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नवाबी खानदानी निकाह | Nawabi Khandani Nikah

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इसी दौरान बिस्तर पर लेटे-लेटे और अपनी छोटी बहन की गरम सिसकियों को सुनते हुए ज़ीनत आपा को अपनी चूत में कसमसाहट महसूस हुई।

अपनी चूत पर खारिस करने के लिए ज़ीनत आपा ने ज्यों ही अपने हाथ से दुबारा अपनी चूत को छुआ तो ना सिर्फ़ ज़ीनत आपा के नीचे की चादर उसी की चूत के पानी से गीली हो गई। बल्कि उनका अपना हाथ भी उस की अपनी चूत के बहते पानी से भीग-सा गया।

अपनी चूत की इस काफियत पर ज़ीनत सन्न रह गई। क्योंकि उस ने तो कभी खवाब में भी नहीं सोचा था कि जूनी की चुदाई देख कर उनकी चूत अपना पानी इस तरह छोड़ने लगेगी कि उनकी चूत से निकलता हुआ पानी चूत से निकल-निकल कर उस की मोटी गान्ड की तरफ बहने लगेगा। उन्हें ये महसूस करके बहुत हैरत हुई।

नवाबी खानदानी निकाह Nawabi Khandani Nikah  Part 16

नवाबी खानदानी निकाह | Nawabi Khandani Nikah | Part 16

सेक्स... एक ऐसा शब्द जिसको नवजात शिशुओं को छोड़कर हर कोई जानता है। दैनिक आधार पर हम प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कितनी ही घटनाये देखते हैं और देख सकते हैं जिनसे हम आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं कि कैसे लोग सेक्स के लिए मानसिक रूप से निराश हैं। चाहे रोड पर गन्दा कमेंट करने वाला कोई लड़का हो या छत के किसी कोने पर छूप कर किसी से कोई बात कर रहा हो या मोबाइल पर कोई परम देख या पढ़ रहा हो या फिर किसी लड़की को बुरे तरीके से घुरता हुआ कोई बुड्ढा अंकल हो या ओपन ब्लाउज से अपनी एसेट्स को दिखाती कोई लड़की या महिला हो। सेक्स का हर कोई प्यासा होता है, समय पर सेक्स करना उनका हक है कुदरती जरूरत है। लकिन ये हर किसी को टाइम पर नहीं मिल पाता, अगर मिल पाता तो कितनो की लाइफ में कभी भी कोई गलत कदम उठा ही नहीं होता।

उस दिन शाम को जब खेत से लोटा तो देखा की जूनि मेरे इंतज़ार में हवेली के गेट पर खड़ी थी। मुझे देखते ही शर्माकर अंदर चली गयी और खाना खिलाते वक़्त जब जीनत चल रही थी तो ज़ीनत की बड़ी-बड़ी गांड़ हौले-हौले हील रही थी और उसकी टाइट साड़ी से उसकी अंड़रवियर का उभार साफ़ दिख रहा था जिसे देख कर मेंरा लण्ड़ बुरी तरह से खड़ा हो गया। खाना खिलाने के बाद जूनि मेरे सामने खड़ी हुई शर्मा रही थी तो मुझे उसकी इस मनमोहक अदा पर बड़ा प्यार आया।

मेरे मुंह तो नया-नया खून (या चूत कहें?) लगा ही था। इधर ज़ीनत आपा भी पीरियड्स में कसमसा रहा थी और जूनि ने पहली बार चुदाई का मजा लिया था। दोनों कजिन्स आँखों ही आँखों में अपनी प्यास ज़ाहिर कर रही थी। जीनत आपा भी चुदाई के लिए बेचैनी से तिलमिला उठी थी।

जूनि का शर्मिलापन मेंरे लिये काफ़ी सुखद और आकर्षक था और जूनि का शानदार जिस्म, गोरा बदन, सुंदर चेहरा, बेह्तरीन चिकनी जांघे, बाहर की तरफ़ निकलती हुई गोल-गोल गांड और मदहोश करने वाली रसीली शानदार उभारों वाली उसकी दोनों छातियाँ।

मेंरा ध्यान पूरी तरह से जूनि की कड़्क जवानी के रस से भरपूर छातीयों पर ही था। झिनी साड़ी के भीतर से दिखने वाले उसकी छाती के क्लिवेज का तो मैं दिवाना बन गया था और मैं भी उसे बुरी तरह से घूर रहा था तो जीनत और जूनि दोनों पूरी तरह से समझ गयी थी कि मैं जूनि के कौन से अंग को निहार रहा हूँ। वह बुरी तरह से झेंप गयी, लेकिन हाय रे उसकी शरम वह चाह कर भी मेंरे सामने अपना पल्लु ठीक नहीं किया और मैं उसके शर्म का भरपूर फ़ायदा उठाते हुए उसके जिस्म को घूरने का पूरा मजा लेने लगा।

उसे देख मेरा लंड़ खड़ा हो गया और मुझे ऎसी ईच्छा हुई कि मैं इसे तुरंत नंगी कर ड़ालू और उसकी रसीली छातियों में भरे हुए जवानी के रस को जी भर कर पिऊ। कमसिन लड़की एक रात की चुदाई में ही चुदासी हो गयी थी मैंने उसे गोद में उठाया और चूमते हुए बिस्तर पर ले गया।

वो मेरे बिस्तर में ही मेरे साथ लेट गयी और हमने आज खेत पर क्या-क्या काम किया मैंने उसे सब बताया।

उस दिन खेत पर बहुत काम था इसलिए मैं बहुत थका हुआ था सो लेट गया और उसे चूमता रहा और उसकी दांई गांड़ से अपना हाथ घुमाते हुए उसकी बाई गांड़ पर घुमाते हुए उसके कमर और पीठ पर घुमाते हुए जूनि के कंधो पर रख दिया।

मेंरे हाथ उसके कंधो पर ठीक उसकी ब्रा की पट्टी पर थे, अब मैंने अपनी ऊंगलियों को ढीला छोड़ दिया और अब वह ठीक उस जगह के उपर थी जहाँ से उसके स्तन का उभार शुरु हो रहा था। बाते करते-करते मैं जूनि के बूब्स को दबाने लगा ।

जूनि बोली आज इतना काम किया है तो थक गए होंगे मेरी बांहो में ही सो जाओ, मैंने देखा की ज़ीनत आपा बहुत दुखी थी की ऐसी कमसिन अल्हड जिस्म की मल्लिका को छोड़ सलमान उसके पास तो बड़ी मुश्किल से ही आएगा।

में जैसे ही जूनी के साथ लेटा तो ज़ीनत भी मेरे बिस्तर पर मुझसे चिपक कर लेट गयी,। अब एक तरफ जीनत मेरे साथ चिपकी हुई थी और एक तरफ जूनि मेरे साथ चिपकी हुई थी और मैं उन दोनों को बारी-बारी किश कर रहा था। मैंने सोचा काश मेरी बाकी दोनों बीबियाँ आरसी और रुक्सार भी मेरे पास होती तो उनको नीचे और ऊपर लेता कर बॉक्स बना देता।

खैर चूँकि मैं थका हुआ था मैं 2 घंटे जम कर सोया और दोनों कजिन्स भी मेरे साथ ही सो गयी और जागने के बाद जीनत को चूमते-चूमते मैं उसके बूब्स को दबाने लगा।

