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नवाबी खानदानी निकाह | Nawabi Khandani Nikah

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इस तरह 10 दिन निकल गए और जूनी की चोट भी ठीक हो गयी और फिर एक दिन ज़ीनत को पीरियड्स हो गए और मैं उस रात में ज़ीनत आपा को चोद नहीं पाया और ज़ीनत के बूब्स के अंदर ही अपना लैंड डालकर अपना पानी निकाल दिया और ज़ीनत सो गयी ,

इतने में जूनि बोली भाई आज ज़ीनत आपी के अंदर नहीं घुसाया , रोज़ कितना मज़ा आता था उनको , आज कैसा ख़राब लग रहा होगा .

मैंने बोला की ख़राब तो मुझे भी लग रहा है क्योंकि मेरा लैंड भी तो कही नहीं घुस पा रहा हु ज़ीनत को पीरियड्स है ,

जूनी बोली मेरे अंदर घुसा लो में भी तो तुम्हारी दुल्हन हु .

मैंने पूछा चुदाई किसको कहते है मालूम है , वह बोली ज्यादा नहीं, कुछ आपी ने उस दिन बताया था कुछ आपने, लेकिन इतना मालूम है की दूल्हे के अलावा कोई दूसरा मर्द मुझे छूये नहीं, और जब आप आपा में घुसाते हो तो मुझे अच्छा लगता है .

नवाबी खानदानी निकाह Nawabi Khandani Nikah  Part 11

नवाबी खानदानी निकाह | Nawabi Khandani Nikah | Part 11

मेरी बीबी होने के बाबजूद मैंने अभीतक जूनी को चोदने की नज़र से नहीं देखा था क्योंकि मुझे वह बहुत छोटी लगती थी। उस रात उसकी बातों से मैं मस्त हो उठा और मैंने फैसला कर लिया की कल इसकी सुहागरात होगी। और जब सुबह मैंने ज़ीनत आपा को बताया तो वह गुस्सा हो गयी और बोली इसकी इज़ाज़त बड़ो से लेनी पड़ेगी।

तब मैंने कहा मेरा इसके साथ निकाह बड़ो की इजाजत से ही हुआ है अगर उन्हें कोई दिक्कत होती तो अभी इसके साथ मेरा निकाह नहीं करवाते। और मेरी दुल्हन है जब चाहे में इसे चोद सकता हु और जब आप ने अपनी उम्र से कई साल छोटे मुझसे चुदवालिया है तो क्या में अपने से कुछ साल-साल छोटी इस नाज़नीन को नहीं चोद सकता और फिर जहाँ तक बड़ो की इजाजत का सवाल है तो आप भी मुझ से बड़ी हो आप इजाजत दे दो । आप ही तो उसको उस दिन कह रही थी अब तुम बड़ी हो गयी हो और फिर उनको चूमा और प्यार किया और उनको मना लिया। और उन्होंने इजाजत देते हुआ कहा अगर जूनी नहीं ले पायेगी तो मैं जबरदस्ती उसे नहीं चौदूंगा और वह रात में कमरे में रहकर इस का ध्यान रखेगी ।

फिर दिन में आपा ने जूनी का मेकअप और वैक्सिंग करवा के जूनि को त्यार किया और उसका भरपूर शृंगार किया । उस रात जूनी सजने सवारने से बहुत खुश थी । रात में ज़ीनत जूनी को ले कर आयी जूनी ने पश्चिमी दुल्हने शादी के समय जो गाउन पहनती है वह गाउन पहना हुआ था और दुल्हन की तरह सजी हुई थी। ज़ीनत आप बोली सलमान आज जूनी की सुहागरात है तो यादगार तो बनानी ही पड़ेगी इसीलिए उसकी सजाया है ।

फिर ज़ीनत आपा ने पुछा जूनी क्या तुम अपना सब कुछ सलमान को सौंपने के लिए तैयार हो ?जूनी बोली मेरा सब कुछ इन्हीं का है यही मेरे खाबिन्द है। इनके सिवा कोई और मर्द मुझे छु भी नहीं सकता?

अनुपमा बोली सलमान क्या तुम जूनी को चोदने के लिए तैयार हो मैं बोला जूनी की खिदमत में मैं और मेरा औज़ार दोनों हाज़िर और बेकरार हैं। फिर ज़ीनत आप बोली अब सलमान तुम जूनी को किश करो और सब हसने लगे। मैंने पहले-पहले ज़ीनत आपा को किस किया।

और अपनी गोद में उठा कर जूनी को अपने कमरे में अपने बिस्तर पर ले गया ।

मैंने दरवाजा जैसे ही सरकाया तो अंदर लाल रंग की धीमी रौशनी थी और कमरा पूरा फूलो से सजा हुआ था कलियों फूलो से पूरा कमरा महक रहा था बिस्तर भी सुहाग की सेज बना हुआ था और मेरी गोद में दुल्हन भी ही जूनी थी जिसे मैं किस कर रहा था। पीछे-पीछे ज़ीनत आपा भी आ गयी।

मैंने जूनी को बिस्तर पर बैठा दिया एक तरफ ज़ीनत आपा बैठ गयी और जूनी ने अपने मुखड़े को नकाब में छुपा लिया।

मैं दोनों के बीच में बैठ गया और बोला मेरी तो आज लाटरी लग गयी जो मुझे ऐसी नाजनीन कमसिन हसीना सुहागरात मानाने के लिए मिल गयी है । अब-अब जूनि गुलाबी रंग की पोशाक में-में बिना ब्रा और पेंटी के मेरे बिस्तर पर थी और में बहुत आवेश में था।

मैंने जूनी को बांहों में भर लिया और जूनी के माथे पर एक चुंबन कर दिया! " और मैंने एक गुलाब उठाया और जूनी को पेश करते हुए बोला मल्लिका ऐ हुस्न ऐ नाजनीना पेश के खिदमत है आपके गुलाम की और से मोहब्बत का पहले नज़राना। जूनी ने हाथ आगे बढ़ाया तो मैंने उसे अंगूठी पहना दी। फिर धीरे से उसका नकाब हटा दिया।

पहले तो जूनी शर्म से दोहरी हो गई, फिर उसे गले लगा लिया और उसके ओंठो को चूम लिया ये उसका किसी पुरुष के साथ ऐसा आलिंगन पहली बार था, जूनी के कमसिन बदन में कंपकपी-सी हुई.। पर वह जल्द ही मेरा साथ देने लगी।

इतनी कमसिन और नाजनीन दुल्हन भी हुई जूनी आज सजने और मेकअप करके बहुत सुंदर लग रही थी । मैं उसकी देखे जा रहा था तो ज़ीनत बोली सलमान ऐसी नाजनीन बहुत नसीब वालो को ही मिलती है । अब ये तुम्हारी है । देख क्या रहे हो इसे प्यार करो और मैंने उसको बांहो में भर लिया और दबा दिया । तो वह चिलायी आह! मर गयी ... तो ज़ीनत बोली सलमान आराम से करो ये तुम्हारी ही है । सलमान आराम से करोगे तो बहुत मजे करोगे नहीं तो जैसे हमारी सुहागरात के बाद तुम तड़पे थे वैसे ही पड़पोगे । मुझे भी बात सही लगी और मैंने धीरे-धीरे से करने का फैसला किया।

