कल्लु : गुड़िया और बीच में ले कर चलु।
गुडिया : हाँ भैया बहुत मजा आ रहा है लेकिन डूबा मत देना, चाची आपको डर तो नहीं लग रहा है।
चाची : गुड़िया इधर बहुत गहरा है कल्लु ज्यादा बीच में मत जा।
मै कुछ कहता इससे पहले गुड़िया ने पानी के अंदर हाथ डाल कर मेरी धोती खोल दी और मेरा फनफनाता काला और मोटा लंड सीधे चाची की मस्त फुली हुई भोस में रगड खाने लगा।
और फिर गुड़िया ने मेरे एक हाथ को पकड़ कर चाची की फुली चुत पर रख कर दबा दिया और पहली बार मैंने अपनी चाची की मस्त फुली हुई चूत को पकड़ कर सहलाया, तभी गुडिया न हाथ आगे ले जाकर मेरे लंड को पकड़ कर उसकी खाल पीछे की और आगे से चाची के हाथ को पकड़ कर मेरे लंड को चाची के हाथ में दे दिया।
नदी की चुदासी मछलियाँ | Nadi Ki Chudasi Machhaliyan | Update 26
अब हम तीनो कुछ नहीं बोल रहे थे गुड़िया एक हाथ से मेरे लंड को और दूसरे हाथ से मेरे आंडो को दबा दबा कर सहला रही थी और चाची ने भी मेरे सिने में मुह छुपाये हुये मेरे लंड के टोपे पर हाथ फेर रही थी।
मै एक हाथ से चाची की गाण्ड की गहरी दरार सहला रहा था और दूसरे हाथ से मैंने चाची के मोटे मोटे रसीले आमो को खूब कस कस कर मसलना शुरू कर दिया था और चाची आह ओह कल्लु धीरे दबा रे कहने लगी और गुड़िया मेरे लंड को पकड़ कर बार बार चाची की मस्त चुत में रगड रही थी, तभी चाची ने अपनी गाण्ड उठा कर मेरे लंड को गुड़िया के हाथ से छीन कर सीधे अपनी फुली चुत के लपलपाते छेद में रखा और अपनी कमर का धक्का मेरी ओर दिया और मेरा लंड सट से चाची की चुत मे घुस गया और मै फिर अपने आप को रोक नहीं पाया और मैंने चाची की मोटी गाण्ड को अपने हांथो मे भर कर एक करारा धक्का मारा और
मेरा पूरा लंड सटाक से चची की मस्त चुत मे जड तक उतर गया और चाची के मुह से आह सी ओह कल्लु जैसे शब्द निकल पड़े मैंने एक हाथ से चाची की गाण्ड की दरार को सहलाते हुए दूसरे हाथ से चाची के मोटे मोटे आमो को खूब कस कस कर मसलते हुए अपने मोटे लंड के धक्के चाची की भोस मे तबियत से मारना शुरू कर दिये और चाची मेरे होठो को चुस्ने लगी।
उधर गुड़िया ने जब मेरे लंड को पकड़ने की कोशिश की तब उसे एह्सास हुआ की मेरा लंड चाची की चुत में पूरा घुसा हुआ है।
तब गुड़िया ने मुस्कुराते हुए मेरे गालो को चुमा और मेरे आंड को अपनी हथेली में भर भर कर सहलाने लगी।
चाची को चोदते चोदते भैया थोड़ा किनारे की ओर आ गया अब चाची के पैर जमीन पर टीक गए और भैया और गुड़िया ने चाची को वही झुका दिया एक हाथ से मै अपनी बहन गुडिया की चुत सहला रहा था और पीछे से चाची को झुका कर उसकी चुत में सटा सट लंड पेलने लगा और गुड़िया और चाची दोनों किसी रंडी की तरह खूब सीसियते हुए अपनी चुत का पानी निकालने लगी।
जब चाची की गाण्ड को दबोच दबोच कर भैया ने चाची की चुत को चोद चोद कर सुजा दिया तब चाची कहने लगी कल्लु अब मुझसे नहीं रहा जा रहा है।