जीनत की सांसे कुछ तेज हो गई थी और वह जरा जोर से गहरी सांस ले रही थी। गहरी सांसे लेने के कारण उसके स्तन उपर नीचे हो रहे थे, जब उसके दोनों स्तन उपर की तरफ़ उठते तो मेंरी उंगलियाँ उसके स्तनों के उभार शुरु होने वाले स्थान से काफ़ी नीचे तक अपने आप चली जाती और उसके स्तन का काफ़ी हिस्सा उससे छुआ जाता। मैं जीनत के शरीर से उसी तरह चिपका हुआ था जैसे लोहा चुंबक से। लेकिन इस तरह स्तन के छुआने से मेंरे लिये खुद पर कबू रखना मुश्किल हो रहा था। फिर मैं अपना हाथ जीनत की नरम गांड़ के पास ले गया, चार पांच बार हल्के से अपने हाथ को उसकी गांड़ से टकराने के बाद मैंने अपना हाथ हिलाना बंद कर दिया और मेंरा हाथ अब उसकी गांड़ से चिपक गया। 30-40 सेकण्ड़ तक उसी तरह से अपना हाथ का उपरी भाग उसकी गांड़ पर रखने के बाद मैंने फ़िर से अपने हाथ को घुमा लिया और अपनी हथेली को उसकी गांड़ से लगा दिया, अब उसकी गांड़ मेंरी हथेली में थी। मैंने अपनी हसीना की गांड़ को जरा जोर से दबा दिया और उसकी गांड़ में हल्के से हाथ घुमाते हुए उसकी अंडरवियर को तलाशते हुए अपना हाथ उसकी अंडरवियर के उभार पर रख दिया।

जब मैंने ज़ीनत की गांड़ को जरा जोर से दबाया तो ज़ीनत ने कहा की कोई हर्ज़ नहीं है सलमान आज मेरे पीरियड्स का चौथा दिन है अब पीरियड्स बहुत हलके ही गए हैं और तुम तो मेरे को पीरियड्स में ही चोद दो और बोली तुम तो सिर्फ पड़े रहो तुम्हारा लंड खड़ा कर के में ही ऊपर से चोदूंगी और तुम्हारे को जन्नत की हूर कैसे चोदती है वह दिखाऊंगी।

में भी बड़ा लकी हूँ सारी कजिन्स किसी हीरोइन से कम नहीं थी, ज़ीनत सुष्मिता की तरह, जूनि तब्बू की तरह, रुक्सार रवीना जैसी और आरसी अमिशा जैसी। जूनि और रुखसार पतली कमर वाली, तो आरसी के पतले बदन पर हड्डिया बहुत सेक्सी थी।

To be Continued

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जब मैंने ज़ीनत की गांड़ को जरा जोर से दबाया तो ज़ीनत ने कहा की कोई हर्ज़ नहीं है सलमान आज मेरे पीरियड्स का चौथा दिन है अब पीरियड्स बहुत हलके ही गए हैं और तुम तो मेरे को पीरियड्स में ही चोद दो और बोली तुम तो सिर्फ पड़े रहो तुम्हारा लंड खड़ा कर के में ही ऊपर से चोदूंगी और तुम्हारे को जन्नत की हूर कैसे चोदती है वह दिखाऊंगी।

में भी बड़ा लकी हूँ सारी कजिन्स किसी हीरोइन से कम नहीं थी, ज़ीनत सुष्मिता की तरह, जूनि तब्बू की तरह, रुक्सार रवीना जैसी और आरसी अमिशा जैसी। जूनि और रुखसार पतली कमर वाली, तो आरसी के पतले बदन पर हड्डिया बहुत सेक्सी थी।

नवाबी खानदानी निकाह Nawabi Khandani Nikah  Part 17

नवाबी खानदानी निकाह | Nawabi Khandani Nikah | Part 17

फिर ज़ीनत आपा बोली मैं आती हूँ दो मिनट में और मैं अपनी चारो बीबियो की ख़ूबसूरती के बारे में सोच रहा था .

आपा आयी और बोली सलमान कल खेत पर काफी काम था और आप थक गए थे तो चलिए पहले थोड़ा फ्रेश हो जाईये। आपके स्नान के लिए आपका स्नानघर आपका इन्तजार कर रहा है । उसने स्नानागार की ओर इशारा किया। वाशरूम में एक छोटा स्टूल रखा हुआ था और उसके दाईं ओर गर्म पानी का एक बड़ा कुंड था। स्नानघर से पहले एक छोटा कपड़े बदलने का कमरा भी है . कमरे में प्रवेश करने पर ज़ीनत ने मेरी बाईं ओर इशारा किया और कहा, "सलमान यहाँ कपड़े उतारो. " दीवार पर मेरे कपड़े टांगने के लिए कई हुक थे और वहां बोथ टॉवल लटका हुआ था । और ज़ीनत बाथ रूम में चली गयी मैंने जल्दी से कपड़े उतारे और अपने कपड़े टांग दिए और फिर बाथ टॉवल अपने चारों ओर लपेट लिया। जैसे ही मैंने बाथ टॉवल को बंद किया, ज़ीनत एक धातु की बाल्टी लेकर वापस आ गई। लेकिन सबसे खास बात यह थी कि उसने अपना लाल रंग का नाईटगाउन अब निकाल दिया था । उसकी जगह एक बड़े सफेद तौलिये ने ले ली थी जिसे ज़ीनत ने अपने बायें हाथ के नीचे बांध रखा था। और सोचने के लिए, मैंने सोचा था कि मेरा लंड तो पहले से ही कड़ा था कठोर था! अब मेरा लंड फुल ऑन, फुल लेंथ पर पूरा उग्र था !

मैंने उसके पीछे बाथरूम में प्रवेश किया जैसे ही मैंने फर्श पर कदम रखा वह फिर बोली, "पहले हम धोते हैं, फिर स्नान करते हैं।" "हम"? उसका क्या मतलब था हम? ज़ीनत स्टूल के पास गई और बाल्टी नीचे रख दी। उसने मुझे अपने पास आने और स्टूल पर बैठने का इशारा किया।

मैंने अपने होश में इससे पूर्व पहले कभी किसी महिला के साथ स्नान नहीं किया था, और इसी कारण से विशेष रूप से मे लंड खड़ा हो गया था ।जैसे ही मैं स्टूल के पास रुका, मेरे प्रश्न का उत्तर मिल गया। ज़ीनत ने तुरंत अपना तौलिया खींच दिया और उसे स्टूल के ठीक सामने दीवार से जुड़ी एक छोटी कपड़े की छड़ पर लपेट दिया। जब वह वापस मुड़ी और अपने पूरे खूबसूरत नग्न शबाब में मेरे सामने खड़ी हो गयी और उसके होठों से एक मुस्कान और एक हल्की सी हंसी छूट गई। मेरा मुंह खुला हुआ था और लटक रहा था और मेरा इरेक्शन बाथ टावल के दो फड़कों से बाहर झाँक रहा था ।

फिर उसने मेरा टॉवल खोलना शुरू कर दिया।

मैं बस हेडलाइट्स के बीच में एक हिरण की तरह खड़ा था क्योंकि उसने मेरे टावल को खींच लिया और टावल को उसी कपड़े की छड़ पर लटका दिया, मैं पूरा नग्न उसके सामने था और मेरा 8 इंच का लंड उसके सामने गर्व से खड़ा हो गया।

"बैठिये ।" उसने स्टूल की ओर इशारा करते हुए और बाल्टी को पकड़ते हुए कहा।

"आपा मुझे माफ़ कीजियेगा ," मैंने सीट लेते हुए उससे कहा। "मुझे इसकी आदत नहीं है।" और आपको देख कर मुझे जो होता है वो तो मैंने आपको बताया ही है इसी कारण देखो मेरा लंड बिलकुल कड़ा हो गया है .