मैंने उसकी पोशाक उतारने के लिए उसका नक़ाब उतार दीया, मेरे दिल की धड़कनें और तेज होने लगीं, मैं उसके और करीब आ गया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए. वह घबराहट, शर्म और खुशी से लबरेज होने लगी।

मैं उसे चूम कर थोड़ा पीछे हटा तो जूनी मेरे पास हुई और इस बार उसने मेरे होंठों को चूमा।

फिर क्या था... मैंने उसे खूब चूमा... उसकी पूरी गुलाबी लिपस्टिक... मेरे होंठों में समा गई। मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।

। फिर मैंने उसे खड़ा किया और उसके मम्मों को खूब भींचा और दबाया।

मैंने उसकी ड्रेस की ज़िप खोल दी और निचे उतार दी। वह तो मेरे सामने नंगी हो चुकी थी, मैंने उसे उठाया और अपनी गोद में बिठा लिया उसका पतला शरीर मेरी गोद में पूरा समां गया।

मैंने उसके कंधे पर चुम्बन किया और उसने अपना चेहरा दोनों हाथों से ढक लिया। मैंने अपने एक हाथ से उसकी पीठ सहलाई और दूसरे हाथ से जांघों को सहलाने लगा।

मेरे छूने से उसके शरीर में सरसराहट होने लगी, जूनी के मोमो सख्त होने लगे, वह शर्म से लाल होकर मुझसे लिपट गयी।

मैंने उसके उरोजों को थाम लिया। उसके निपल्स को मैंने चूसा-चबाया... काटा... मींजा... खूब खेला... उसके मम्मे... जो मेरी हरकतों से बेहाल होकर लाल हो गए थे।

To be Continued

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मैंने उसकी ड्रेस की ज़िप खोल दी और निचे उतार दी। वह तो मेरे सामने नंगी हो चुकी थी, मैंने उसे उठाया और अपनी गोद में बिठा लिया उसका पतला शरीर मेरी गोद में पूरा समां गया।

मैंने उसके कंधे पर चुम्बन किया और उसने अपना चेहरा दोनों हाथों से ढक लिया। मैंने अपने एक हाथ से उसकी पीठ सहलाई और दूसरे हाथ से जांघों को सहलाने लगा।

मेरे छूने से उसके शरीर में सरसराहट होने लगी, जूनी के मोमो सख्त होने लगे, वह शर्म से लाल होकर मुझसे लिपट गयी।

मैंने उसके उरोजों को थाम लिया। उसके निपल्स को मैंने चूसा-चबाया... काटा... मींजा... खूब खेला... उसके मम्मे... जो मेरी हरकतों से बेहाल होकर लाल हो गए थे।

नवाबी खानदानी निकाह Nawabi Khandani Nikah  Part 12

नवाबी खानदानी निकाह | Nawabi Khandani Nikah | Part 12

फिर मैं जूनी के ओंठ चूसते-चूसते उसके बूब्स दबाने लगा जैसे-जैसे मैं उसके होंठों को चूसता रहा, उसे मज़ा आने लगा।

उसकी चूचियाँ चकित कर देने वाली थी। सन्तरे के आकार की चूचियाँ और उसकी निप्पलों को नज़र ना लगे, बिल्कुल मटर के दाने से भी छोटे। मैंने उनको ख़ूब दबाया। जूनी बोली ऊई दर्द हो रहा है।

मैंने उसे लिटा दिया और उसका सर एक और तकिया लगा कर ऊँचा किया और सर हो सहलाने लगा। मेरी उँगलियाँ उसके बालों में घूमने लगीं जैसे मुझे उसकी नस-नस से वाकफियत हो। कहाँ दबाना है... कितना ज़ोर देना है... कितनी देर तक दबाना है... मैं धीरे धीरे उसके बदन को सहलाता रहा। वह बस मज़े ले रही थी... गर्दन के पीछे... कान के पास... आँखों के बीच... ऐसी-ऐसी जगहों पर दबाव डाला कि ज़रा ही देर में सारा दर्द चला गया। अब मैं उसके गालों, ठोड़ी और सामने की गर्दन पर ध्यान देने लगा। जूनी ने अपनी आँखें मूँद लीं।

अब मेरे हाथ कन्धों पर चलने लगे थे। मैंने गर्दन और कन्धों पर जितनी गांठें थीं सब सहला डाला और मसल-मसल कर गांठें निकाल दीं। जूनी की टांगें अपने आप ज़ोर से जुड़ गई थीं... मैंने उसे चूमा और फिर औंधा लिटा दिया। और उसकी चिकनी पीठ पर हाथ फिराने लगा। उसकी चिकने कमसिन जिस्म को देख और महसूस करके मेरे रोंगटे खड़े होने लगे। मुझे बहुत मजा आ रहा था... उधर जूनी की चूत और बदन मेरे सहलाने से उत्तेजित हो रहा था और-और खुशी से तर हो चली थी।

अब मैं थोड़ा नीचे सरक गया और अपनी मुठ्ठियों से जूनी के गोल सुडोल और चिकने चूतड़ों को गूंथने लगा। जैसे आटा गूंदते हैं उस प्रकार मेरी मुठ्ठियाँ कूल्हों और जाँघों पर चल रही थीं। अब जूनी की टांगें अपने आप थोड़ा खुल गईं। मैंने आगे हो कर उसके चूतड़ों को चूम लिया।

ऊ ऊ-ऊ ऊह... ये क्या कर रहे हो दूल्हे भाई मुझे कुछ हो रहा है? मैंने जूनी की जाँघों और चूतड़ों को कुछ देर सहलाया चूमा और चाटा। मेरी उँगलियाँ और अंगूठे उसकी चूत के बहुत करीब जा-जा कर उसकी चूत को छेड़ रहे थे। जैसइ वह कांप रही थी उससे साफ़ था की जूनी के बदन में रोमांच का तूफ़ान आने लगा था। उसकी योनि धड़क रही थी... योनि को मेरी उँगलियों के स्पर्श की लालसा-सी हो रही थी... और वह योनि को इस तरह से हिलाने लगी के मेरी उंगलिया उसकी योनि को छुए और छेड़े लेकिन मैं जा कर उसकी योनि को नहि छु रहा था मुझे उसे सताने और तड़पाने में मजा आ रहा था? फिर । मुझे उसकी योनि के गीली होने का अहसास हुआ और जूनी ने अपनी टांगें भींच लीं। लेकिन उसके चेहरे पर सकूं था क्योंकि उसे भी मज़ा आ रहा था... एक ऐसा मज़ा जो पहले कभी नहीं आया था।

मैंने फिर अपनी हथेलियों की एड़ी से जूनी के चूतड़ों को सहलाना, मसलना और गूंदना शुरू किया... और मेरे अंगूठे उसके चूतड़ों की दरार में दस्तक देने लगे। मैं बहुत चतुराई से जूनी के नाजुक कमसिन अंगों से खिलवाड़ कर रहा था... उसे धीरे-धीरे उत्तेजित कर रहा था। मैंने अपना ध्यान जूनि की लम्बी और चिकनी टांगों पर किया और उनको सहलाने लगा और कभी-कभी अपनी उँगलियाँ जूनि के घुटनों के पीछे के नाज़ुक हिस्से पर चलाता तो जूनिमजे से आअह्ह्ह-आअह्ह्ह करने लगती और उचक रही थी। मेरे हाथ उसके पैरो से लेकर उसके नितम्बो की बीच की दरार में उंगली फिराने के बाद पीठ और कंधो तक जा रहे थे।

