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Incest [Completed] नदी की चुदासी मछलियाँ | Nadi Ki Chudasi Machhaliyan

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गुडिया : मैंने तो माँ को कई बार नंगी देखा है वह तो नहाते समय या कपडे बदलते समय कई बार मेरे सामने नंगी हो चुकी है।

कालू : क्या बहुत मोटे मोटे चूतड़ है माँ के।

गुडिया : सच भैया तुम देख लोगे तो देखते ही रह जाओगे।

कालू : अब मै कैसे देखुंगा, माँ मुझे दिखा थोड़ी देगी।

गुडिया : मै तुम्हे दिखा सकती हु माँ के मोटे मोटे चूतडो को।

कालू भैया ने गुड़िया की गाण्ड में लंड दबाते हुए कहने लगे कैसे।

नदी की चुदासी मछलियाँ Nadi Ki Chudasi Machhaliyan 16

नदी की चुदासी मछलियाँ | Nadi Ki Chudasi Machhaliyan | Update 16

गुड़िया: भैया मै मोबाइल से फोटो खींच कर आपको दिखा सकती हूँ।

कालू : ठीक है लेकिन कब दिखायेगी।

गुडिया : कल ही दिखा दूंगी लेकिन तुम्हे मेरी भी एक बात माननी होगी।

कालू : वह क्या।

गुडिया : मुझे रात को तुम्हारे साथ बाहर खटिया पर सोना है।

कालू : माँ नहीं मानेगी।

गुडिया : माँ को मै मना लुंगी।

कालू : ठीक है।

गुडिया : अब देखो मेरे दूध कितने लाल कर दिए आपने अब चलो मुझे अपनी पेट से चिपका कर अब मेरी कमर का मैल भी निकाल दो।

आगे कहानी गुड़िया के शब्दों में-

मै घुम कर अपन दोनों जांघो को फैला कर जैसे ही भैया के कमर पर चढ़ कर उनसे चिपकी भैया का मोटा लंड सीधे मेरे चुत के तने हुए दाने से भीड़ गया और मै सीसियते हुए अपने भैया की बांहो में चिपक गई, जाँघे फ़ैलाने से मेरी चूत की फाँके खुल गई थी और पेंटी के ऊपर से भैया का लंड मेरी चुत से भिड़ा हुआ था और अब भैया मेरी नंगी पीठ सहलाते हुए धीरे धीरे अपने हाथ को निचे ले गए और मेरी कमर को सहलाने लगे और जब उनका हाथ पेंटी के इलास्टिक पर पंहुचा तो उनका हाथ मेरी पेंटी के ऊपर से मेरी गाण्ड को हलके हलके दबाने लगा।

गुडिया : भैया पेंटी में हाथ डाल कर कमर का मैल निकालो ना।

भैया ने पेंटी के अंदर हाथ डाल कर जैसे ही मेरे मोटे मोटे चूतडो को दबोचा मै अपनी चुत भैया के मोटे लंड से रगडने लगी, भैया ने अपने हाथ को मेरी पेंटी के अंदर तक डाल कर जैसे ही मेरी गाण्ड को थोड़ा फैला कर मेरी गाण्ड के मोटे छेद को अपनी उंगलियो से सहलाया तो मै तो पागलो की तरह भैया को चुमने लगी

भैया : के गालो और होठो को जब मै चुमने लगी तो भईया की बीच की मोटी वाली ऊँगली की पकड़ मेरी गाण्ड के छेद में और ज्यादा हो गई और भैया की ऊँगली मेरी गुदा के छेद में उतरने लगी, भैया को मै जितना चुमती वह मेरी गाण्ड में और ज्यादा अपनी ऊँगली पेलने लगते, मै आह सी ओह भाईया करते हुए उनके सिने से अपने दूध को खूब दबाते हुए उन्हें चुम रही थी और भैया अपनी ऊँगली को मेरी मस्त गुदा में ठुश ठुश कर दबा रहे थे। मेरी गाण्ड के सुराख़ में ऊँगली पेल पेल कर भैया ने मेरी गाण्ड खूब मारी और इस तरह आधा घण्टा बीत गया, अब मैं पानी में भैया के ऊपर चढ़े चढ़े खूब चुदासी हो गई थी।

मेरी मस्त बुर में अब अपने भैया का मोटा लंड चाहिए था लेकिन भैया को देख कर ऐसा नहीं लग रहा था की वह इस जनम में मुझे चोद पायेगे, मैंने सोचा मुझे ही कोई तरक़ीब भिड़ानी पड़ेगी और मेरे दिमाग मै एक ख़याल आया।

बस फिर क्या था मै एक दम से पानी में कुद पड़ी और हलके से चिल्लाने लगी ओह भैया आह सी ओह

कालू : अरे क्या हुआ गुडिया।

मैने अपनी हथेली से अपनी चुत को दबाते हुए कहा ओह भईया यहाँ बहुत जलन हो रही है लगता है कुछ काट रहा है।
कालू : चल अच्छा पहले पानी से बाहर चल और भैया ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया, मै लगभग पूरी नंगी ही थी, मेरी पेंटी भी मेरे चूतडो से आधि उतरी हुई थी, भैया ने मेरी जांघो को अपने हाथो में भर रखा था और मेरी नंगी गाण्ड और मेरे चूतडो के दोनों पट खुल कर मेरी मस्त गुदा का नजारा दिखा रहे थे, मै लगतार अपनी चुत को भैया के सामने ही पेंटी के ऊपर से खुजला रही थी और सीसिया रही थी।

