसकी गांड़ से चिपक गया। 30-40 सेकण्ड़ तक उसी तरह से अपना हाथ का उपरी भाग उसकी गांड़ पर रखने के बाद मैंने फ़िर से अपने हाथ को घुमा लिया और अपनी हथेली को उसकी गांड़ से लगा दिया, अब उसकी गांड़ मेंरी हथेली में थी। मैंने अपनी हसीना की गांड़ को जरा जोर से दबा दिया और उसकी गांड़ में हल्के से हाथ घुमाते हुए उसकी अंडरवियर को तलाशते हुए अपना हाथ उसकी अंडरवियर के उभार पर रख दिया।
जब मैंने ज़ीनत की गांड़ को जरा जोर से दबाया तो ज़ीनत ने कहा की कोई हर्ज़ नहीं है सलमान आज मेरे पीरियड्स का चौथा दिन है अब पीरियड्स बहुत हलके ही गए हैं और तुम तो मेरे को पीरियड्स में ही चोद दो और बोली तुम तो सिर्फ पड़े रहो तुम्हारा लंड खड़ा कर के में ही ऊपर से चोदूंगी और तुम्हारे को जन्नत की हूर कैसे चोदती है वह दिखाऊंगी।
में भी बड़ा लकी हूँ सारी कजिन्स किसी हीरोइन से कम नहीं थी, ज़ीनत सुष्मिता की तरह, जूनि तब्बू की तरह, रुक्सार रवीना जैसी और आरसी अमिशा जैसी। जूनि और रुखसार पतली कमर वाली, तो आरसी के पतले बदन पर हड्डिया बहुत सेक्सी थी।