और जब मैंने अपनी जीभ उसके निप्पल्स पर लगाई तो वह सिसकारी लेकर उछाल पड़ी और मुझसे लता की तरह लिपट गयी और बोली भाई मुझे क्या हो रहा है बहुत ही मज़ा आ रहा है, थोड़े और जोरसे मसलो न मज़ा अत है और मैंने भी जहा तक वह बर्दास्त कर सके वह तक उसकी छतियो को मसलता रहा चूमता रहा चाटता रहा उफ़ बिना चुदाई केवल उसकी खुशबू से मुझे जन्नत की सैर का मज़ा आ रहा था, जूनि मेरे अब्बा के भाई द्वारा अपनी माँ की बहन मेरी चाची की मस्त चुदाई की संतान थी और अपने अब्बा के भाई के लड़के से छोड़ने की तयारी में मस्त हो रही थी ।

जूनि नाज़ुक इतनी थी की मेरे किश करने से जहा मैंने ज्यादा होंठ के दवाब डाला था वहाँ की गोली स्किन गुलाबी हो गयी थी और नज़ाकत से भरी इस गुलाबी गोरी के खुले हुए घुटनो तक लहराते बालों से खेलते हुए मैंने उसके लम्बी घने रेशमी बालो को पूरे जिस्म पर पहला दिया, गज़ब का सेक्सी मौहाल था और में बड़े प्यार से उसके कमसिन चिकने गोरे जिस्म को अपनी बांहो में भर कर अपनी मर्ज़ी आये वही चूमता था। हलके-हलके दन्त का दवाब डालता था और फिर मैंने उसकी गर्दन पर जोर से उसकी स्किन की चुसाई की और वह तो वासना की आग में दधक उठी।

फिर जल्द ही जूनि का पूरा बदन एक बार अकड़-सा गया और फिर उसमें अत्यंत आनन्ददायक झटके से आने लगे... पहले 2-3 तेज़ और फिर न जाने कितने सारे हल्के झटकों ने जूनि को सराबोर कर दिया... वह सिहर गई ...

जूनि बोली भाई बहुत मज़ा आ रहा है लेकिन कुछ और करो नहीं तो इस मज़े से मेरी पेशाब निकलने वाली है और में समझ गया की जूस निकलने वाला गुलाबो रानी का, आज जब चूदेगी तभी इसकी आग ठंडी होगी ।

उसकी योनि में एक अजीब-सा कोलाहल हुआ और चूत रस की कुछ बूंदे बाहर छलक गयी और फिर जूनि का शरीर शांत हो गया। शांत होने के बाद मैंने प्यार से अपना हाथ जूनि की पीठ पर कुछ देर तक फिराया। ये उसका अभूतपूर्व सेक्स के आनन्द का पहला अनुभव था।

लेकिन उस कमरे में अब सिर्फ मैं और जूनी ही उत्तेजित नहीं थे हमारी हरकते देख कर ज़ीनत भी गर्म हो गयी थी और अपनी चूत और बूब्स मींज रही थी ।

कुछ देर बाद मैंने जूनि को पलट कर सीधा होने के लिए इशारा किया। और वह झट से सीधी हो गई।

मैंने देखा ज़ीनत गर्म हो रही है तो मैंने ज़ीनत के ओंठो पर किश किया और फिर ज़ीनत के चुचों को किस किया। वह अधलेटी-सी हो गयी। उसने अपने शरीर का भार अपनी बांहों पर कर दिया। मैंने उसे देख कर मुस्काराते हुए उसके होंठों पर एक मीठी चुम्मी कर दी।

फिर मैं थोड़ा दूर हुआ और उसके खुले बालों को पीछे किया। वह अपना चेहरा आगे ले आयी और मैं उसे धीरे-धीरे किस करने लगा। मेरे हाथ उसके मम्मों को सहलाते हुए पेट, कमर, गांड पर चलने लगे।

मैंने फ़ौरन उसे अपने पास खींच लिया और उसकी चूचियाँ दबाने लगा, जूनि एक तरफ लेट गई और हमारा खेल देखने लगी। आज जीनत की चूचियों में जो कड़कपन था, वह और दिन के मुकाबले अलग ही था।

मैं उसकी चूचियों को चूसने में लग गया। मैंने 10-15 मिनट तक चूचियों को खूब चूसा, मेरा लंड और कड़क हो गया था। मैंने अपना कुरता उतार दिया।

मैंने जीनत आपा को बिस्तर पर लिटा लिया और उसकी बुर पर हाथ फ़ेरना शुरू कर दिया, उसने भी मेरा लंड पकड़ कर सहलाना चालू कर दिया। मैंने अपनी छोटी और कमसिन बीवी जूनि को इसी तरफ़ देखता देख, मैंने अपनी जीनत की बुर में उंगली करना शुरू कर दिया और जीनत अब काफ़ी हद तक गरम हो चुकी थी और हमे देख कर जूनि भी गर्म हो रही ।

मैं जीनत की चूचियों को चूसने में ही लगा हुआ था। तभी जीनत आपा ने मेरा पायजामा उतारा, अंडरवियर नीचे किया और लंड पकड़ कर सहलाने लगी और बोली जूनि अब तू बहुत मजे लेगी तैयार हो जा।

अब मैंने जूनी की बुर को देखा वाह क्या कुंवारी और चिकनी बुर थी, एक भी बाल का नामोनिशान नहीं, बिल्कुल छोटा-सा गुलाबी छेद।

मैंने उसकी बुर को सहलाया तो जूनि 'आआआह हहहह करने लगी।'

इस पर ज़ीनत आपा बोली-मियाँ जी, कमसिन और कुंवारी है, इसकी बुर बहुत छोटी और टाइट है। थोड़ा प्यार से और आराम से काम लो जी।

"कैसा लग रहा है?" मैंने जूनि से पूछा।

जूनि कुछ नहीं बोली और आह ओह्ह करने लगी उसकी आवाज में दर्द कम मजा ज्यादा था।

"क्यों जूनि ... अच्छा नहीं लग रहा?" मैंने जान बूझ कर पुछा

जूनि चुप ही रही।

"ओह... शायद तुम्हें मज़ा नहीं आया... देखो शायद अब आये..." कहते हुए मैं ऊपर हुआ और अपने होंट जूनि के ओंठो पर रख दिए।

जूनि के ओंठो पर ओंठ रख कर मैंने अपनी जीभ के ज़ोर से पहले उसके ओंठ और फिर दांत खोले और अपनी जीभ को उसकी मुँह में घुसा दिया। फिर जीभ को दायें-बाएँ और ऊपर नीचे करके उसके मुँह के रस को चूसने लगा और अपनी जीभ से जूनि के मुँह का अंदर से मुआयना करने लगा। साथ ही उसने अपना हाथ जूनि के पेट और छाती पर दोबारा से घुमाना चालू कर दिया। कुछ देर अपनी जीभ से जूनि के मुँह में खेलने के बाद मैंने उसकी जीभ अपने मुँह में ले ली और उसे चूसने लगा।