भैया ने मुझे नदी से बाहर निकाल कर जमीन पर बैठा दिया और कहने लगे कहा जलन हो रही है कोई कीड़ा तो नहीं काट रहा है, मैंने भैया को अपनी जाँघे फैला कर दिखाते हुए अपनी फुल्ली चुत को पेंटी के ऊपर से सहलाते हुए कहा भैया लगता है मेरी सुसु में कुछ घुस गया है और काट रहा है।

कालू : बड़े गौर से मेरी फुल्ली चुत को देखते हुए कहने लगे तू गुड़िया पेंटी साइड में करके देख न कही कोई कीड़ा न काट रहा हो।

मैने भैया की ओर देखा और एक नजर उनके धोती में खड़े लंड पर डाली मेरी चुत की नसें पूरी फुलने लगी और मैंने अपनी पेंटी साइड से पहले सरका कर अपनी मस्त चिकनी गुलाबी भोस अपने भैया को दिखाई और भैया मेरी मस्त गुलाबी भोस को आँखे फाड फाड देखने लगे, फिर मैंने अपनी गर्दन झुका कर अपनी चुत को देखा वह क्या मस्त फुल कर कुप्पा हो रही थी और फाँके पूरी खुल कर मेरे रसीले गुलाबी छेद को दिखा रही थी, मैंने अपनी चुत की फांको को भैया के सामने और खोल कर अंदर देखा लेकिन कुछ था तो नहीं पर मै जलन का नाटक करते हुए ओह भैया कुछ दिख नहीं रहा है मुझे लेकिन बहुत जलन हो रही है, आप देखिये न और मैंने अपने दोनों हांथो को पीछे जमीन पर टीका कर अपनी दोनों जांघो को खूब फैला कर अपनी मस्त चुत को ऊपर की ओर उभार लिया।

भैया पागलो की तरह कभी मेरे मोटे मोटे दूध कभी मेरा चिकना पेट और कभी मेरी पेंटी में से झाँकती रसीली चुत को देख रहे थे।

गुडिया : भैया देख क्या रहे हो पेंटी सरका कर देखो न क्या घुसा है मेरी चुत में बहुत जलन हो रही है।

मेरे इतना कहते ही भैया ने मेरी पेंटी को पकड़ कर साइड किया और फिर मेरी मस्त चुत की फांको को भैया ने फैला कर अपने मुह को मेरी मस्त भोस के पास ले जाकर देखने लगे मेरी बुर तो भैया के मोटे लंड को लेने के लिए बहुत तड़प रही थी, मैंने अपनी जांघो को खूब फैला दिया था तकि भैया को मेरी मस्त चुत पूरी तरह से खुल कर नजर आए, जब कुछ देर तक भैया मेरी भोस को फैला कर देख चुके तो उन्हें कुछ नजर नहीं आया, फिर भी वह अपनी नज़रो को मेरी बुर के अंदर घुसाए दे रहे थे।

गुडिया : भैया कुछ दिखा क्या।

कालू : नहीं गुड़िया मुझे तो कुछ दिखाई नहीं दे रहा है

गुडिया : मैंने अपनी चुत को भैया के सामने रगड कर कहा पहले देखो अच्छे से लाल दिख रही है की नही, भैया ने मुझे देखा तो मैंने अपने चेहरे पर दर्द समेट लिया और भैया ने मेरी चुत की फांको को फैला कर देखते हुए कहा है गुड़िया अंदर से काफी लाल नजर आ रही है।

गुडिया : भैया हाथ लगा कर बताओ न कहा पर लाल पड़ गई है मेरी चूत।

मेरे इतना कहने पर भैया ने मेरी चुत की फांको को फ़ैलाते हुए चुत के खड़े दाने से लेकर ऊँगली को जैसे ही चुत के छेद में डाला तो मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी बुर से पानी छूट पडेगा, मैंने भैया की ऊँगली को चूत के रसीले गुलाबी छेद में रखे देखा और भैया की ओर देखा तो कहने लगे गुड़िया ये यहाँ ज्यादा लाल हो गई है तेरी ए।

गुडिया : ऊँगली दबा कर देखो कही अंदर तक लाल तो नहीं है, मेरे कहने पर भैया ने मेरी चुत के रसीले गुलाबी छेद में अपनी ऊँगली थोड़ी अंदर तक सरका दी और मै मारे उत्तेजना के पागल हो रही थी ओह भैया आह सी है भैया यही दर्द हो रहा है आह सी।

भैया का हाथ पकड़ कर मैंने हटा दिया और कहा भैया कुछ करो बहुत जलन हो रही है।

कालू : गुड़िया मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा है।

मेरी नजरे भैया के लंड पर थी जो की पूरी तरह तम्बू बनाये खड़ा था, मेरी चुत बहुत फुदक रही थी और मुझे पेशाब भी लगी थी, मैंने भैया से कहा भैया एक बार सुसु करके देखु शायद ठीक हो जाए।

कालू : हाँ हाँ यह तू ठीक कह रही है।

मैने भैया के सामने खड़ी होकर अपनी पेंटी उतार दी अब मै पूरी नंगी हो गई थी और मेरा गदराया बदन भैया की आँखों के सामने था। मै भैया के सामने ही उकडू बैठ गई और अचानक प्रेस्सर के साथ मुतने लगी, मेरी चुत से निकलता मूत देख कर भैया अपना थूक गटकने लगे और मेरी चुत को आखे फाड फाड देखने लगे, कुछ देर तक मै मुतती रही और फिर भैया से कहा भैया अब जरा मेरी चुत फैला कर देखो क्या अब भी उतनी ही लाल दिखाई दे रही है।

