पैंटी में घुसा लिंग का सुपारा | Panty Me Ghusa Ling Ka Supara
मेरा नाम रितु झा है और मैं 19 वर्ष की हूँ और यह बात पहले की है।
मेरे पड़ोस में मेरे पापा के दोस्त रमेश गुप्ता रहते थे, उनकी बेटी पूजा मेरी सहेली भी थी।
मैं रोज शाम को उनके घर पर पूजा के साथ खेलने और अंकल से कम्प्यूटर पढ़ने जाती थी।
पूजा के साथ खेलने बाद मैं उनके घर के थर्ड फ्लोर पर अंकल से कम्प्यूटर पढ़ने चली जाती थी।
अपने घुटनों में गठिया होने के कारण आंटी सीढ़ियों पर चढ़ नहीं पाती थी इसलिए वो ग्राउंड फ्लोर पर ही रहती थी।
अंकल मुझे बहुत ही मानते थे, मुझे अक्सर अपनी गोद में बिठाकर मुझे चॉकलेट खिलाते थे।
उनकी गोद में बैठने के थोड़ी देर के बाद मुझे अपनी नितम्ब में कुछ कड़ापन महसूस होने लगता था, शुरू में तो मैंने इस बात पर ज्यादा नोटिस नहीं किया पर बाद में मैं समझ गई थी कि अंकलजी के गोद में बैठने के बाद उनके लिंग में तनाव आ जाता है।
मुझे गोद में बिठाने के पहले वो अपना पायजामा उतार कर लुंगी पहन लेते थे।
मुझे गोद में बिठाने के पहले अंकल मुझे बोलते थे कि तुम अपनी स्कर्ट को उठाकर मेरी गोद में बैठो, इससे तुम्हें ज्यादा गर्मी नहीं लगेगी।
अंकल मुझे गोद में इस तरह से बिठाते थे कि उनका मोटा लिंग मेरे नितम्ब के दरार में फँस जाता था।
मुझे गोद में बिठाने के बाद अंकल मुझे धीरे-धीरे आगे-पीछे हिलाते थे, हिलाने के थोड़ी देर के बाद मेरी जाँघ में कुछ चिपचिपा सा लग जाता था।
मुझे यह समझ में नहीं आया कि अंकल ऐसा क्यों करते हैं।
एक दिन मैं जब अंकल के गोद में बैठ रही थी तो अंकल ने मेरी स्कर्ट को ऊपर उठाने के बाद कहा कि रितु तुम्हारी पैंटी सिकुड़ गई है, इसे मैं ठीक कर देता हूँ।
ऐसा कहते हुए अंकल ने बहाने से मेरी पैंटी के कपड़े को थोड़ा हटा के उसमें अपने लिंग की केवल सुपारी को घुसाते हुए मुझे बोला कि पूजा अब तुम बैठ जाओ।
मेरे बैठने से लिंग मेरी चूत से रगड़ाते हुए मेरी पूरी पैंटी में घुस गया था।
मुझे कुछ अजीब सा लगा तो मैंने अपनी पैंटी को छू कर देखा तो मुझे वहाँ पर बहुत फुला हुआ मोटा सा कुछ महसूस हुआ, हाथ को थोड़ा और ऊपर किया तो मेरे हाथ को अंकल का सुपारी टच कर गया।
उनका अत्यन्त बड़ा लिंग होने के कारण सुपारी पैंटी के ऊपर से बाहर निकल गया था।
मैंने अंकल से पूछा- अंकलजी, लगता है की मेरी पैंटी में आपका वो घुस गया है।
यह सुनकर अंकल ने कहा- बेटी, वो गलती से तुम्हारे पैंटी में घुस गया है, तुम कोई टेंशन मत करो, वो घुसा रहने से कोई हर्ज़ नहीं है।
यह सुनकर मैं चुप हो गई।
उस वक़्त मुझे इतनी समझ नहीं थी कि मैं गलत और सही का अन्तर समझ सकती।
उस समय मेरी चूत में एकदम बाल नहीं निकले थे, एकदम चिकनी चूत होने के कारण से मैं अपनी चूत में अंकल के मोटे लिंग का स्पर्श अच्छी तरह से महसूस कर रही थी।
मेरी छोटी सी चूत अंकल के मोटे लिंग से पूरी तरह ढक चुकी थी।
मेरे बैठने के बाद अंकल ने धीरे-धीरे मुझे आगे-पीछे हिलाना शुरू कर दिया।
हिलाने के कारण मेरी चूत की फाँक अंकल के लिंग से पूरा रगड़ खा रही थी।
फिर अंकल ने मेरी टांग को थोड़ा फैला दिया जिससे मेरी चूत की फाँक और खुल गयी और उसके बाद अंकल ने मुझे आगे-पीछे करना शुरू कर दिया।
बीच-बीच में अंकल अपनी हाथों से मुझे चॉकलेट भी खिला देते थे।
थोड़ी देर के बाद मेरे चूत और अंकल के लिंग से कुछ चिकना सा निकलने लगा, इस चिकनेपन के कारण अंकल का लिंग ज्यादा तेजी से ऊपर-नीचे होने लगा।
अंकल जानते थे कि मेरी चूत छोटी है और उसमें उनका लिंग नहीं घुस पायेगा इसलिए वो मेरी चूत पर अपना लिंग सटाकर उसे रगड़कर ही मजा ले रहे थे।
अंकल लम्बे चौड़े आदमी थे, करीब छह फीट लम्बे होंगे और मैं उनके सामने दुबली-पतली सी लग रही थी। मेरी छोटी सी पैंटी में उनका लिंग बहुत ही भारी-भरकम लग रहा था।
अंकल के लिंग का मेरी चूत में रगड़ा जाना थोड़ी देर के बाद मुझे अच्छा लगने लगा था।
अपने लिंग को रगड़ते हुए अंकल ने पूछा- बेटी, तुम्हारी पैंटी में घुसा हुआ मेरे सुस्सू से तुम्हें कोई दिक्कत नहीं न हो रही है?
मैंने कहा- नहीं अंकलजी।
अंकल खुश होते हुए बोले- रितु बेटा, तुम्हारी सुस्सु में मेरी सुस्सु सटने से कैसा लग रहा है?
मैं- अच्छा लग रहा है अंकलजी पर आपका सुस्सु बहुत बड़ा है, वो मेरी पैंटी के ऊपर से बाहर निकलकर मेरे पेट में सट रहा है और उसमें से कुछ चिकना सा निकल कर मेरे पेट में लग गया है।
अंकल- जरा अपनी स्कर्ट ऊपर उठाकर दिखाओ तो, मैं देखूं कि चिकना सा क्या बाहर निकला है?
मैंने जब अपना स्कर्ट ऊपर उठाया तो अंकल का मोटा सा, फुल हुआ सुपारी दिख रहा था। अंकल ने आगे झुककर मेरी पैंटी को देख कर बोला- बेटी, जरा सुपारी को अलगा कर दिखाओ।
तो मैंने अपने हाथ से पकड़कर अलगाया तो अंकल ने कहा- इसमें घबराने की कोई बात नहीं है बेटी, इसे तुम बाद में धो लेना।
अंकल का सुपारी पकड़ने के कारण मेरी चूत एकदम सिहर उठी थी।
पूजा के आने की आवाज़ सुनकर अंकल ने मुझे झट से अपने से अलग कर कर दिया।