मैंने उसे खूब चूमा और अपनी बांहो में होले-होले दबाने लगा, जूनि भी उत्तेजित थी और मेरे चूमने का जवाब अपने चुंबनों से देने लगी । मैंने उसके दोनों बूब्स सहलाये और हल्के हलके दबाने लगा । क्या सख्त थे उसके बूब्स और बड़ी सेक्सी थी उसके बदन की खुशबू और उतनी ही मादक उसकी सिसकारियाँ ।

To be Continued

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जूनि के ओंठो पर ओंठ रख कर मैंने अपनी जीभ के ज़ोर से पहले उसके ओंठ और फिर दांत खोले और अपनी जीभ को उसकी मुँह में घुसा दिया। फिर जीभ को दायें-बाएँ और ऊपर नीचे करके उसके मुँह के रस को चूसने लगा और अपनी जीभ से जूनि के मुँह का अंदर से मुआयना करने लगा। साथ ही उसने अपना हाथ जूनि के पेट और छाती पर दोबारा से घुमाना चालू कर दिया। कुछ देर अपनी जीभ से जूनि के मुँह में खेलने के बाद मैंने उसकी जीभ अपने मुँह में ले ली और उसे चूसने लगा।

मैंने उसे खूब चूमा और अपनी बांहो में होले-होले दबाने लगा, जूनि भी उत्तेजित थी और मेरे चूमने का जवाब अपने चुंबनों से देने लगी । मैंने उसके दोनों बूब्स सहलाये और हल्के हलके दबाने लगा । क्या सख्त थे उसके बूब्स और बड़ी सेक्सी थी उसके बदन की खुशबू और उतनी ही मादक उसकी सिसकारियाँ ।

नवाबी खानदानी निकाह Nawabi Khandani Nikah  Part 13

नवाबी खानदानी निकाह | Nawabi Khandani Nikah | Part 13

जूनि नाज़ुक इतनी थी की मेरे किश करने से जहा मैंने ज्यादा होंठ के दवाब डाला था वहाँ की गोरी स्किन गुलाबी हो गयी थी गज़ब का सेक्सी मौहाल था और में बड़े प्यार से उसके कमसिन चिकने गोरे जिस्म को अपनी बांहो में भर कर अपनी मर्ज़ी आये वही चूमने लगा। हलके-हलके दन्तो का दवाब डाला और फिर मैंने उसकी गर्दन पर जोर से उसकी स्किन की चुसाई की और वह तो वासना की आग में दधक उठी।

उसकी गर्दन की थोड़ी देर ज्यादा चुंबन और चुसाई की तो मेरे चुम्बन से उसकी गर्दन पर हल्का नीला निशान पड़ गया था लेकिन वह इस फोरप्ले चूमा चाटो और चुसाई से-से मस्त हो रही थी और मुझे उसकी चूँचियो से नीचे जाने के पहले ही इतना मजा आ रहा था की मैंने फैसला किया की अभी इसको खूब प्यार करना है ।

जब मैं उसे उसकी बाजुओ में उसकी बगल में चूम और सहला रहा था तो जूनि के मुंह से गर्म-गर्म सिसकारीया निकलने लगी, तभी मैंने उसके गर्दन के नीचे उसकी छाती को चाटा और चूमा और सीने की घाटी पर जीभ फिरा दी।

उसकी वाह क्या गोलाईयाँ थी उसके स्तन बिलकुल भी ढलके हुए नहीं थे और गुलाबी रंग के छोटे-छोटे निप्पल ... मैं निप्पल बारी-बारी किस कर चूसने लगा। और वह सिसकारियाँ भरने लगी ।

मैंने हलके से उसे कमर से पकड़ा और उसकी नाभि पर एक चुम्बन दिया और ज्यू ही मैंने अपनी जीभ उसके पेट पर फिराई तो वह मज़े के कारन मस्त हो गयी और अह्ह्ह उफ्फ्फ आह आहाहा वह और करो प्लीज जोर से चूमो प्लीज करते रहो कहने लगी । इतना मज़ा मुझे छोड़ने मैं भी नहीं आता उतना मज़ा मुझे उस नाज़नीन के बदन से खेल कर आ रहा था और मैंने उसे उल्टा कर उसकी पीठ को छाटा और पूरे बदन की पहले गीली चटाई की और फिर अपने थूक से पूरे बदन की मालिश कर डाली, जंहा जहाँ मैं चूमता था उसके बदन के मुलायम रोंगटे खड़े हो जाते थे और फिर मैंने उसके चुत्रो को चूमा दबाया और अपनी एक अंगुली से उसकी गांड के फांक को सहलाया लेकिन अंगुली अंदर नहीं की, क्योंकि जब जीनत आपा ने जूनि के साथ सुहागरात मानाने की इजाजत दी थी तो मैंने जूनि की गांड नहीं मारने का कौल दे रखा था ज़ीनत आपा को ।

इस तरह 2 घंटे गुजर गए, मैंने उसकी लम्बी गुलाबी गोरी जांघो से चूमते हुए प्यार करते हुए उसकी पांवो को भी चूमा और उसके पूरे बदन की अपनी जीभ से मालिश करि, उफ़ क्या मादक खुशबू थी।

मैंने कहा जूनि तुम्हारा शरीर बहुत नरम मुलायम और चिकना है मैंने पहली बार उसकी योनि में हाथ फिराया और खुश होकर बोला क्या बात है जूनि, इतनी मस्त मखमली चूत, रोयें तक नहीं हैं...! वाह जूनी वाह ... मेरी तो किस्मत खुल गई!

जूनी की बुर बिल्कुल भीगी थी और गरम भी। मौका अच्छा देख कर मैने उसे कहा जूनी मेरे लंड को अपने हाथ में ले। उसने तुरंत हाथ में ले लिया अब हिला वह लंड को शेक करने लगी मैंने कहा ऐसे नही। मैने उसका हाथ पकड़ा और उपर नीचे करने लगा।

अब वह मेरे लंड को हिला रही थी और मैं उसकी चूत को सहला रहा था। हम दोनों चरम पे पहुँच गये... मैने अचानक अपना हाथ रोक दिया उसका रियेक्शन देखने के लिए और खड़ा हो गया।

जूनी बोली क्या हुआ? रुक क्यू गये? करो ना!

ज़ीनत आपा ने देखा अब जूनि तड़फने लगी है तो बोली सलमान अब अपना लंड घुसा दो नहीं तो बेचारी मर जाएगी, मैंने भी अपनी अंगुली उसकी चूत के ऊपर राखी और उसकी बिना झांट के बाल वाली चूत पूरी गीली थी । और फिर अपनी जीभ उसकी चूत पर रख उसकी चूत चाटने लगा, छी भाई पेशाब की जगह चाट रहे हो, लेकिन मज़ा आ रहा है दूल्हे भाई, चूस डालो इसको ।

मैने अपने हाथो से उसके लेग्स को स्प्रेड किया। मैने अपनी जीभ निकाली और उसकी चूत के होंठों को धीरे-धीरे किस करने लगा। जीभ को मैं धीरे-धीरे उपर नीचे करने लगा और अपने हाथो से उसकी गान्ड मसल्ने लगा।: अया...ऐसे ही... मैं अपनी जीभ से खेल था-था वह सिसकारियाँ भर रहि थी ।आह, ओह्ह उंह।ह!