"यह सामान्य है. बस तुम इसके मजे लो ," उसने बाल्टी से साबुन के स्पंज को खींचते हुए उत्तर दिया और मेरे कंधों को सहलाना शुरू कर दिया, "मुझे भी इसकी आदत नहीं है।"

हालाँकि मैं आपा की चुदाई कई बार कर चूका था लेकिन कभी भी मैंने इससे पहले इस तरह मैं नहाया नहीं था जहाँ एक लड़की या स्त्री या महिला मुझे पूरा नंगा करके और खुद भी पूरा नंगी हो होकर मुझे नहलाय.

मैं आपा से नज़रें नहीं हटा पा रहा था। आपा के स्तन ठोस और दृढ़ थे, जिनके बीच में गहरे गुलाबी रंग के छोटे-छोटे गोले और कठोर हो चुके निप्पल थे। उसकी त्वचा एक चिकनी और गोरे रंग की थी, जो उनके के कोमल कर्व्स और टोंड टांगों से बहुत आकर्षक लग रही थी। लंबी नाजुक उंगलियों और मैनीक्योर किए हुए नाखूनों के साथ उसकी बाहें भी बहुत सुंदर लग रही थी । और उसकी योनि क्षेत्र पर हल्के बाल उग आये थे जिन्हे उन्हों साफ़ कर दिया था और योनि के थोड़ा ऊपर उसके सिर के बालो के रंग का एक छोटा त्रिकोण पैच बना लिया था । मेरी राय में, वह महिला सौंदर्य की सबसे उत्तम आकृति है। उसने पिछले दिनों का उपयोग अपनी काया को और सुंदर बनाने के लिए किया था .

उसने मुझे स्पंज करना शुरू कर दिया पानी बहुत हल्का कुनकुना गर्म था . और मैं केवल बैठ और देख सकता था क्योंकि वह मेरे चारों ओर शान से घूम रही थी, मेरे सिर के ऊपर से मेरे पैरों के नीचे तक हर आखिरी इंच स्पंज से धो रही थी। कभी-कभी हमारी नजरें मिलतीं और वह मुझ पर मुस्कुराती, खासकर जब उसने मेरे लंड को धोने की प्रक्रिया शुरू की। ज़ीनत ने मेरे सामने घुटने टेक दिए और खुद को मेरे पैरों के बीच में कर लिया। मेरे खड़े लंड को अपने बाएं हाथ में धीरे से पकड़े हुए उसने धीरे-धीरे मेरे लंड को ऊपर से नीचे और फिर नीचे से ऊपर तक साबुन के स्पंज से थपथपाया। जब साबुन की झाग के कारण जब वह दिखाई नहीं दे रहा था, तो उसने स्पंज को वापस बाल्टी में रख दिया और दोनों हाथों से मुझे नीचे से ऊपर तक सहलाया। भावना अवर्णनीय थी! उसके कोमल हाथ मेरे लंड के ऊपर और नीचे फिसल रहे थे, साबुन से पर्याप्त रूप से चिकनाई थी और मैं लगभग स्खलित होने वाला था । और उसे पूरा यकीन था कि वह एक भी जगह नहीं चूकेगी। ऊपर से नीचे तक धीमे लेकिन दृढ़ स्ट्रोक के साथ, वह जल्दी से मुझे बिना किसी वापसी के बिंदु पर ला रही थी। जब मैंने जोर लगाना शुरू किया तो वह रुक गई और मेरे लेंस से उसने अपने हाथ को हटा लिया ।

ज़ीनत ने अपने चेहरे पर अजीब भाव से मेरी ओर देखा और जैसी उसकी आँखे बोली आपको यहाँ इस तरह स्खलित नहीं होना है और कहा, "अब हम धोते हैं।"

ज़ीनत मेरे सिर के ऊपर से बाल्टी उठाकर खड़ी हो गई। उसने मेरी तरफ कदम बढ़ाया, मैं उसकी गंध को बहुत स्पष्ट रूप से सूंघ सकता था, पहले उसने मेरे ऊपरबाल्टी का बचा हुआ पानी डाला गया, सभी अंगो को एक बार फिर झाग से धो दिया.

यह थोड़ा कम अच्छा था, लेकिन मुझे फिर भी अच्छा लगा क्योंकि इसमें जीनत आप के कोमल हाथो का स्पर्श शामिल था । जैसे ही मैंने अपनी आँखों से पानी पोंछा ज़ीनत ने लगभग तुरंत एक और बाल्टी पानी लिया । मैंने उसे फिर से बाल्टी उठाते हुए देखा और अपनी आँखें बंद कर लीं। इस बार पानी गर्म पहले त्से थोड़ा ज्यादा गर्म था, लेकिन साबुन की सुगंध के बिना था । जैसे ही यह मेरे शरीर पर पड़ा, मैंने वास्तव में साफ महसूस किया।

"अब हम नहाते हैं," उसने कहा और भाप के पानी के कुंड की ओर इशारा किया।

जैसे ही मेरा दाहिना पैर पानी में घुसा, मैं लगभग चौंक गया कि यह काफी गर्म था, लगभग दर्दनाक होने के बिंदु तक। कुछ झिझकने वाले क्षणों के बाद मैं पानी के ऊपर अपने सिर और कंधों के साथ आराम करते हुए, गर्म पानी में चला गया और नीचे झुक कर बाथ गया । ज़ीनत वापस छोटे कमरे में चली गयी और पानी की एक और बाल्टी लेकर लौट आयी । वह स्टूल पर बैठ कर सिर से पांव तक खुद को साबुन लगाने लगी। मैं वास्तव में शो का आनंद ले रहा था . उसने खुद को ऊपर उठाया, यह देखते हुए कि उसके निपल्स कितने सख्त हो गए जब उसने अपने गोल स्तन धोए । जब उसने साबुन लगाना समाप्त किया तो उसने अपने सिर पर बचा हुआ पानी डाला और सारा झाग धो दिया। फिर से उसने एक और बाल्टी निकाली और गर्म कुंड में आने से पहले खुद को फिर से धोया।

"सलमान आपको पसंद आया ?" उसने धीरे से पानी में सरकते हुए पूछा

ईमानदारी से बोलों तो मैं नहीं जानता था कि वह किस बारे में बात कर रही थी। क्या उसका मतलब था कि क्या आपको अपना स्नान पसंद आया ? या उसका मतलब था कि क्या आप जो देख रहे हो वह आपको पसंद आया ? यह देखकर कि वह मेरे को उत्तेजित कर रही है और मेरा लंड खड़ा हुआ है मुझे लगता है कि वह बता जानती थी कि मुझे उसके स्नान का नजारा और उसके साथ स्नान करना और अपना इस तरह से स्नान बहुत पसंद आया है । मैंने एक आसान उत्तर चुना और कहा "हाँ। मुझे बहुत पसंद आया ।"

तब वह मुस्कुराई और कहा, "अच्छा।" और फिर मेरे पास आयी और मेरे से चिपक गयी और हमने कुछ देर किश की और उसने मेरे अंगो को छेड़ा और मैंने उसके अंगो को सहलाया , गर्म पानी के इस स्नान से मैं बिलकुल तरोताजा हो गया.