भैया सरक कर बैठ मेरे पास आए और मैंने अब अपनी जांघो को खूब फैला दिया और अपनी मस्त फुल्ली चुत उचकाते हुए भैया के मुह के पास ले आई अब मेरी चुत के साथ भैया को मेरी गाण्ड का छेद भी साफ नजर आ रहा था, भैया किसी बन्दर की तरह जैसे बन्दर सर के जुये देखता है बस उसी तरह भैया मेरी रसीली चुत की फांको को खूब फैला फैला कर देखने लगे और फिर उनहोने मेरी चुत की फांको को खूब खोलते हुए चुत के कटाव में ऊँगली फेरी और मै मस्त हो गई, भैया ने मेरी चुत के छेद में ऊँगली रख कर दबा दी और उनकी ऊँगली आधि से ज्यादा चुत के अंदर उतर गई और मै सीसीयाने लगी आह ओह भईया आह।

कल्लु : गुड़िया लगता है तेरी बेचारी छेद में कुछ है। इसीलिए यहाँ इतना लाल पड़ा हुआ है,।

गुडिया : आह भैया कुछ करो न ऐसा पहले भी एक बार मेरी चुत में खूब जलन मची हुई थी तब मेरी सहेली मोनिका मेरे साथ थी।

कालू : फिर उसने क्या किया था।

गुडिया : भैया उसने तो अपनी जीभ से जब मेरी चुत की फांको को और इस गुलाबी छेद को चाटा तब जाकर इसकी जलन कम हुई, लेकिन तुम थोड़े ही ऐसा करोगे।

कालू : क्यों नहीं करुँगा, मेरी बहन को इतनी तकलीफ है तो क्या मै तेरी इसको चाट भी नहीं सकता, मै भी चाट कर ठीक कर देता हूँ।

To be Continued

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कल्लु : गुड़िया लगता है तेरी बेचारी छेद में कुछ है। इसीलिए यहाँ इतना लाल पड़ा हुआ है,।

गुडिया : आह भैया कुछ करो न ऐसा पहले भी एक बार मेरी चुत में खूब जलन मची हुई थी तब मेरी सहेली मोनिका मेरे साथ थी।

कालू : फिर उसने क्या किया था।

गुडिया : भैया उसने तो अपनी जीभ से जब मेरी चुत की फांको को और इस गुलाबी छेद को चाटा तब जाकर इसकी जलन कम हुई, लेकिन तुम थोड़े ही ऐसा करोगे।

कालू : क्यों नहीं करुँगा, मेरी बहन को इतनी तकलीफ है तो क्या मै तेरी इसको चाट भी नहीं सकता, मै भी चाट कर ठीक कर देता हूँ।

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नदी की चुदासी मछलियाँ | Nadi Ki Chudasi Machhaliyan | Update 17

गुड़िया : क्या चाट कर ठीक कर दोगे।

कालू : तेरी इसको।

भैया ने ऊँगली रख कर मेरी चुत की ओर इशारा किया।

गुडिया : इसका नाम क्या है भइया, तुम गांव में इसको क्या बोलते हो।

कालू : मुस्कुराते हुये, तू बहुत बदमाश हो गई है जैसे तुझे पता न हो।

गुडिया : बताओ न भैया क्या बोलते हो तुम इसको।

कालू : गांव में तो इसको बुर कहते है।

गुडिया : अच्छा लेकिन मेरी सहेली तो इसे चुत कहती है।

कालू : हाँ गांव में कुछ लोग इसे चुत भी कहते है कई औरते भी जब गाली देति है तो इसे चुत कहती है।

गुडिया : कौन औरत गाली देते हुए इसको चुत कहती है।

कालू : सभी औरत, कई बार तो मैंने माँ और चाची को भी गाली देते हुए इसका नाम लेते हुए सुना है।

गुडिया : क्या गाली देते सुना है भईया।

कालू : अब मै तेरे सामने कैसे गाली दूँ।

गुडिया : मुसकुराकर दे दिजिये भइया, मै थोड़ी किसी को बताऊँगी की आपने मेरे सामने गाली दी।

कल्लु : अरे माँ और चाची कई बार ऐसी गली देती है जैसे चुत मरानी, रंडी चुदैल छिनाल इस तरह की गाली देती है।
मै भैया की बाते सुन कर पानी पानी हो रही थी और भैया मेरी चुत को अपने हाथो से सहलाते हुए उसे देख देख कर मुझसे बाते कर रहे थे।

गुडिया : और बताओ न भैया और क्या गाली देते है गांव में।

कालू : बहुत सारी गालिया है, अब तेरे सामने मै दूंगा तो क्या अच्छा लगेगा।

गुडिया : ऑफ हो भैया मै थोड़े किसी से कहूँगी की आप ने मेरे सामने गन्दी गन्दी गालिया दी और वैसे भी आप कौन सा मुझे गालिया दे रहे है आप तो मुझे भी गालिया देंगे तब भी मै किसी को नहीं कहुँगी, अब बताइए ना।