मैं उसकी चूत के होंठो को किस करने लगा। किस करते हुए मैने उसकी चूत के लिप्स को स्प्रेड किया और अपनी जीभ को धीरे-धीरे घुमाने लगा ।

आहह, ...बहोत अक्चा...आअहमम्म्म, उमुमूंम्म्मममममम । वो अब धीरे से अपनी गान्ड उपर नीचे करने लगी। मैं उसकी चूत को चूसने लगा। उसकी चूत से बहुत ज़्यादा जूस बह रहा था। टेस्ट में सॉल्टी और मस्की स्मेल आ रही थी...थोड़ी थोड़ी फिश जैसी । मगर मेरे दिमाग़ पर हवस चढ़ि थी रूम में आह...उऊहह...की आवाज़े आने लगी। ...आआहहहहहहः...आआहा आहा आ आहा आ वह अपनी गान्ड ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगी और मेरा लंड और ज़ोर से हिलाने लगी। ।मैं समझ गया कि अब वह पूरी तरह से गर्म है ।

आईई पीईशाब नननननिककाल जायेगा इससस्स्स्स ओह यह और उसे ओर्गास्म महसूस हुआ और उसकी आँखे बंद हो गयी और वह बोली अब में थक गयी हु ।

मैंने उसके साथ लेटा और उसके ओंठ चूमते हुए उसे बूब्स दबाने लगा और जूनि भी धीरे-धीरे चुंबन में मेरा साथ देने लगी और उसे इस तरह सहयोग करते देख मैंने अपने बदन को थोड़ा और नीचे खिसका दिया और अब मेरा लंड जूनि की चूत के छोटे से छेद पर दस्तक देने लगा।मेरे हाथ उसके स्तनों को मसलने लगे। उसके तन-बदन में आग लग गई। जूनि की टांगें अपने आप थोड़ा खुल गईं और मेरे लंड को उसकी जाँघों के कटाव में जगह मिल गई। लंड योनि से टकराया तो जूनि की हूक निकल गई और उसका बदन रह-रह कर ऊपर उचकने लगा। जूनि चुदने के लिए तड़प गई।

। उधर नीचे मेरा लण्ड सख्त हो चुका ... लण्ड चुत को ढूँढ रहा था, जूनि की बुर पर लंड ने दस्तक दी तो उसे लंड थोड़ा चुभा तो उसने लण्ड को हाथ लगा कर लम्बाई और आकार का अनुमान लगांने कोशिश की!

मेरे लिंग को छूने के बाद चिल्ला उठी है ज़ीनत आपी इनका लण्ड इतना बड़ा है और मेरा छेद तो छोटा-सा है यह तो मुझे चीर के रख देगा मेरी फाड़ देगा बहुत दर्द होगा मैं तो दर्द से मर जाऊँगी ... ज़ीनत आपा बोली जूनी घबराओ नहीं देखो मैं भी चुदी हूँ सलमान से मुझे कुछ नहीं हुआ सही सलामत लेटी हुई हूँ यहाँ तुम्हारे पास । जूनी यह तो मजे का औजार है जितना बड़ा तगड़ा होगा उतने ही ज्यादा मजे देगा।

ज़ीनत आपा बोली मेरी जान जूनी मैं तुझे कोई दर्द नहीं होने दूँगी, तेरा भाई तुझे बड़े प्यार से चोदेगा, तुझे पता भी नहीं चलेगा की कब तेरे भाई का लंड तेरी चूत में चला जायेगा, मेरी रानी बहन, ला मैं तुझे गरम कर डालूं, आ जा मेरी प्यारी बहन? जीनत आपा ने उसकी चूत के दाने को मेरे लंड से सहलाने लगी ।

मैंने सोचा अभी तो असली मज़ा बाकि है अभी लंड कहा डाला है, बेचारी ज़ीनत को चुदते देख समझती थी की लंड बड़ी आसानी से घुसता है, उस को क्या मालूम की कैसा दर्द होता है लेकिन में भी इस बार तयारी करके आया था और उसको तैयार भी बहुत अच्छे से किया था । मैंने k y जेली अपने खड़े लैंड पर लगाई और धीरे से होले-होले से उसकी योनि में अपना लण्ड पकड़ कर अपनी दो उँगलियों से चूत का मुँह खोल कर लण्ड के सुपांडे को अन्दर फसा दिया उसकी चूत में 1″ घुसाया जूनी मजे से कराहने और ओह्ह्ह आह करने लगी और फिर बोला देखो जूनि एक बार अभी तुम्हे दर्द होगा लेकिन फिर ता उम्र ज़ीनत के जैसे ऐश करोगी । काफी गीली होने के कारन अभी तक उसे दर्द का अहसास नहीं हुआ था इस लिए बोली मुझे तो मज़ा आ रहा है, मैंने कहा फिर भी बर्दाश्त करना और उसकी नाज़ुक हथेलियों को दबाकर उसके लिप्स को अपने लिप्स से चूसता हुआ मैंने एक करारा शॉट दे मारा । सरसराता हुआ लंड उसकी योनि की दीवारों से रगड़ते हुए अंदर चला गया और नाज़ुक झिल्ली को चीरता हुआ 6″ अंदर घुस गया । वह छटपटाने लगी लेकिन मेरे लिप्स के उसके लिप्स के ऊपर होने के कारन सिर्फ गु-गु की आवाज़ ही निकल प् रही थी । मैंने एक और शॉट जोर से मारा और उसकी मुलायम, टाइट चूत में पूरे लंड को घुसा दिया और उसकी निप्पल्स को मुंह में भर कर चूसने लगा । वह आईई अअअअअ-अअअअअ आआ दारररद ह्ह्ह्हूऊऊऊऊताहै हैईईई आआपा मर गयी ममेरी रररर ऊऊफफफफफफ अअअअअअअ आहाहा करने लगी। लेकिन 5 मिनट के बाद जब मैंने उसकी हलकी चुदाई शुरू की तो वह तुरंत झड़ गयी। उसके साथ ही उस गुलाबी चूत में उसके बूब्स को अपने सीने से दबाये में भी झड़ गया और जन्नत की सैर में चला गया । फिर उसको टॉयलेट में ले जाकर उसकी चूत साफ करि और चादर जिस पर खून के निशान पड़ गए थे उसे बदल कर फिर 30 मिनट बाद उस कमसिन हसीना को चौदा और उसकी चूत में लंड डाल कर करीब सुबह 8 बजे तक सोता रहा ।