ज़ीनत पूल से बाहर निकली और दो बड़े तौलिये निकाले। एक को अपने चारों ओर लपेटकर उसने मुझे पानी से बाहर आने के लिए कहा, जिस पर उसने मुझे सिर से पाँव तक सुखाया। ज़ीनत को वापस बाथ टावल डालने के बाद मुझे वापस सोने के कमरे में ले गयी और लेटने के लिए कहा । लेटते ही मैंने अपनी खूबसूरत बड़ी बेगम की तरफ देखा।

"बहुत खूब!" मैंने अपने बगल में बैठी सुंदरता की युवा मूर्त अपनी बेगम को देखते हुए कहा, "यह अविश्वसनीय और शानदार था!"

"शुक्रिया !" उसने एक हल्के से झुकते हुए उत्तर दिया.

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ज़ीनत पूल से बाहर निकली और दो बड़े तौलिये निकाले। एक को अपने चारों ओर लपेटकर उसने मुझे पानी से बाहर आने के लिए कहा, जिस पर उसने मुझे सिर से पाँव तक सुखाया। ज़ीनत को वापस बाथ टावल डालने के बाद मुझे वापस सोने के कमरे में ले गयी और लेटने के लिए कहा । लेटते ही मैंने अपनी खूबसूरत बड़ी बेगम की तरफ देखा।

"बहुत खूब!" मैंने अपने बगल में बैठी सुंदरता की युवा मूर्त अपनी बेगम को देखते हुए कहा, "यह अविश्वसनीय और शानदार था!"

"शुक्रिया !" उसने एक हल्के से झुकते हुए उत्तर दिया.

नवाबी खानदानी निकाह Nawabi Khandani Nikah  Part 18

नवाबी खानदानी निकाह | Nawabi Khandani Nikah | Part 18

जब आपा झुकी तो मैंने उनका टॉवल खींच कर उनके बदन से अलग किया और दूर फेंक दिया।

ज़ीनत आपा ने दिन में पूरे शरीर की वैक्सिंग और अभी नहाने के बाद शरीर पर तेल लगाया था, जिससे शरीर पर बालों का नामोनिशान नहीं था, जिसके कारन कंधो से लेकर कमर तक उसकी नरम गोरी त्वचा से ढका नाजुक बदन बल्ब की रौशनी में संगमरमर की तरह चमक रहा था। मैं सर झुकाकर अधखुली आँखों से जीनत के नंगे खूबसूरत शरीर को देखने लगा। उसके स्तन कठोर होकर समाने की तरफ तने हुए थे, जब उसने अपनी तनी हुई चुचियाँ को मुझे ताकते हुए देखा तो ज़ीनत की सांसे तेज हो गयी। उसकी गरम-गरम सांसे मक्खन जैसे मुलायम गोरे-गोरे सुडौल स्तनों पर से होती हुई चुचियों पर जाकर लग रही थी। वह बला की खूबसूरत लग रही थी। उसके स्तन अभी भी किसी कुंवारी लड़की की तरह सुडौल, ठोस और सामने की तरफ तने हुए थे। वह दूसरी तरफ जाने लगी

मैं जीनत को अपने से दूर और फिर अपनी तरफ आते हुए देखता रहा, वह थोड़ा घुम कर मेरे पास दूसरी तरफ रखे कुछ फल और मेवे उठा लायी मैं उसे आते और जाते हुए देखता रहा उसके हर कदम के साथ उछलते, दोल स्तनों और कुल्हे और चूतडो में संतुष्टि का एक भाव था, चाल में एक मादकता थी।

फिर वह मेरे पास बैठी और मुझे चूम लिया औअर मैंने भी उनके चुंबन का जवाब दिया। आपा ने फिर अंगूरों का गुच्छा मेरे आगे कर दिया और बोली नहाने के बाद-बाद मेरे बच्चे को भूख लगी होगी। , मैंने अंगूर खाया नहीं। तो ज़ीनत आपा ने ओंठो में बड़ी अदा से अंगूर दबाया और अपने ओंठ मेरे पास ले आयी और जैसे चिड़िया अपने चूजों को अपनी चोंच में भर कर खाना खिलाती है वैसे ही अपने ओंठ में अंगूर रखकर मेरे पास अपने ओंठ ले आयी।

आपा ने मेरे की को गले लगा लिया और जोर से मेरे से लिपट गयी और मेरी की बांह के ऊपर सिरे पर हलके-हलके हाथो से सहलाने लगी।

ज़ीनत आपा के लिपट जाने से उसके स्तन और चूची मेरे सीने से टकराने लगे। मुझे भी ज़ीनत के स्तन और चुचियो का अहसाह हो रहा था, ज़ीनत ने अपनी बांहों का कसाव बढ़ा दिया और स्तन और चूची ज्यादा कसकर मेरे सीने से रगड़ने लगी। इस रगडन से मेरे लंड में हल्की-सी हरकत हुई। उसे मेरा कड़ा लंड अपने बदन पर चुबता हुआ महसूस हुआ।

उसके कोमल शरीर को उसका अहसास साफ साफ़ हो रहा था, उससे चिपकी होने की वजह से वह मेरे लंड के अन्दर के तनाव को अपनी नाजुक कमर के निचले हिस्से और केले के तने जैसी चिकनी नरम गुदाज जांघो और चुतड़ो पर महसूस कर रही थी।

हल्की मादक कराह के साथ ज़ीनत ने अपन चेहरा बिलकुल मेरे सामने किया, मेरी आँखों में हल्का आश्चर्य था, इससे पहले मैं ज़ीनत की आंखे और पढ़ पाता, ज़ीनत ने अपने भीग चुके होठो को मेरे ओठो पर रख दिया, तो मैने आपा के ओंठो को चूम लिया और अंगूर को मेरे ओंठो पर दबाया और मैंने ओंठ नहीं खोले और अंगूर अंदर नहीं लिया। तो आपा ने मेरी आँखों में देखा और मुझे उनके दूध की तरफ देखते हुए पाया तो वह समझ गयी मुझे क्या चाहिए।

वो थोड़ी ऊपर हुई और अपने स्तन को मेरे ओंठो के पास लायी और बोली ओह मेरा बच्चा दूधु पियेगा और मैंने उसकी चूची पर अपनी जीभ फिराई और फिर आपा ने स्तन को जोर से मेरे ओंठो पर दबा दिया तो मैं उनकी चूची चूसने लगा, फिर मैं उन्हें छोटे बच्चे की तरह चूसने लगता। फिर आपा ने कुछ देर बाद अपना दूसरा स्तन मेरे मुँह में दे दिया और मैं जीभ घुमा-घुमा कर चाटते हुए चूसने लगा ..., कुछ देर तक मैं उनकी चूचिया चूसने लगा और बीच-बीच में चुचियो पर अपने दांत गडा देता, तो ज़ीनत के मुहँ से सीत्कार भरी सिसकारी फूट पड़ती।

तो ज़ीनत ने अब अपने मुँह में लिया हुआ अंगूर एक हल्की मादक कराह के साथ अपना चेहरा बिलकुल मेरे सामने किया और ज़ीनत ने अपने भीग चुके होठो को मेरे ओठो पर रख दिया और अंगूर को मेरे ओंठो पर दबाया और मैंने ओंठ नहीं खोले अंगूर अंदर नहीं लिया। तो आपा ने अंगूर को आधा काट कर दबा दिया और उस अंगूर कर रस मेरे मुँह में बहने लगा।

गजब स्वाद था इस अंगूर का। रसभरा और मीठा जो आपा की लार से और मीठा हो गया था। आपा मेरे ओंठ चूसने लगी और मैं अपने ओंठ चुसवा रहा था धीरे से साँस लेटे हुए ज़ीनत ने अपने ओठ खोलकर अपनी जीभ को मेरे दांतों के बीच से होते हुए उसके मुहँ की तरफ ठेल दिया वह अपनी जीभमेरे मुहँ में डालकर डीप किस कर रही है।