कालू : अरे गुड़िया गांव में तो बहुत गन्दी गालिया देते है।

गुडिया : कौन कौन सी।

कालू : यही मादरचोद बहनचोद।

भैया की गाली सुन कर मेरी चुत बहुत पनिया चुकी थी।

गुडिया : भैया एक बार मुझे गाली देकर बताइये ना।

कालू : बताया तो।

गुडिया : नहीं भैया मुझे गाली देकर बताइये ना।

कालू : तुझे मै कैसे गाली दे सकता हु तू तो मेरी बहन है।

गुडिया : आपने अभी तो एक बहन वाली गाली बताइ है।

कालू : वो तो दूसरे को कहते है।

गुडिया : क्यों अपनी बहन को नहीं कह सकता, एक बार मुझसे कहिये न प्लीज।

कालू : अच्छा बाबा कहता हु और फिर भैया ने मुझसे कहा बहनचोद।

भैया के मुह से अपने लिए गाली सुन कर मै चुत मराने के लिए तडपने लगी।

गुडिया : और भैया दूसरी वाली गाली भी दो ना।

कालू : मादरचोद।

गुडिया : भैया कब चाटोगे आप मेरी चुत बहुत जल रही है, मेरा इतना कहना था की भैया ने मेरी चुत की फांको को फैला कर चौड़ी करके मेरी चुत में अपनी लम्बी जीभ डाल कर मेरी रसीली चुत को चुसना शुरू कर दिया।

मै तो मारे मस्ती के पागल हुई जा रही थी, हाय क्या चाट रहे थे भैया अपनी बहन की चुत सच में वह तो मोनिका से भी ज्यादा मजा दे रहे थे, पहले तो वह धीरे धीरे मेरी रसीली बुर को चाटते रहे और फिर उन्होंने मेरी चुत को खूब फैला कर खूब लम्बी लम्बी जीभ निकाल कर चुस्ने चाटने लगे और मै आह आह ओह भैया बहुत अच्छा लग रहा है तुमने तो सारा दर्द मिटा दिया और चाटिये और चूसिये ओह भैया मै मर जाऊंगी आह आह ओह ओह सी और फिर अचानक मेरे मुह से मस्ती के मारे गालिया निकलने लगी और मै अपने बड़े भैया को आह ओह करते हुए आह भैया तुम बहुत मादरर्चोद हो तुम बहनचोद हो ओह भाईया।

कितना अच्छा चाटते हो और चाटो खूब चुसो अपनी बहन की चूत, भैया पागलो की तरह मेरी रसीली बुर को चाटते जा रहे थे लेकिन उस समय मै बहुत उत्तेजित हो गई जब भैया ने मेरी रसीली चूत चाटते हुए मेरी गाण्ड के छेद को भी चाटना शुरू कर दिया मै तो मस्ती में पागल हुई जा रही थी, मेरी चुत खूब रस छोडती जा रही थी और भैया मेरे चुत के रस को पिते जा रहे थे, और मै पागलो की तरह भैया को अपनी जाँघे और फैला फैला कर अपनी चुत चटाये जा रही थी,

भैया तब तक मेरी रसीली चुत को चाटते रहे जब तक की मेरी चुत ने ढेर सारा पानी भैया के मुह में छोड़ दिया और भैया मेरी पूरी चुत को मुह में भर कर खा जाने वाले अन्दाज में चुसते चाटते रहे ।मै अपनी चुत खूब उठा उठा कर भैया के मुह से घिस रही थी और भैया ने अपने दोनों हांथो से मेरे मोटे मोटे चूतडो को थामे हुए मेरी चुत पिए जा रहे थे

जब मै झड कर पस्त हो गई और मेरी चुत से ढेर सारा रस निकल कर भैया के मुह में चला गया तब भैया ने अपना मुह पोछते हुए मुझसे कहा।

कल्लु : गुड़िया अब कैसा है तेरा दर्द।

गुडिया : मुस्कुराते हुये, भैया अब कुछ ठीक लग रहा है दर्द काफी काम हो गया है।

कालू : एक बात कहु गुडिया।

गडिया : क्या।

कालू : तेरी चुत बहुत अच्छी है, बहुत अच्छा लगता है जब इसे चाटते है।

गुडिया : मुसकुराकर और इसकी ख़ुश्बू कैसी है।

कालू : कुछ सोच कर ख़ुश्बू पर तो मैंने गौर ही नहीं किया ।

गडिया : मुसकुराकर तो अब सूँघ कर देख लो।

मैने जब यह कहा तो भैया ने मेरी चुत को पास से सूँघा और कहने लगे गुड़िया इसकी ख़ुश्बू भी बहुत प्यारी है, लेकिन गुड़िया इसको चाटने में बहुत अच्छा लगता है।

भैया काफी खुल चुके थे, मैंने भैया की ओर नशीली नज़रो से देखा और कहा और चाटोगे, तब भैया ने हाँ में अपनी गर्दन हिला दी तब मैंने मुस्कुराते हुए उनकी ओर अपनी चुत उठा दी और उनसे कहा लो और चाट लो, आपको बहुत पसंद है न खूब जी भर कर चाटो,

बस फिर क्या था भैया फिर से मेरी चुत को खूब फैला फैला कर चाटने लगे और मै फिर अपनी जांघो को खूब खोल कर उन्हें अपनी चुत पिलाने लगी, भैया मेरी चुत को इस बार बड़ी बेरहमी से खूब जीभ दबा दबा कर चूस रहे थे, उन्होंने मेरी चुत को खूब चाट चाट कर और खूब चूस चूस कर लाल कर दिया था बीच मै उन्होंने अपना मुह उठा कर मेरी ओर देखते हुए कहा।