To be Continued

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सरसराता हुआ लंड उसकी योनि की दीवारों से रगड़ते हुए अंदर चला गया और नाज़ुक झिल्ली को चीरता हुआ 6″ अंदर घुस गया । वह छटपटाने लगी लेकिन मेरे लिप्स के उसके लिप्स के ऊपर होने के कारन सिर्फ गु-गु की आवाज़ ही निकल प् रही थी । मैंने एक और शॉट जोर से मारा और उसकी मुलायम, टाइट चूत में पूरे लंड को घुसा दिया और उसकी निप्पल्स को मुंह में भर कर चूसने लगा । वह आईई अअअअअ-अअअअअ आआ दारररद ह्ह्ह्हूऊऊऊऊताहै हैईईई आआपा मर गयी ममेरी रररर ऊऊफफफफफफ अअअअअअअ आहाहा करने लगी। लेकिन 5 मिनट के बाद जब मैंने उसकी हलकी चुदाई शुरू की तो वह तुरंत झड़ गयी। उसके साथ ही उस गुलाबी चूत में उसके बूब्स को अपने सीने से दबाये में भी झड़ गया और जन्नत की सैर में चला गया । फिर उसको टॉयलेट में ले जाकर उसकी चूत साफ करि और चादर जिस पर खून के निशान पड़ गए थे उसे बदल कर फिर 30 मिनट बाद उस कमसिन हसीना को चौदा और उसकी चूत में लंड डाल कर करीब सुबह 8 बजे तक सोता रहा ।

नवाबी खानदानी निकाह Nawabi Khandani Nikah  Part 14

नवाबी खानदानी निकाह | Nawabi Khandani Nikah | Part 14

सुबह सुबह ज़ीनत बोली आप तो एक्सपर्ट हो गए हमारे साथ तो वहशीपना दिखाया था अब मेरी भी ऐसी ही चुदाई करना। मेरे साथ आपको क्या हो गया था ?

मैंने कहा आपा आप सबसे सुन्दर ,गोरी और मेरे से बड़ी होने के बावजूद मस्त माल हो।आपको देखकर मैं पागल हो जाता हूँ । मेरा मन आपको देखते हे बेकाबू हो जाता है। आप मेरे दिल की मल्लिक्का हो और आपकी गोल गोल बूब्स से भरी उसकी छाती और भरे भरे गालों के साथ नशीली आंखें मुझे नशे में कर देती हैं ।

और जब आपने सुहाग रात में कहा था की मुझे मसल दो, मुझ पर छा जाओ, में मदहोश हूँ, आओ मेरे राजा मेरी प्यास बुझा दो। तो मुझे अलग ही मस्ती चढ़ गयी थी और मेरा मन आपको देख कर आज भी , कर रहा है कि बस आपको चूमता, चाटता रहूँ और अपनी बाहों में जकड़ कर मसल डालूँ ! और जब आप कहती थी और जोर से और तेज करो तो मेरा जोश बढ़ जाता था और मैं कर तेज करने लगा ।

ये बोल कर मैं जीनत पर चढ़ कर उन्हें बेकरारी से चूमने लगा। और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक उसका लिप्स किस लेता रहा मैंने अपना हाथ उठाया और उनके बूब्स दबाने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी, और मैंने उसके कपडे निकाल दिए और फिर मेरा ध्यान फिर उसके मम्मो पर चला गया के मम्मे बिल्कुल गुलाबी थे, उनकी जिल्द बहुत ज्यादा चिकनी थी.. कोई दाग.. कोई धब्बा या किसी पिंपल का नामोनिशान नहीं था।

उनके गुलाबी मम्मों पर हरी नीली रगों का जाल था और एक-एक रग साफ देखी और गिनी जा सकती थी। मुकम्मल गोलाई लिए हुए जीनत आपा के मम्मे ऐसे लग रहे थे.. जैसे 2 प्याले उल्टे रखे हों.. इतनी मुकम्मल शेप मैंने आज तक किसी फिल्म में भी नहीं देखी थी।थोड़े बहुत तो लटक ही जाते हैं हर किसी के.. लेकिन जीनत आपा के मम्मे बिल्कुल खड़े थे.. कहीं से भी ढलके हुए नज़र नहीं आते थे।

जीनत के गुलाबी मम्मों पर गहरे गुलाबी रंग के छोटे-छोटे सर्कल थे और उन सर्कल के बीच में भूरे गुलाबी रंग के छोटे-छोटे निप्पल अपनी बहार फैला रहे थे।

मै उनकी चुचियों को मसलने लगा, और वो मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पुरे कमरे में गूंज रही थी। फिर मैंने उनके मोमो को चूसना शुरू कर दिया उनके मोमो कड़क हो गए थे और चुच्चिया कह रही थी हमे जोर से चूसो।मैंने चूचियों को दांतो से काटा तो जीनत आपा कराह उठी आह यह आह उनके बूब्स लाल हो चुके थे। फिर मैंने उनकी नाभि को चूमा अपनी जीभ उनकी नाभि में डाल दी ।आपा मस्त हो गयी और मेरे सर अपने पेट पर दबाने लगी आपा का पेट एकदम सपाट था कमर पतली और नाजुक मैंने उनके एक एक अंग को चाट डाला। उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था। आपा ज़ोर-जोर से हाँफ रही थी ।मेरे हाथ उनके बूब्स को मसलने लगे फिर मैं उनकी चूचियों को खींचने लगता था तो आपा सिहर जाती थी और सिसकने लगती थी। उनकी चूत गीली होने लगी बदन कांपने लगा और आपा झड़ गयी ।

आपा की आह ओह्ह और कराहने सुन कर जूनी भी उठ गयी और मैं उसको लिप किश करने लगा मेरे किस करने से वह सिहरने लगी तो मैंने उसको ममो को दबाना शुरू कर दिया उसकी बूब्स बिलकुल छोटे छोटे संतरो जैसे थे और उसके निप्पल गुलाबी थे .. मैं उसके निप्पल चूसने लगा उसके मोमो मेरे मुँह में पूरे आ गए. मैं अपनी जीभ उसके निप्पलों पर फेरे लगा उसकी सिसकारियां छूट रही थी वह ओह्ह्ह आअह्ह्ह कर रही थी ।

मैंने उसको अपनी गोद में बिठा कर उसकी टांगों को अपने दोनों तरफ कर दिया उसकी छातिया मेरी छाती से चिपकी हुई थी. बहुत नरम नरम लग रहा था मेरे को ।

फिर मैंने योनि को अपने लिंग से सहलाया और एक ही बार में अपना तना हुआ लिंग योनि की जड़ तक बिठा दिया। इस पर कमरा ‘आहह ऊहह..’ की आवाजों से गूंज उठा। फिर एक हल्का सा धक्का मारा और अब लंड बिना किसी रोक टोक अंदर चला गया।

मैंने महसूस किया कि जूनि का शरीर अब काफी रिलैक्स हो गया और उसकी जांघें पूरी तरह से खुल गई थी।

तब मैं धीरे से धक्कों की स्पीड बढ़ाने लगा और साथ ही उसके मम्मों को चूमने और चूसने लगा, उसके लबों पर एक बड़ी हॉट किस जड़ दी और अपना मुंह उस के मुँह पर रख कर उसकी जीभ के साथ अपनी जीभ से खेलने लगा।

उसके चूतड़ों के नीचे हाथ रख कर अब ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दीये मैंने जीनत आपा की तरफ देखा, उन्होंने आँख के इशारे से कहा- लगे रहो!