दोनों के मुहँ की लार एक में मिलने लगी। ज़ीनत आपा अपनी जबान से मेरी जबान चूस रही थी चूम रही थी। उनकी बड़े-बड़े स्तनों से भरी पूरी छाती, मेरे सीने से टकरा रही थी। मैं आपा के दोनों स्तनों का भरपूर कसाव दबाव अपने सीने पर महसूस कर पा रहा है, आपा की सांसे तेज चल रही और उसका पूरा शरीर उत्तेजना के कारन कांप रहा था।

उधर आपा की कराहे सुन कर जूनि भी जग गयी थी और वह लेटी-लेटी चुपचाप पहले तो हमें चूमते और चाटते हुए देखती रही। फिर कुछ देर बाद उसने भी ने भी अपने हाथ ज़ीनत आपा की कमर पर रख दिए और हलके-हलके सहलाते हुए पीठ पर ऊपर बांहों तक ले जाने लगी, थोड़ी देर के बाद सहलाने से ज़ीनत आपा के बदन का कसाव मेरे बदन पर बढ़ गया, पीठ पर ऊपर की तरफ हाथ ले जाकर मैं भी ज़ीनत आपा को बाहो में कसने की कोशिश करने लगा। जिससे पहले से ही सीने से रगड़ रहे कुचल रहे ज़ीनत के बड़े स्तन और कसकर मेरे सीने से रगड़ने लगे। ज़ीनत आपा के शरीर की कंपकपी बता रही थी की उनकी उत्तेजना बहुत बढ़ गयी है, जूनि को भी ज़ीनत आपा की कंपकपी से उनकी उत्तेजना पता लग रही थी, ये सेक्स की लालसा जूनि और मेरे को भी उत्तेजित कर रही थी और जीनत की हरकतों से जूनि और मेरी उत्तेजना और बढ़ रही थी।

ज़ीनत और मेरे अन्दर वासना का समन्दर हिलोरे मार रहा था ऐसे में जूनि कहाँ से खुद को रोक पाती। ज़ीनत ने मेरे ओठो से ओठ हटा लिए, जूनि अपने चेहरे को मेरे गालो पर रगड़ने लगी, मेरे कानो में फूंक मारने लगी। इसी बीच जूनि का एक हाथ ज़ीनत के स्तन को मसलते हुए दोनों के चिपके शरीरो के बीच से फिसलता हुआ जीनत की छाती तक पंहुच गया और जूनि अपने हाथ से जीनत आपा के स्तनों को दबाने लगी।

दूसरी तरफ ज़ीनत की कमर के आस पास एक नयी झुनझुनी दौड़ गयी जब मेरा एक हाथ ज़ीनत की मखमली नरम जांघ पर हाथ फेरते हुए आगे कमर की तरफ बढ़ने लगा।

तो जीनत एक दम से रुक गयी और अलग हो गयी और धीरे से मेरे हाथ अपने स्तनों पर रख कर उन्हें दबाने लगी मानो कह रही हो सलमान आपको आज केवल मेरे स्तन दबाने की इजाजत हैं बाकी सब मैं करुँगी।

खैर फिर ज़ीनत ने मेरे को खूब प्यार किया मुझे चूम और मेरे ओंठ चूसे और मेरे निप्पल्स को अपने थूक गिला कर खूब चाटा और फिर धीरे से मेरे जिस्म को सहलाते हुए ज़ीनत का हाथ मेरे लंड तक पंहुच गया था उसने लंड को कसकर पकड़ लिया।

ज़ीनत ने जैसे ही मेरे लंड को पकड़ा वैसे ही मेरी कमर ने उत्तेजना की कारन झटके लगने शुरू हो गए थे, जीनत ने एक हाथ से गरम, खून से भरे मांस की गरम राड, लोहे की तरह सख्त लंड को कसकर पकड़ा, दुसरे हाथ से उसने मेरे टॉवल गाउन को किनारे कर निकाल दिया और-और लंड को बाहर निकाल लिया, मेरा बड़ा कठोर लंड पत्थर की तरह कठोर हो चूका था। ज़ीनत ने लंड को जड़ से पकड़कर जोर से ऊपर नीचे किया और अपनी जीभ से अपने ओठो को गीला किया और तेज खून के बहाव के चलते कांपते लोहे की तरह सख्त हो चुके लंड को भूखी नजरो से देखते हुए ज़ीनत ने फुर्ती से पास रखा एक आयल निकाला और अपने हाथ पर तेल डाला और लंड के चारो और तेजी से हाथ ऊपर नीचे करने लगी। ज़ीनत का हाथ नीचे जाते ही तेल से सना सुपाड़ा चमकने लगता और ऊपर आते ही ज़ीनत के हाथ में गुम हो जाता। तेल लगाने से अब ज़ीनत के हाथ आसानी से मेरे लंड पर फिसल रहे थे।

जैसे जैसे जीनत खड़े लंड पर हाथ फिराने को लयदार करती उसी तरह मेरी कमर झटके मारती रही। मामला अब मेरे नियंत्रण से बिल्कुल बाहर था जो जीनत कर रही थी उसी के हिसाब से मेरा शरीर अपनी प्रतिक्रिया दे रहा था। धीरे-धीरे ज़ीनत ने स्ट्रोक्स की रफ़्तार बढ़ा दी, बीच-बीच में उत्तेजना से सुख रहे ओठो पर अपनी जुबान फिराती रहती। अब उसने लंड पर हथेली की कसावट और तेज कर दी थी और अपनी पूरी स्पीड से लंड के अपने हाथ को ऊपर नीचे करने लगी। तभी लंड के सुपाड़ा फूलने लगा तो ज़ीनत ने हाथो के ऊपर नीचे करने की स्पीड कम कर दी और फिर धीरे-धीरे सुपाडे को दबाते हुए प्यार से उंगलियाँ लंड के सुपाडे पर फिराने लगी।

To be Continued

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जैसे जैसे जीनत खड़े लंड पर हाथ फिराने को लयदार करती उसी तरह मेरी कमर झटके मारती रही। मामला अब मेरे नियंत्रण से बिल्कुल बाहर था जो जीनत कर रही थी उसी के हिसाब से मेरा शरीर अपनी प्रतिक्रिया दे रहा था। धीरे-धीरे ज़ीनत ने स्ट्रोक्स की रफ़्तार बढ़ा दी, बीच-बीच में उत्तेजना से सुख रहे ओठो पर अपनी जुबान फिराती रहती। अब उसने लंड पर हथेली की कसावट और तेज कर दी थी और अपनी पूरी स्पीड से लंड के अपने हाथ को ऊपर नीचे करने लगी। तभी लंड के सुपाड़ा फूलने लगा तो ज़ीनत ने हाथो के ऊपर नीचे करने की स्पीड कम कर दी और फिर धीरे-धीरे सुपाडे को दबाते हुए प्यार से उंगलियाँ लंड के सुपाडे पर फिराने लगी।

नवाबी खानदानी निकाह Nawabi Khandani Nikah  Part 19

नवाबी खानदानी निकाह | Nawabi Khandani Nikah | Part 19

मैं बेड पर चित लेटा हुआ था और जीनत मेरे लंड की टोपी पर अपने नरम उंगलिया फिरा रही थी । फिर उसे लंड को छोड़ा और मुझे किस किया। मेरे लेटे हुए होने और ज़ीनत के उस प्यार के कारण मेरा लंड किसी सांप की तरहा खड़ा झूमने लगा था।