गडिया तेरी चुत बहुत मस्त है, मै भैया की आँखों में जवानी के लाल डोरे देख रही थी वह किसी भूखे भेड़िये की तरह मेरी चुत को देख देख कर खा रहे थे। अब मुझे फिर से खूब मजा मिलने लगा और मै पूरी ताकत से अपनी मस्त चुत भैया के मुह पर रगडने लगी और थोड़ी देर में ही मेरे भैया ने मेरी चुत का रस खींच खींच कर सारा रस बाहर निकाल दिया, मै पस्त होकर वही लेट गई और भैया हाँफ्ते हुए मेरी गुदाज जवानी को देख रहे थे,

अभी मै आगे के बारे में कुछ सोचती उससे पहले ही मेरी नजर चाची के खेतो की तरफ से चाची को चले आते हुए देखा, मै एक दम से घबरा गई और जल्दी से अपनी पेंटी पहनी और भैया को चाची के बारे में बताया, भैया ने भी अपनी धोती में बने तम्बू को छुपाते हुए ठीक किया और फिर मैंने फ्राक पहन ली और हम दोनों वहाँ से चल दिए ।

To be Continued

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गडिया तेरी चुत बहुत मस्त है, मै भैया की आँखों में जवानी के लाल डोरे देख रही थी वह किसी भूखे भेड़िये की तरह मेरी चुत को देख देख कर खा रहे थे। अब मुझे फिर से खूब मजा मिलने लगा और मै पूरी ताकत से अपनी मस्त चुत भैया के मुह पर रगडने लगी और थोड़ी देर में ही मेरे भैया ने मेरी चुत का रस खींच खींच कर सारा रस बाहर निकाल दिया, मै पस्त होकर वही लेट गई और भैया हाँफ्ते हुए मेरी गुदाज जवानी को देख रहे थे,

अभी मै आगे के बारे में कुछ सोचती उससे पहले ही मेरी नजर चाची के खेतो की तरफ से चाची को चले आते हुए देखा, मै एक दम से घबरा गई और जल्दी से अपनी पेंटी पहनी और भैया को चाची के बारे में बताया, भैया ने भी अपनी धोती में बने तम्बू को छुपाते हुए ठीक किया और फिर मैंने फ्राक पहन ली और हम दोनों वहाँ से चल दिए ।

नदी की चुदासी मछलियाँ | Nadi Ki Chudasi Machhaliyan | Update 18

रास्ते में चाची मिली और हमें देख कर मंद मंद मुस्कुराते हुए पुछने लगी कहा से आ रहे हो, मैंने बताया हम नदी में नहाने आये थे, तब चाची मुसकुराकर यह कह कर चल दी की दोनों भाई बहन एक साथ नहा रहे थे क्या हम चाची की बात का कोई जवाब नहीं दे पाये और मै भैया से चिपक कर चलने लगी और भैया ने भी मेरे गले में हाथ डाल दिया, हम दोनों के चेहरे पर सन्तुष्टि के भाव नजर आ रहे थे लेकिन जब हमारी नजरे मिलती तो और भी कुछ हमारी नजरे एक दूसरे से कह रही थी।

कल दिन में कल्लु भैया के साथ खेतो में गई और फिर वहाँ से चाची के खेतो में चली गई।

चाची : मुस्कुराते हुये, आ गीतिका बड़े सही टाइम पर आई है अभी घास काट के बस फुर्सत हुई हूँ।

गीतिका : चाची चाचा तो महिने में एक बार ही आते होंगे ना।

चाची : मुह बनाते हुये, उन्हें मेरा ख़याल ही कहा रहता है जो वह रोज रोज घर आए, खैर उनको मार गोली और एक बात तो बता।

गीतिका : क्या।

चाची : कल तू कल्लु के साथ नहाने गई थी ना।

गीतिका : झेपते हुए हाँ गई थी आप मिली तो थी रास्ते में।

चाची : इसीलिए तो पूछ रही हु, सच सच बता तू नंगी होकर अपने भाई के साथ नहा रही थी ना।

गीतिका : एक दम शरमाते हुये। मंद मंद मुसकुराकर कहने लगी नहीं चाची मैंने कपडे पहने थे।

चाची : झूठ न बोल मैंने जब तुझे दुर से देखा था तब तो नंगी खड़ी थी और कल्लु तेरे सामने खड़ा हुआ था, अब मुझसे न छुपा मै किसी से कहूँगी थोड़े ही।

गीतिका : शरमाते हुए मुसकुराकर कहने लगी चाची तुम बहुत गन्दी हो कोई दूसरी बात करो।

चाची : कस कर गीतिका के मोटे मोटे दूध को पकड़ कर मसलते हुये, मुसकुराकर कहने लगी अच्छा गुड़िया परी तू खुद अपने भाई के सामने नंगी रहो और गंदी
मुझे कह रही है, कही अपने भैया का मोटा तगड़ा लंड तो नहीं ले लिया अपनी चूत में।

गीतिका : मुस्कुराकर चाची कुछ तो शर्म करो, मै आपकी बेटी जैसी हूँ।

चाची : बड़ी आई बेटी बनने वाली, इतनी बड़ी घोड़ी तो हो गई है अभी तबियत से तेरे चूतडो को दबा दबा कर तुझे अगर कोई चोद दे तो माँ बनने में देर नहीं लगेगी।