फिर मैंने लंड को चूत में ही रखे रखे धक्के मारने लगा, साथ ही उसके गोल और सॉलिड मुम्मों को मुंह में लेकर चूसने लगा और उसकी चूचियों को मुंह में लेकर गोल गोल घुमाने लगा।

अपने हाथों को उसके चूतड़ों के नीचे रख कर अब गहरे धक्के मारने लगा और जैसे जैसे ही मैं तेज़ी पकड़ रहा था जूनी मेरे से और भी ज़्यादा चिपक रही थी और अब वो खुद ही मुझको चूमने और चाटने लगी थी।

मेरे धक्कों की स्पीड इतनी तेज़ होती गई कि थोड़ी ही देर में जूनी हाय हाय… करते हुए झड़ गई और उसका शरीर झुरझुरी से कम्पित हो गया।

हालाँकि वो झड़ चुकी थी फिर भी उसकी बाहें मेरे गले में ही थी और वो मुझसे बुरी तरह से चिपकी हुई थी।

अब मैंने उसको अपने से अलग किया और फिर मैंने उससे पूछा- क्यों दुल्हनिया मज़ा आया या नहीं?

जूनी थोड़ी सी शरमाई और बोली- बहुत मज़ा आया .. आप कमाल के जादूगर हो बहुत मजे देते हो ।

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फिर मैंने लंड को चूत में ही रखे रखे धक्के मारने लगा, साथ ही उसके गोल और सॉलिड मुम्मों को मुंह में लेकर चूसने लगा और उसकी चूचियों को मुंह में लेकर गोल गोल घुमाने लगा।

अपने हाथों को उसके चूतड़ों के नीचे रख कर अब गहरे धक्के मारने लगा और जैसे जैसे ही मैं तेज़ी पकड़ रहा था जूनी मेरे से और भी ज़्यादा चिपक रही थी और अब वो खुद ही मुझको चूमने और चाटने लगी थी।

मेरे धक्कों की स्पीड इतनी तेज़ होती गई कि थोड़ी ही देर में जूनी हाय हाय… करते हुए झड़ गई और उसका शरीर झुरझुरी से कम्पित हो गया।

हालाँकि वो झड़ चुकी थी फिर भी उसकी बाहें मेरे गले में ही थी और वो मुझसे बुरी तरह से चिपकी हुई थी।

अब मैंने उसको अपने से अलग किया और फिर मैंने उससे पूछा- क्यों दुल्हनिया मज़ा आया या नहीं?

जूनी थोड़ी सी शरमाई और बोली- बहुत मज़ा आया .. आप कमाल के जादूगर हो बहुत मजे देते हो ।

नवाबी खानदानी निकाह Nawabi Khandani Nikah  Part 15

नवाबी खानदानी निकाह | Nawabi Khandani Nikah | Part 15

जूनि के खूबसूरत चेहरे पर उसके खुले हुए बालों की लटे पड़ी हुई थी और उस के रस भरे होंठ और स्तन मेरे थूक से चमक रहे थे। बिस्तर पर बिछे फूल बुरी तरह से मसले जा चुके थे और पैरो के पास पायल टूट कर गिरी हुई थी। बालो का गजरा टूट कर फ़ैल चूका था परन्तु बालो में ही लटका हुआ था। हाथो के पास कुछ कांच की चुडियो के टुकड़े थे और कलाईयों पर निशाँ थे गले का हार टूट कर पता बिखर गया था, कान के झुमके गिर गए थे। बाल खुल कर फैले हुए। जूनि की चूत मेरे मोटे और बड़े लंड की जबर्जस्त चुदाई की वजह से सुर्ख हो कर फूल गई थी।

जूनि, ज़ीनत आपा और मेरे शरीर पर जहाँ तहँ कुछ फूलो की पंखुडिया चिपकी हुई थी और बिस्तर की चादर चुदाई के पानी से जगह-जगह से भीग कर तर हो चुकी थी।

जूनि अपनी टाँगें खोले बिस्तर पर कमर के बल बे सुध पड़ी हुई थी। मेरे लंड ने जूनी की फूल जैसी कोमल और टाइट चूत की वाकई में हालत खराब करके रख दी थी और वहाँ का नजारा देख कर स्पष्ट हो रहा था कि यहाँ सुहागरात में जबरदस्त चुदाई का खेल खेला गया है।

जूनी का सारा शृंगार बिगड़ गया था लेकिन अब उसका ये रूप अलग ही मोहकता लिए हुए था। जूनी की आँखे बंद थी और मैंने उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव देखे। तो मैं आगे बढ़ा और उसे चूमने लगा।

ज़ीनत आपा फिर जूनी का बदन देखने लगी जगह-जगह मेरे चूसने और दांतो के दबाब देने के कारण निशान पड़ गए थे और जीनत आप सब निशानों पर किस करने लगी तो जूनि कराहने लगी । ज़ीनत आपा बोली सलमान तुमने बेचारी फूल जैसी जूनी का हाल बेहाल कर दिया है! तुमने फूल से भी कमसिन और कोमल जूनि का देखो क्या हाल कर दिया है ।

जब साँसे सम्भली तो जूनी उठी और शीशे के सामने खड़ी हो कर अपने जवान बदन का जायज़ा लेने में मसरूफ़ हो गई और एक-एक अंग तो बड़े गौर से देखने लगी।

मैंने कभी अपनी किसी बहन को आईने के सामने अपने नंगे बदन का जायजा लेते हुए नहीं देखा था, इसीलिए आज अपनी छोटी बेगम जूनि को इस तरह शीशे के सामने खड़े हो कर अपने जिस्म का जायज़ा लेने का मंज़र मेरे लिए एक अनोखी बात थी । इसीलिए मैं कमरे में खड़ी अपनी छोटी बेगम को आयने के सामने इश्तियाक से देखने लगा और जूनी की अल्हड़ और मचलती जवानी को देख कर मस्ती से बेक़रार हो रहा था।

आज जूनी की अल्हड़ जवानी एक अनोखा ही रस दे रही थी फिर मेरे देखते ही देखते जूनी ने एक बहुत ही मदहोश अंगड़ाई ली।

जूनी की इस अंगड़ाई से उस के मम्मे ऊपर की तरफ़ छलक उठे। तो जूनी की इस मदहोश अदा से मैं मज़ीद गरम और बेचैन हो गया।

बेड रूम में आयने के सामने खड़ी जूनी के जवान, बदन को देख-देख कर अपनी आँखे सेकने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था आगे पीछे पूरा बदन साफ़ नजर आ रहा था।

इस तरह उस सुबह जूनि की छोटी-छोटी चूचियाँ जिसपे हलके पिंक कलर के निप्पल गजब लग रहे थे मैं आगे हुआ और तुरंत ही उसे अपने बाजुओं में भर लिया और उसकी टाइट टाइट-सी छोटी-छोटी चूचियाँजब मेरे हाथ में आयी तो मेरा तन बदन में आग लग गयी और मेरा लौड़ा सलामी देने लगा मेरी धड़कन तेज हो गयी और उसकी जिस्म की गर्मी और तेज-तेज साँसे जब मेरे बदन को छूई तब मुझे बहुत मजा आया।