फिर से उसने फूले हुए, खून से भरे फड़कते तने लंड को पकड़ कर नीचे की तरफ झुकी और पोजीशन बनाकर ऐसे झुकी की लंड उसके मुहँ के सामने आ गया। जब लंड की टोपी ज़ीनत के मुहँ से बस एक इंच दूर रहा गयी तो आपा ने थोड़े से ओठ खोले और एक हल्की-सी फूंक लंड की टोपी पर मारी। और उसकी फूक के साथ उसका कुछ थूक लंड पर गिरा पर लंड इतना गर्म था कि लंड पर से भाप उठने लगी और जिसे देख ज़ीनत की आँखे चौड़ी हो गयी उसकी उंगलियों ने हलके-हलके फिर से लंड को रगड़ना शुरू कर दिया था।

मैं दर्द और मजे से कराहने लगा। आह आह! उसके बाद ज़ीनत ने ओठो पर जीभ फिरा कर उसको गीला किया। और फिर लंड की एक बार किश किया । लंड से भाप फिर उठने लगी और आपा को स्वाद अच्छा लगा आपा ने मेरे लंड पर फिर मैं ने झुक कर लंड की टोपी से अपने होंठ मिला दिए. अब आपा ने के लंड की टोपी का ऐक लंबा किस लिया फिर जब आपा ने अपने होन्ट लंड की टोपी से हटाये तो टोपी के सुराख से परिकम का ऐक कतरा निकल आया। फिर थोड़ा-सा और झुक कर ओंठ खोले पूरी जीभ बाहर निकाल ली। जीभ का अगला हिस्सा सुपाडे के छेद तक पंहुच गया था। आपा ने अपनी ज़बान से कतरे को पूरी टोपी पर फेला दिया और फिर मैं टोपी को मुँह में लेकर चूसने लगी।

प्रीकम की बूंदों के स्वाद ने ज़ीनत की हवस और बढ़ा दी। अब उसकी काम वासना और ज्यादा भड़क गयी, काफ़ी देर तक आपा ने लंड की टोपी को चूसा फिर वह मेरे लंड को चारों तरफ से अपनी ज़बान से चूम और फिर चाटने लगी। आपा जितनी हवस की भूख को शांत करने की कोशिश करती उतना ही हवस की आग भड़कती जा रहा थी।

आपा से लंड चटवाने का मेरा ये पहला सेक्स एक्सपीरियेन्स था, इस लिए मैं अपनी आन्खै बंद किए मदहोश हो रहा था। आपा अब पागलों की तरह चारों तरफ से मेरे लंड की टोपी को चाट रही थी ।

ज़ीनत के जीवन में ये पहला मौका था जब वह लंड चूस रही थी। आज उन्होंने अपने शौहर का लंड पहली बार मुहँ से लगाया था। एक दो बार लंड की टोपी चाटने के बाद ज़ीनत ने थोड़े और ओठ चौड़े किये और मुहँ खोला। धीरे से मेरे के लंड की टोपी के चारो ओर ओंठो का घेरा बना लिया। लार से सनी लसलसी जीभ अब लंड की टोपी के चारो ओर घूम रही थी।

मेरी सेक्सी कराहे उसकी उत्तेजना के साथ बढ़ रही थी, ज़ीनत अपने हाथ को फिर से लंड की जड़ में ले गयी और लंड के सुपाडे के थोड़ा-सा और मुहँ के अन्दर ठेल दिया, देखते ही देखते, खून से भरा लाल सुपाडा ज़ीनत के गीले और गरम मुहँ में समा गया। फिर आपा ने मेरा पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया जो आप के गले के अंदर तक गया फिर वह मेरा लंड दबा कर मज़े से चूसने लगी। जैसे ने ज़ीनत ने लार से भरा मुहँ से मेरे हिलते हुए लंड के सुपाडे को पहली बार चूसा, मेरे मुहँ से हल्की-सी मादक आह निकल गयी।

इस बीच मैंने जूनि की तरफ देखा जूनि दूसरी तरफ लेटी हुई मेरे लंड की चुसाई देख रही थी और उसके हाथ अपने बूब्स को दबा रहे थे ।

ज़ीनत की लार से सनी गुनगुनी जीभ मेरे फूले हुए लाल टोपी के चारो तरफ नाच रही थी बीच-बीच में मुहँ खोलकर वह अपनी लम्बी जीभ लंड पर फिराती हुई नीचे की तरह ले जाती और फिर शरारतपूर्ण तरीके से वापस मुहँ में ले आती और ओंठो से लंड को चूस लेती।

ज़ीनत के लंड के सुपाडे पर जीभ फिरा रही थी। सुपाडे को जीभ से चाट रही थी और फिर चूस रही थी जैसे कोई लोलीपोप चूसता है।

उसके बाद ज़ीनत ने मेरे लंड की टोपी को कसकर ओठो से जकड लिया। ओठ बंद करके और धीरे-धीरे अपना सर हिला कर टोपी चूसने लगी, जैसे बच्चे टॉफी चूसते है, मैं मजे ले रहा था और बेसाख्ता कामुक लम्बी कराहे भर रहा था। मेरा लंड उत्तेजना के कारण फटने की स्थिति में थाl

कुछ देर बाद अचानक मेरा हाथ ज़ीनत के सर तक पंहुच गया, और आपा के बालो को मजबूती से पकड़ लिया और उसके सर को नीचे की तरफ ठेलने लगा। ज़ीनत इस तरह के हमले के लिए तैयार नहीं थी। उसे पूरा लंड गटकना पड़ा। मेरा लम्बा बड़ा लंड उसके ओठो को चीरता हुआ, खुरधुरी जीभ पर से गुजरता हुआ ज़ीनत के गले तक पंहुच गया जिससे उन्हें लगा की उनका गला घो स घुट रहा है अन्दर की साँस अन्दर रह गयी बाहर की बाहर। कुदरती तौर पर उनको को तेज खांसी आ गयी लेकिन मुहँ में पूरा लंड होने की वजह से घुट कर रह गयी।

ज़ीनत ने मुहँ से ही लम्बी साँस ली और मेरे लंड की जड़ के चारो ओर सख्ती से अपने ओठ कसे दिए और इससे ज़ीनत के मुहँ में मेरे फूले हुए कठोर लंड पर ज़ीनत के दांत लग सकते थे ये बात ज़ीनत भली भांति जानती थी।

ज़ीनत ने अपना हाथ मेरे हाथ पर रखा और हाथ पीछे किया जो मुझे रुकने को सन्देश था। फिर ज़ीनत आपा ने झटके से-से खुद को अलग किया, खांसी और फिर कुछ लम्बी साँस ली, जैसे किसी का कुछ देर तक गला दबाये रखो फिर छोड़ दो। ज़ीनत की हालत भी कुछ ऐसी हो गयी थी। उसने दो तीन सांसे जोर-जोर से ली फिर बोली आप मुझे अपने तरीके से चूसने दो। मैंने पहले भी कहा था आज आपको कुछ नहीं करना है अगर अब आपने कुछ मेरे साथ किया तो मैं आप से कभी भी नहीं चुदवाउंगी । तुम तो सिर्फ पड़े रहो तुम्हारा लंड खड़ा कर के में ही ऊपर से चोदूंगी और तुम्हारे को जन्नत की हूर कैसे चोदती है वह दिखाऊंगी।