गीतिका : चाची अब चुप भी करो और यह सब बाते माँ से न कह देना।

चाची : अरे तू माँ की फिकर क्यों करती है और तेरी माँ भी कोई काम चुदासी नहीं है, उसके मोटे मोटे चूतडो को देखा है, उसके चूतडो को देख देख कर गाँव के न जाने कितने मरद अपने लंड को मसलने लगते है।

गुडिया : यह तो तुम सच कह रही हो चाची माँ के चूतड़ तो वाक़ई बहुत बड़े बड़े है, मैंने भी कई बार गांव के बुढों तक को माँ की मोटी गाण्ड देख कर अपने लंड को सहलाते हुए देखा है।

चाची : अरे बुढ्ढे तो बुढ्ढे जवान लोंडे भी तेरी माँ के चूतडो को फैला कर सूँघने के लिए मरे जा रहे है, तेरा भाई कल्लु भी इस मामले में कम नहीं है।

गुडिया : ये क्या बोल रही हो चाची भैया तो बहुत भोले है उन्हें देख कर लगता ही नहीं है की वह कुछ जानते भी होंगे।

चाची : अरे गुड़िया तू तो पागल है मैंने तो कल्लु को जब भी देखा है वह तेरी माँ की गाण्ड या चुत को ही देखने के जुगाड़ में रहता है कभी जब तेरी माँ खेतो में काम करती है तब देखना तेरा भाई तेरी माँ के मोटे मोटे चूतडो और उसकी गुदाज गोरी गोरी मोटी जांघो को ही घूरता रहता है।

उस दिन चाची ने मेरी चुत में गन्दी बाते करके इतनी खुजलि पैदा कर दी की मै बैचैन होने लगी रत को खाना खाने के बाद मैंने माँ से बाहर कल्लु भैया के साथ सोने की जिद की तो माँ ने कहा ठीक है सो जा लेकिन सुबह जल्दी उठ कर अंदर आ जाना, जवान भाई बहन एक ही खटिया में सो जाओगे तो गांव के लोग उल्टा सीधा कहने लगेगे।

मै माँ की बात समझ गई और खाना खा कर बाहर आ गई और कल्लु भैया के बगल मै बैठ गई, जब मैंने कल्लु भैया की नज़रो पर गौर किया तो पता चला वह मेरे कसे हुए मोटे मोटे आमो को ही देख रहे थे, लग रहा था जैसे वह अपनी बहन के मोटे मोटे आमो को अपने हांथो में भर कर खूब कस कस कर दबाना चाहते हो और अपनी बहन के रसीले आमो को चुसना चाहते है, मै यह सोच कर गरम हो गई और मेरी चुत में कुलबुलाहट होने लगी।

कल्लु : गुड़िया आज तेरे साथ नदी में नहाने में बड़ा मजा आया था।

गीतिका : हाय भैया मुझे भी बड़ा मजा आया।

कालू : अच्छा अब तेरे वहाँ दर्द तो नहीं है, भैया ने मेरी फुली हुई चुत की ओर इशारा करते हुए कहा।

गीतिका : अपने चेहरे पर बनावटी दर्द समेटते हुये, भैया सुबह जितना तो नहीं है पर थोड़ा दर्द अभी बाकि है।

कल्लु : तो फिर कैसे जायेगा तेरा दर्द।

गीतिका : मुस्कुराते हुये, लगता है आपको सुबह की तरह एक बार और अपनी बहन की चुत को चाटना पडेगा।

कालू : लेकिन गुड़िया यहाँ कोई देख लेगा तो अच्छा नहीं लगेंगा।

गीतिका : अभी थोड़ी देर रुक जाओ जब सब सो जाएगे तब अच्छे से चाट लेना।

कालू : पर माँ तो तुझे अंदर सोने को कहेगी तब।

गीतिका : मैंने माँ से कह दिया है की मै कल्लु भैया के साथ सो जाती हु और वह मान गई है।

कालू : यह तूने ठीक किया, तभी माँ घर के बाहर आकर बाथरूम की ओर मुतने के लिए जाने लगी और उसके घाघरे से मटकती उसकी मस्त मोटी गाण्ड देख कर मैंने कल्लु भैया की ओर देखा जो माँ के चूतडो को खा जाने वाली नज़रो से घुर रहे थे।

मै मंद मंद मुस्कुराते हुए उन्हें देख रही थी

गीतिका : भैया कल नदी में नहाने में कितना मजा आया ना।

कल्लु : हाँ वो तो है। तू कोशिश करेगी तो जल्दी तैरना सीख जायेगी।

To be Continued

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गीतिका : मैंने माँ से कह दिया है की मै कल्लु भैया के साथ सो जाती हु और वह मान गई है।

कालू : यह तूने ठीक किया, तभी माँ घर के बाहर आकर बाथरूम की ओर मुतने के लिए जाने लगी और उसके घाघरे से मटकती उसकी मस्त मोटी गाण्ड देख कर मैंने कल्लु भैया की ओर देखा जो माँ के चूतडो को खा जाने वाली नज़रो से घुर रहे थे।