मैं उसके मम्मे मींज रहा था। जूनि-सी 2 की आवाज कर रही थी। से ऐसा करते देख मेरा जोश और भी ज्यादा हो गया। मैं और जोर-जोर से उसके मम्मों को दबा दबा कर पीने लगा। जोर से दूध पीते ही कभी-कभी मेरे दांत उसके निप्पल में गड़ जाते थे। पुष्पा “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” की आवाज निकाल देती थी।

मैंने उसके होठ को छुआ तो उसने मेरा हाथ पकड़ लीया और अपनी नशीली आँखों से निहारने लगी, वह निहारती रही और मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा, फिर मैंने उसको खड़ा किया और उसके रसीले होठ को चूसने लगा, वह भी मेरे होठ को डीप किश कर रही थी।

मैं जूनी के बूब्स को जोर-जोर से दबाता जा रहा था। वही दूसरी ओर मेरे लौड़े पर ताव आता जा रहा था। मेरी और जूनी की साँसे धौकनी की तरह दौड़ रही थी। हम दोनों की गरम हो रहे थे। तभी मैंने उसके बड़े से चुत्तड़ पर एक जोर की चपट लगायी। फिर उसकी जुस्फों से मैं उसके जिस्म की खुसबू लेने लगा।

मैंने अपने में सटा के उसके दोनों चूतड़ को पकड़ कर अपने लौड़े से सटा लिया, मैं उसकी मेरे लौड़े के पास आ गया मैंने ऊपर से ही लौड़े को उसके गांड में रगड़ने लगा, वह व्याकुल हो गई और मेरे बाल को सहलाने लगी। तभी ज़ीनत आपा ने मुझे रोक दीया, मेरे हाथ पकड़ लिया, मैंने कहा मैंने आप को कौल दिया है अभी इसकी गांड नहीं मारूंगा पर मुझे छूने तो दो।

मैंने उसको बेड पर उलटी लिटा दिया और-और फिर उसके चूतड़ को दबाने लगा। वह भी मजे लेने लगी। फिर मैं उसकी पीठ और गर्दन चूमने और चूसने लगा और टाँगे फैला कर बीच में बैठ करचूतड़ों ऊपर से ही लौड़ा रगड़ने लगा। वह खूब मजे ले रही थी और मैं भी मजे ले रहा था पर बर्दाश्त के बाहर हो रहा था।

फिर मैं उसके चूतड़ों की दरार के बीच में से उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा ओह्ह्ह उसकी चूत गीली हो चूकी थी । वह जोर से चिल्ला उठी आआहह, ओमम्म्मममम, सस्स्सस्स हहा और मचलने लगी और कसमसाते हुए अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। अब वह सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वह अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी।

मैंने उसकी चूत पर ऊँगली फिराई और चूत के रस को ऊँगली पर लगायी और चाट गया। ओह कितना नमकीन पानी था उसकी चूत का।

फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया और उसकी चूत पर लंड को रगड़ने लगा.

मैंने उसकी चूत में भड़के हुए शोले को खत्म करने के लिए अपना लंड उसकी चूत के छेद पर सटा दिया। मेरे लंड के ठीक निशाने पर ही उसकी चूत की छेद थी। मैंने जोर से धक्का मार कर अपना आधा से अधिक लंड उसकी चूत में घुसा दिया। जूनी के मुंह से चीखें निकल गई। वह बहुत तेज से“……अम्मी आपि …..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की आवाज निकालने लगी।

और फिर मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड को डालकर चोदना शुरू किया । उसकी चूत बहुत टाइट लगी और मुझे लगा पीछे से लंड ज्यादा अन्दर तक गया और पहले से ज्यादा मजा आया। फिर में उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा।

मुझे उसे चोदने के लिए और भी ज्यादा उत्तेजना होने लगी। मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दी। मैं जल्दी-जल्दी अपनी कमर और चूतड़ आगे पीछे कर उसकी चूत में अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था। जूनी घोड़ी बनी हुई चुदाई का मजा ले रही थी। उसकी“….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” की आवाज से पूरा कमरा भरा हुआ था।

बीच-बीच में पीछे से जूनी के मोमो पकड़ कर दबाता रहा और ज़ीनत आपा मेरे पास आकर मुझे किस करने लगी.

मै भी बहोत ही मजे ले ले कर उसकी घोड़ी बना कर पीछे से चूत चुदाई शुरू कर दी। उसकी चूत मेरे पूरे लंड को खा रही थी। मैने उसकी चुदाई को और भी ज्यादा तेज कर दी। उसकी मटकती कमर को पकड़ कर अपना लंड जोर जोर से उसकी चूत में घुसा कर निकालने लगा। मैं अपने लंड को जड़ तक पेल रहा था। वो अपनी गांड को मटका कर “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” की आवाजो के साथ चुद रही थी।

मैं उनके लिप्स चूसते हुए करीब 25 मिनट तक लगातार जूनि को घोड़ी बना कर चोदा वह कई बार झड़ चुकी थी । उसकी टाइट चूत की रगड़ से मैं भी झड़ने की कागार पर पहुच चुका था। आखिर में उसकी चूत में मैंने एक बार फिर अपना पानी डाल दिया ।

मैंने अपनी पिचकारी उसकी चूत में छोड़ दी।

जब मेरे और जूनि के रस का आपस में मिलाप हुआ तो जूनि पलटी और हम दोनों के जवान पसीने से भीगे हुए शरीर भी एक दूसरे लिपट गये। जूनि निढाल हो कर लेट गयी । कुछ देर तक तो मैं अपना लंड उसकी चूत में डालकर ही बिस्तर पर पड़ा रहा। मेरा लंड धीरे-धीरे सिकुड़ने लगा। मेरे लंड के सिकुड़ते ही उसकी गांड से माल बाहर आने लगा। बिस्तर पर पड़े चादर पर माल बिखर गया। उसने चादर पर बिखरे हुए सारे माल को पोंछ कर उस पर लेट गई। मैं उसको प्यार से सहलाने लगा और किस करने लगा और जूनि की कमसिन नाजुक चूत बुरी तरह से सूज चुकी थी ।

इसी दौरान बिस्तर पर लेटे-लेटे और अपनी छोटी बहन की गरम सिसकियों को सुनते हुए ज़ीनत आपा को अपनी चूत में कसमसाहट महसूस हुई।

अपनी चूत पर खारिस करने के लिए ज़ीनत आपा ने ज्यों ही अपने हाथ से दुबारा अपनी चूत को छुआ तो ना सिर्फ़ ज़ीनत आपा के नीचे की चादर उसी की चूत के पानी से गीली हो गई। बल्कि उनका अपना हाथ भी उस की अपनी चूत के बहते पानी से भीग-सा गया।

अपनी चूत की इस काफियत पर ज़ीनत सन्न रह गई। क्योंकि उस ने तो कभी खवाब में भी नहीं सोचा था कि जूनी की चुदाई देख कर उनकी चूत अपना पानी इस तरह छोड़ने लगेगी कि उनकी चूत से निकलता हुआ पानी चूत से निकल-निकल कर उस की मोटी गान्ड की तरफ बहने लगेगा। उन्हें ये महसूस करके बहुत हैरत हुई।

To be Continued

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