भैया ने चाची को नंगी ही अपनी गोद मे उठा लिया और नदी के बाहर आने लगे और मै पूरी नंगी अपने भैया के पीछे पीछे बाहर आ गई अब भैया ने वही हरी हरी घास पर चाची को लिटा दिया और उनकी मोती जांघो को फैला कर अपने काले मुसल को चाची की मस्त चुत की फांको को फैला कर उनकी भोस मे पेल दिया और चाची की जांघो को दबोचते हुए सटा सट लंड चाची की चुत मे मारने लगे और मै भैया के पीछे बैठ कर उनके आंड को दुलारने और सहलाने लगी।
कूछ देर बाद चाची को खड़ी करके भैया लेट गए और चाची उनके मोटे लंड पर चुत फैला कर चढ कर बैठ गई और अपनी गाण्ड उठा उठा कर भैया का लंड अपनी मस्तानी बुर में लेने लगी तभी भैया ने मुझे इशारा करके अपने मुह पर बैठने को कहा।
और मै नंगी चुत फ़ैलाये अपने भैया के मुह पर अपनी चुत खोल कर बैठ गई अब भैया निचे अपनी कमर उठा उठा कर चाची को चोदने लगे और मेरी चुत को दोनों हांथो से फैला फैला कर चाटने लगे, भैया ने चाची को लंड मार मार कर मस्त कर दिया और चाची भैया के ऊपर ही पसर गई और मेरी गाण्ड के छेद को जीभ से चाटने लगी, कभी कभी भैया मेरी चुत चाटते हुए और चाची मेरी गाण्ड के छेद को चाटते हुए आगे बढ़्ते और फिर उन दोनों की जीभ मिलती और वह पागलो की तरह एक दूसरे की जीभ चुसते हुए एक साथ कभी मेरी गाण्ड के छेद को और कभी मेरी मस्त चुत के छेद को चाटने लगते। और साथ ही चाची की चुत में लंड पेलते जाते।
लगभग आधे घंटे तक चाची की खूब तबियत से अपने मोटे लंड से चुदाई करने के बाद जब चाची फिर से झड़ गई तो भैया ने मुझे कुतिया बना के चोदना शुरू किया और फिर मुझे भी भैया ने खूब तबियत से चोदा , हमारी चुदाई देख कर चाची भी गरम हो गई और इस बार चाची ने अपनी चुत खोल कर भैया के मुह पर रख दी और भैया ने मुझे चोदते हुए चाची की बुर को खूब चूसा और चाची की गांड में थूक लगा लगा के उसे अपनी ऊँगली लगा के ऊँगली से चाची की गांड भी मारते रहे। कुछ देर और चोदने के बाद मैं फिर से झड़ गई तब भैया ने चाची को फिर से कुतिया बना दिया और फिर अपने लंड को मुझे चूसने का इशारा किया।मैंने भैया के लंड को अपने थूक से पूरा गिला कर दिया।जब भैया ने चाची की गांड के छेद पर थूका तब मुझे मालूम हुवा की भैया चाची की गांड मारने वाले है।
भइया ने अपने मोटे लंड को चाची के गांड के छेद पर रखकर एक जोर का धक्का मारा जिससे भैया का थूक से गिला गांड सटाक से चाची की टाइट गाण्ड में आधा घुस गया।चाची जोर से चिल्लै और चाची भैया को गाली देने लगी।
चाची:बहनचोद चूत में पेलने को बोला तो अपना डंडा मेरी गांड में पेल दिया।गांड मारनी है तो अपनी माँ की मार ना कमीने।
कल्लू:चुप साली कितनी मस्त गांड है तेरी।मज़ा आ गया।
गुड़िया:भैया गांड में ज्यादा मज़ा आ रहा है क्या।चाची की गांड भी माँ की तरह ही मस्त है।मारो भैया जोर जोर से पेलो।
चाची:चुप साली रंडी।ज्यादा आग लगी है तो अपनी गांड मरा ना तब मालूम चलेगा ।गांड मराने में कितना दर्द होता है।
गुड़िया:मैं तो अपने भैया से गांड भी मरवाउंगी।चाहे कितना भी दर्द क्यों ना हो।