मै मंद मंद मुस्कुराते हुए उन्हें देख रही थी

गीतिका : भैया कल नदी में नहाने में कितना मजा आया ना।

कल्लु : हाँ वो तो है। तू कोशिश करेगी तो जल्दी तैरना सीख जायेगी।

Couple Kiss Neck

नदी की चुदासी मछलियाँ | Nadi Ki Chudasi Machhaliyan | Update 19

फिर से कहानी कल्लू के शब्दों में-

गीतिका मेरे बगल में लेट गई और मैंने जब करवट ली तो गुड़िया की मोटी गाण्ड मेरे लंड से सट गई मेरा लंड तो गुड़िया की गुदाज जवानी और मोटे मोटे दूध देख कर ही खड़ा हो गया था तभी माँ अपने घाघरे के ऊपर से अपनी चुत पोछते हुए बाथरूम से निकली और हम दोनों ने आंखे बन्द कर ली माँ थोड़ी देर बाद एक चादर ले कर आई और हम दोनों के ऊपर डाल कर अंदर चलि गई।

मैने धीरे से कहा गुडिया।

गूडिया : क्या भइया, गुड़िया ने मेरी ओर मुह कर लिया और मुझे देखने लगी।

कालू : गुड़िया कल फिर चलेगी मेरे साथ नदी में नहाने।

गुडिया : हाँ चलूँगी लेकिन मै आपकी गोद में चढ़ कर पानी में उतरूँगी मुझे बड़ा डर लगता है।

कालू : तू फिकर न कर मै अपनी प्यारी बहना को अपनी गोद में उठा कर नहलाउंगा, इतना कह कर मैंने गुड़िया की मोटी गाण्ड पर हाथ रख दिया।

उसकी स्कर्ट पहले से ही ऊपर चढ़ी हुई थी और मेरा हाथ उसकी नंगी गाण्ड पर चला गया, मेरा लंड यह जान कर पूरी तरह अकड गया की गुडिया ने पेंटी नहीं पहनी हुई थी, मेरी उंगलियो से उसकी गाण्ड की दरार बस एक इंच की दूरी पर थी लेकिन मै हाथ आगे नहीं बढा पा रहा था।

गुडिया : भैया आप मुझसे बहुत प्यार करते हो ना।

कालू : यह भी कोई पुछने की बाद है, गुड़िया ने इतना सुना और अपने मुह से मेरे होठो को चुम लिया और मेरा हाथ अपने आप मेरी बहन गुडिया की मोटी गाण्ड की गहरी दरार में चला गया, मेरे हाथ गुड़िया की गुदा को जैसे ही सहलाने लगे गुड़िया कस कर मुझसे चिपक गई।

अब मै बेतहाशा गुड़िया के रसीले होठो को चुसने लगा और उसकी मोटी गाण्ड की गहरी दरार में हाथ फेरने लगा।

गुडिया : भैया एक बात कहूँ।

कालू : क्या।

गुडिया : भैया आप बहुत अच्छा चाटते हो, इतना कह कर गुड़िया मुस्कुराने लगी, मैंने गुड़िया की छाती पर धीरे से हाथ रखा तभी गुड़िया ने मेरे हाथ के ऊपर हाथ रख कर अपने दूध को दबाने का इशारा किया।

कालू : क्या कह रही थी तु।

गुडिया : मुस्कुराते हुये, क्या।

कल्लु : क्या चाटने की बात कह रही थी।

गुडिया : शर्मा कर अपने मुह को मेरे सिने में छुपाते हुए कहने लगी कुछ नही।

कालू : मैंने धीरे से गुड़िया की गुदा सहलाते हुए उसकी चुत की फांको को उंगलियो से सहलाया और फिर कहा बता न गुड़िया मै क्या बहुत अच्छा चाटता हूँ।

गुडिया : धीरे से मेरे कान के पास मुह लगा कर कहने लगी, भैया आप चाटते थोड़े ही हो, आप तो चुसते हो और पीते हो।

कालू : गुड़िया के मोटे मोटे दूध को दबाते हुये, बता न क्या पीता हूँ।

गुडिया : अपनी बहन की चुत और क्या।

कालू : भला कोई भाई अपनी बहन की चुत पीता है क्या इतना कह कर मैंने अपनी जीभ गुड़िया के मुह में डाल दिया और वह मेरी जीभ चूस कर कहने लगी।

गुडिया : भैया आज कल तो सब सबसे पहले अपनी बहन की ही चुत पीना पसंद करते है।

कालू : तुझे कैसे पता है यह सब।

गुडिया : मैंने क़िताबों में पढ़ा है।

कालू : क्या लिखा था उसमे।

गुडिया : मुझे शर्म आती है।

कालू : अच्छा मै तेरी चुत चाटूंगा फिर तो बतायेगि।

गुड़िया : मुस्कुराते हुए ठीक है लेकिन कोई देख लेगा तो।

कालू : एक काम करते है में तेरे पैरो की तरफ सर कर लेता हु और चादर ढक कर लेट जाते है फिर मैंने अपना सर गुड़िया के पैरों की तरफ कर लिया, गुड़िया ने अपनी मोटी भरी हुई जांघो को फैला दिया और मै उसकी रसीली चुत की मादक गंध सूँघते ही पागल हो गया और अपनी बहन की रसीली चुत को अपनी जीभ से चाटने लाग, लेकिन तभी मुझे जोर का झटका लगा जब गुड़िया ने मेरे काले लंड को धोती के ऊपर से अपने हाथ में भर कर दबोच लिया, मै उस एह्सास से पागल होने लगा और गुड़िया की मस्त चुत को अपने हांथो से फैला फैला कर चाटने लगा। इतने में गुड़िया ने मेरे लंड को धोती से बाहर निकाला और मेरे लँड को चुसने लगी ।मैं तो चकित हो गया की गुड़िया किसी एक्सपर्ट की तरह मेरे मस्त लंड को चूस रही थी,गीतिका ने 10 मिनट तक मेरे लंड को अच्छी तरह से चाटा और चूसा मेरे लंड पूरा रॉड बन गया था।मैंने भी गुड़िया की चूत को फैला फैलाकर चाटा।