उनके तेवर देख मैंने उनके के सर से तुरंत हाथ हटा लिया। और अपने हाथ अपने कानों पर ले गया और बोला सॉरी आपा । मैंने कुछ नहीं किया । इतना मजा आ रहा था कि मैं अपने इख्तियार से बाहर हो गया था और अपने आप मेरे हाथ आपके सर पर चले गए. तो आपा बोली जूनी तुम सलमान के हाथो का ध्यान रखना सलमान के हाथ ज्यादा न भटके

और फिर आपा थोड़ा मेरा पास इस तरह बैठ गयी की अब मेरे हाथ उनके बूब्स पर जा रहे थे उन्हेने मेरे हाथ अपने बूब्स पर रखे ौरः थोड़े से दबाये और मुझे उनसे खेलने का इशारा किया और मुझे करने दो। मैं कर रही हूँ, तुम्हे मजा आ रहा है बस मजे लेते रहो।

इतना कहकर ज़ीनत ने फिर से मेरे लंड पकड़कर मुहँ में ले लिया और कसे ओठो के साथ पूरा अन्दर लेती चली गयी। मैंने आपा के बूब्स को हलके-हलके दबाने लगा ।

पहले वह जहाँ सिर्फ सुपाडे से खेल रही थी अब पूरा लंड मुहँ में लेकर चूस रही थी। ज़ीनत के कसे ओठो से गुजरता हुआ लंड पूरा का पूरा मुहँ में समा गया और फिर एक झटके में दिर ऊपर ले गयी और लंड बाहर आ गया लेकिन फिर भी टोपी ज़ीनत के मुँह में ही थी। उन्होंने अपने हाथ की उंगली और अंगूठे से एक छल्ला-सा लंड की जड़ में बना लिया था। इससे वह लंड के इधर उधर भागने या तिरछा हो जाने को रोक रही थी। बार-बार ज़ीनत गर्म खून के भरा, फड़कता गरम लंड अपने नरम-नरम गुनगुने गीले मुहँ में अंदर बाहर कर रही थी और फूला हुआ फड़कता सुपाडा जीभ की पूरी लम्बाई तय करके मुहँ के आखिरी छोर गले तक जा रहा था। आपा पहले धीरे-धीरे फिर स्पीड बढ़ा कर तेजी से अपना सर लंड पर ऊपर नीचे करने लगी । लंड अधिकतम जितनी गहराई तक मुहँ में जा सकता था जा रहा था। ज़ीनत की लार भरी जीभ लंड को गीला कर रही थी। इससे लंड आसानी से अन्दर बाहर हो रहा था। कमरे में बस लंड चूसने और मेरी कराहने की आवाजे ही सुनाई पड़ रही थी।

ओह्ह आअह्ह्ह उफफफ-उफफफ हाये चूसो । और चूसो ऐसे ही वाह आपा मजा आ गया ओह्ह्ह आह

वो मेरे लंड को और ज्यादा कसकर पकड़कर आक्रामक और वाइल्ड तरीके से चूसने लगी, ऐसा लग रहा था जैसे सालो से इस लंड की भूखी हो।

मैं आनद में गोते लगाते हुए-आह आपा बहुत मजा आ रहा है, क्या लंड चूसती हो आप। आह-आह आह...और जोर से और अन्दर तक लेकर चूसो आह-आह अह्ह्ह्ह। में भी ज़ीनत के ब्रैस्ट दबाने लगा और उसके निप्पलों को मरोड़ने लगा

ज़ीनत के शरीर में पहले से भी ज्यादा तेज सिहरन दौड़ गयी। ज़ीनत ने अब पागलो की तरह मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया। और उत्तेजना के मारे लंड पर दांत भी लगाने लगी, फिर और जोरदार तरीके से लंड को चूसने लगी। ज़ीनत लंड पर पूरी तरह झुककर तेजी से पागलो की तरह लंड को बेतहाशा मुहँ में पूरा का पूरा ले रही थी, इससे मेरे कराहने की आवाज और बढ़ गयी।

में भी ज़ीनत के ब्रैस्ट निचोड़ने लगा और उनके नीपल्लो को खींचने और मरोड़ रहा था और फिर हवस की आग ऐसी भड़की की ज़ीनत के होंठो से चुसवाते हुए मेरा 90 डिग्री पर खड़ा लंड ज़ीनत ने अपने मुँह से निकाल कर अपनी चूत का मुंह सुपारे पर रख एक ही धक्के में पूरा लंड घप्प से अंदर ले लिया और मेरे हाथ ज़ीनत के बूब्स पर थे और वह मेरे लंड पर उछल कर मुझे चोद रही थी ।

मेरे मुँह से ऐक सिसकारी निकली और मैं ने खुद नीचे से अपने चूतड़ को उछाला और मेरा पूरा लंड ज़ीनत ने अपनी चूत में ले लिया, आपा ऊपर हुई और फिर लंड टोपी तक चूत से निकाला और फिर ऐक झटके से उसने वापिस चूत में ले दिया, अब आपा के मुँह से भी सिसकारी निकली और फिर मैं भी खूब ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने लगा.

मुझे बोहत मज़ा आरहा था और आपा बुरी तरहा से सिसकने लगी, आआआअहह-आआआअहह उूउउफफफफफफफफफफफफ्फ़ और ज़ोर जोर से उछलने लगी आआअहह ऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईई मुझे बोहत माज़ा आरहा है मेरी जान । मैं उसके बूब्स दबा रहा था उउउउउउउउउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ् फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ,

जूनि भी हमारी चुदाई देख मस्त हो गयी और वह मुझे चूमने लगी और फिर उसने अपनी चूत मेरे मुंह पर रख कर ज़ीनत को चूमने लगी और मेरी जीभ उसकी गुलाबी चूत की क्लिट पर थी और ज़ीनत की क्लिट मेरे लंड से टकराने लगी और नीचे से सुष्मिता-सी ज़ीनत की मखमली गद्देदार चूत का मज़ा और मुंह पर अल्हड कमसिन जूनि की तब्बू जैसी चूत, मेरे बड़ो का ऐसी हूरो को पैदा करने के लिए शुक्रिया, और जूनि आई अहहा पिशाब निकल जायेगा कह कर झाड़ गयी और उसकी खट्टी-खट्टी चूत के जूस को मैं पी गया इतने में ही ज़ीनत भी झड़ चुकी थी और पस्त हो गयी थी । उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और उसका जिस्म ढीला पड़ गया।

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जूनि भी हमारी चुदाई देख मस्त हो गयी और वह मुझे चूमने लगी और फिर उसने अपनी चूत मेरे मुंह पर रख कर ज़ीनत को चूमने लगी और मेरी जीभ उसकी गुलाबी चूत की क्लिट पर थी और ज़ीनत की क्लिट मेरे लंड से टकराने लगी और नीचे से सुष्मिता-सी ज़ीनत की मखमली गद्देदार चूत का मज़ा और मुंह पर अल्हड कमसिन जूनि की तब्बू जैसी चूत, मेरे बड़ो का ऐसी हूरो को पैदा करने के लिए शुक्रिया, और जूनि आई अहहा पिशाब निकल जायेगा कह कर झाड़ गयी और उसकी खट्टी-खट्टी चूत के जूस को मैं पी गया इतने में ही ज़ीनत भी झड़ चुकी थी और पस्त हो गयी थी । उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और उसका जिस्म ढीला पड़ गया।

नवाबी खानदानी निकाह Nawabi Khandani Nikah  Part 20

नवाबी खानदानी निकाह | Nawabi Khandani Nikah | Part 20

जूनि पतली थी, और उसकी लगभग पारदर्शी पोशाक ने उसके दो नाजुक स्तनों की सही आकृति को मुश्किल से छुपाया था और इन दो आकर्षक मांस के टीले के नाजारेव ने मुझे उन्हें निचोड़ने के लिए लगभग आगे बढ़ा दिया था, लेकिन मैंने देखा वह पस्त है तो मैंने खुद को संयमित किया।