कुछ देर बाद गीतिका ने कहा भैया इधर आओ न, मै उठ कर उसकी तरफ चला गया और उसे देखा तो उसने मेरे हाथ पकड़ कर अपने मोटे मोटे दूध पर रख दिए और मै अपनी बहन के कसे हुए ठोस दूध को कस कस कर दबाने लगा, रात के १२ बज चुके थे गांव में सन्नाटा था और गीतिका अपने दूध दबवाते हुए मेरे लंड को खूब दबा दबा कर देख रही थी।

मै गुड़िया के रसीले होठो को चूस रहा था।

To be Continued

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मैं तो चकित हो गया की गुड़िया किसी एक्सपर्ट की तरह मेरे मस्त लंड को चूस रही थी,गीतिका ने 10 मिनट तक मेरे लंड को अच्छी तरह से चाटा और चूसा मेरे लंड पूरा रॉड बन गया था।मैंने भी गुड़िया की चूत को फैला फैलाकर चाटा।

कुछ देर बाद गीतिका ने कहा भैया इधर आओ न, मै उठ कर उसकी तरफ चला गया और उसे देखा तो उसने मेरे हाथ पकड़ कर अपने मोटे मोटे दूध पर रख दिए और मै अपनी बहन के कसे हुए ठोस दूध को कस कस कर दबाने लगा, रात के १२ बज चुके थे गांव में सन्नाटा था और गीतिका अपने दूध दबवाते हुए मेरे लंड को खूब दबा दबा कर देख रही थी।

मै गुड़िया के रसीले होठो को चूस रहा था।

Couple fingering Naked

नदी की चुदासी मछलियाँ | Nadi Ki Chudasi Machhaliyan | Update 20

कल्लु : गुड़िया बता न तूने किताब में क्या पढ़ा था।

गुडिया : मुझसे चिपकते हुये, भैया उसमे बहुत गन्दी गन्दी कहानिया थी।

कालू : कैसी कहानिया बता ना।

गुडिया : भैया मुझे शर्म आती है।

कालू : अब अपने भैया से क्या शर्मा रही है बता न।

गुडिया : भैया उस कहानी में लिखा था की एक भाई की दो बहने थी और वह अपनी दोनों बहनो को पूरी नंगी करके खूब कस कस कर चोदता है।

कालू : अरे गुड़िया वो तो कहानी में ऐसे ही लिख देते होंगे वर्ना कोई भाई अपनी बहन को थोड़े ही चोदेगा।

गडिया : ऐसा नहीं है भैया आज कल तो लोग सबसे पहले अपनी बहन को ही नंगी करके चोदना चाहते है

कालू : तूने कही सुना है ऐसा।

गुडिया : हाँ मेरी सहेली बता रही थी की उसके भैया उसको पिछले 4 सालो से खूब तबियत से रात रात भर नंगी करके चोदते है।

कालू : क्यों उसके घर में भाई बहन के अलावा और कोई नहीं है क्या।

गुडिया : नहीं उसकी माँ है ना।

कालू : तो फिर वह रात भर अपनी बहन को नंगी करके चोदता है तो उसकी माँ को पता नहीं चलता है।

गुडिया : मुस्कुराते हुये, हो सकता है भैया बहन को चोदने के बाद वह अपनी माँ को भी रात भर नंगी करके चोदता हो।

कालू : मुस्कुराते हुए अपनी बहन के रसीले आमो को दबा दबा कर चुसते हुये, अरे गुड़िया कोई अपनी माँ को पूरी नंगी करके कैसे चोद सकता है।

गुडिया : मेरे लंड को दबाते हुये, अरे भैया आजकल तो लोगो को सबसे ज्यादा अपनी माँ बहन के दूध और चूतड़ ही सबसे ज्यादा अच्छे लगते है। मैने तो कई लड़को को अपनी खुद की माँ के भारी चूतडो को घुरते हुए देखा है और कहानियो में भी माँ को चोदने की बहुत कहानिया लिखी है लोगो ने। तूम भी तो माँ के चूतडो को खा जाने वाली नज़रो से देख रहे थे।

कालू : नहीं नहीं वो तो मै ऐसे ही देख रहा था।

गुडिया : झूठ मत बोलो देखो माँ के मोटे मोटे चूतडो की बात करने से आपका लंड कितना बड़ा और मोटा हो गया है, सच सच बताओ भैया आपको माँ के चुतडों को देखना अच्छा लगता है ना।

कालू : चुत में ऊँगली पेलते हुये, मुझे तो तेरे और माँ दोनों के चूतड़ बहुत अच्छे लगते है।

गुडिया : तो क्या आज रात भर आप अपनी बहन को पूरी नंगी करके चोदोगे।

कालू : क्या तू अपने भैया का मोटा तगड़ा लंड अपनी चुत में नहीं डलवाना चाहती है।

गुडिया : मै तो कब से अपने भैया के मोटे तगडे लंड से चुदने के लिए तड़प रही हूँ, भैया अपनी बहन के ऊपर चढो ना।

कालू : कही माँ आ गई तो।

To be Continued

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