उसकी पोशाक या नाईटी जैसा कि मैंने कहा है, बहुत छोटी थी और जो की आजकल की सभी लड़कियों के साथ आम और काफी प्रचलित थी और जैसे कि वह-वह मेरे साथ चिपकी हुई थी तो उसकी टांग मेरे टांगो पर थी और उसकी सुंदर योनि की झलक मुझे दिखाई दी। उसके नंगे और चमकीले मांस की इस झलक पर, मुझे लगा कि मेरा लंड ऐसे उग्र हो गया जैसे कि उसे किसी बिजली का झटका लगा हो।

मैंने अपना हाथ उसके सिर के पीछे से गुजारा और उसकी कमर के चारों ओर ले गया तो मुझे कम से कम प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा, इसलिए साहसपूर्वक उसे अपने पास खींच कर मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया और उसे होठों पर चूमने का प्रयास किया। फिर दूसरी तरफ ज़ीनत की पतली कमर के चारों ओर मेरी बाहों को पार करते हुए उसे कसकर गले से लगा लिया और उसने किसी भी प्रतिरोध के बिना मुझे अपने होठों को अपने ओंठो के पास रखने की अनुमति दी और गर्म चुंबन के साथ मैंने उसे कस कर पकड़ लिया क्योंकि अब ज़ीनत की बाहें मेरी गर्दन के चारों ओर घूम रही थीं।

अपना हाथ उसकी कमर के सामने से घुमाते हुए, मैंने उसके स्तनों को निचोड़ा और निप्पल्स को खींचा और दबाया, एक उंगली से निष्क्रिय निप्पल को सीधा होने की स्थिति में आने दिया और फिर, अपना हाथ उसकी टांगो पर रखकर, मैंने उसे उसके बीच खिसका दिया और पूरी तरह से उसकी नंगी और चिकनी जांघों को सहलाया।

एक बार वह थोड़ा पीछे हट गई और मानो मुझे रोकने के लिए हटी हो लेकिन अब, मेरा लंड अभी भी लोहे की छड़ की तरह खड़ा था, मैंने उसे वापस अपनी ओर खींच लिया और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में रखते हुए, मैंने उसकी योनि के नंगे होंठ महसूस किये जो उसकी चूत से निकले पानी के कारण गीले थे।

इस पर जीनत मेरी छाती पर चिपक गयी, मेरी गर्दन के चारों ओर उसकी बाहें आ गयी और वह मेरे ओंठ चूमने लगी और यह देखकर कि उसका जो भी हल्का-सा प्रतिरोध था वह समाप्त हो गया था, मैंने उसकी चूत की फांक के गर्म नम होंठों को विभाजित किया और उसके कलिट को मसल दिया।

मैंने अब एक पल के लिए अपना हाथ हटा दिया और अपने रोड की तरह कठोर लंड को आगे बढ़ा दिया। मैंने मह्सूस किया ाकि दूसरी तरफ से जूनि मेरे गाल चूम रही थी और उसका हाथ मेरे धड़कते हुए लंड पर आया और उसके लंड को कस कर पकड़ा और उसकी एक दृढ़ आलिंगन में उसकी पकड़ को महसूस करते हुए इसे धीरे-धीरे ज़ीनत की चुत के ऊपर और नीचे रगड़ना शुरू कर दिया।

जुनून में मैंने उसे अपनी ओर खींचा उसे चूमकर और सहलाकर, अपने हाथ को फिर से उसकी योनि को सहलाकर उसे मेरी गोद में खींच लिया और अपने खड़े हुए लंड के सिर को उसके चुत के होठों पर रखकर, मैंने उसे धीरे-धीरे उस पर दबाया और उसे अपनी बाहों में मजबूती से पकड़ लिया और मेरी कूल्हों ने आगे पीछे नृत्य शुरू किया।

'ओह, ओह, ओह, आह-हाय!' उसने सांस ली, 'ऐसे ही करो, ओह-ओह ओह।' वह धीरे-धीरे मेरे लंड पर आगे पीछे होने लगी। ओह, कितना मजा; ओह, ओह, ओह, आह, मैं ... ओह-ह—! ' और उसने फिर एक बार मेरे तूफानी डंडे के सिर पर अपने रसों की धारा बरसा दी।

मैंने महसूस किया की मेरा लंड भी लावा उगलने वाला है और मैंने उसे गहराई से चोदना चाहता था, मैंने उसे अपनी बाहों में उठा लिया और उसे उसकी पीठ पर लिटा कर, कुछ गहरे और रोमांचकारी और तेज धक्क्के लगाए और मैंने उसकी-उसकी कोमल और चिपकी हुई चुत के अंदर पिचकारियाँ मार दी!

हम कुछ देर के लिए इस तरह चिपक कर लेटे रहे और फिर मैंने अपने लंड को धीरे-धीरे बाहर निकाला।

मैंने उसे फिर से अपनी बाहों में लपेट लिया और उसके होठों पर चूमा।

वह पूरी तरह से कांप और हांफ रही थी, उसकी नब्ज बहुत तेज धड़क रही थी। तभी जूनि ने मेरा लंड एक बार फिर पकड़ लिया और उसे अपनी योनि के पास ले गयी और उसकी ऊपर रगड़ने लगी।

उसकी इस हरकत और छुअन से मेरा लंड जल्द ही फिर से सख्त हो गया और उसे पटक कर मैंने उसे फिर से उसके भीतर एक ही झटके में लड़ जड़ तक घुसा दिया और थोड़ी-सी गुर्राहट और फिर वह मजे से कराहने लगी।

जूनि की कमसिन चुत इस धक्के को नहीं झेल पेयी मैंने फिर अपना लंड टोपी तक जूनि की चूत से निकाला और फिर ऐक झटके से वापिस पूरा चूत में पेल दिया। जूनि के मुँह से फिर सिसकारी निकली और फिर मैं खूब ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने लगा। मुझे बोहत माज़ा आरहा था और जूनि बुरी तरहा से सिसकने लगी, और आईई ऊऊऊओ या आआआ आआह आपाआ सलमान भाई धीरे और लंड जूनि की चुत की धज्जिया उडाता हुआ मदहोश चुत की जम कर चुदाई करने लगा। मैंने उसे जी भर कर उसे चाटा और फिर चूमता हुआ चुदाई करने लगा।

आआआअहह आआआअहह उूउउफफफफफफफफफफफफ्फ़ प्यारे सलमान और ज़ोर लगाओ आआअहह ऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईई मुझे बोहत माज़ा आरहा है मेरी जान उउउउउउउउउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्! फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ, 5 मिनिट बाद ही जूनि की चूत ने पानी छोड़ दिया और उसका जिस्म ढीला पड़ गया, लेकिन मैं अभी फारिग नहीं हुआ था और मैं झटके मारता रहा, मुझे मज़ा आरहा था और वह मज़े से सिसकारिया ले रही थी, 10 मिनिट बाद जूनिम की चूत ने फिर पानी छोड़ दिया और कुछ देर बाद मेरे लंड ने भी झटका खाया और मैंने उसकी चुत में धार मारी और उसकी चुत पूरी भर दी।

फिर उसके बाद इसी तरह से पोज बदल-बदल कर मैंने उस रात बेदर्दी से उसकी 4 बार चुदाई की और उस गुलबदन पर निढाल हो कर सो गया।

To be Continued

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